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मेरा नाम आशीष है। मेरी उम्र 22 वर्ष है और मैं कॉलेज में पढ़ने वाला एक छात्र हूं। मेरे भैया एक सरकारी अधिकारी हैं और वह मध्यप्रदेश में रहते हैं। हम लोग अहमदाबाद में रहते हैं और मेरे घर में मेरी भाभी और मेरी मां रहती हैं। मेरे पिताजी का देहांत बचपन में ही हो चुका था। जब मेरे पिताजी का देहांत हुआ उस समय मैं बहुत ज्यादा छोटा था और मुझे कुछ भी समझ नहीं थी। परंतु मेरे बड़े भाई ने हमारे घर की सारी जिम्मेदारियां संभाली और उसके बाद उन्होंने ही घर का सारा काम देखा। अब उनकी जॉब लग चुकी थी तो वह मध्य प्रदेश में है। भाभी घर पर हमारे साथ ही रहते हैं। क्योंकि वह भाभी को अपने साथ नहीं ले गए हैं। वह चाहते हैं कि मेरी भाभी मेरी मां का ख्याल रखें। इसलिए उन्होंने उन्हें घर पर ही रखा है और मेरी भाभी का नाम गीतिका है। वह हमारा बहुत ही अच्छे से ध्यान रखती हैं। मुझे भी बहुत अच्छा लगता है जब वह हमारा ध्यान रखती हैं। वह मेरी मां का बहुत ही ख्याल रखती हैं। मुझे बिल्कुल भी उन्होंने एहसास नहीं होने दिया कि वह दूसरे घर से आए हुए हैं। क्योंकि उन्होंने भाभी को बहुत ही ज्यादा प्रेम दिया है।
वह मेरा बहुत ही सम्मान करती हैं और मैं भी उनका बहुत ही ज्यादा सम्मान करता हूं। एक बार मेरी भाभी की पिताजी की तबीयत कुछ ज्यादा खराब हो गई थी तो मेरी भाभी ने मुझे कहा कि तुम मेरे साथ मेरे घर पर चलो और जब हमने अपनी मां से पूछा तो वह कहने लगी कि तुम कुछ दिन रहने को अपने मायके चली जाओ और आशीष को अपने साथ ले जाओ। मैं अपना ध्यान रख लूंगी। तुम मेरी चिंता मत करो और तुम अपने पिताजी के पास चली जाओ। मैं भी अपनी भाभी के साथ उनके मायके चला गया। वह अहमदाबाद में ही रहते थे। जब मैं उनके घर गया तो मैंने उनके पिताजी को देखा तो वह बहुत ज्यादा बीमार नजर आ रहे थे। क्योंकि उनकी उम्र भी बहुत हो चुकी है। उनके लड़के भी विदेश में रहते हैं। इस वजह से वह उन्हें देखने नहीं आ पाए और हम लोग उनके घर पर उनकी देखभाल करने के लिए थे। मेरी भाभी उनका बहुत ही ध्यान रख रही थी और उन्हें किसी भी प्रकार की किसी सामान की जरूरत पड़ती तो मैं उनके लिए सामान ले आता। उन्हें कभी भी कुछ दवाई की आवश्यकता होती तो मैं उसे ले आता था।
एक दिन उनके पिताजी की तबियत कुछ ज्यादा ही खराब हो गई और हमें उन्हें जल्दी बाजी में हॉस्पिटल ले जाना पड़ा। जब हम उन्हें हॉस्पिटल ले गए तो डॉक्टर ने कहा कि उन्हें हॉस्पिटल में ही एडमिट करना पड़ेगा। अब हमने उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट कर दिया था और उनका हॉस्पिटल में ही ध्यान रख रहे थे। कुछ दिनों बाद उनकी तबीयत थोड़ा ठीक होने लगी। उन्हें भी अच्छा लगने लगा। मेरी भाभी की मां भी अब खुश हो गई थी। क्योंकि उनके पति की तबीयत थोड़ा ठीक हो चुकी थी। हम उन्हें कुछ दिनों बाद हॉस्पिटल से घर ले गए और जब हम उन्हें हॉस्पिटल से घर ले गए तो उन्हें भी घर पर बहुत अच्छा लग रहा था और वह हमसे बहुत बातें किया करते। वह कहते कि तुम लोगों ने मेरा बहुत ही ध्यान रखा है। अब धीरे-धीरे उनकी तबीयत सुधरने लगी। हम लोग भी अभी वहीं पर थे। हम लोग अपने घर वापस आ गए और जब मेरी मां ने मेरी भाभी से पूछा तुम्हारे पिताजी की तबीयत कैसी है तो वह कहने लगी कि अब तो वह अच्छे हैं।
उन्हें अब बहुत ही आराम है और वह अपने आप को पहले से बेहतर महसूस कर रहे हैं। मेरे भैया का फोन मुझे आया और वह पूछने लगे तुम लोग घर वापस आ चुके हो। मैंने उन्हें कहा कि हां हम लोग घर वापस आ चुके हैं। अब भाभी के पिता की तबीयत अच्छी है और वह भी थोड़ा संतुष्ट हो गए। वह कहने लगे मेरे ना रहते हुए भी तुमने बहुत सारी जिम्मेदारियां संभालनी शुरू कर दी है। मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है अब तुम समझदार होते जा रहे हो। उनकी इस बात से मैं भी अपने आप को बहुत अच्छा महसूस कर रहा था और मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था जब वह हम मेरी तारीफ कर रहे थे। थोड़े समय बाद भाभी के पिता की तबीयत दोबारा से खराब हो गई और हम दोनों दोबारा उनके घर चले गए। जब हम वहां गए तो उनकी तबीयत दोबारा खराब हो चुकी थी और हम उनके लिए दवाइयां लेकर आते। मेरी भाभी की मां बहुत ज्यादा टेंशन में थी और वह रो रही थी। मेरी भाभी ने अपनी मां से कहा कि आप परेशान ना हो। पिताजी ठीक हो जाएंगे और हम लोग वहीं रुक गए। मेरी भाभी भी कहीं ना कहीं अंदर से थोड़ा दुखी थी और वह कहने लगी कि मैं भी अंदर से थोड़ा दुखी हूं। मैंने अपनी भाभी को समझाया आप चिंता मत कीजिए। आप के पिताजी जल्दी ठीक हो जाएंगे।
मेरी भाभी और मैं कमरे में बैठे हुए थे और वह रो रही थी मैंने बहुत चुप कराया परंतु वह बिल्कुल भी चुप नहीं हुई। मैंने उन्हें जैसे ही अपना कंधा दिया तो वह और भी तेज रोने लगी और बड़ी तेज आवाज में चिल्ला रही थी। मुझसे बिल्कुल भी नहीं देखा जा रहा था कि वह इतनी तेजी से रो रही हैं। मैंने उनके आंसू पोंछे तो उनके होठों पर मेरा हाथ लग गया और अब मेरे अंदर की उत्तेजना जागने लगी। मैंने उनके होठों को अपने होठों में लेते हुए चूसना शुरू कर दिया और बहुत ही अच्छे से अपने होंठों से उन्हें चूस रहा था। मैंने उनके होंठों पर दांत के निशान भी मार दिए थे वह भी पूरे मूड में आ चुकी थी और उन्होंने रोना भी बंद कर दिया। मैंने उन्हें वहीं बिस्तर पर लेटा दिया और जैसे ही मैंने बिस्तर पर लेटाया तो मैंने उनके कपड़े खोल दिए। जब मैंने उनके कपड़े खोले तो उन्होंने पिंक कलर की पैंटी और ब्रा पहनी हुई थी। मैंने उसे धीरे से खोलते हुए किनारे पर रख दिया वह बहुत ही ज्यादा मस्त हो गई। मै उनके स्तनों को अपने हाथों से दबा रहा था और वह पूरे मूड में आ चुकी थी। मैंने भी तुरंत उनके स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। मैं उनके स्तनों का रसपान इतने अच्छे से कर रहा था कि मुझे बहुत ही मजा आ रहा था। मैं बड़े ही अच्छे से उनके स्तनों को अपने मुंह में लिए जा रहा था। थोड़ी देर में मैंने उनकी योनि को चाटना शुरु कर दिया।
उनकी योनि से पानी निकलने लगा मैंने जैसे ही उनकी योनि के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवाया तो उनके अंदर की उत्तेजना भी जाग चुकी थी। मैंने उन्हें बड़ी तेज तेज धक्के मारने शुरू कर दिए। मैं इतनी तेजी से झटके मार रहा था कि उनका शरीर गर्म हो रहा था और उनका शरीर टूटने लगा। मैने उनके दोनों पैरों को कसकर पकड़ लिया और उन्हें तेजी से धक्के दिए जाता उन्हें भी बहुत मजा आ रहा था और वह मेरा पूरा साथ दे रही थी। वह मेरा बहुत ही अच्छा से साथ दे रही थी जिससे कि मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था। कुछ देर तक तो मैंने उन्हें ऐसे ही चोदना जारी रखा परंतु अब मैंने उन्हें अपने ऊपर बैठा दिया। जैसे ही मेरा लंड उनकी योनि में गया तो वह चिल्लाने लगी और मैं उन्हें बड़ी तीव्रता से धक्के देने लगा। मैंने उनके स्तनों को भी अपने मुंह में समा लिया था और उनके होंठों को भी मैं चूसता जा रहा था। वह पूरे मूड में आ गई तो अपनी चूतडो को ऊपर नीचे करती जा रही थी। जिससे कि मुझे भी बहुत ज्यादा मजा आ रहा था और वह भी पूरे मूड में आ चुकी थी। उन्होंने अपने चतडो को इतना अच्छे से ऊपर नीचे किया कि मेरा वीर्य निकलने वाला था और मैंने बड़ी तेजी से झटके मारने शुरू कर दिया और वह भी बड़ी तीव्रता से अपने चूतड़ों को हिलाए जा रही थी। मैंने उन्हें अब अपने नीचे लेटा दिया और उनके दोनों पैरों को चौड़ा कर दिया। मैंने अब बड़ी तेजी से उनकी योनि के अंदर अपने लंड को डाला और बड़ी तेज तेज प्रहार करने लगा। मैं उन्हें इतनी तेजी से चोद रहा था कि वह बहुत ही मजे में आ गई और कहने लगी तुमने तो मेरी पूरी चूत का भोसड़ा बना दिया है। मुझे नहीं पता था तुम इतना बडे मादरचोद हो। मै अपनी भाभी को बड़ी तेजी से चोदे जा रहा था और उनके गले से भी आवाज निकल रही थी। कुछ समय बाद मेरा वीर्य गिरने वाला था तो मैंने उनकी योनि से अपने लंड को बाहर निकालते हुए। अपने लंड को हाथ से हिलाना शुरू कर दिया और उनके स्तनों पर अपना सारा वीर्य गिरा दिया। जब मेरा मल उनके स्तनों पर गिरा तो उन्होंने अपने हाथों से उसे पूरे शरीर पर फैला दिया।