antarvasna, hindi sex stories मेरा नाम रोहित है मेरी पैदाइश हरियाणा के रोहतक की है परंतु मेरे पिताजी मेरे मामा के कहने पर दिल्ली आकर बस गए और हमें दिल्ली में आए हुए 10 वर्ष हो चुके हैं, मैंने अपनी कॉलेज की पढ़ाई दिल्ली से ही की है, जब मेरी पढ़ाई पूरी हो गई तो उसके बाद मुझे दिल्ली में ही नौकरी मिल गई, मैं दिल्ली में ही नौकरी कर रहा हूं और मेरी शादी भी हो चुकी है, मेरी शादी को दो वर्ष हो चुके हैं,मेरी पत्नी का नाम संजना है, वह दिखने में बहुत ही सुंदर है। जब मेरी संजना से पहली बार मुलाकात हुई थी तो मैंने उसे देखते ही पसंद कर लिया था और अपने माता पिता से कह दिया था कि मुझे संजना बहुत पसंद है उसके कुछ समय बाद मेरे माता-पिता ने मेरी शादी संजना से करवा दी, जब हम दोनों की शादी हो गई तो कुछ वक्त तो हम दोनों का रिलेशन बहुत ही अच्छा रहा लेकिन जब उसने मुझे दीपक से मिलवाया तो मुझे उस पर थोड़ा शक होने लगा मुझे शायद इस बात का कभी पता नहीं चलता यदि संजना के ऑफिस में काम करने वाली उसकी दोस्त मुझे इस बारे में नहीं बताती।
दीपक पहली बार हमारे घर पर उस वक्त आया था जब हमारे घर में एक छोटा सा प्रोग्राम था संजना ने मुझे दीपक से मिलवाया तो मुझे उसने यह कह कर मिलवाया था कि यह मेरा कॉलेज का दोस्त है, मुझे उस वक्त सब कुछ नॉर्मल लगा मैंने भी दीपक से बड़े अच्छे से बात की और उसे अपने साथ बड़े ही तमीज से बैठा कर बात की, वह उस दिन हमारे घर पर काफी देर तक रुका रहा उस दिन मेरी दीपक के साथ काफी समय तक बात हुई और उसके बाद तो जैसे उसके हमारे घर पर आना जाना हमेशा होने लगा, वह कुछ ज्यादा ही हमारे घर पर आने लगा था मुझे यह बिल्कुल ठीक नहीं लगता था, मैंने इस बारे में संजना से भी बात की तो संजना मुझे कहने लगी वह मेरा अच्छा दोस्त है और यदि वह हमारे घर पर आ भी जाता है तो इसमें क्या दिक्कत है, मैंने उसे कहा मुझे कोई आपत्ति नहीं है परंतु मम्मी पापा इस बारे में क्या सोचते होंगे, वह सोचते होंगे कि दोस्त तो हमेशा ही इनके घर पर आते रहते हैं और अब तुम एक शादीशुदा जीवन में हो यदि इस प्रकार से तुम करोगी तो यह बिल्कुल सही नहीं है।
वह मुझे कहने लगी तुम भी अब अपने मम्मी पापा की तरह सोचने लगे हो तुम्हारी सोच में भी कुछ फर्क नहीं पड़ा है, तुम मुझ पर अब शक करने लगे हो? मैं यह सब बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करूंगी, उसने मुझे जिस तरीके से उस दिन समझाया मुझे लगा कि यह बिल्कुल ही साफ है और इसके दिल में ऐसा कुछ भी नहीं है, कुछ दिनों तक मैं इन बातों को भूल चुका था लेकिन यह बात दोबारा से उस वक्त उठी जब मेरी मुलाकात उसकी एक सहेली से हुई, उसका नाम रचना है, रचना एक दिन मुझे मॉल में मिली, उस दिन मैं मॉल में गया हुआ था उस दिन जब मेरी मुलाकात रचना से हुई तो रचना मुझे कहने लगी और रोहित कैसे हो? मैंने उसे कहा मैं तो बढ़िया हूं। तुम सुनाओ तुम्हारी जॉब कैसी चल रही है? वह कहने लगी जॉब तो बहुत बढ़िया चल रही है। उसने मुझे कहा आओ कुछ देर हम लोग यहीं बैठते हैं, हम लोग मॉल के बाहर ही कुछ देर बैठ गए और आपस में बात करने लगे, बातों ही बातों में जब उसने मुझे दीपक और संजना के बारे में बताया तो मुझे बहुत बुरा लगा, मैंने सोचा शायद रचना कि संजना से कोई दुश्मनी हो इसलिए उसने यह बात कही, मैंने इस बात को बहुत हल्के में लिया और सोचा कि चलो इस बात को रहने दो लेकिन एक दिन जब मैंने संजना का फोन चेक किया तो उस दिन मुझे सब कुछ पता चल गया। दीपक और उसके बीच में बहुत सी बातें होती थी और उन दोनों के बीच में रिलेशन भी काफी पहले से है, अब मैं इन चीजों के पीछे पड़ गया कि वह दोनों एक दूसरे को कब से जानते हैं इसके लिए एक दिन मैं दीपक के घर भी गया, जब मैं दीपक के घर गया तो मैं उसकी पत्नी से मिला उसकी पत्नी बड़ी अच्छी और सीधी है उनकी शादी को भी अभी ज्यादा समय नहीं हुए हैं दीपक के माता पिता गांव में ही रहते हैं।
मैंने जब उसकी पत्नी से इस बारे में बात की तो वह मुझे कहने लगे आपको इस बारे में कैसे पता, मैं तो अपने पति पर बहुत भरोसा करती हूं, मैंने जब उसे अपनी पत्नी के मैसेजेस और अपनी पत्नी के फोन डिटेल दिखाएं तो वह भी बड़ी चौक गयी, मैंने पायल से कहा तुम्हें मेरे लिए एक काम करना है, जब दीपक घर पर आए तो तुम्हें उस पर नजर रखनी है और उसका फोन भी चेक करना कि वह किससे बात कर रहा है, तुम्हें मुझे यह सब बताना है। मैंने पायल का नंबर ले लिया था और इस बारे में हम दोनों जानना चाहते थे कि दीपक और संजना के बीच में आखिर चल क्या रहा है, मैं इस बात से बहुत ज्यादा दुखी भी था क्योंकि मैंने कभी भी संजना के बारे में ऐसा नहीं सोचा था उसने मेरे प्यार के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ किया था इसलिए मैं उसे बिल्कुल भी माफ नहीं करने वाला था और पायल भी इस बात से बहुत ज्यादा दुखी थी, हम दोनों को इस बात का पूरी तरीके से सबूत मिल गए कि वह दोनों एक दूसरे को काफी बरसों से जानते हैं और उनका कॉलेज से ही रिलेशन है, हम दोनों इस बात से बहुत ही दुखी हो गए। हम दोनों उसके बाद अक्सर मिलने लगे मुझे भी पायल के साथ बात करके काफी हल्का महसूस होता। मैं संजना को भी छोड नहीं सकता था क्योंकि मैंने ही उससे शादी के लिए घर में कहा था, उसी बीच मेरी पायल से नजदीकियां बढ़ने लगी।
हम दोनों एक दूसरे से मिलने लगे पायल की इच्छाओं को दीपक पुरा नही कर रहा था इसलिए एक दिन वह बड़ी उदास बैठी थी, हम दोनों बात करने लगे जब हम दोनों की सहमति सेक्स को लेकर हो गई तो वह मुझे अपने बेडरूम में ले गई। उसने अपने कपड़े उतारने शुरू किए उसका बदन बड़ा ही हॉट और सेक्सी था उसका फिगर देखकर मेरा लंड उसकी चूत में जाने के लिए उत्सुक हो गया। जब उसके बदन को मैंने अपने हाथों से सहलाना शुरु किया तो मेरा लंड एकदम से खड़ा होकर बाहर निकलने लगा। उसने जब मेरे लंड को अपने हाथों से हिलाया तो मुझे बहुत अच्छा लगने लगा उसने कुछ देर तक मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसा। जब हम दोनों पूरे तरह एक दूसरे के बदन में डूब गए तो मैंने उसके स्तनों का रसपान करना शुरू किया। उसके शरीर से इतनी गर्मी निकलने लगी उसकी चूत ने भी पानी छोड़ दिया था। मैंने उसकी चूत के अंदर उंगली डाली तो वह पूरी गीली हो चुकी थी मैंने भी अपने लंड को उसकी चिकनी चूत पर लगाते हुए अंदर प्रवेश करवा दिया। जब मेरा लंड उसकी चूत की गहराइयों में चला गया तो वह अपने मुंह से आवाज निकालने लगी, वह जिस प्रकार से मेरा साथ देती मुझे यह पता चल चुका था कि वह कितने दिनों से सेक्स की भूखी बैठी है। मैंने उसकी दोनों जांघों को अपने कंधों पर रखते हुए उसे बड़ी तेज चोदना शुरू किया।
वह मुझे कहने लगी रोहित तुमने आज मेरी इच्छा पूरी कर दी, दीपक ने तो जैसे मेरे हुस्न की तरफ देखना ही बंद कर दिया और ना जाने उसे संजना के हुस्न में ऐसा क्या लगा क्या मुझ में कोई कमी है। मैंने उसे कहा तुम्हारे अंदर तो कोई भी कमी नहीं है तुम्हें चोदकर मैं अपने आप को बहुत ही खुश महसूस कर रहा हूं तुम्हारे सामने तो संजना का बदन कहीं भी नहीं टिकता यह कहते हुए वह भी अपने आपको बहुत गौरवान्वित महसूस करने लगी। वह मुझे कहने लगी रोहित अब तो तुम मुझे और भी तेजी से चोदो मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। मैंने उसे बड़ी तेज गति से चोदना प्रारंभ कर दिया जब उसकी चूत कुछ ज्यादा ही तरल पदार्थ बाहर छोडने लगी तो वह मुझे कहने लगी अब मैं झड़ने वाली हूं। उसने मुझे यह कहते हुए अपने दोनों पैरों के बीच में मुझे जकड़ लिया मैं उसे तेजी से धक्के मार रहा था लेकिन कुछ ही समय बाद मेरा वीर्य उसकी चूत में गिर गया। जब मेरा वीर्य पायल की चूत मे गया तो वह कहने लगी तुमने आज मेरी इच्छा पूरी कर दी मैं कब से अपनी चूत मरवाने के लिए तैयार बैठे थी लेकिन दीपक ने तो मेरी तरफ देखना ही बंद कर दिया। मैंने उसे कहा आज के बाद तुम्हें कभी किसी की तरफ देखने की आवश्यकता नहीं है मैं आज के बाद तुम्हारी इच्छाओं को पूरा करता रहूंगा। मेरा भी अब बदला पूरा हो चुका था, यह बात संजना और दीपक को हम दोनों ने कभी पता ही नहीं चलने दी।