सहेली के पति ने मुझे सम्मोहित कर दिया

kamukta, antarvasna

मेरा नाम रागिनी है मैं बुलंदशहर की रहने वाली हूं,  मेरी शादी को एक वर्ष हुआ है और मैं कुछ दिनों के लिए अपने मायके जा रही थी। मेरा मायका मेरठ में है, मैं जब बस से जा रही थी तो उसी बस में मेरे ठीक पीछे मेरी सहेली काजल बैठी हुई थी, काजल ने काफी देर तक तो मुझे कुछ भी नहीं कहा उसने मुझे काफी पहले ही देख लिया था। थोड़ी देर बाद जब काजल ने मुझे आवाज दी तो मैंने भी उसकी तरफ देखा, मैं उसको देखकर बहुत खुश हो गयी,  उसके साथ में एक युवक भी बैठा हुआ था, मुझे उस वक्त पता नहीं चला कि वह कौन है लेकिन जब मैं काजल के पास गई तो काजल ने मुझे अपने पति से मिलवाया, उसके पति का नाम प्रताप है। काजल की शादी मेरठ में ही हुई है और वह कॉलेज में मेरे साथ पढ़ती थी।

वह मेरी बहुत अच्छी दोस्त है लेकिन मैं उसकी शादी में नहीं जा पाई क्योंकि उस वक्त मेरे पिताजी की तबीयत खराब हो गई थी इसीलिए हम लोग उस वक्त हॉस्पिटल में ही थे। काजल की शादी मुझसे पहले हो चुकी थी, उसकी शादी को दो वर्ष हो चुके हैं। मैं जब काजल से मिली तो मैं बहुत ही खुश हो गई, काजल ने मुझे कहा कि तुम यहीं बैठ जाओ, मैं उसके पास ही बैठ गई और जो लड़का उनके साथ बैठा हुआ था उसे मैंने अपनी सीट पर भेज दिया था। काजल मुझसे मिलकर बहुत खुश थी और मैं भी उसे इतने समय बाद मिल रही थी इसलिए मुझे भी अच्छा लग रहा था। जब मैं उसके साथ बैठी हुई थी तो हम लोग अपने कॉलेज के दिन याद कर रहे थे, मैं सोचने लगी कॉलेज के दिन कितने अच्छे थे और वहां पर हम लोग कितना इंजॉय करते थे। काजल मुझे कहने लगी कॉलेज में तो हम लोगों ने बड़े इंजॉय किए हैं और वहां पर हम लोग कितने अच्छे से रहते थे। मैंने काजल से कहा परंतु अब वह बहुत पुरानी बात हो चुकी है।

उसके बाद मेरे पिताजी का जिक्र आया ओ काजल पूछने लगी तुम्हारे पिता की तबीयत कैसी है, मैंने उसे कहा मेरे पिताजी की तबीयत तो ठीक है। काजल के पति बोर हो रहे थे, वह अपने फोन पर ही लगे हुए थे, मैंने काजल से कहा तुम्हारे पति शायद बोर हो रहे हैं और उन्हें हमारी बातें अच्छी नहीं लग रही, उस वक्त उसके पति प्रताप ने भी कहा कि नहीं ऐसी कोई भी बात नहीं है, मैं बिल्कुल भी बोर नहीं हो रहा, आप लोग अपनी पुरानी बातें कर रहे हो। प्रताप बहुत ही सीधे किस्म के व्यक्ति लग रहे थे, मैंने काजल से पूछा कि प्रताप और तुम्हारा रिलेशन कैसे चल रहा है,  कुछ देर तो काजल ने मुझसे कहा कि हमारे रिलेशन तो अच्छा ही चल रहा है लेकिन थोड़ी देर बाद उसके पति कहने लगे हम लोग एक दूसरे के साथ बहुत खुश हैं और मुझे काजल जैसी जीवन साथी मिली तो मैं अपने आप को बहुत ही भाग्यशाली समझता हूं। काजल भी मुझसे मेरे पति के बारे में पूछने लगी, मैंने भी अपने पति के बारे में काजल को बताया, काजल मेरी शादी में तो आई थी लेकिन उसके पति उस वक्त मेरी शादी में नहीं आ पाए थे। मैंने काजल से कहा मेरे पति बहुत ही अच्छे हैं और वह अपने काम से थोड़ा बहुत समय मेरे लिए निकाल लिया करते हैं। जब हम लोग मेरठ पहुंच गए तो मैंने काजल से कहा ठीक है मैं भी अपने घर चलती हूं और कुछ दिनों तक मैं यहीं पर हूं तो तुम्हें जब वक्त मिले तो तुम मुझसे मिल लेना। उसके पति प्रताब कहने लगे हां काजल वैसे भी घर पर अकेली ही रहती है और घर में बोर हो जाया करती है तो वह तुमसे मिलने आ जय करेगी, मैं ही ऑफिस जाते वक्त उसे तुम्हारे घर पर छोड़ दूंगा। मैंने प्रताब से कहा तुम जरूर काजल को कल मेरे घर पर छोड़ देना और यह कहते हुए मैंने भी वहां से ऑटो लिया और उसके बाद मैं अपने घर चली गई, जब मैं अपने घर पहुंची तो मेरे माता-पिता मुझे देख कर खुश हो गए और कहने लगे तुम काफी दिनों बाद घर आ रही हो, हम लोगों ने तो सोचा भी नहीं था,  तुमने तो हमें सरप्राइज दे दिया। मेरी मम्मी थोड़ा कम बात करती हैं परंतु मेरे पिताजी बहुत ही मजाकिया किस्म के व्यक्ति हैं, हालांकि उनका ऑपरेशन हुआ है परंतु उसके बावजूद भी वह एक जिंदादिल इंसान हैं और सबको बहुत हंसाते रहते हैं। मेरे भैया भी दिल्ली में जॉब करते हैं और उनकी पत्नी भी उन्ही के साथ में रहती हैं, वह हर शनिवार और इतवार के दिन घर आ जाते हैं या कभी कभार मेरे माता-पिता भी दिल्ली उनके पास रहने के लिए चले जाते हैं। मेरे भैया ने दिल्ली में ही आप फ्लैट खरीद लिया है।

मेरी मम्मी मुझसे पूछने लगी तुम्हारे पति और तुम्हारे ससुराल वाले कैसे हैं,  मैंने उन्हें कहा वह सब लोग बहुत अच्छे हैं मैं काफी देर तक अपने माता-पिता के साथ बैठी रही। शाम को मैंने अपनी मां के साथ ही उनकी खाना बनाने में मदद की, जब मैं अपने कमरे में लेटी हुई थी तो मैं अपनी कुछ पुरानी तस्वीरें देख रही थी और मैंने उस वक्त काजल को भी मैसेज कर दिया, काजल भी पुरानी तस्वीरें देखकर बहुत खुश हो रही थी और कहने लगी याह तो हमारी कॉलेज की तस्वीरें हैं तुमने अब तक यह अपने पास संभाल कर रखी है। मैंने उसे कहा मैंने अब तक वह अपने पास संभाल कर रखी हैं क्योंकि यह तो यादगार लम्हे थे,  मैं तो अपने कॉलेज के दिन बहुत ही मिस करती हूं और तुम सब लोगों को भी बहुत मिस करती हूं। काजल मुझे अपने फोन से नंगी तस्वीर भेजने लगी। मुझे समझ नहीं आया कि वह ऐसा क्यों कर रही है क्योंकि वह ऐसा नहीं कर सकती। जब मैंने उसे फोन किया तो उसके पति ने फोन उठाया वह मुझे कहने लगा मैं तुम्हें देख कर आज पागल हो गया तुम्हारे यौवन का मैं दीवाना हो चुका हूं। मैंने उससे कहा तुम्हारा दिमाग तो सही है लेकिन उसने भी मुझे अपनी बातों से सम्मोहित कर लिया और मैंने प्रताप को कहा कि ठीक है कल तुम मुझे चोदने के लिए आ जाना मेरी चूत तुम्हें देख कर फडफडा रही है।

वह अगले दिन मेरे घर पर आ गया उस दिन मेरे माता पिता कहीं बाहर गए हुए थे मैं घर पर अकेली ही थी। जब प्रताप आया तो उसने कुछ देर मुझसे बैठ कर बात की। उसने जब मुझे कसकर पकडा तो उसने मेरी साड़ी के अंदर से मेरी योनि के अंदर हाथ डाला दिया मेरी योनि ने पानी छोड़ दिया था वह बड़ी तेजी से मेरी योनि को दबाने लगा। उसने मेरे स्तनों को भी दबाना शुरू कर दिया मैंने अपने ब्लाउज को खोल दिया। जब उसने मेरे बड़े बड़े स्तनों को अपने मुंह में लिया तो वह बड़े अच्छे से मेरे स्तनों का रसपान कर रहा था वह मेरे निप्पल को चूसने लगा। मैंने उससे कहा तुम तो बड़े ही मादरचोद हो तुम शरीफ बनने का ढोंग कर रहे थे। मेरी चूत मे खुजली थी इसीलिए मैंने तुम्हें बुलाया जब उसने मुझे अपने नीचे लेटाया तो मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं सिर्फ प्रताप की हूं। उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया और मेरे चूत को चाटने लगा उसने मेरी योनि को इतने अच्छे से चाटा कि मेरा पूरा पानी उसने बाहर की तरफ निकाल दिया। कुछ देर तक उसने मुझसे अपने लंड को सकिंग भी करवाया जब उसकी इच्छा पूरी हो गई तो उसने मेरी योनि के अंदर अपने लंड को डाल दिया। जैसे ही उसका लंड मेरी योनि के अंदर घुसा तो मैं चिल्ला रही थी और अपने मुंह से गरमा गरम सिसकियां ले रही थी। वह मुझे कहने लगा तुम्हारी चूत तो अभी भी बहुत टाइट है क्या तुम्हारे पति तुम्हें नहीं चोदता। मैंने उसे कहा मेरे पति तो हमेशा ही मुझे चोदता है लेकिन उनका लंड तुम्हारे जितना मोटा नहीं है। उसने मुझे उल्टा लेटा दिया और जैसे ही उसका लंड मेरी योनि के अंदर घुसा तो उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और बड़ी तेज गति से वह मुझे झटके देने लगा। वह मुझे इतनी तेज गति से धक्के मार रहा था कि मैं भी उसकी तरफ अपनी चूतड़ों को मिलाने लगी। मेरी बड़ी बड़ी चूतडे जब उससे टकरा रही थी तो उनसे फच फच की आवाज निकल रही थी। प्रताप मुझसे कहने लगा मैं ज्यादा समय तक तुम्हारे साथ सेक्स नहीं कर पाऊंगा क्योंकि तुम्हारा यौवन देखकर मेरा झडने वाला है। जब वह झडने वाला था तो उसने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और मेरी बड़ी पहाड़ जैसी चूतड़ों पर उसने अपने सफेद वीर्य की धार को गिरा दिया।

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