desi chudai ki kahani, kamukta
मेरा नाम सुरजीत है और मैं कॉलेज मैं पढ़ाता हूं। मेरी उम्र 35 वर्ष है परंतु मैंने अभी तक शादी नहीं की क्योंकि मुझे आज तक कोई लड़की मिली ही नहीं जिससे मैं शादी कर पाऊं। जब मैं कॉलेज में पढ़ता था उस वक्त मेरी एक गर्लफ्रेंड हुआ करती थी और उसके साथ ही मैं शादी करना चाहता था लेकिन उसने कहीं और शादी कर ली। उसके बाद मैंने शादी का ख्याल ही अपने दिमाग से निकाल दिया और मैंने सोच लिया था कि अब मैं कभी भी शादी नहीं करूंगा इसलिए मैंने अभी तक शादी नहीं की और मैं पढ़ाने में ही व्यस्त रहा। मैं सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता हूं यदि कभी भी किसी को कुछ आवश्यकता होती है तो मैं उसकी मदद कर दिया करता हूं। चाहे वह आर्थिक रूप से ही क्यों ना हो या कभी किसी को मानसिक तौर पर भी मेरी जरूरत पड़ती है तो मैं उसकी मदद जरूर करता हूं। कई बार मेरे पास ऐसे ही लोग आते हैं जो मानसिक रूप से परेशान होते हैं और मैं उन्हें बहुत ही समझाता हूं जिसके बाद वह लोग अपना रास्ता बिल्कुल ही बदल लेते हैं और मैंने बहुत लोगों के लिए छोटे-मोटे काम भी खोल कर दिए हैं। जैसे मैंने कुछ लोगों को पान की दुकान खुलवा कर दे दी थी जिससे कि वह अपना गुजारा चला पाए।
वह सब लोग मुझे बहुत ही मानते हैं और कहते हैं कि आप ने हम पर बहुत ही एहसान किया है यदि आप जैसे व्यक्ति सब बन जाए तो बहुत ही अच्छा हो लेकिन ऐसा होना संभव नहीं है क्योंकि सब लोग अलग तरीके के होते हैं। मैं जिस कॉलेज में पढ़ाता हूं वहां पर बहुत सारे नए बच्चे आते रहते हैं और हर वर्ष वहां से कुछ बच्चे जाते भी हैं। जिन लोगों की पढ़ाई पूरी हो जाती है वह लोग कहीं नौकरी करने लग जाते हैं या फिर अपनी आगे की तैयारियां करते हैं। हमारे कॉलेज में बहुत सारे बच्चे आए थे और वह सब बहुत ही अच्छे थे। मुझे सब लोग बहुत ही अच्छा मानते हैं क्योंकि मैं सबकी बहुत ही मदद करता हूं और यह बात सब बच्चों को पता है इसलिए उनका लगाओ मुझसे बहुत ही ज्यादा रहता है।
हमारे कॉलेज में एक लड़की मुझे बहुत ही ज्यादा पसंद आई, उसका नाम मीनाक्षी है और वह पढ़ने में भी बहुत अच्छी है लेकिन ना जाने मुझे उसे देखकर क्यों एक अलग ही तरीके का भाव आता है और मैं सोचता हूं कि काश मैं इससे अपने दिल की बात बता पाता लेकिन कहीं ना कहीं मैं डर जाता हूं क्योंकि यह मेरी मर्यादाओं के खिलाफ है। मैं उसे पढ़ा रहा हूं इस वजह से मुझे उसके बारे में ऐसा सोचना मेरे लिए अच्छा नहीं है और मैंने अब उसके बारे में सोचना छोड़ दिया था क्योंकि मेरे लिए यह सोचना बहुत ही गलत है। एक बार हमारे कॉलेज में एनवल फंक्शन होने वाला था उसी फंक्शन के लिए सब बच्चे तैयारियां कर रहे थे। कुछ बच्चे मुझसे भी मदद ले रहे थे और कह रहे थे कि आप हमें मदद कर दीजिए क्योंकि आप नाटक में बहुत ही अच्छे हैं। मैं अपने कॉलेज के समय से ही थिएटर किया करता था जिससे कि मैं बहुत ही अच्छा एक्टिंग भी कर लेता हूं और यह बात सबको पता थी। मेरे पास मीनाक्षी भी आ गई और वह कहने लगी कि सर आप हमारी मदद कर दीजिए यदि आप हमें सिखाएंगे तो हमें बहुत ही अच्छा लगेगा। अब मैं उन सब बच्चों को सिखाने लगा और वह लोग बहुत ही खुश थे। मैं जब मीनाक्षी को देखता तो मेरी नजर उससे हटती ही नहीं थी, मैं सिर्फ उसे ही देखता रहता था और वह भी अब समझने लगी थी कि मेरे दिल में उसके लिए कुछ चल रहा है। उसी नाटक के दौरान हम दोनों की नज़दीकियां बढ़ती चली गई और अब उसे भी सब कुछ समझ आ चुका था। एक दिन मैंने उसे कहा कि हम लोग कहीं घूम आते हैं तो वह कहने लगी कि यदि आप के साथ मुझे किसी ने देख लिया तो सब लोग मेरे बारे में क्या सोचेंगे। मैंने उससे कहा कि कोई बात नहीं और अब हम दोनों की बातें कॉलेज में ही हुआ करती थी और वह जब भी मुझे कॉलेज में मिलती है तो वह बहुत ही अच्छे से बात किया करती थी। उसे जब भी कोई मदद की आवश्यकता होती तो वह मुझसे बोल दिया करती थी। हम लोग नाटक की तैयारी कर ही रहे थे और मैं मीनाक्षी को बहुत ही अच्छे से सिखाता था।
कुछ दिनों बाद हमारे कॉलेज में फंक्शन होने वाला था, हमारे कॉलेज की तैयारियां पूरी हो चुकी थी सब लोग बहुत ही खुश थे। जब हमारे कॉलेज के एनुवल फंक्शन हुआ तो सब लोगों ने हमारे नाटक की बहुत ही तारीफ की और सब टीचर भी बहुत खुश थे, वह कहने लगे कि सुरजीत सर आपने तो बहुत ही अच्छे से बच्चों को तैयारी करवाई है, इतने कम समय में तैयारी करवाना मुश्किल ही है। मैंने उन्हें कहा बस ये तो बच्चों ने बहुत ही अच्छी मेहनत की है। उसके बाद जब सब लोगों ने हमारे नाटक की तारीफ की तो मीनाक्षी भी मेरे ऑफिस में आई, वो कहने लगी कि सर आपने हमारी बहुत ही मदद की मैं आपके लिए कुछ गिफ्ट लाई हूं। जब उसने मुझे गिफ्ट दिया तो मैं बहुत ही खुश हो गया और वह मेरे पास में ही बैठी हुई थी। मैं उसे देखे जा रहा था और जब वह गिफ्ट मैंने खोला तो उसके अंदर एक घड़ी थी। मैं वह घड़ी देखकर खुश हो गया और उसे कहने लगा कि तुमने यह कहां से ली तो वह कहने लगी कि यह मैंने अपने भैया से मंगवाई थी। यह आपके हाथ पर बहुत ही अच्छी लगेगी। जब मैंने वह घड़ी पहनी तो वह वाकई में मेरे हाथ पर बहुत जच रही थी मैंने अब मीनाक्षी को अपने गले लगा लिया।
जब वह मेरे गले लगी तो उसके स्तनों मुझसे टकराने लगे और मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था जब उसके स्तनों से टकरा रहे थे। मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था और मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं मीनाक्षी की चूत मे अपने लंड को डाल दूं लेकिन मुझे डर भी लग रहा था। कुछ देर बाद उसने मेरे लंड पर हाथ लगा दिया तो मेरी उत्तेजना और बढ़ गई। मैंने उसे किस करना शुरू कर दिया और जब मैं उसे किस कर रहा था तो उसकी चूत से भी पानी निकलने लगा। वह भी मुझे किस कर रही थी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था जब वह मुझे किस कर रही थी मैं भी उसे किस कर रहा था। मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए जब मैंने उसके पैंटी और ब्रा देखी तो मेरी उत्तेजना हो ज्यादा बढ़ गई। मैंने उसकी ब्रा को खोलते हुए उसके स्तनों को चूसना शुरू कर दिया और काफी देर तक मैं उसके स्तनों को चूसता रहा। मैंने उसके दोनों पैरों को चौड़ा करते हुए उसकी योनि को चाटना शुरू किया। मैंने उसकी योनि को जैसे ही अपने जीभ लगाई तो उसकी योनि से पानी निकलने लगा। अब मैंने अपने मोटे लंड को उसकी योनि में घुसेड दिया जैसे ही मेरा लंड उसकी योनि में घुसा तो उसकी उत्तेजना भी चरम सीमा पर पहुंच गई। उसकी योनि से खून निकलने लगा लेकिन मुझे बड़ा ही मजा आ रहा था जब मैं उसे धक्के मार रहा था। मैं उसे बड़ी ही तीव्रता से चोदे जा रहा था और उसका शरीर पूरा हिल रहा था। उसकी योनि से खून भी निकल रहा था मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जब मैं उसे झटके दिए जा रहा था। मैंने काफी देर तक उसे ऐसे ही चोदा जिससे कि उसका शरीर पूरा दर्द होने लगा और वह मचलने लगी। लेकिन मैंने उसे ऐसे ही धक्के मारना जारी रखा जिससे कि उसका शरीर पूरा गर्म हो चुका था और उसकी चूत से कुछ ज्यादा ही गर्मी बाहर निकल रही थी। मै उसकी गर्मी को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था। मुझे ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मेरा वीर्य गिरने वाला है लेकिन फिर भी मैं उसे चोदे जा रहा था। वह भी मेरा पूरा साथ देने लगी और अपने मुंह से मादक आवाज निकालने लगी। वह मेरा पूरा साथ देते और अपने दोनों पैरों को चौड़ा कर रही थी। उसने अपने दोनों पैरों को इतना खोल लिया कि मेरा लंड उसकी योनि के अंदर तक जा रहा था वह अपने मुंह से मदक आवाजे निकाल रही थी। अब मैं उसकी चूत की गर्मी को ज्यादा देर तक बर्दाश्त ना कर सका और मेरा वीर्य उसकी योनि में जा गिरा। जब मेरा वीर्य उसकी योनि में गिरा तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा। उसके बाद हम दोनों ने अपने कपड़े पहन लिए मीनाक्षी के साथ मैंने उसके बाद बहुत बार सेक्स संबंध बना लिए थे जिससे वह प्रेग्नेंट हो गई।