मेरी प्यारी भाभी

desi sex kahani, antarvasna

मेरा नाम प्रेम है और मैं बिलासपुर का रहने वाला हूँ | मेरी उम्र 22 साल है और मैंने हाल ही में अपना ग्रेजुएशन कम्पलीट किया है | मेरी हाईट 5 फुट 9 इंच है और मेरा बदन गठीला है | मैं अभी गेट एग्जाम की भी तैयारी कर रहा हूँ और मैंने अपना ग्रेजुएशन इंजीनियरिंग से किया हुआ है | दोस्तों आज जो मैं अपनी कहानी लिकने जा रहा हूँ ये मेरी पहली कहानी है और मेरे जीवन की एक दम सच्ची घटना है और मैं आशा करता हूँ कि आप लोगो को मेरी कहानी पसंद आयगी | तो अब मैं आप लोगो का ज्यादा समय बर्बाद न करते हुए अपनी कहानी शुरू करता हूँ | ये घटना दो साल पहले की है जब मैं लास्ट इयर में था | मेरे घर में पापा, मम्मी, एक सबसे बड़ी बहन थी जिसकी शादी हो चुकी है | एक बड़ा भाई है और उसकी शादी भी हो चुकी है | मेरी भाभी का नाम निशि है और वो दिखने में बहुत सुन्दर है | उनकी उम्र 25 साल है और वो बहुत सेक्सी है | मैंने कभी उनको उस नजर से नहीं देखा था लेकिन एक दिन मेरे साथ ऐसा हुआ था कि मैं भाभी को प्यार करने लगा था | मैं सच कहूँ तो दोस्तों अपनी भाभी को मैं चोदना चाहता था |

मेरी भाभी के मम्मे 28 के हैं और कमर 34 है और चूतड़ 26 के हैं | भाभी ज्यादातर घर में गाउन ही पहने रहती थी | एक दिन की बात है छुट्टी का दिन था | मैं उस समय बस केप्री में था और टीवी देख रहा था | पापा प्राइवेट जॉब करते है इसलिए उन्हें छुट्टी नहीं मिली सन्डे को | भैया भी प्राइवेट जॉब करते हैं इसलिए उन्हें भी छुट्टी नहीं मिली | मम्मी मंदिर गई हुई थी और घर में बस मैं और भाभी ही थे | भाभी उस समय झाड़ू लगा रही थी | मेरी नजर एक दम से भाभी के लटकते मम्मों पर चली गई | भाभी का गाउन डीप गले का है | जिसमे से मुझे उनके मम्मों नालियाँ दिख रही थी | ये देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया | भाभी ने कहा कि प्रेम अपने पैर ऊपर कर लो मुझे नीचे झाड़ू लगाना है | मैंने पैर ऊपर नहीं किआ और साइड में कर के लेट गया | भाभी के मम्मे ठीक मेरी आँखों के सामने थे | मैं बार बार उनके माम्मों को ही देख रहा था | फिर भाभी झाड़ू लगाने के बाद वो फिर पोछा लगाने आ गई | अब वो झुक कर पोछा लगा रही थी और मेरी नजर उनके चूतड़ पर टिक गई | बाप रे इतने बड़े चूतड़ | देख कर तो मेरा पूरे सब्र का बाँध टूटने लगा था | मैं अपने हाँथ से अपने लंड को दबाए रखा था और तभी भाभी बोली प्रेम तू कितने देर से टीवी देख रहा है जा जा कर नहा कर फ्रेश हो जा | मैं भाभी की बात कभी नहीं टालता इसलिए मैंने सोचा कि हाँ यार सही तो बोल रही है भाभी | मैं जैसे ही उठा तो याद आया कि मेरा लंड तो खड़ा है | मैंने अपने केप्री में बने तम्बू पर हाँथ रख दिया और वैसे ही चलने लगा | भाभी ने पुछा क्यूँ प्रेम ऐसे क्यूँ चल रहा है ? मैंने कहा कुछ नहीं भाभी वो बहुत जोर से सुस्सू लगी है | भाभी बोली अच्छा चल ठीक है | मैं जल्दी से बाथरूम गया और वहां जा कर सबसे पहले मैंने दो बार भाभी के नाम की मुट्ठ मारा | तब जा कर मुझे शांति मिली | फिर नहा कर अपने रूम चला गया | रेडी हो कर वहीँ लेटा हुआ था तभी मुझे नीचे मम्मी की आवाज़ आई तो मैं समझ गया मम्मी आ चुकी हैं | वो दिन तो ऐसे ही निकल गया | अगले दिन मैं भी कॉलेज चला गया और पापा और भैया दोनों ऑफिस चले गए |

मैं दोपहर को 3 बजे घर आया दरवाजा खुला था तो मुझे लगा शायद कोई आया होगा इसलिए दरवाजा खुला होगा | पर जब मैं अन्दर गया तो कोई भी नहीं था | मैंने आवाज़ नही दिया और सीधा भाभी के रूम गया | भाभी उस समय गाउन में थी और सो रही थी | भाभी का गाउन घुटनों तक ऊपर था और भाभी के चूतड़ उठे हुए बड़े सेक्सी लग रहे थे | मन तो कर रहा था कि भाभी को अभी नंगा कर के चोद दूं पर क्या गांड में इतनी कूबत नहीं थी | मैंने भाभी को आवाज़ दिया | भाभी गहरी नींद में सोई हुई थी | मैंने भाभी को पलटाया तो उनके मम्मों का उभार ऊपर की ओर था ये देख कर तो मेरा लंड तुरंत ही खड़ा हो गया | मैंने सोचा कि सोने दो भाभी को | फिर मैंने अपने कपडे बदला और फिर नीचे जा कर चेक किआ कि कोई है तो नहीं | जब कोई नहीं था तो मैं फिर भाभी के कमरे में चला गया | भाभी अब भी सो रही थी तो मैं भाभी के गया और उनके पैरो को सहलाने लगा | भाभी की तरफ से कोई विरोध न देख कर मेरी हिम्मत और बढ़ गई | मैं भाभी के गाउन के अन्दर हाँथ डाल कर ऊपर बढ़ता ही चला गया और तब मैंने देखा कि भाभी ने अन्दर पेंटी पहनी ही नहीं है और उनकी चूत के पास कुछ था वो मुझे समझ नहीं आया | जैसे ही मैंने उस चीज़ को खींचा तो मेरे होश उड़ गए | ये तो डिलडो था | भाभी की नींद भी खुल गई और वो एक दम से चौंक कर उठी |

मैंने भाभी से पुछा भाभी ये सब क्या है ? भाभी शर्म के कारण कुछ बोल नहीं पा रही थी | जब मैंने ज्यादा फाॅर्स दे कर पुछा कि भाभी बोलो ये क्या है ? ये आपकी जरूरत क्यों हैं ? क्या भैया आपको ठीक से प्यार नहीं करते ? क्या भैया आपको संतुष्ट नहीं कर पाते | तो भाभी मेरे कंधे में सिर रख कर रोने लगी और कहने लगी प्रेम में तुझे क्या बताऊँ ? तेरे भैया का वो बहुत छोटा है जिससे मेरी आग नहीं बुझ पाती | मैं तुम्हारे भैया से बहुत प्यार करती हूँ इसलिए मैं किसी और साथ सेक्स करने का सोच भी नहीं सकती | बताओ मैं क्या करूँ ? मैंने सोचा कि यही सही मौका है | मैंने तुरंत अपनी केप्री उतार दिया और मेरा 8 इंच का लंड तनतानाता हुआ भाभी के सामने आ गया | मैंने भाभी से कहा भाभी इस लंड के बारे में आपकी क्या राये है | भाभी ने मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा दी और उन्होंने एक हाँथ से मेरे लंड को पकड़ा ऊपर नीचे करते हुए हिलाने लगी | मैंने भी भाभी के होंठ से होंठ लगा कर उनके होंठ को चूसने लगा और भाभी मेरा साथ देते हुए मेरे होंठ को चूसने लगी | उसके बाद मैंने भाभी के गाउन को उतार दिया और भाभी पूरी नंगी थी मेरे सामने | उनके बड़े बड़े मम्मे मेरी आँखों के सामने थे और मैंने उनके मम्मों को अपने मुंह में ले कर चूसने लगा तो भाभी के मुंह से आहा उन्हुम्ह औअंह आहा उन्हुम्ह औअंह आहा उन्हुम्ह औअंह की सिस्कारियां निकलने लगी | मैं भाभी के मम्मों को जोर जोर से मसल कर चूस रहा था और भाभी आहा उन्हुम्ह औअंह आहा उन्हुम्ह औअंह आहा उन्हुम्ह औअंह की सिस्कारियां लेते हुए मेरे लंड को जोर जोर से हिलाने लगी | फिर भाभी ने मेरे लंड को अपने मुंह में भर कर चूसने लगी तो मेरे मुंह से भी आहा उन्हुम्ह औअंह आहा उन्हुम्ह औअंह आहा उन्हुम्ह औअंह की सिसकियाँ निकलने लगी | भाभी मेरे लंड को बहुत अच्छे से चाट रही थी और चूस रही थी और मैं आहा उन्हुम्ह औअंह आहा उन्हुम्ह औअंह आहा उन्हुम्ह औअंह करते हुए उनकी पीठ को सहला रहा था | भाभी ने मेरे लंड को करीब 15 मिनट तक चूसा | फिर मैंने भाभी को लेटा दिया और उनकी चूत को चाटने लगा तो भाभी आहा उन्हुम्ह औअंह आहा उन्हुम्ह औअंह आहा उन्हुम्ह औअंह करते हुए अपने मम्मों को दबाने लगी |

मैं भाभी चूत के अन्दर तक जीभ डाल कर चाट रहा था और भाभी आहा उन्हुम्ह औअंह आहा उन्हुम्ह औअंह आहा उन्हुम्ह औअंह करते हुए मदमस्त हो रही थी | थोड़ी देर बाद मैंने अपने लंड को भाभी की चूत में रख कर अन्दर घुसेड दिया और चोदने लगा धक्के मारते हुए और भाभी आहा उन्हुम्ह औअंह आहा उन्हुम्ह औअंह आहा उन्हुम्ह औअंह करते हुए जोर जोर से अपने मम्मों को मसल रही थी | फिर मैंने अपनी चुदाई तेज कर दिया और जोर जोर से चोदने लगा और भाभी आहा उन्हुम्ह औअंह आहा उन्हुम्ह औअंह आहा उन्हुम्ह औअंह करते हुए अपनी गांड उठा उठा कर चुदाई में साथ दे रही थी | करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद मैंने अपना वीर्य भाभी के ऊपर ही झड़ा दिया | मैंने भाभी से पुछा कैसा लगा ? तो उन्होंने कहा प्रेम कसम से आज चुदाई में तो मजा ही आ गया |

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