उदास लड़की की अन्तर्वासना

आ जाओ मेरे प्यारे चूत नगर के वासियों मुझे तुमलोगों से कई साड़ी बातिएँ करनी है और तुम लोगों को बहुत कुछ बताना भी है | मुझे अपने लंड और अपने घमंड दोनों पर नाज़ है क्यूंकि साले है ही इतने बड़े | इतने बड़े लंड होने के कई फायदे भी है और कई नुक्सान भी पर तुम लोग तो मस्त अपनी कहानी पढो और चुदाई करते रहो | क्या करोगे नफा नुक्सान जानकर बस इतना ही कहना चाहता हूँ कि कभी भी किसी लडकी को चोदो तो उससे एक बार पूछ लेना कि क्या आप तैयार हैं अपनी चूत में दर्द झेलने के लिए | मुझे तो कई बार लड़कियों ने इतनी गाली दी है कि आपलोग सुनके हस पड़ोगे | कभी कभी मुझे भी खुद पे हसी आती है कि बेचारी टाइट चूत एक बार में ढीली हो जाती है मेरी चुदाई के बाद | पर अब मैं करू भी तो क्या करू मेरा लंड ही बड़ा है इतना | पर इसमें लड़कियों की भी तो गलती है हर टाइम बस बड़ा लंड चाहिए और जब चुद जाती हैं और चलते नहीं बनता तो लो फिर सुनो इनकी बातें | अब इसमें लड़का बेचारा फास जाता है यार न तो वो यहाँ का रहता है न ही वो वहां का रहता है |

इसी बात से मुझे एक बहुत अच्छा किस्सा याद आ रहा है जो मेरे साथ कुछ सालों पहले हुआ था | मेरा नाम किशन है और में जिला सिवान बिहार से हूँ | मुझे पढने का बहुत शौक है और मैं कभी भी कुछ भी पढने लगता हूँ क्यूंकि मुझे ज्ञान बटोरना है | मेरे दोस्त नहीं है क्यूंकि मैं ज़्यादातर समय बुड्ढ़े लोगों के साथ बिताता हूँ और उनसे ज्ञान का भंडार लेता रहता हूँ | अब ऐसे ही एक दिन मुझे चुदाई का भूत लग गया और मैंने सोचा कि क्यूँ न मैं चुदाई की किताबों को पढ़ के देखूं और समझू ज़रा ये होता क्या है | उस समय महंगाई बड़ी कम थी और मुझे दो दो रुपये में किताबें मिल जाया करती थी पर अब रात में गाँव में बिजली नहीं और दिन में सब के सामने पढ़ नहीं सकता | बड़ी मुश्किल थी जिंदगी में पर जैसे तैसे शाम को सब से छुप छुपा के खेत में जाके या चट्टान पे जाके मैं केसे भी किताब को पढता और उसे वहीँ छुपा भी देता | आप तो जानते हैं गाँव में गर्मी होती है और शाम का नज़ारा बड़ा रंगीन होता है |

एक दिन मैं उन्ही बूढ़े लोगों के साथ बैठा हुआ था और उनकी बातें सुन रहा था तभी उनमे से एक ने कहा | अरे किशन ! बेटा मुठ मारे हो कभी या फिर बस किताब ही पढ़ते रहते हो | मैंने कहा दद्दू ये क्या बोल रहे हो हमको नहीं पता ये मुठ क्या होता है | उसने कहा वो चट्टान पे किताब पढने से अच्छा हमलोगों से पूछ लेते हम ही बता देते कि चुदाई आखिर होती क्या है | दद्दू ने धीरे से किताब निउकाली और कहा ले फेक दे इसको और आज घर जाके अपना लंड पकड़ना और जब सख्त हो जाये तो उसको आगे पीछे करना | मैं भी शर्मा गया था क्यूंकि ये साड़ी बातें मुझे नहीं पता थी | फिर रात हुयी और मैं छत पे था अकेला | मुझे दद्दू की बात याद आई और मैंने अपना बालों वाला लंड बाहर निकाला और उसे हिलाने लगा थोड़ी देर में मेरा लंड बड़ा हो गया और मुझे अजीब सा लगने लगा | फिर मैंने सोचा चलो इसको आगे पीछे करूँ | पर जैसे ही मैंने उसे पीछे किया तो मेरे लंड कि चमड़ी दर्द करने लगी | फिर मैंने उसपे तेल लगाया और धीरे धीरे हिलाने लगा आखिर मैं मुझे अजीब सा लगा और मैंने एक झटके में पूरी चमड़ी हटा दी और अन्दर से सफ़ेद सफ़ेद कुछ गिरा | तब मुझे अच्छा लगा पर थोड़ी बाद मैंने देखा मेरे लंड से खून निकल रहा है और दर्द भी हो रहा था | सुबह भी दर्द था फिर मैं गया दद्दू के पास और कहा दद्दू लंड में काफी दर्द है और तब उन्होंने कहा मुठ निकाला न तो अब डर मत क्यूंकि अब तू मर्द बन गया है | मैंने भी सोचा पता नहीं क्या बोल रहे हैं ये फिर उन्होंने कहा बाबू रात को फिर हिलाना और सो जाना |

मैंने सोचा पहले लंड खड़ा तो हो जाए उसके बाद देखूंगा | अब मैं छत पर था और समय वही था मैं मुठ के बारे में सोच ही रहा था और उतने में लंड खड़ा होने लगा और दर्द भी | मैंने जैसे तैसे हिलाया और आधे घंटे हिआने के बाद मुठ निकाला फिर मुझे शान्ति मिली और अगले दिन दर्द कम हो गया | दद्दू मुझे मिले तो मैंने कहा दद्दू मुझे समझ आ गया मुठ क्या है और कैसे मारते हैं | दद्दू ने कहा ठीक है फिर तो अब तुझे कुछ नया दिखाना ही पड़ेगा और उन्होंने कहा चल मेरे साथ | मैंने कहा दद्दू कहा ले जा रहे हो तब उन्होंने कहा तुझे जन्नत दिलवाऊंगा बेटा | मैंने भी कहा चलो ठीक हजी देख लेटा हूँ केसी जन्नत है आपकी और जैसे ही मैं उसके साथ गया वहां पे एक लड़की बैठी हुयी थी | दद्दू ने कहा बेटा ये मेरी नवासी है इसकी शादी हुयी थी पर इसका पति शादी से पहले ही मर गया | अब तू इसे पटा ले और अगर इसे भी तुझसे प्यार हो गया तो इसके चेहरे पे मुस्कान ले आना और शादी में तेरी करवाऊंगा इससे | मैंने कहा दद्दू वो सब तो ठीक है पर आपकी नवासी ही क्यों मुझे अगर इससे प्यार नहीं हुआ तो | तो उन्होंने बोला बेटा मुझे बस इसके चेहरे पे मुस्कान चाहिए और उसके लिए तू कुछ भी कर मैंने कहा ठीक है पर मुझे बाद में कुछ और दिक्कत नहीं चाहिए | उन्होंने कहा ठीक है इस बात की लाज मैं रखूँगा बस तू उसके चेहरे पे मुस्कान ले आ और तुझे जो करना है करले | मैंने भी सोचा चलो मैं पूरी कोशिश करूँगा ये करने की |

मैं भी अगले दिन से काम पे लग गया पहले तो मैं उसके पास गया और फिर मैंने कहा चलो अब हम दोस्त बन सकते हैं क्या | उसने मुझसे कोई बात नहीं कि और मैंने कहा यार दोस्ती करने में क्या दिक्कत है | उसने फिर भी कुछ नहीं कहा और मैं वह से चला गया | अगले दिन मैं फिर उसके पास गया और कहा सोचा कुछ मेरे बारे में और उसने तब भी कुछ नहीं बोला | मैंने सोचा इसके सामने नाटक करना पड़ेगा और उसके बाद मैंने उसके सामने कुछ उट पटांग हरकतें करने लगा | पर कोई असर नहीं पड़ा मेरी इस हरकत का | मुझे तो कुछ भी हासिल नहीं हो रहा था पर एक बात ज़रूर थी उसकी जवानी और उसके बदन से प्यार होने लगा था | मुझे कुछ भी नहीं समझ आ रहा था और मैंने कहा चलो अब तुम सोच्लो तुम्हे क्या करना है वरना अब मैं करूँगा | उसने उदास चेहरे से मेरी तरफ देखा और मुझे अजीब सा लगा और मैं वह से चला गया | अगले दिन में फिर उसके पास गया और इस बार वो उठ के जाने लगी | मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसे अपनी तरफ खींच लिया |
वो मेरी बांहों में थी और मैंने कहा तुम्हे समझ नहीं आता मैं तुमसे कितना प्यार करता हूँ | फिर मैंने उसे किस करना चालु कर दिया और इतनी जोर से किस करने लगा कि वो भी रह नहीं पा रही पर वो खुद को रोक रही थी | पर थोड़ी देर के बाद मुझे लगा कि वो भी मेरा साथ दे रही थी | उसके बाद मैंने उसे और तेज़ किस करना चालु कर दिया और फिर उसने मुझे भी किस करना चालू कर दिया और मैं उसके साथ मज़े से एक कोने में बैठ गया और गले लगर किस किये जा रहा था |

अब मेरा एक हाथ उसके मस्त बूब्स को मसल रहा था और वो सिस्कारियां भर रही थी | उसने तब भी मुझसे कुछ नहीं कहा पर वो साथ पूरा दे रही थी | आआह्हह्हह्हह्ह ऊऊऊओह्हह्हह्हह्हह ऊऊफ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़ उम्म्म्मम्म्म्मम्म्म्म आआआआअ आआह्हह्हह्हह्ह ऊऊऊओह्हह्हह्हह्हह ऊऊफ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़ उम्म्म्मम्म्म्मम्म्म्म आआआआअ और करो मैं बरसो से प्यासी हूँ | बस यही शब् उसके मुंह से निकल रहे थे | मैंने भी उसका ब्लाउज उतारा और उसके दूध पीने लगा और फिर उसने मेरा मुह अपनी पेट कि तरफ बढ़ाया | मैंने उसका पेट चाटा और नाभि में ऊँगली डाली | फिर धीरे से मैंने उसकी साड़ी उतार दी और उसकी चूत में ऊँगली डाल डाल के चूसा | फिर मैंने सोचा कि लंड चूसने को कहूँ पर फिर मैं रुक गया और उसकी चूत में धीरे से लंड डाला | वो जोर जोर से आआह्हह्हह्हह्ह ऊऊऊओह्हह्हह्हह्हह ऊऊफ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़ उम्म्म्मम्म्म्मम्म्म्म आआआआअ आआह्हह्हह्हह्ह ऊऊऊओह्हह्हह्हह्हह ऊऊफ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़ उम्म्म्मम्म्म्मम्म्म्म आआआआअ करने लगी | उसकी चूत से खून निकला पर मैं उसे चोदता रहा | थोड़ी देर बाद वो मेरे ऊपर और मैं उसकी चूत में झड़ गया और मैंने देखा कि अब उसके चेहरे पे मुस्कान थी | तो दोस्तों, इस तरह मेरा वादा पूरा हुआ | मैं उसे अक्सर चोदता रहता हूँ  और अपनी और उसकी अन्तर्वासना को बुझाता रहता हूँ |

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