भाभी के चुदाई की कहानी मेरी जुबानी भाग १

हैल्लो दोस्तों, यह मेरी पहली कहानी है और यह एक सच्ची घटना है. में उस समय 12वीं कक्षा में पढ़ता था और यह मेरी पहली चुदाई थी और इससे पहले में वर्जिन था और यह मेरी लाईफ की सबसे अच्छी चुदाई है.

दोस्तों में एक ठीक ठाक दिखने वाला 21 साल का लड़का हूँ और मेरे लंड का साईज़ 8 इंच लंबा है, जो किसी भी औरत को चोदकर संतुष्ट ही नहीं बल्कि पागल भी कर सकता है. यह घटना उस वक़्त की है, जब में 12वीं में था और मुझे मेरी ज़िंदगी का सबसे हसीन पल जीने को मिला.

दोस्तों मेरे घर के सामने एक भाभी जी रहती है, जिनका नाम पिंकी था और उनकी एक चार साल की लड़की थी और उनके पति किसी सरकारी ऑफिस में नौकरी करते थे और वो दिखने में मुझे बहुत अच्छी लगती थी, जैसे कि एकदम सेक्स के लिए ही बनी औरत हो

में हमेशा दिन रात उन्हे चोदने के सपने देखा करता था और फिर एक दिन यह मेरा सपना सच भी हुआ. दोस्तों यह बात तब की है, जब में उनसे गणित की ट्यूशन पढ़ता था और में उनको देखकर मस्त हो जाता था, क्योंकि उनके फिगर का साईज 36-34-38 था और क्या मस्त बड़े बड़े बूब्स थे उनके. वो ऐसे लगते थे कि अभी ब्रा को फाड़कर बाहर निकल आएँगे और गांड तो बस पूछो मत, एकदम चौड़ी थी.

जब भी देखो तो चोद चोदकर फाड़ डालने का मन करता था. फिर में हर रोज़ दोपहर के 2 बजे उनके यहाँ पर पढ़ने जाता था, लेकिन मेरा मन तो बिल्कुल भी पढ़ाई में नहीं था, में बस उन्ही को घूरता रहता था.

फिर वो जब भी मुझे कोई भी सवाल समझाने के लिए झुकती थी तो में उनके बूब्स के बीच की दरार और बूब्स के उभार को देखता और हर रोज़ घर पर जाकर उनके नाम की मुठ मारा करता था. फिर ऐसे करते करते कुछ दिन बीत गये और मेरे एग्जाम करीब आ गये और मेरे प्रीबोर्ड में बहुत कम नंबर आए थे

उस समय घर पर पापा ने मुझे बहुत डांट लगाई और भाभी से मेरी शिकायत की, उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो इसका क्या होगा? यह फेल हो जाएगा और जब में भाभी के यहाँ पर ट्यूशन गया तो भाभी ने भी मुझे बहुत डांटा और कहा कि तुम कभी नहीं सुधरने वाले, लेकिन में तो उनके बूब्स देख रहा था, जो कि बार बार हिल रहे थे और बाहर आने को एकदम तैयार थे, लेकिन तभी उन्होंने मुझे ज़ोर से एक थप्पड़ लगा दिया और में वहां से गुस्से में बाहर चला गया और दो तीन दिन उनके यहाँ पर ट्यूशन नहीं गया और वो मुझे बार बार कॉल करती रही, लेकिन मैंने उनका कॉल नहीं उठाया.

एक दिन दोपहर को उनका मैसेज आया कि तुम अभी मेरे घर पर आओ तो में उनके घर पर चला गया, उन्होंने मुझे सोफे पर बैठने को कहा और वो मेरे लिए कोल्डड्रिंक लेकर आई और फिर वो मुझे बहुत प्यार से समझाने लगी कि अगर तुम पड़ोगे नहीं तो तुम्हरा क्या होगा? और तुम जिन्दगी में आगे कैसे बड़ोगे?

में : में पढ़ना चाहता हूँ, लेकिन पढ़ नहीं पाता हूँ और में इसके आगे आपको बता भी नहीं सकता.

भाभी : क्यों तुम्हे क्या कोई परेशानी है तो प्लीज मुझे बताओ?

में : हाँ है, लेकिन आप मेरी परेशानी को नहीं समझोगे?

भाभी : ऐसा क्यों? बताओ ना, में क्यों नहीं समझूँगी?

में : नहीं, में अगर आपको बताऊंगा तो आप मुझे मारोगी.

भाभी : नहीं, में नहीं मारूंगी, अब बोलो भी?

में : वो में आपसे पप..प्यार करता हूँ और आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो भाभी और आप एकदम हॉट और सेक्सी हो, में आपको देखकर एकदम आप ही में खो जाता हूँ और में हर वक़्त आपके बारे में सोचने लगता हूँ.

तो दोस्तों उस समय भाभी का चेहरा गुस्से से एकदम लाल था, वो मुझ पर ज़ोर से चिल्लाई और कहा कि में तुमसे कितनी बड़ी हूँ? और तुम मेरे बारे में ऐसा सोचते हो? तो में उनका गुस्सा देखकर बहुत डर गया, लेकिन में फिर भी हिम्मत करके बोला कि भाभी इसमे मेरी क्या ग़लती है? प्यार तो उम्र देखकर नहीं किया जाता, यह तो खुद होता है ना.

वो बोली कि ऐसा नहीं हो सकता और तुम अपनी पढाई पर ध्यान दो और मुझसे जाने को कहा, लेकिन में वहां पर खड़ा रहा और मैंने कहा कि अगर आप मुझे ना मिली तो में कभी भी एग्जाम में पास नहीं हो सकता और में वहां से चला गया. फिर दो दिन बाद शाम को उनका कॉल आया तो वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज मुझे भूल जाओ.

में : में आपको नहीं भूल सकता, क्योंकि में आपको चाहता हूँ.

भाभी : प्लीज अब मान भी जाओ और अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो.

में : नहीं में आपको बिना पाए एग्जाम कभी पास नहीं कर सकता.

भाभी : प्लीज अब ऐसा मत करो.

में : अब आगे आपकी मर्ज़ी और मैंने कॉल काट दिया.

फिर कुछ देर बाद भाभी का एक मैसेज आया कि ठीक है, में तुम्हे कुछ समय में सोचकर जवाब दूंगी और फिर मैंने ठीक है लिखकर मैसेज भेज दिया और फिर में भाभी के बारे में सोचने लगा कि अब मुझे कब चूत और बूब्स के दर्शन होगे? तो दो दिन बाद भाभी ने मुझे अपने घर पर बुलाया और उन्होंने मुझसे कहा कि में सिर्फ़ तुम्हारी पढ़ाई के लिए हाँ कर रही हूँ.

में उनकी यह बात सुनकर बहुत खुश हुआ और उनको धन्यवाद बोलने लगा, तभी वो बोली कि लेकिन मेरी भी एक शर्त है, पहले तुम एग्जाम में 70% लाकर दिखाओ तो इसके आगे कुछ होगा. अब मेरा चहरा एकदम से उदास हो गया और बोला कि नहीं यह बिल्कुल गलत बात है.

फिर भाभी ने कहा कि अच्छा ठीक है, अब तुम ज्यादा उदास मत हो और तुम हर रविवार को सिर्फ़ 10 मिनट मेरे बूब्स को दबा सकते हो और एक किस कर सकते हो तो में फिर से खुश हो गया और मैंने उनसे वादा किया कि में 70% लाकर जरुर दिखाऊंगा.

भाभी बोली कि ठीक है देखते है और तभी मैंने उनके दोनों बूब्स पकड़ लिए. फिर वो बोली कि नहीं यह गलत बात है जाओ और अब जमकर पढ़ाई करो और फिर में खूब दिल लगाकर पढ़ने लगा और कुछ ही दिन बाद रविवार आ गया. फिर मैंने सुबह उठते ही 9 बजे भाभी को कॉल किया कि में आ रहा हूँ तो भाभी बोली कि अभी नहीं अभी सब घर पर है, तुम 12 बजे आना, लेकिन अब मुझसे सब्र नहीं हो रहा था

में उनके बारे में सोच सोचकर पागल हो रहा था. 12 बज गये और में उनके घर पर पहुंच गया, भाभी मुझे देखकर मुस्कुराई और कहा कि क्यों सब्र तो बिल्कुल नहीं है. फिर मैंने कहा कि इतने दिन से तो सब्र किया है. फिर भाभी ने दरवाजा बंद किया और मैंने उन्हे अपनी और खींच लिया और दीवार की तरफ धकेल दिया और अपना हाथ दोनों बूब्स पर रखकर दबाने लगा, वाह क्या बूब्स थे.

मेरे तो दोनों हाथ में नहीं आ रहे थे और मुझे ऐसा लग रहा था कि आज भाभी का सूट और ब्रा फाड़कर उन्हे आज़ाद कर दूँ और में बहुत ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा. फिर भाभी की आँखे बंद थी और वो बोली कि धीरे मेरे शेर धीरे.

दोस्तों उनके मुहं से शेर शब्द सुनकर में तो और भी जोश में आ गया और ज़ोर ज़ोर से बूब्स दबाने लगा और भाभी भी धीरे धीरे मोनिंग करने लगी, आहह्ह्ह्हह्ह उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह थोड़ा आराम से मेरे शेर आराम से आहह्ह्ह्हह उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ और फिर उन्होंने मुझे धक्का दिया और कहा कि तुम्हारे दस मिनट खत्म. फिर में बोला कि अभी तो किस भी नहीं हुई? तो वो बोली कि यह तुम्हारी गलती है, तुमने की ही नहीं. फिर में बहुत उदास हो गया और जाने लगा, तभी भाभी बोली कि उदास मत हो, आजा किस भी कर ले.

में बहुत खुश हो गया और उनके होंठो को अपने होंठो में लेकर चूसने लगा, लेकिन उन्होंने मुझे जल्दी ही हटा दिया और कहा कि बस इतना ही ठीक है, इसके आगे अगली बार और फिर में जाने लगा. फिर वो मुझसे बोली कि अब घर पर जाकर ज़्यादा मुठ मत मारना, यह सब शरीर के लिए ठीक नहीं होता. फिर में घर पर आकर बहुत मन लगाकर पड़ने लगा और अगले रविवार का इंतजार करने लगा और फिर रविवार भी आ गया और फिर में भाभी के घर पर गया.

 

(TBC)…

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