हेल्लो मेरे दोस्तों कैसे हो आप लोग | सालो ठीक ही होगे | मूडऑफ़ में कौन सेक्सी कहाँनिया पढता है | तो मेरे प्रिय बन्दुओ मेरे बड़े तथा छोटे भाइयो पहले आप लोग थोड़ा मेरे बारे में जान लीजिये फिर मैं अपनी कहानी को आगे बढाता हूँ | दोस्तों मेरा नाम उदित कुमार है | मैं लोहाघाट उत्तराखंड का रहनेवाला हूँ | मेरा परिवार एक छोटा परिवार है |
मेरे घर में मेरे मम्मी-पापा और एक छोटा भाई है | छोटा भाई अभी 8 साल का है और 5 क्लास में पढता है | मेरे पापा फ़ौज में है | और मम्मी हाउसवाइफ हैं | दोस्तों मैं भी अपनी पढाई पूरी करके फ़ौज में जाके देश की सेवा करना चाहता था | चलिए दोस्तों मैं ज्यादा अपनी इस परिचय कहानी को न बढाकर आगे बढ़ता हूँ | जिससे की आप लोगो की झांटे फायर हो |
आप सभी प्यारे दोस्तों को मैं अपनी लाइफ की एकदम सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ | तो दोस्तों ये बात उस समय की है | मेरा एक शुरू से सपना था की मैं भी अपने पापा की तरह फ़ौज में भर्ती होके अपने देश की सेवा करूँ | लेकिन मैं अभी छोटा था | और मेरी पढाई भी पूरी नही हुई थी | मेरी उम्र अभी 16 की थी और मैं 11th क्लास में था | दोस्तों मैं एकदम जवानी की सीढ़ी चढ़ ही रहा था | दोस्तों मैं दिखने में एकदम स्मार्ट और चिकना था | मैं अपनी पढाई आर्मी पब्लिक स्कूल में करता था | डेली हम आर्मी बस से जाते थे | और छुट्टी में वही बस छोड़ने आती थी | दोस्तों मैं अपनी क्लास में बहुत हरामी लौंडो में से एक था | लगभग सभी टीचरो की झांटे मुझपे राख रहती थी | लेकिन मुझे दोस्तों झांट भर फर्क नही पड़ता था | क्योकि मैं अपनी आदतों से मजबूर था | दोस्तों मेरा डेली का रोटीन था| की मैं सुबह 4 बजे उठकर अपने ही आर्मी कैंपस के ग्राउंड में रेस करके और उसके बाद में आधे घंटे जिम करता था | और उसके बाद में अपने कॉलेज के लिए तैयार होता था | दोस्तों ठीक 8 बजे हम सभी अपने-अपने घरो के सामने खड़े हो के बस का इन्तजार किया करते थे | जिन्दगी एक दम रोले से कट रही थी | दोस्तों मेरी क्लास में एक लड़की थी | वो बहुत ही कैंट और झक्कास माल था | सभी लौंडो की उससे फटती थी | क्योकि वह बहुत ही स्ट्रिक्ट थी | और दूसरी बात वो हमारे मैथ के टीचर की लड़की थी | इसलिए लडको की और भी ज्यादा फटती थी |
दोस्तों वह मुझे भी अच्छी लगने लगी थी | अब मेरा पूरा ध्यान उसे फ़साने में लगा दिया | दोस्तों मैने अपना पूरा मन पढाई की तरफ न करके उसकी तरफ में लगाया | मुश्किले आयी पर मैने उसे पूरी तरह से सेट कर लिया था | अब वो मेरी दीवानी सी हो चुकी थी | और अच्छी बात ये थी की वो मेरी ही कॉलोनी के 1 फ्लोर को छोड़ के उसके ऊपर वाले फ्लोर में रहती थी | हम एक दम अच्छी तरह से घुल- मिल गये थे | हम और वो एक साथ ही कॉलेज के लिए तैयार होके बस में एक ही सीट पर बैठके जाते थे | और कॉलेज जाके क्लास में एक ही सीट पर बैठते थे | मैं उससे खूब मजे लेता था और ये देख कर सभी लड़के साले मेरे से जलते थे | क्योकि मैने अपने कॉलेज का सबसे कडाका माल को फांस रख्खा था | लेकिन मुझे झांट भर फर्क नही पड़ता था | मैं और मेरा माल बहुत खुस थे | हम साथ-साथ ही रहते थे और एक ही साथ ही अपने कॉलेज की सीट पर बैठकर इंटरवेल में बैठकर लंच किआ करते थे | और बाद में घर के लिए बस की एक ही सीट पर बैठ कर जाते थे | दोस्तों एक दिन जब मैं क्लास में बैठा था साइंस का पीरियड था और रिप्रोडक्शन का लेसन था | दोस्तों जो मेरा साइंस का टीचर था वो साला बहुत लडुर टाइप का था | वह उस लेसन को मजे लेता हुआ पढ़ा रहा था और सभी लड़के भी मजे लेते हुए पढ़ रहे थे | लगभग सभी लड़के गरम हो चुके थे | और सभी का लंड फूल रहा था | लडकिया भी लगभग सकल से गरम दिख रही थी | दोस्तों मेरी गर्लफ्रेंड मेरे ही पास ही बैठी थी | और वह भी लग रहा था की गरम हो रही थी | और वह अपने मुह पर रुमाल रख कर हलकी-हलकी हस रही थी | मैं समझ गया था कि वो भी इस लेसन को मजे से पढ़ रही है | मेरा थोडा सा मन उसे चुने का हुआ | मैं धीरे-धीरे उसकी तरफ बड़ा और उसके दूधो पे अपने हाथ फेरने लगा | उसने पहले तो मेरे हाथो को हटा दिया | और जब मैने फिर हाथ उसके दूधो पर लगाये तो वह फिर से मेरे हाथो को हटाना चाहा लेकिन इस बार मैने जबरजस्ती करके उसके दूधो को दाबने लगा और वह अहाहा अहहाह अहः अहहाह अहहः अहहाह ओहोहोहो होहोहोह उन्ह उन्हुन्हुंह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह आहाह्ह हहहः की सिस्कारिया ले रही थी | थोड़ी देर बाद वो भी गरम हो गयी और उसको मेरे से कोई ऑब्जेक्शन नही होने लगा | मैने अपना ध्यान पढाई की और न करके सेक्स की ओर लगा दिया | थोड़ी देर बाद में उसके दूध दाबते-दाबते उसकी जांघों तक पहुँच गया | दोस्तों उसको मेने पूरी तरह से गरम कर दिया था | जब मैं उसकी झांघो में आपना हाथ फिराते-फिराते उसकी चूत की तरफ ले गया तो दोस्तों जेसे ही मैने उसकी चूत में हाथ डाला ही था | बेहेंचोद तुरंत ही मैने बाहर निकाल लिया क्योकि भाइयो वो साली झड चुकी थी | मेरे हाथ गंदे हो गये थे | मैं अपने कॉलेज के बाथरूम में जाके अपने हाथो को मल–मल के धोया |
उसके बाद आके मैं अपनी सीट पर बैठ गया | और उससे अपनी कॉलोनी की बिल्डिंग के पीछे मिलने को मनाया और वो मान गयी | छुट्टी हुई और हम घर आये | खाना पीना करके आराम करने लगा धीरे-धीरे शाम हुई और उसके बाद रात के जब 11 बजे तो मैं अपने कॉलोनी की बिल्डिंग के पीछे पंहुचा | तो वहां देखा की वो अभी आयी नही थी | मैं सोंच में पड गया की कहीं साली गोली तो नही टिका गयी | लगभग आधा घंटा इन्तजार करने के बाद वो आयी | भाई लोगो उसको देखते ही दिमाक ख़राब हो गया क्योकि वो इतने छोटे कपडे पहने थी | और वह उन कपड़ो में एकदम संस्कारी पटाका लग रही थी | भाई लोगो उसके बाद में मैने उसको अपनी बाँहों में ले लिया और उसे चूमने-चाटने लगा | भाइयो मैं बहुत गरम हो गया था | और अपने आप को रोक नही पा रहा था | मैने उसकी होंठो को अपनी होंठो में लेके चूसने लगा | लगभग 10 मिनट तक मैने उसके होंठो को चूसा | फिर जब वो भी पूरी तरह से गरम हो गयी तब उसने मेरे सब कपडे उतार दिए और अपने कपडे भी उसने उतार दिए | फिर बाद में मेरे लंड को अपने हाथ में लेके मूंठ मारने लगी और उसके बाद में मेरे लंड को अपने मुह में रख कर जोर-जोर से चूसने लगी | और मैं अहहहः अहहहा अहह्हाह अह्हह होहोह ह्होहोह ओह होह ओहो आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह हहहः हाहाह अहहाह की सिस्कारिया ले रहा था | और फिर थोड़ी देर बाद में मैने उसका सर को पकड़ के अपने लंड को उसके मुह में जोर-जोर से अन्दर-बाहर करने लगा और फिर बाद में मैने उसको वही घास पे लिटा दिया और उसकी चूत में अपना मुह डालके चूसने लगा | और वह आआह्ह अहम्म ईईई अहः अहः अहः अहः उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह ओह हो ओह ओह ओह ओह ओह हो आह्ह आःह आःह आःह्ह आह्ह अहह उन्हह उन्ह उन्ह हाहाह अहः अहः आह्ह आह्ह आह्ह अहः अहहाह की सिस्कारिया ले रही थी | कम से कम 10 मिनट तक ये सीन चला और उसके बाद में चुदाई का प्रोग्राम बनाया | तो फिर दोस्तों मैने उसे अपने लंड के नीचे लाया | और फिर धीरे-धीरे उसकी गुलाबी और कसी सी चूत में अपना लंड डाल के बड़े ही मौज के साथ में चोदने लगा | और वो भी भी दोस्तों जोर-जोर से आःह्ह आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह उन्ह उन्ह उन्ह ईह्ह ईह्ह इह्ह इह्ह्ह ओह्ह ऊह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह हाहाह हाहा अहहाह अहः अहः उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह की सिस्कारिया ले रही थी | थोड़ी देर के बाद मैं दोस्तों उसकी चूत में ही झड गया | और फिर उसने मेरे लंड को अपने मुह में लेकर फिर से चाटने लगी | मेरा लंड एक बार फिर खड़ा हुआ और मेरा मन उसे फिर चोदने को कहा | इस बार में मैने उसकी गांड मारनी चाही | मैने उसे घोड़ी बनाया और उसके बाद में उसकी कसी गांड में अपने लंड को प्रवेश किआ | सुरु-सुरु में मेरा लंड पूरा अन्दर नही जा पाया क्योकि उसकी गांड बहुत कसी हुई थी | थोड़ी देर में मैने अपना पूरा लंड उसकी गांड में डाल दिया | और अन्दर-अन्दर बाहर करने लगा | और वो इस बार कुछ जोरो से ही अहः अहः अहः आहा अहः अहः उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह इहिह्ह इही हीह ओह्ह ओह्ह ओह्भ की सिस्कारिया ले रही थी क्योकि उसकी इस बार फट रही थी |
दोस्तों इस बार मुझे इतना मजा आया रहा था की मैं उसकी गांड में ही झड गया था | बाद मैं हम दोनों ने अपने-अपने कपडे पहने और सुबह के 3 बजे अपने-अपने घर को चले गये |
तो दोस्तों ये थी मेरी जिन्दगी की एक दम सही कहानी इस तरह से मैने अपने मैथ के टीचर की लड़की को चोदा | और आज भी जब एक अच्छा सा मौका मिलता है तो मैं उसे चोदता हूँ |
आशा करता हूँ की आप लोगो को मेरी ये कहानी अच्छी लगेगी |