पडोस की लडकी वाकई मे बडी वाली जुगाड है

hindi sex stories, antarvasna

मेरा नाम सुनील है मैं पुणे का रहने वाला हूं, मेरी उम्र 32 वर्ष है, मेरी शादी को दो वर्ष हो चुके हैं। मैं इतनी जल्दी किसी के साथ भी मेल मिलाप नहीं करता, मुझे लोगों को समझने के लिए थोड़ा वक्त चाहिए होता है उसके बाद ही मैं किसी के साथ बात करता हूं। मैं जिस कॉलोनी में रहता हूं उस कॉलोनी में काफी लोग रहते हैं लेकिन मैं अधिकांश लोगों को नहीं पहचानता क्योंकि मैं अपने काम के सिलसिले में अक्सर बाहर रहता हूं। एक बार मैं अपने काम के सिलसिले से ही मुंबई गया हुआ था, मुंबई में मुझे काफी दिन हो गए थे, मैं सोचने लगा की मैं अपने चाचा के लड़के को मिल लेता हूं, वह मुंबई में रहता है और उसने मुंबई में ही फ्लैट ले लिया है। मैंने जब उसे फोन किया तो वह मुझे कहने लगा भैया आज आपने कैसे फोन कर दिया, मैं तो सोच भी नहीं सकता था की आप कभी फोन करोगे, मैंने उसे बताया कि मैं मुंबई आया हूं तो सोचा तुम्हें मिल लूं, मैंने इसीलिए तुम्हें फोन किया। वह मुझे कहने लगा ठीक है मैं ऑफिस से फ्री होने के बाद आपको आज शाम को मिलूंगा।

जब वह ऑफिस से फ्री हुआ तो मैं उससे मिलने के लिए शाम के वक्त उसके घर चला गया, वह घर पर पहुंच चुका था। मुझे देखते ही वह बहुत खुश हो गया और कहने लगा मुझे तो बिल्कुल उम्मीद ही नहीं थी कि आप मुझे फोन करोगे, आपसे मिलकर मैं बहुत खुश हूं। वह मुझसे पूछने लगा भाभी कैसी है, मैंने उसे बताया कि वह भी अच्छी है। मेरे चाचा का लड़का बहुत ही मेहनती है उसने अपनी मेहनत से अपना घर लिया है क्योंकि मेरे चाचा और चाची का देहांत काफी समय पहले हो गया था उसने ही अभी तक सारी जिम्मेदारीयों को निभाया है इसीलिए मैं उसकी बहुत ही रिस्पेक्ट करता हूं। वह मुझसे उम्र में छोटा है लेकिन समझ में शायद वह मुझसे बड़ा है, मैंने उसे कहा कि तुमने बहुत ही मेहनत की है और तुम्हे उसका फल भी आज मिल रहा है, वह मुझे कहने लगा भैया बस मैं तो मेहनत करता गया, मुझे कुछ भी पता नहीं कि मैंने कब घर ले लिया और कब मैं यही मुंबई में सेटल हो गया। उसने मुझे कहा आज आप मेरे पास ही रुक जाइए, मैंने उसे कहा कि मेरी कंपनी ने मेरे लिए होटल बुक किया है, वह कहने लगा भैया आज आप मेरे साथ ही रुक जाइए, आप एक दिन मेरे साथ रुक जाएंगे तो मुझे भी खुशी होगी।

मुझे भी लगा कि मुझे उसके साथ रुक जाना चाहिए, उस दिन मैं उसके साथ ही गया। मुझे शराब पीने का शौक तो नहीं है लेकिन वह मेरे लिए शाम के वक्त वाइन ले आया, उस दिन वह मेरे लिए रेड वाइन लेकर आया, मैं कभी कबार रेड वाइन पी लिया करता हूं। वह मेरे साथ बैठ कर पुराने दिन याद कर रहा था और कहने लगा ताऊ जी ने भी हमारा बहुत साथ दिया है लेकिन ताऊ जी के देहांत के बाद जैसे सब लोग अलग ही हो गए हो, मैंने उसे कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है हो सकता है सब लोग अपने काम में व्यस्त हो लेकिन अब भी सब लोग एक दूसरे की रिस्पेक्ट करते हैं, यदि ऐसा होता तो शायद मैं तुमसे भी मिलने को नहीं आता लेकिन मुझे तुम्हारी चिंता थी इसलिए मैं तुमसे मिलने के लिए आ गया, वह कहने लगा भैया आप यह तो बिल्कुल सही बात कह रहे हैं। उस दिन वह थोड़ा भावुक भी हो गया था लेकिन मैंने उसे समझाया कि तुम चिंता मत करो, कभी भी तुम्हें मेरी जरूरत हो तो तुम मुझे फोन कर देना। वह मुंबई में ही सेटल हो चुका है और अब वह मुंबई से कहीं बाहर नहीं जाता, पुणे भी वह बहुत कम आता है। मैंने उसे कहा कि तुम शादी क्यों नहीं कर रहे हो, वह कहने लगा भैया अभी कुछ समय बाद मैं शादी का प्लान कर रहा हूं, मैंने उससे पूछा क्या तुमने कोई लड़की पसंद की है, वह कहने लगा हां मेरे ऑफिस में एक लड़की है मैं उसे पसन्द करता हूं और हम दोनों एक दूसरे से शादी करना चाहते हैं। उसने मुझे फोटो भी दिखाई, जब उसे ज्यादा नशा हो गया तो वह अपने बिस्तर में जाकर लेट गया और मैं भी सो गया था। अगले सुबह मैं जल्दी अपने काम पर निकल गया और कुछ दिनों बाद मैं पुणे लौट आया। जब मैं पुणे लौटा तो मैंने कुछ दिनों की छुट्टी ले ली थी क्योंकि मैं  कुछ समय अपने घर में अपनी पत्नी के साथ समय बिताना चाहता था।

मेरी पत्नी और मैं एक दिन साथ में बैठे हुए थे, वह मुझे कहने लगी पड़ोस में एक रुचि नाम की लड़की है उसने तो कमल भैया का घर ही बर्बाद कर दिया है, रुचि की वजह से कमल भैया और उनकी पत्नी के बहुत झगड़े होने लगे हैं, मैंने अपनी पत्नी से पूछा यह रुचि कौन है, वह कहने लगी यह पास के ही फ्लैट में रहती है लेकिन उसका नेचर कुछ ठीक नहीं है और वह बड़ी ही चरित्रहीन लड़की है। मैं भी सोचने लगा कि मुझे एक बार रुचि से मिलना चाहिए क्योंकि मैं कमल को अच्छे से पहचानता हूं और उससे मेरी अच्छी बातचीत भी है। मैं कुछ दिनो तक तो घर पर ही था इसलिए एक दिन मैं रुचि से मिलने चला गया, वह अपने फ्लैट के बाहर ही खड़ी थी मैं उसे बात करने लगा, मैंने उसे समझाया कि तुम ऐसे किसी का घर बर्बाद मत करो, वह मुझे कहने लगी कमल ही मेरे पीछे पड़े हैं मैंने तो किसी का कोई घर बर्बाद नहीं किया। मुझे लगा आप इससे बात करके कोई फायदा नहीं होने वाला, इससे अच्छा तो मैं कमल को समझाऊं तो ज्यादा अच्छा रहेगा। जब मैं जा रहा था तो उसने मुझे बुलाया और कहा आप अंदर तो बैठ जाइए। पहले में जाने की इच्छा में नहीं था लेकिन जब उसने मुझे अंदर बुलाया मैं उसके बेड पर बैठा गया, वह मेरे पास आकर बैठ गई और मुझसे चिपकने लगी। वह अपनी गांड को बार बार मुझसे टकराती तो मेरा लंड भी खड़ा हो जाता, मेरा सब्र का बांध टूट गया, मैंने उसे पकड़ लिया और अपने नीचे दबोच लिया। मैंने उसके होठों को इतने अच्छे से चूसा की उसके अंदर की गर्मी बाहर निकलने लगी हो।

जब मैंने उसके कपड़े उतारे तो उसके बड़े स्तन मैंने अपने मुंह के अंदर ले लिए और चूसने लगा। वह कहने लगी तुम भी कम जानवर नहीं हो। मैंने उसे कहा तुमने भी जो कमल की जिंदगी बर्बाद कर दी है, वह कहने लगी मेरा यौवन ही ऐसा है कि सब लोग मेरे पीछे पागल है, मुझे अपनी चूत मरवाने का बड़ा शौक है। मैंने उसे कहा आज मैं तुम्हारी चूत का भोसड़ा बना दूंगा। वह मुझे कहने लगी ठीक है तुम मेरी चूत का भोसड़ा बना दो ताकि मुझे कल से खुजली ना हो। मैंने भी उसके स्तनों को बड़े अच्छे से चूसा उसके स्तनों ने पानी छोड़ दिया, मैंने उन्हें अपने मुंह में ले लिया। उसका 36 नंबर के मोमे मेरे मुंह में जाते तो मेरे अंदर एक अलग फिलींग पैदा हो जाती। कुछ देर बाद मैंने जब उसकी चूत के अंदर अपने कड़क लंड को डाला तो वह मुझे कहने लगी तुम्हारा लंड वाकई में बडा है, तुम ऐसे ही मुझे झटके देते रहो ताकि मुझे मजा आ जाए। मैंने उसे कहा तुम 2 मिनट रुको तुम्हें तो मैं आज मजा ही दिलवा दूंगा। मैंने उसकी दोनों जांघो को कसकर पकड़ लिया और उन्हें अपने कंधों पर रखते हुए, मैंने उसे इतनी तेज गति से धक्के दिए कि वह मुझे कहने लगी तुम्हारा लंड तो बड़ा ही मजेदार है, मेरी चूत में पूरा फिट बैठ रहा है तुम ऐसे ही मुझे झटके देते रहो और मेरी इच्छा पूरी करते रहो। वह वाकई में एक नंबर की रंडी है, मेरे लंड से भी उसकी इच्छा नहीं भर रही थी लेकिन मैं भी हार नहीं मानने वाला था मैंने भी उसकी चूत से अपने लंड को निकालते हुए उसे उल्टा लेटाया, जब मैंने उसकी योनि के अंदर अपने लंड को डाला तो वह चिल्लाने लगी। उसकी गांड भी कम बडी नहीं थी, उसकी गांड पर मैंने अपने हाथों से 2, 4 प्रहार भी कर दिए जिससे कि वह और भी उत्तेजित होने लगी। वह अपनी गांड को मेरे लंड से मिलाने की कोशिश करती, वह जिस प्रकार से अपनी गांड को मेरे लंड से मिलाती मैं बहुत खुश हो रहा था और वह भी बहुत ज्यादा खुश थी। मैंने उसे कहा तुम ऐसे ही करते रहो, हम दोनों ने एक दूसरे के साथ काफी देर तक सेक्स किया, जब मेरा वीर्य उसकी योनि के अंदर 60 किलोमीटर की स्पीड से गया तो वह बड़ी खुश हो गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *