अनजान लड़की ट्रेन में मिली

kamukta, antarvasna

मेरा नाम राजीव है मैं बनारस का रहने वाला हूं, मेरी उम्र 24 वर्ष है। मैं पुणे से एमबीए की पढ़ाई कर रहा हूं, यह मेरा आखिरी वर्ष है, मुझे पुणे में 10 वर्ष के करीब हो गया है और मैं अपनी पढ़ाई में बहुत ही ज्यादा ध्यान देता हूं। मैं पढ़ने में भी पहले से ही अच्छा था इसीलिए मेरे पिताजी ने मुझे आगे की पढ़ाई के लिए पुणे भेज दिया, वह चाहते थे कि मैं एक अच्छे कॉलेज में पढूं इसीलिए मैं पुणे के एक अच्छे कॉलेज में पढ़ाई कर रहा हूं और जिस प्रकार से उन्होंने  मुझे एक अच्छे कॉलेज में पढ़ने के लिए भेजा मैं हमेशा ही उनके लिए सोचता हूं क्योंकि वह ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं। मेरे पिताजी स्कूल में एक कलर हैं, मैं हमेशा ही उन्हें ध्यान में रखकर अपनी पढ़ाई करता हूं और सोचता हूं कि किस प्रकार से उन्होंने मुझे इतनी दूर पढ़ने के लिए भेजा।

मैं कॉलेज के हॉस्टल में रहता हूं, मेरी एक बार कॉलेज में किसी बात को लेकर कुछ लड़कों के साथ बहस हो गई थी, वह बात बहुत ज्यादा बढ़ गई जिसकी वजह से कॉलेज प्रशासन ने मेरे घर वालों को कॉलेज में बुला लिया, मैं नहीं चाहता था कि उनके सामने मेरी बेइज्जती हो लेकिन जब यह बात मेरे पापा को पता चली तो उन्होंने मुझे कहा कि तुम यदि अपनी पढ़ाई में ध्यान नहीं दे पा रहे हो तो तुम आपस आ जाओ। वह अच्छे व्यक्ति होने के साथ साथ बहुत सख्त किस्म के भी हैं। मैंने उन्हें कहा कि ऐसी कोई भी बात नहीं हुई है, उन लड़कों ने हीं मेरे साथ बदतमीजी की थी इसीलिए मैंने भी उन्हें उसका जवाब दे दिया जिस वजह से कॉलेज प्रशासन को पता चल गया और उन्होंने आपको नोटिस भिजवा दिया। मैंने उस दिन अपने पापा को तो मना लिया लेकिन कॉलेज में वह लोग मेरी बात मानने को तैयार नहीं थे, मैंने उन्हें बहुत समझाया लेकिन वह लोग बिलकुल भी मेरी बात सुनने को तैयार नहीं थे। वह मुझे कहने लगे कि तुम्हें अपने पापा को तो कॉलेज में बुलाना ही पड़ेगा क्योंकि हमारे कॉलेज के रूल बडे ही शक्त थे इसीलिए मुझे अपने पापा को कॉलेज में बुलाना पड़ा।

जब वह आए तो उन्होंने कॉलेज में मेरे टीचर बात की, उन्होंने उस दिन तो वार्निंग देकर छोड़ दिया परंतु मेरे पापा अपने स्कूल से छुट्टी लेकर आए थे और मुझे बहुत बुरा लग रहा था कि वह मेरे लिए इतनी दूर आए। मैंने पापा को कहा कि मेरी वजह से आपको इतनी तकलीफ हुई, वह कहने लगे कोई बात नहीं यदि तुम गलत नहीं हो तो मैं तुम्हारा साथ हमेशा दूंगा। मैंने उनके लिए रुकने के लिए एक गेस्ट हाउस में बात की थी और वह वहीं रूके, जब वह वहां रुके थे तो उस दिन मैंने पापा के साथ ही बाहर डिनर किया। जब मेरे पापा मेरे साथ बैठे हुए थे तो वह मुझसे पूछने लगे  तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है, मैंने उन्हें कहा पढ़ाई तो अच्छी चल रही है  परन्तु आपको मेरी वजह से बहुत ही दुख हुआ होगा,  वह कहने लगे कोई बात नहीं तुम यदि पहले ही यह बात बता देते तो मैं खुद ही आ जाता लेकिन अब मेरे पिताजी पूरी तरह से संतुष्ट हो चुके थे इसलिए वह कहने लगे कोई बात नहीं तुम अपनी पढ़ाई में ध्यान दो कभी कबार ऐसा हो जाता है। मैंने अपने पिताजी को गेस्ट हाउस में छोड़ा, उसके बाद मैं वहां से अपने हॉस्टल आ गया, जब मैं अपने हॉस्टल में पहुंचा तो मैंने अपने पापा को फोन कर दिया, वह मुझे कहने लगे मेरी कल सुबह की ट्रेन है मैं सुबह सुबह ही निकल जाऊंगा। वह कहने लगे तुम अपना ध्यान रखना और अगली सुबह वह बनारस के लिए निकल पड़े, जब वह बनारस पहुंच गए तो उन्होंने मुझे फोन कर दिया और कहने लगे मैं घर पहुंच चुका हूं। उनके जाने से मुझे भी बहुत अजीब सा लग रहा था इसलिए मैं भी सोचने लगा मैं भी कुछ दिनों बाद घर चला जाता हूं, कुछ दिनों के बाद हमारे कॉलेज की छुट्टियां पढ़ने वाली थी तो मैंने अपना रिजर्वेशन पहले ही करवा लिया था। मैंने अपना रिजर्वेशन करवाया तो मैंने अपने पापा को बता दिया कि मैं कुछ दिनों के लिए घर आ रहा हूं क्योंकि कॉलेज की छुट्टियां पड़ रही है। यह बात सुनकर मेरे पापा मम्मी बहुत खुश हो गए और वह कहने लगे तुम्हारी कितने दिनों की छुट्टियां है, मैंने उन्हें कहा कि 20 दिन की हमारी छुट्टियां हैं और मैं यहां से कुछ दिनों में ही निकल जाऊंगा। मैं जब अपने घर के लिए निकला तो मैं ट्रेन में ही बैठा हुआ था, मेरे आसपास काफी लोग बैठे हुए थे, मेरे सामने ही एक परिवार था वह मुझसे पूछने लगा कि क्या कम पुणे के रहने वाले हो, मैंने उन्हें कहा नहीं मैं बनारस का रहने वाला हूं।

मैं अब अपनी सीट में लेट गया, ट्रेन भी अपनी रफ्तार से चल रही थी, मैं अपने लैपटॉप में ही मूवी देख रहा था और जब एक स्टेशन में ट्रेन रुकी तो मैं ट्रेन से नीचे उतर गया, मैंने बाहर से एक पानी की बोतल ली और कुछ देर तक मैं बाहर ही टहलका रहा। जब ट्रेन निकलने वाली थी तो मैं ट्रेन में चढ़ गया। मैं जब ट्रेन में चढ़ा तो मुझे सामने ही एक लड़की दिखाई दे गई वह जींस और टॉप पहने हुए बैठी हुई थी उसने वाइट कलर का टॉप पहना हुआ था उसमें वह बड़ी ही सेक्सी लग रही थी। मैं दरवाजे के सामने ही खड़ा हो गया और उसे देखने लगा। मैं काफी देर तक उस पर अपने नजरों से बाण चलाता रहा, जब उसकी नजर मुझ पर पड़ी तो वह भी बड़े ध्यान से मुझे देख रही थी कुछ देर मैंने उसे इशारा किया और अपने पास बुला लिया। वह दरवाजे के पास आ गई, हम दोनों वहां पर खड़े होकर बात करने लगे उसका नाम रूपल था। रूपल और मेरी काफी देर तक बात हुई जब वह मेरे साथ सेक्स करने के लिए तैयार हो गई तो हम दोनों ही बाथरूम में घुस ग।ए मैंने जब रूपल के गुलाबी होठों को बहुत देर तक रसपान किया और उसके होठों से खून निकाल दिया तो मैं बहुत खुश हो गया।

जब मैंने उसके स्तनों को चूसा तो उसके छोटे से स्तन मैंने काफी देर तक चूसे, उसके निप्पल भी बड़े गोल थे और उन्हें चूसकर मुझे बहुत मजा आ रहा था। उसकी योनि से पानी बाहर की तरफ निकलने लगा था और वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो गई थी। मैंने जब रूपल से कहा तुम अपनी जींस को उतार दो, जब उसने अपनी जींस के बटन को खोला तो उसने अंदर से ब्लैक कलर की पैंटी पहनी हुई थी, उसमें वह बड़ी सेक्सी दिख रही थी। उसने जैसे ही अपनी जींस को नीचे उतारा तो मैंने उसकी योनि के अंदर अपनी उंगली डाल दी उसकी योनि बड़ी ही टाइट थी और वह पूरी तरीके से मेरे साथ सेक्स करने को उतारू थी। जब मैंने उसे घोड़ी बनाया तो मैंने धीरे धीरे उसकी योनि के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दिया। जैसे ही मेरा लंड उसकी योनि के अंदर घुसा तो वह चिल्लाने लगी और कहने लगी तुम्हारा लंड तो बड़ा ही मोटा है। मैंने उसकी गांड को पकड़ कर रखा और बड़ी तेज गति से मैंने अपने लंड को उसकी योनि के अंदर बाहर करना जारी रखा। मैं जब भी अपने लंड को अंदर करता तो वह अपने मुंह से मादक आवाज निकालती और मुझे अपनी ओर आकर्षित करती। मैंने उसकी चूत बहुत देर तक मारी जब उसकी चूत ने कुछ ज्यादा ही तरल पदार्थ छोड़ना शुरू किया तो मुझे लग गया कि अब यह झडने वाली है। मुझे उसे चोदते हुए 5 मिनट हो चुके थे और उन 5 मिनट में मैंने उसे 250  झटके मार दिए थे लेकिन मेरे झटके इतनी तेज थे कि मेरे झटको से रूपल को दर्द होने लगा था। उसकी चूतड लाल हो चुकी थी, उसकी चूतड का साइज बड़ा गोल सा था उसकी टांगें भी बहुत लंबी थी। मैंने उसे बड़ी तेज गति से झटके मारे जैसे ही मेरा वीर्य उसकी टाइट योनि के अंदर गिरने वाला था तो वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो गई। मैंने उसे तेजी से झटके देने शुरू कर दिए मेरा वीर्य इतनी तेजी से गिरा कि उसे बिल्कुल भी पता नहीं चला। वह सोच रही थी मेरा वीर्य अभी भी नहीं गिरा है लेकिन मेरा वीर्य गिर चुका था। मैंने जब अपने लंड को बाहर निकाला तो वह मुझे कहने लगी डार्लिंग तुम तो बड़े ही सेक्सी हो मुझे तुम्हारे साथ संभोग कर के बड़ा मजा आ गया। मैंने भी रूपल के साथ बहुत अच्छे से सेक्स किया लेकिन उसके बाद ना तो कभी वह मुझे मिली और ना ही मेरा उससे कोई संपर्क हो पाया। मैं अब भी उसकी खोज में हूं मै उसे हमेशा ही हर जगह तलाशने की कोशिश करता हूं लेकिन अभी तक वह मुझे नहीं मिली।

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