बहन की गांड ने दीवाना बनाया

हैल्लो दोस्तों, में नीरज आप सभी को अपनी एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ, जो मेरे साथ अभी कुछ दिन पहले घटित हुई और जिसके बारे में मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा कुछ मेरे साथ कभी हो भी सकता है और उस घटना के बाद मेरा पूरा जीवन बदल गया। दोस्तों यह कहानी है मेरी बहन के साथ उसकी चुदाई की। मैंने उसके साथ बहुत मज़े किये और अब में वो बात आप सभी को थोड़ा विस्तार से बताता हूँ, लेकिन सबसे पहले में मेरा और मेरे घर वालों का आप सभी से परिचय भी करवा देता हूँ। दोस्तों में पुणे में रहता हूँ और मेरा परिवार बहुत छोटा है, उसमें में, मम्मी, पापा और मेरी एक बहन जो मुझसे 4 साल बड़ी है और वो बी.कॉम पास है, लेकिन अभी भी अपनी आगे की पढ़ाई कर रही है और में अभी बी.कॉम कर रहा हूँ।

दोस्तों यह घटना आज से करीब एक साल पहले की है जब मेरी दीदी की उम्र 23 साल थी और मेरी 19 साल। दोस्तों उस दिन मेरी दीदी को लड़के वाले देखने आ रहे थे, मेरी दीदी का नाम सोनिया है और हम प्यार से सब उन्हें सोना बुलाते है और मेरी सोना दीदी दिखने में सेक्सी एकदम बॉम्ब है और वो दिखने में एकदम काजोल जैसी दिखती है, उनकी गांड को देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो सकता है और में तो उनकी गांड का बिल्कुल दीवाना हूँ। दीदी और में बचपन से एक ही रूम में सोते है, लेकिन हमारे बेड अलग अलग थे। दोस्तों उस रात को मेरी दीदी बहुत खुश थी, क्योंकि दूसरे दिन सुबह उनकी शादी तय होने वाली थी। जब हम सो रहे थे तो दीदी ने हंसते हुए मुझे शुभरात्री कहा और हम सो गये। फिर जब सुबह में उठा तो मैंने घड़ी की तरफ देखा तो सात बज रहे थे और वो गर्मी के दिन थे तो इसलिए में हर दिन सुबह जल्दी उठ जाता था और उस दिन भी ठीक ऐसा ही हुआ।

फिर जब में उठा तो मैंने देखा कि दीदी की कमीज़ ऊपर थी और उनकी ब्रा भी और जिसकी वजह से उनका एक बूब्स बाहर था और उनकी सलवार नीचे उतरी हुई थी और पेंटी में दीदी का एक हाथ था। दोस्तों उस दिन वो सब देखकर मैंने पहली बार दीदी के बारे में बहुत ग़लत सोचा और यह सब देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाता। मैंने भी वहीं पर मुठ मारना शुरू कर दिया और जब में झड़ गया तो में उठकर नहाने चला गया और जब में नहाकर वापस आया तो मैंने देखा कि दीदी अभी भी वैसी ही हालत में है। फिर मैंने मन ही मन सोचा कि अगर मम्मी, दीदी को उठाने हमारे कमरे में आ गई तो वो दीदी पर बहुत गुस्सा करेगी और इससे पहले में ही दीदी को जगा देता हूँ, लेकिन मैंने फिर सोचा कि क्यों ना थोड़े मज़े ले लिए जाए? में अब दीदी के करीब गया और उनके निप्पल को छूने लगा और फिर पूरे बूब्स को हाथ में ले लिया, जो मेरे हाथ में पूरी तरह से आ ही नहीं रहा था। फिर में थोड़ा नीचे गया और अपनी जीभ से दीदी का बूब्स चाटने लगा, जिसका अहसास होते ही दीदी जाग गयी और डर भी गयी और में भी डर गया। फिर मैंने दीदी से पूछा कि दीदी आप इस हालत में कैसे और क्यों? तो दीदी ने कहा कि शैतान तू यह सब क्या कर रहा है? फिर मैंने कहा कि दीदी कुछ नहीं और दीदी ने कहा कि चल अब उधर देख और मैंने अपना मुहं दूसरी तरफ फेर लिया, उतनी देर में दीदी ने अपने कपड़े सीधे किए और नहाने चली गयी, लेकिन मेरा लंड अभी भी टावल में तनकर खड़ा हुआ था और जो दीदी ने देख लिया था। फिर जब दोपहर में दीदी को देखने लड़के वाले आए तो दीदी बहुत खुश थी। दीदी ने एक गहरे गले वाला सूट और सलवार पहनी हुई थी और जब दीदी को बुलाया गया तो दीदी शरमाते हुए चाय लेकर उनके सामने चली गयी, दीदी ने एक एक करके सबके सामने चाय रखी, लेकिन लड़के को स्माईल करते हुए खुद अपने हाथों से चाय देने लगी।

दोस्तों में अपनी दीदी का यह अंदाज़ देखकर बिल्कुल दंग रह गया और जब दीदी चाय दे रही थी तो झुकने की वजह से दीदी की छाती साफ साफ दिख रही थी और जिसे देखकर मेरा लंड फुल टाईट हो गया, लेकिन मेरी नज़र जब उस लड़के पर गयी तो मैंने देखा कि वो भी दीदी की छाती को घूर घूरकर देख रहा है और दीदी भी उसे जानबूझ कर दिखा रही थी तो मुझे कुछ गड़बड़ लगी, लेकिन फिर में वो सब भूल गया और सब शगुन लेने देने लगे और फिर रिश्ता पक्का हो गया। फिर जब सब लोग चले गये तो शाम को दीदी और मम्मी किचन में बर्तन साफ कर रहे थे और में अचानक से किचन के बाहर रुककर दीदी की हिलती हुई गांड को देख रहा था। तभी मम्मी ने मुझे देख लिया और मुझे अंदर बुलाया और उन्होंने मुझसे कि कहा कि तू दीदी की थोड़ी मदद कर में ज़रा पड़ोस में आंटी के पास जाकर अभी आती हूँ। अब में तो मन ही मन बहुत खुश हो गया, मम्मी वहां से बाहर चली गयी और अब में और दीदी बात करने लगे। तभी मैंने दीदी से कहा कि दीदी इस ड्रेस में आप बहुत अच्छी लग रही हो।

दीदी : धन्यवाद भाई।

में : दीदी आप आज सुबह जब सोकर उठी तो ऐसे कपड़े क्यों पहनकर सोई थी? क्या रात में आपके साथ कुछ हुआ था?

दीदी : नहीं रे, वो मुझे रात को गरमी बहुत लग रही थी।

में : अच्छा दीदी अब यह बताओ कि आपको लड़का कैसा लगा?

दीदी : शरमाते हुए बोली कि बहुत अच्छा।

में : ओह दीदी तो अब आपकी शादी होगी।

दीदी : हट पागल।

हमारी बातें अभी तक खत्म नहीं हुई थी, लेकिन हमारे सभी बर्तन साफ हो गये थे और फिर हम अपने कमरे में चले गये तो मैंने उनसे कहा।

में : दीदी मुझे आपके बूब्स बहुत अच्छे लगे वो बहुत मुलायम आकार में बहुत बड़े बड़े है।

दीदी : चुप पागलों जैसी बातें मत कर।

में : दीदी सच्ची आपके बूब्स बहुत अच्छे है।

दीदी : अच्छा तुझे कैसे पता।

में : वो मैंने सुबह हाथ लगाकर देखे थे।

दीदी : तुझे क्या बिल्कुल भी शर्म नहीं आती अपनी बहन के बूब्स को हाथ लगाता है।

में : में क्या करता दीदी? आप भी तो ऐसे ही सो गयी थी और जब आपको पता था कि में भी कमरे में हूँ।

दीदी : चल अब जाने दे छोड़ उस बात को।

फिर ऐसे ही रात हो गयी और जब हम सोने लगे तो दीदी ने मुझे पहली बार मेरे गाल पर शुभरात्रि किस दी, में बिल्कुल पागल सा हो गया और दीदी के बेड पर चला गया और मैंने भी उनको उनके गाल पर एक जोरदार किस दे दी और फिर हम सो गए। फिर जब रात को मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि दीदी की आँखे बंद है और उनका एक हाथ अपने नंगे बूब्स पर और दूसरा अपनी पेंटी में है और वो उस समय अपनी चूत में उंगली कर रही थी, जब मैंने गौर से सुना तो मुझे पता चला कि वो नींद में बहुत धीरे धीरे बड़बड़ा रही थी।

दीदी : आआहह आ ऑश उहह आअहह ऊहह एआहह चोद दो मुझे आअहह और ज़ोर से चोदो मुझे आकाश अह्ह्हहह आईईई।

(TBC)…

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