hindi porn stories हेल्लो दोस्तों मैं आज आप लोगो के सामने अपनी एक सच्ची कहानी को लेकर आई हूँ | मैं सेक्सी कहानी अभी कुछ महीनो से पढ़ती आ रही हूँ और मुझे सेक्सी कहानी पढना बहुत अच्छा लगता है | मैं जब कहानी पढ़ती हूँ तो मेरी चूत गीली हो जाती है और मेरा मन होता है की मैं किसी के लंड को अपनी चूत में लेकर चुद जाओं | दोस्तों मैं कहानी को शुरू करने से पहले अपने बारे में बताना चाहती हूँ | मेरा नाम रिंकी है और मैं रहने वाली लखनऊ की हूँ | मेरी उम्र 21 साल है और मेरा रंग गोरा है | मैं दिखने में बहुत हॉट लगती हूँ | मेरा फिगर बहुत सेक्सी है | मेरे बड़े बड़े बूब्स और बड़ी चौड़ी गांड है जिसको देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाये | मैं अभी पढाई करती हूँ और | मैं जो आज कहानी आप लोगो के सामने पेश करने जा रही हूँ ये मेरी पहली कहानी है तो मैं आप सभी लोगो से उम्मीद करती हूँ की आप लोगो को मेरी कहानी पसंद आएगी और इस कहानी को पढने में मज़ा भी बहुत आएगा |
ये कहानी तब की है जब मैं 19 साल की थी और उस टाइम मेरी चढ़ती जवानी थी जिसकी वजह से मेरा बदन ज्यादा ही भरा हुआ था जिससे में ज्यादा सेक्सी लगती थी | मेरे बूब्स काफी गोल और बड़े थे | मेरी चढ़ती जवानी के मज़े सब लेना चाहते थे इसलिए मेरे स्कूल के लड़के मेरे पीछे पड़े रहते थे | वो लड़के मुझे लाइन बहुत मारते थे और जब वो लड़के मुझे घूरते थे तो मुझे अच्छा नही लगता था | जब तक मैं किसी को अपना बॉयफ्रेंड न बना लेती तब तक वो लड़के मेरा पीछे नही छोड़ने वाले थे तो एक लड़का मेरी क्लास में पढता था | वो मेरा अच्छा दोस्त था और उसने कभी मुझसे नही कहा की वो मुझसे प्यार करता है | मुझे वो पसंद भी था तो मैंने उसे अपना बॉयफ्रेंड बना लिया | जब ये बात लडको को पता चली तो वो सब मुझे परेशान करना बंद कर दिया | फिर कुछ दिन के बाद मेरे कॉलेज में कुछ दिनों की छोट्टी थी तो मेरी बुआ जी गाँव में रहती है | वो मुझे गाँव घुमने के लिए अक्सर बुलाया करती थी तो उस टाइम मेरे स्कूल में छोट्टी भी थी तो मैं उन दिनों अपनी बुआ के घर चली गयी | मैं जब अपनी बुआ के गाँव पहुची थी तो पहले बुआ को फ़ोन किया क्यूंकि मैं अपनी बुआ के घर पहली बार गयी थी | तब बुआ ने एक लड़के को मुझे लेने के लिए भेजा | जब वो लड़का मुझे लेने के लिए आया तो मैं उसे देखती ही रह गयी | वो दिखने में बहुत स्मार्ट था और उसकी बॉडी भी ठीक ठाक थी | तब उसने मुझसे मेरा बेग माँगा तो मैंने कहा नही ठीक है मैं पकड लुंगी तो उसने कहा नही दे दो मैं ले लेता हूँ | तब उसने मेरा बेग ले लिया वो लड़का मुझे दिखने में बहुत सुन्दर लग रहा था | फिर मैंने उससे उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम दीपक बताया | फिर वो चलने लगा तो मैंने उससे कहा की आप बहुत स्मार्ट हो तो वो बोला हाँ लोग कहते हैं की मैं बहुत अच्छा लगता हूँ | मैंने उससे कहा आप क्या करते हो तो दीपक ने बताया की मैं पढाई करता हूँ और 12 वीं में हूँ तो मैंने कहा में भी 12 वीं में पढ़ती हूँ |
फिर मैंने उससे कहा आप कुछ मुझसे नही पूछोगे क्या तो वो बोला की मैं आपके बारे में कुछ जानना नही चाहता हूँ | दोस्तों तब मैंने उससे कहा में इतनी तो बुरी भी नही हूँ की तुम मेरे बारे में जानना नही चाहते | वो बोला नही ऐसी बात नही है मैं किसी लड़की से आज तक बात नही की ना इसलिए बात करने में डर लगाने लगता हैं | दोस्तों वो मुझे बहुत अच्छा लगा और इसलिए मैंने सोच लिया की मैं इसे अपना बॉयफ्रेंड बना लेती हूँ | वो बहुत सर्मिला था और मुझे पसंद भी बहुत था तो मैंने उससे काहा की ठीक है तुम डरते हो तो मैं तुम्हारा डर दुरी कर दूंगी | फिर मैंने उससे कहा अभी गाँव कितनी दूर है तो उसने कहा जी अभी गाँव में ही चल रहे हैं बस घर आने वाला है | उसके 2 मिनट में हम घर पहुच गए और जब मैं बुआ के घर पहुची तो देखा की बुआ का घर तो बहुत अच्छा बना है | तब बुआ ने मुझे अपने साथ छत पर ले गयी क्यूंकि बुआ जी ऊपर बने कमरों में रहती थी | वो मुझे छत पर ले गयी और मेरे लिए चाय बनाई फिर मैं और दीपक एक साथ बैठ कर चाय पी साथ में बुआ बैठी थी | फिर वो बोला चाची में घर जा रहा हूँ | जब वो घर चला गया तो मैंने बुआ से पूछा ये लड़का कौन है | बुआ ने मुझे बताया की वो घर के पीछे रहता हैं और बहुत अच्छा लड़का हैं पढने में भी अच्छा लड़का है | वो कभी कभी घर आया करता था | मैं उसे बहुत पसंद करने लगी थी इसलिए उससे बात करने की कोशिश किया करती थी | पर वो बहुत ज्यादा ही सर्मता था जिसकी वजह से मुझसे दूर ही रहता था | दोस्तों एक दिन की बात है जब वो बुआ के घर बैठ कर टीवी देख रहा था और मेरी बुआ नीचे कपडे धुल रही थी | मैं उसके पास जाकर बैठ गयी और वो मुझसे दूर हो गया तब मैंने उसके हाथ को पकड कर अपनी कमर पर रख दिया | दोस्तों उसका उस टाइम चेहरा देखने के काबिल था | वो ऐसे कांपने लगा जैसे की करंट लग गया हो | फिर मैंने उसको पकड लिया और उसकी होठो पर अपंनी होठो को रख दिया | मैं उसकी होठो को 1 मिनट तक चूसती रही |
फिर वो सीधे अपने घर चला गया | उस दिन से वो मुझसे बात भी करता था और मैं उसे किस भी करती थी | अब जब मैं उसको किस करती तो वो भी मुझे करता और साथ में मेरे बूब्स को कपडे के ऊपर से दबा देता था | जब वो मेरे बूब्स को दबता तो मुझे बहुत अच्छा लगता था | अब हम और दीपक एक दुसरे के साथ इतना तो कर लेते थे पर मेरा मन उसके साथ सेक्सी करने का होता था | फिर एक दिन की बात है जब मैंने उसे रात को अपने कमरे में बुलाया | मेरे पास वाले कमरे में बुआ जी रहती थी और उसके पास वाले कमरे में मैं अकेली रहती थी | उस रात जब वो मेरे कमरे में आया तो मैंने अन्दर से दरवाजा बंद कर लिया | फिर मैं उसके साथ बेड पर लेट गयी और वो मेरे साथ ले गया हम दोनों ऐसे ही कुछ देर तक बात करने के बाद एक दुसरे को किस करने लगे | मैं उसकी होठो को मुंह में रख कर चूस रही थी और वो मेरी होठो को मुंह में रख कर चूस रहा था | वो मेरी होठो को कुछ देर तक चूसने के बाद मेरे कपडे निकालने लगा और मैंने उसके कपडे निकाल दिए | फिर कुछ ही देर में हम दोनों एक दुसरे के सामने बिना कपड़ो के आ गए क्यूंकि मैं ब्रा और पैंटी नही पहनती हूँ | जब हम दोनों बिना कपडे के आ गए तो वो मेरे एक दूध को मुंह में रख कर चूसने लगा और दुसरे दूध को हाथ में पकड कर मसलने लगा | वो जब मेरे बूब्स को दबा रहा था तो मेरी सांसे तेज हो गयी थी | वो मेरे बूब्स को चूसने के साथ मेरे एक बूब्स के निप्पल को ऊँगली से घुमा रहा था | वो मेरे बूब्स को चूसने के साथ अपने हाथ की ऊँगली को मेरी चूत में घुसा दिया |
फिर वो मेरी चूत में ऊँगली को जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगा | वो मेरी चूत में अपनी ऊँगली को ऐसे ही कुछ देर तक अन्दर बाहर करने के बाद | उसने मेरी टांगो को पकड कर अपनी और खीच लिया और मेरी चूत के मुंह पर अपने लंड को रख कर घुसा दिया | उसका लंड जैसे ही मेरी चूत में घुसा तो मेरे मुंह से जोरदार सिसकियाँ निकल गयी | वो मेरी कमर को पकड कर धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा | वो मुझे धीरे धीरे धक्को के साथ चोद रहा था और मैं मस्त होकर चुद रही थी | वो कुछ देर तक धीरे धीरे अन्दर बाहर करने के बाद धक्को की स्पीड तेज कर दी जिससे मेरे मुंह से हाँ हाँ अह अह उई हाँ उई हाँ उई अह उई हाँ उई….. आ आ आ उई हाँ सी उई सी सी उई… की सिसकियाँ लेने लगी | मेरी चूत में जोर जोर से धक्के मार रहा था जिससे मेरे बूब्स हिल रहे थे | वो मेरे हिलते बूब्स को देख कर जोरदर धक्के मार रहा था | वो मुझे ऐसे ही कुछ देर तक चोदने के बाद मुझे घोड़ी बना दिया और फिर मेरी चूत में पीछे से लंड को घुसा कर जोरदार धक्को के साथ अन्दर बाहर करने लगा | वो मेरी कमर को पकड कर जोरदार धक्के मार रहा था और मैं अपनी चूत को आगे पीछे करती हुई चुद रही थी साथ में उई हाँ उई अह उई हाँ उई….. आ आ आ उई हाँ सी उई सी सी उई… की सेक्सी आवाजे कर रही थी | वो मुझे ऐसे ही 10 मिनट तक चोदता रहा | फिर मेरी चूत से लंड को निकाल कर झड़ गया | उस रात मुझे बहुत मज़ा आया था और वो अपने कपडे पहन कर अपने घर चला गया था | उसके बाद मैं और दीपक ने कई बार चुदाई की और उसके कुछ दिन बाद में अपने घर चली आई | दीपक से मेरी बाते आज भी होती है | धन्यवाद……………..