bhabhi sex stories, antarvasna
हेल्लो दोस्तों कैसे है आप लोग मुझे आशा है की आप लोग ठीक ही होंगे | अज मैं आप लोगों के लिए बहुत ही मस्त कहानी लेकर आया हूँ | ये मेरी पहली और सच्ची कहानी है जो की मेरी जीवन की एक हसीन घटना पर आधारित है | मेरा नाम अमर है और मैं पटना का रहने वाला हूँ | मेरी उम्र 23 साल है और मैं काफी हैण्डसम भी हूँ | अब मैं आप सब को ज्यादा इन्तजार ना करवाकर सीधे कहानी पर ले चलता हूँ |
ये कहानी कुछ दिन पहले की है जब मेरे एक दोस्त जा जन्मदिन था | उसके जनम दिन की पार्टी मनाने के लिए हम कुछ दोस्त एक माल में पहुंचे | हम सभी मिलकर पांच लोग थे हम सभी लोग मिलकर मस्ती कर रहे थे | मैं और मेरा दोस्त कमलेश हम दोनों आर्डर बोलने के लिए काउंटर की लाइन में पहुंचे हम दोनों वहां पहुंचे ही थे की एक भाभी वहां से काफी लेकर मुड़ी और मुझसे आकर टकरा गयी | उनकी साड़ी काफी मेरी शर्ट पर गिर गयी पहले तो मुझे बहुत गुस्सा आया पर वो सॉरी बोलने लगी | मैंने उनको जैसे ही देखा मेरा सारा गुस्सा शांत हो गया क्यूंकि वो थी इतनी खूबसूरत | उन्होंने मुझसे कहा सॉरी आपकी पूरी शर्ट मेरी वजह से खराब हो गयी चलो मैं आपको नयी शर्ट दिला देती हूँ | मैंने कहा कोई बात नहीं है मैं ले लूँगा पर वो नहीं मानी उन्होंने कहा नहीं अगर आप शर्ट नहीं लेंगे तो मैं समझूंगी की आपने मुझे माफ़ नहीं किया | मैंने कहा कोई बात नहीं मैंने आपको माफ़ कर दिया | पर वो जिद करने लगी और कहने लगी की आपको शर्ट लेनी ही पड़ेगी |
जब वो बहुत कहने लगी तो मुझे उनकी बात माननी पड़ी मैंने कमलेश से कहा की तू आर्डर देकर चल मैं अभी आता हूँ | फिर मैं उनके साथ एक एक शॉप पे पहुंचा और शर्ट देखने लगा मैंने उनसे कहा की आप मेरी कुछ मदद कीजिये | तो उन्होंने एक शर्ट सेलेक्ट की और मुझे देते हुए उन्होंने कहा की ये अच्छी है और आप पर और भी अच्छी लगेगी | मैंने चेंजिंग रूम में जाकर उसको पहना और बहार निकला वो शर्ट मुझपर सच में बहुत अच्छी लग रही थी | मैंने उनको धन्यवाद बोला तो वो मुझसे कहने लगी की वो क्यूँ | तो मैंने उनसे कहा की आपकी पसंद बहुत ही अच्छी है इसीलिए | फिर उन्होंने जाकर उस शर्ट के पैसे दिए फिर मैंने उनसे पुछा की आप अकेली आई हो | तो उन्होंने कहा हाँ मैं अकेले ही आई हूँ | मैंने सोंचा क्यूँ न मैं इनको पटा लूं | फिर मैंने उनकी तारीफ करते हुए उनसे कहा की आप बहुत ही खूबसूरत है | तो वो शर्मा गयी और कहने लगी की तुम भी ना | मैंने उनसे पूछा आपका नाम क्या है | उन्होंने अपना नाम पल्लवी बताया | मैंने कहा की आपका नाम भी आपकी तरह बहुत अच्छा है | फिर उन्होंने मेरा नाम पुछा | मैंने अपना नाम उनको बताया |
वो मुझसे पूछने लगी की तुम यहाँ मॉल में क्या करने आये हो तो मैंने उनको बताया की मेरे एक दोस्त का जन्मदिन है और हम सब मिलकर उसका जन्म दिन मनाने आये है | मैंने उनसे कहा की अगर आप चाहे तो हम लोगो को ज्वाइन कर सकती है | उन्होंने कहा नहीं मैं क्या करूंगी आप लोगो के साथ में | मैंने कहा की पार्टी करना और क्या | फिर उन्होंने कहा की अरे तुम्हारे दोस्तों को अच्छा नहीं लगेगा | मैंने कहा की अगर आप चलेंगी तो वो सब और खुश हो जायेंगे | उन्होंने कहा चलो तुम इतना कह रहे हो तो मैं मना भी नहीं कर सकती | फिर उसने कहा की चलो तुम्हारे दोस्त के लिए कुछ गिफ्ट खरीद लेते है | मैंने कहा की क्या जरूरत है आप ऐसे ही चलिए | पर वो कहने लगी नहीं तो फिर मैं नहीं जाउंगी | मैंने कहा चलो बाबा जैसी तुम्हारी मर्जी फिर उन्होंने एक बहुत ही महंगी घडी खरीदी | मैं मन में सोंच रहा था की भाभी के पास बहुत पैसा है | वो सच में बहुत अमीर घर की लग भी रही थी |
फिर हम दोनों मेरे दोस्तों के पास पहुंचे मैंने उनको अपने सभी दोस्तों से मिलवाया | उन्होंने कमलेश को वो घडी गिफ्ट की और उसको जन्मदिन की मुबारकबाद दी फिर हम सभी लोग बैठ कर बातें करने लगी हमने मिलकर खूब मस्ती की हम लोग लगभग 4 घंटे तक वहां रुके फिर उन्होंने मुझसे कहा की अच्छा अब मैं चलती हूँ मुझे देर हो रही है | मैंने कहा ठीक है फिर मैं उनको बाहर तक छोड़ने गया | उन्होंने मुझसे मेरा नंबर माँगा और अपना नंबर मुझको दे दिया | जाते समय उन्होंने मुझे एक बहुत ही प्यारी सी स्माइल दी फिर वो चली गयी | मैं अपने दोस्तों के पास वापस गया फिर हम लोग भी चले आये | मैंने शाम को उनके नंबर पर मैसेज किया पर उन्होंने कोई भी उतार नहीं दिया | फिर थोड़ी देर बाद मेरे फोन की घंटी बजी मैं तो ख़ुशी से उछल पड़ा | मैंने सोंचा नहीं था की वो सीधे कॉल करेंगी | हम दोनों आपस में बातें करने लगे उन्होंने मुझसे कहा की आज मुझे बहुत अच्छा लगा तुम लोगों के साथ समय बिताकर मैंने उनसे कहा की मुझे भी बहुत अच्छा लगा फिर हम दोनों इधर-उधर की बातें करने लगे | उन्होंने मुझसे बताया की उनके पति बिजनेस करते है और बहुत ही कम घर आते है | उन्होंने बताया की वो अपने फ़्लैट पर सिर्फ अकेली ही रहती है |
हम दोनों को बातें करते कब दो घंटे हो गए हमको पता भी नहीं चला | उस दिन के बाद हम रोज फोन पर बातें करने लगे | एक दिन उन्होंने मुझे डिनर के लिए निमंत्रण दिया | मैंने कहा ठीक है पर मैं आपका घर तो जानता नहीं हूँ उन्होंने कहा तुम मुझे वही मॉल में मिलना मैं तुमको वही से पिक कर लूंगी मैंने कहा ठीक है | अगले दिन मैं शाम को मॉल पहुंचा मैं खड़ा उनका इन्तजार करने लगा | थोड़ी देर बाद मेरे सामने एक चार आकर रुकी | उसमे पल्लवी भाभी ही थी और वो ही गाडी चला रही थी | उन्होंने मुझसे बैठने को कहा मैं जाकर उनकी गाडी में बैठ गया | वो क्या कमाल लग रही थी उन्होंने नीले रंग की साडी पहन रखी थी | मैंने उनसे कहा की आज आप बहुत ही खूबसूरत लग रही है | उन्होंने मुझे एक प्यारी सी स्माइल दी और थैंक्स कहा | फिर हम दोनों उनके घर पहुंचे | वो मेरे लिए कॉफ़ी बना कर लायी फिर हम दोनों ने बैठकर काफी पी | हम दोनों बैठकर बातें करने लगे मैं उनकी तारीफे किये जा रहा था |
वो मेरे पास आकर बैठ गयी और मुझसे कहने लगी अमर मुझे तुमसे प्यार हो गया है | मैं तो उनकी बात सुनकर बहुत खुश हुआ मैंने कहा की आप भी मुझे बहुत पसंद है | फिर वो मेरे और करीब आ गयी और मुझे किस करने लगी | मैं भी उनको किस किये जा रहा था | मैंने उनके ब्लाउस में हाँथ डाल दिया और उनके बूब्स को सहलाने लगा वो गरम होने लगी थी | मैंने उनकी साडी निकाल दी और उनको सोफे पे लिटा दिया और उनके पूरे बदन को चूमने लगा | वो मदहोश हुए जा रही थी मैंने उनका बब्लाउस निकाल दिया और उनके ब्रा को खोलकर उनके बूब्स से खेलने लगा | उनके बूब्स बहुत ही मस्त थे एकदम कसे हुए | मैंने उनके उनके निपल्स को अपने मुहँ में ले लिया और उनकी चूचियों को चूसने लगा | वो मादक सिसकियाँ निकाल रही थी फिर मैंने उनके पेटीकोट का नाडा खोल दिया और उनकी चूत को पैंटी के ऊपर से ही सहलाने लगा उनकी चूत गीली हो चुकी थी | मैंने उनकी पैंटी को निकाल दिया क्या गुलाबी चूत थी | उन्होंने आज ही शेव किया था जिसके कारण उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था | मैं उनकी चूत को सहलाने लगा और फिर मैंने उनकी चूत को चाटना सुरु किया | पर उन्होंने मुझे ज्यादा देर चूत नहीं चाटने दी | उन्होंने मुझसे कहा की चलो बेडरूम में चलते है | हम दोनों उनके बेडरूम में पहुंचे उन्होंने मेरे कपडे निकाल दिए और मुझे बिलकुल नंगा कर दिया |
मेरे फूले हुए लंड को देखकर वो बहुत खुश हुई उन्होंने मुझसे कहा की मेरे जान तेरा लंड तो मेरे पति से भी मस्त है | मैंने कहा डार्लिंग आज से ये तुम्हारा है जो मर्जी में आये करो | फिर उन्होंने मेरे लंड को चुसना सुरु किया वो मेरे लंड को बहुत ही अच्छी तरह से चूस रही थी | मैं उनके मुहँ को धीरे-धीरे चोदने लगा और उनके मुहँ में ही झड गया | उन्होंने मेरा सारा माल पी लिया और मेरे लंड को चाटकर साफ़ करने लगी | उन्होंने मेरे लंड को चूसकर फिर खड़ा कर दिया | मैंने उनकी दोनों टांगो को फैलाया और उनकी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा | वो बहुत ही गरम हो चुकी थी उन्होंने मुझसे कहा की आब डाल भी दो अमर मेरी जान कब तक तडपाओगे मुझे | फिर मैंने एज झटके में पूरा लंड उनकी चूत में पेल दिया उनके मुहँ से आह की आवाज़ निकली | मैं उनको किस करने लगा और उनकी चुदाई करने लगा | 20 मिनट की चुदाई के बाद वो झड गयी और थोड़ी देर बाद मैं भी झड गया | मैंने सारा माल उनकी चूत में ही छोड़ दिया | हम दोनों कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे फिर हम दोनों ने अपने कपडे पहने और खाना खाया | फिर मैंने कहा की मैं चलता हूँ पर उन्होंने मुझे नहीं आने दिया और उस रात मैंने उनकी चार बार चुदाई की वो मुझसे बहुत ही खुश थी |