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मेरा नाम रमेश है और मैं एक टूरिस्ट गाइड हूं। मैं 10 वर्षों से टूरिस्ट गाइड का काम कर रहा हूं। मुझे इस काम को करते हुए करीबन 10 वर्ष हो चुके हैं और मेरे पास देश-विदेश से सब लोग मुझसे संपर्क करते हैं। जब भी वह मुझसे संपर्क करते हैं तो मैं उन्हें बहुत ही अच्छे से हैंडल करता हूं और मैं बहुत ही अच्छे से सैर करवाता हूं। जो भी दोस्त एक बार मेरे पास आता है वह दोबारा से अगली बार भी मेरे पास ही आता है। क्योंकि मैं उनके साथ दोस्तों जैसा व्यवहार करता हूं और बिल्कुल भी उन्हें पता ही नहीं चलने देता हूं जब मेरे साथ किसी भी प्रकार की कोई परेशानी होती है। इसी वजह से सब लोग मुझसे बार-बार फोन पर संपर्क में रहते हैं और जब भी वह घूमने आते हैं तो वह मुझे ही फोन कर दिया करते हैं और मैं उन्हें सब कुछ जानकारी दे देता हूं कि मैं उन्हें किस तरीके से घुमाने वाला हूं और कौन सी जगह हम लोग जाने वाले हैं। इसलिए वह भी मुझसे ही संपर्क करते हैं।
एक बार मुझे किसी व्यक्ति का फोन आया और वह मुझे कहने लगे कि हम लोग आपको हायर करना चाहते हैं और आपके बारे में हमें किसी मित्र ने बताया कि आपका व्यवहार बहुत ही अच्छा है और आप एक सज्जन व्यक्ति हैं। आपको बहुत नॉलेज भी है कि कौन सी जगह घूमने के लिए उपयुक्त होती है। मैंने उन्हें कहा ठीक है आप आ जाइए और मुझसे संपर्क कीजिएगा। जब मैंने पूछा कि आप लोग कब तक आने वाले हैं तो वह कहने लगे कि हम लोग अगले हफ्ते तक पहुंच जाएंगे। मैंने उन्हें कहा ठीक है आप अगले हफ्ते तक आ जाइए और मैं आपको पूरा राजस्थान घुमा दूंगा। एक हफ्ते बाद उन्हीं व्यक्ति का फोन मुझे आया और वह कहने लगे कि हम लोग जयपुर में पहुंच चुके हैं। मैंने उन्हें कहा कि आप लोग कौन से होटल में रुके हैं। मैं आपके पास उसी होटल में आ जाता हूं। उन्होंने अपने होटल का एड्रेस मुझे भेज दिया और मैं उनके पास उनके होटल में ही चला गया। जब मैं उनके होटल में गया तो वहां पर उनकी पत्नी भी साथ में थी और वह कहने लगी कि हम लोग विदेश से आए हैं और हमारे एक मित्र ने आपके बारे में बताया था। मैंने उनसे पूछा कि आप लोग कहां के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि हम लोग उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और हमारे पिताजी हमें बचपन में ही विदेश ले गए थे और तब से हम लोग उन्हीं के साथ रह रहे हैं लेकिन अब हमारी घूमने की इच्छा हुई तो हमने आपसे संपर्क कर लिया।
अब उन्होंने मुझे अपनी पत्नी से भी मिलाया उनकी पत्नी का नाम रमा था और उन व्यक्ति का नाम राजेश था। वह दोनों बहुत ही खुले विचारों के थे। क्योंकि वह विदेशी माहौल में पले-बढ़े थे। इसलिए वह बिल्कुल ही अच्छे तरीके से व्यवहार कर रहे हैं। अब मैंने उन्हें कहा कि आज तो आप लोग आराम कीजिए। कल हम लोग घूमने चल पड़ेंगे। उन्होंने मुझे कहा कि आज आप शाम को हमारे साथ डिनर पर चल सकते हैं तो आप आ जाइए। मैंने कहा ठीक है। मैं शाम को आपको आपके होटल में ही मिलता हूं और मैं अब अपने घर चला गया। जब मैं वापस शाम को लौटा तो वह लोग तैयार होकर मेरा इंतजार डिनर टेबल पर कर रहे थे। जब मैं वहां पहुंचा तो मैंने उन्हें सॉरी कहा क्योंकि मुझे आने में लेट हो गई थी। वह मुझे कहने लगे कोई बात नहीं आप आराम से बैठ जाइए। अब हम तीनो लोग बैठे हुए थे और बातें करने पर लगे हुए थे। वह भी मुझसे काफी सारी जानकारियां ले रहे थे कि आप को कितने वर्ष हो चुके हैं यहां काम करते हुए और आपके पास कौन-कौन सी जगह से टूरिस्ट संपर्क करते हैं।
मैंने उन्हें बताया कि मुझे करीबन 10 वर्ष हो चुके हैं और मेरे पास पूरी दुनिया के टूरिस्ट संपर्क करते हैं और मैं उन्हें बहुत ही अच्छे से घुमाता हूं और उन्हें सारी चीजें अच्छे से समझाता हूं। वह इस बात से बहुत ही खुश हुए और कहने लगे कि इसी वजह से हमारे मित्र आपकी बहुत ज्यादा तारीफ कर रहे थे। अब उन्होंने बताया कि हमारी शादी भी अभी 6 महीने पहले ही हुई है और हम दोनों कॉलेज में साथ में ही थे। इस वजह से हमें लगा कि अब हमें शादी कर लेनी चाहिए। मैंने उन्हें पूछा आप क्या काम करते हैं। वह कहने लगे कि मैं एक इंजीनियर हूं और वही नौकरी कर रहा हूं। मेरी पत्नी की एक हैंडीक्राफ्ट की दुकान है। जब राजेश ने मुझे यह बात बताई तो मैंने उन्हें बताया कि हैंडीक्राफ्ट का तो राजस्थान में बहुत अच्छा काम होता है और यहां से विदेश के लिए बहुत सारा सामान सप्लाई किया जाता है। तभी रमा कहने लगी कि हां मैं भी कुछ सामान यहां से ले कर जाने वाली हूं। क्या आप उसमें मेरी मदद करेंगे। मैंने उसे बताया कि क्यों नहीं, मैं आपकी मदद उसमें जरूर करूंगा। अब हम लोगों ने डिनर किया और मैंने उनसे कहा कि अब मैं अपने घर जाता हूं तो सुबह आप लोग तैयार रहिए। मैं सुबह आपके पास आठ बजे पहुंच जाऊंगा। अब मैं अपने घर चला गया और अगले दिन सुबह सुबह उनके पास पहुंच गया। जब मैं सुबह उनके पास पहुंचा तो वह दोनों तैयार बैठे हुए थे और मैं उन्हें अपने साथ घुमाने ले गया मैंने उन्हें सारी जगह घूमाया और वह दोनों बहुत ही खुश थे। अब वह भी मेरे साथ दोस्त की तरह व्यवहार कर रहे थे और वह दोनो कुछ ज्यादा ही मुझसे घुलमिल गए थे। मुझे उनके साथ बहुत मजा आ रहा था क्योंकि उन लोगों का व्यवहार बहुत ही अच्छा था। मैं उन्हें घुमाकर अब वापस लौट आया और वह दोनों अपने होटल में चले गए। उसके बाद मैं वहां से अपने घर आ गया। अगले दिन भी मैंने उन्हें ऐसे ही घुमाया और फिर हम लोग वापस लौट आए। जब हम लोग वापस आए तो रमा ने मुझे कहा कि क्या आप मुझे हैंडीक्राफ्ट का सामान दिलवा सकते हैं। मैंने उसे कहा कि आप मेरे साथ कल चलिए मैं कल आपको सामान दिलवा देता हूं। अब मैं अपने घर चला गया।
अगले दिन जब मैं होटल पहुंचा तो राजेश कहने लगा कि आज मेरी तबीयत थोड़ा ठीक नहीं है तो तुम एक काम करो रमा को अपने साथ ले जाओ और उसे ही सामान दिखा लाना। मैं अब रमा को अपने साथ ले गया और उसे सामान दिखा रहा था। वह बहुत ही खुश हो रही थी जब मैं उसे नए-नए तरीके से सामान दिखा रहा था उसने काफी सारा सामान खरीद लिया था। मैंने उसे कहा कि चलो मेरे घर पर चलते हैं मैं उसे अपने घर पर ले आया। मैंने उसे एक नकली लोहे लंड दिखाया जो कि बहुत ही पुराना था। मैंने उसे कहा यह मुझे किसी ने दिया था वह कहने लगी कि तुम मुझे यह लंड दे दो मैं उसे अपनी चूत मे लूंगी। मैंने तुरंत ही अपने लंड को निकालते हुए उसके मुंह में दे दिया। वह उसे बहुत अच्छे से चूसने लगी और थोड़ी देर बाद उसने अपने कपड़ों को खोलते हुए अपने दोनों पैरों को मेरे आगे कर दिया। मैंने जब उसकी चूत को देखा तो वह बहुत ही नर्म और मुलायम थी। मैंने भी तुरंत अपने लंड को उसकी चूत में घुसेड़ दिया। जब मैंने अपने मोटे लंड को उसकी चूत में डाला तो वह चिल्लाने लगी और कहने लगी तुम्हारा लंड तो बहुत ही मोटा और अच्छा है मुझे बहुत ही मजा आ रहा है।
अब मैं उसे ऐसे ही धक्के दे रहा था और वह मादक आवाज निकालने लगी और वह कह रही थी कि मुझे बहुत ही मजा आ रहा है। मै उसे ऐसे ही चोदने में लगा हुआ था वह मुझसे बहुत ज्यादा खुश हो रही थी और कहने लगी कि राजेश तो मुझे इतना अच्छे से नहीं चोदता है लेकिन तुमने मेरी इच्छा पूरी कर दी है। शादी के बाद मैंने तुम्हारे साथ ही अच्छे से सेक्स किया है। मैंने भी उसके मुंह के अंदर अपने लंड को डाल दिया वह उसे अच्छे से सकिंग करने लगी। वह इतने अच्छे से मेरा लंड चूस रही थी कि मेरा वीर्य उसके मुंह के अंदर ही जा गिरा और वह बहुत ही खुशी थी। वह कहने लगी तुमने तो मेरी इच्छाओं को पूरा कर दिया अब जब भी मुझे मौका मिलता तो मैं रमा की चूत मार देता। पंरतु अब वह विदेश चली गई लेकिन मेरी उससे फोन पर बात हो जाया करती है और वह भी किसी न किसी बहाने से घूमने के लिए आ जाती है। तब मैं उसे बहुत ही अच्छे से चोदता हूं।