सुबह-सुबह जन्नत दिखाई

Hindi sex story, antarvasna मेरी पत्नी की वजह से मुझे हर जगह शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता, मैं अपनी पत्नी की बातों से इतना ज्यादा परेशान हो गया था कि मैं उसके सामने अब ज्यादा बात ही नहीं किया करता वह आए दिन हमारे पड़ोस में सब लोगों से झगड़ा करती मेरे कई बार समझाने के बावजूद वह नहीं समझती इसलिए मैंने उसे बोलना ही छोड़ दिया था, मेरी मां भी उसकी इन हरकतों से बहुत ज्यादा परेशान हो गई और एक दिन वह मुझे कहने लगी बेटा तुम अपनी पत्नी से क्यों बात नहीं करते, मैंने अपनी मां से कहा मैंने तो उससे कई बार बात की लेकिन वह समझने को तैयार ही नहीं है। अब उसकी आदत ही ऐसी हो चुकी थी इसलिए मैं उससे ज्यादा बात नहीं किया करता मुझे अपने काम से ही फुर्सत नहीं थी इसलिए मैं अपने काम में ही व्यस्त हो गया उसी दौरान मुझे एक बड़ा प्रोजेक्ट मिला मैंने कभी उम्मीद नहीं की थी कि मुझे इतना बड़ा प्रोजेक्ट मिल जाएगा, यह प्रोजेक्ट मेरे जीवन का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट था मैं उसे किसी भी हाल में अच्छे से पूरा करना चाहता था।

मैं नहीं चाहता था कि उसमें किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत हो, मैं अब उस प्रोजेक्ट को लेकर बहुत ही ज्यादा सीरियस हो गया क्योंकि उसकी सारी जिम्मेदारी मेरे कंधों पर थी और मैं नहीं चाहता था कि मेरी वजह से उस काम में कोई दिक्कत आये। मैं घर पर अपने उस प्रोजेक्ट को लेकर अच्छे से काम करता लेकिन एक दिन मेरी पत्नी मुझसे कहने लगी कि हमारे पड़ोस में कुछ लड़के रहने के लिए आए हैं और वह लोग कॉलोनी में बड़ा ही शोर शराबा करते हैं, मैंने अपनी पत्नी से कहा कि तुम्हें दूसरों के मामलों में दखलअंदाजी करने की क्या आवश्यकता है वह लोग जिनके घर पर रहते हैं वह लोग ही यदि कुछ नहीं कह रहे हैं तो हम लोगों को क्या दिक्कत है, मेरी पत्नी मुझे कहने लगी कि तुम्हें तो घर पर भी कोई मतलब नहीं है, मैंने अपनी पत्नी से कहा देखो मैं आजकल काम में बिजी हूं तुम फालतू की बातें ना ही करो तो ठीक रहेगा, वह मुझे कहने लगी कि तुम्हें तो बस अब मैं भी फालतू लगने लगी हूं, मैंने अपनी पत्नी को समझाया और उसे कहा देखो कमला तुम बेकार की ही बातें कर रही हो तुम समझती क्यों नहीं मैं काम में व्यस्त हूं और मेरे पास एक बड़ा प्रोजेक्ट आया हुआ है जिससे कि मेरी जिंदगी बदल सकती है।

वह मुझसे गुस्सा हो गई मैंने उस वक्त उसे कुछ नहीं कहा मैं अपने काम में ही लगा रहा मेरा काम जब पूरा हो गया तो मैं अपनी पत्नी से बात करने लगा लेकिन वह मुझसे बात ही नहीं कर रही थी मैंने उसे मनाने के लिए उस दिन बाहर से खाना ऑर्डर कर लिया लेकिन फिर भी उसका मूड ठीक नहीं हुआ मेरे दिमाग में सिर्फ मेरे काम को लेकर ही बातें चल रही थी और मेरे कुछ समझ में नहीं आया कि मैं अब क्या करूं, मैंने उसके बाद अपनी पत्नी से कुछ बात नहीं की कुछ देर बाद वह मेरे पास आई और कहने लगी कि आप तो मुझसे बात ही नहीं कर रहे हैं, मैंने उससे कहा देखो कमला तुम समझती क्यों नहीं हो यह मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है मैंने आज से पहले कभी भी इतना बड़ा प्रोजेक्ट अपने हाथ नहीं लिया और यदि इसे मैं अच्छे से कर पाया तो शायद मेरा जीवन बदल जाएगा और कहीं ना कहीं तुम्हें भी खुशी होगी, वह कहने लगी मैं तो हमेशा आपकी तरक्की चाहती हूं, मैंने अपनी पत्नी से कहा तो फिर तुम मुझे समझती क्यों नहीं, वह कहने लगी कि तुम मुझे ही हमेशा गलत समझते हो और हमेशा मुझ पर ताने मार देते हो, मैंने अपनी पत्नी से कहा देखो कमला तुम एक समझदार महिला हो तुम बेकार में किसी दूसरे के घर में ताक झाक ना किया करो और यदि कोई लोग आसपास शोर शराबा कर रहे हैं तो वह लोग जिनके घर पर रहते हैं उन्हें कोई आपत्ति नहीं है तो तुम्हें उन्हें कहने की क्या जरूरत है तुम अपने काम से काम रखो, वह मुझे कहने लगी मैंने तो सिर्फ आपसे यह बात कही थी और आपने उसे उल्टा ही ले लिया, मैंने अपनी पत्नी से कहा चलो अब वह बात छोड़ो हम लोगों ने काफी समय से एक दूसरे के साथ अच्छा समय व्यतीत नहीं किया है, कमला मुझे कहने लगी हां मैंने भी आपके साथ काफी समय से अच्छा टाइम नहीं बिताया है।

हम दोनों आपस में अपनी पुरानी बातें याद करने लगे। मैंने कमला से कहा जब मैं तुम्हें पहली बार मिला था तो तुम उस वक्त कितना शर्मा रही थी और मैंने तुम्हें उस वक्त देखते ही पसंद कर लिया था, कमला कहने लगी हां मैंने भी आपको उस वक्त पसंद कर लिया था लेकिन मेरी भी हिम्मत आप से बात करने की हुई ही नहीं। हम दोनों अपनी पुरानी बातों में खो गए और काफी समय बाद मैंने अपनी पत्नी के साथ एक अच्छा टाइम बिताया, मेरा प्रोजेक्ट भी शुरू हो चुका था मैं अपने काम में पूरी तरीके से व्यस्त हो चुका था इसलिए मुझे ना तो दिन का पता चलता और ना हीं रात का पता चलता लेकिन मुझे किसी भी हाल में अपने प्रोजेक्ट को पूरा करना ही था, जैसे ही मेरा प्रोजेक्ट कंप्लीट हुआ उसके कुछ समय बाद ही मुझे कंपनी ने पैसे दे दिए मैं बहुत खुश था क्योंकि इतने समय बाद मुझे कोई बड़ा प्रोजेक्ट मिला था मेरी जिंदगी पूरी बदलने वाली थी मैंने उन पैसों से एक नया घर खरीद लिया और मेरी पत्नी भी बहुत खुश हुई, मेरे जितने भी रिश्तेदारों को यह बात पता चली तो सब लोग कहने लगे कि अब तुम्हें घर की पार्टी तो करानी ही पड़ेगी, मैंने उन लोगों के लिए एक छोटी सी पार्टी अरेंज की जिसमें मेरे जानने वाले लोग ही आए हुए थे मैं बहुत ज्यादा खुश था मेरी खुशी का कारण सिर्फ मेरा वह प्रोजेक्ट था क्योंकि मैं इस प्रोजेक्ट को अच्छे से कर पाया और मैं बहुत ज्यादा खुश था। मैंने नए घर को किराए पर देने की सोची और फिर मैंने वह घर किराए पर दे दिया ताकि मुझे उससे कुछ पैसा आता रहे।

मुझे और भी बहुत प्रोजेक्ट मिलने लगे मैंने अपने ऑफिस में अपनी टीम भी बढ़ा दी जिससे कि मुझे काम करने में सहूलियत हो मैं अपने काम के प्रति बड़ा ही सीरियस था और अपने इसी जुनून के चलते मेरा काम भी अच्छा चलने लगा मेरी पत्नी की नजर में भी अब बदलाव होने लगा था और वह भी समझ गई थी कि मैं काम में ज्यादा व्यस्त रहता हूं तो मुझसे सिर्फ काम की ही बात किया करें, मुझे जब समय मिलता तो मैं अपनी पत्नी और अपनी फैमिली के साथ पूरा समय बिताता लेकिन जब मेरे पास समय नहीं होता तो वह लोग भी इस बात को समझ जाते कि मैं अपने काम में बिजी हूं इसलिए वह लोग मुझे कभी परेशान नहीं करते। एक दिन मुझे अपने काम के सिलसिले में बेंगलुरु जाना पड़ा मैं जब बेंगलुरु गया तो मुझे नहीं पता था कि मुझे बेंगलुरु में काफी समय तक रुकना पड़ जाएगा मैं कुछ दिनों तक तो अपने रिश्तेदार के घर पर रुका रहा लेकिन जब मुझे लगा कि मुझे अब कुछ और दिनों के लिए रुकना पड़ेगा तो मैंने एक होटल में रूम बुक कर लिया मैं नहीं चाहता था कि मेरी वजह से वह लोग परेशान हो इसलिए मैंने होटल में रहना ही मुनासिब समझा। मैंने जिस होटल में रुम लिया वहां पर बड़ा ही अच्छा एनवायरमेंट था मैं हर दिन अपनी पत्नी और अपनी मां को फोन कर दिया करता मेरी पत्नी कमला हमेशा मुझे कहती कि आप बेंगलुरु से कब लौट रहे हैं, मैंने उसे कहा देखो मुझे आने में तो कुछ समय लग जाएगा। अगले दिन जब कमला मुझे फोन कर रही थी तो उस वक्त मैं अपने काम पर व्यस्त था इसलिए मैं उसके फोन को रिसीव नहीं कर पाया कुछ देर बाद जब मैंने कमला को कॉल बैक की तो वह मुझे कहने लगी मैं आपको काफी देर से फोन कर रही थी, मैंने उसे कहा हां मैं कुछ काम में व्यस्त था, वह कहने लगी मुझे आपसे कहना था कि क्या मैं कुछ दिनों के लिए अपने घर चली जाऊँ, मैंने उसे कहा हां तुम कुछ दिनों के लिए अपने घर चली जाओ, वह बहुत खुश हो गई।

उस दिन मुझे काफी अकेला महसूस होने लगा मै होटल के कमरे में ही बैठा हुआ था उस दिन मैंने सोचा कि क्यों ना आज मैं बाहर टहल आता हूं मैं उस दिन बाहर टहलने के लिए चला गया। मैं जब रिसेप्शन पर गया तो वहां मैंने एक लड़की देखी मैंने उस लड़की को पहली बार ही देखा था। मैं उसके पास चला गया और उससे बात करने लगा वह भी मुझसे मेरे बारे में पूछने लगी मैंने उसका नाम पूछा उसका नाम रमा था। मैंने उसे अपनी बातों में इतना ज्यादा इंप्रेस कर दिया कि वह मेरी बातों से बहुत प्रभावित हो गई मैंने उसे कहा आप जब फ्री हो तो मेरे साथ कुछ देर समय बिता सकती हैं। वह कहने लगी सर अभी तो मेरे पास समय नहीं है लेकिन मैं जैसे ही फ्री होती हूं तो आपसे मिलती हूं। वह अगले दिन सुबह मेरे रूम पर आ गई मैं उस वक्त लेटा हुआ था रमा ने दरवाजे की डोर बेल बजाई मैंने दरवाजा खोल दिया। जब उसने दरवाजा बंद किया तो मै उसके बगल में जाकर बैठ गया हम दोनों एक साथ बैठे हुए थे। मैंने जैसे ही उसकी जांघ पर हाथ रखा तो वह मचलने लगी मैंने उसे बिस्तर पर लेटा कर नंगा कर दिया जैसे ही मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर लगाया तो वह कहने लगी आपके अंदर तो बड़ी गर्मी है। मैंने उसे कहा तुम देखती जाओ मेरे अंदर कितनी गर्मी है। मैंने अपने लंड को उसकी चूत के अंदर डाल दिया वह अपने दोनों पैरों को खोलती मैं उसे तेजी से धक्के देता। मैंने उसे कहा मुझे बहुत मजा आ रहा है मुझे उसे चोदने में काफी मजा आता मैं तेजी से उसकी चूत मार रहा था जब मेरा वीर्य गिरने वाला था तो मैंने अपने वीर्य को उसके स्तनों पर गिरा दिया। उसने मेरे वीर्य को अपने स्तनों पर अच्छे से रगडा और कहने लगी आपका वीर्य मे तो बडी ही चिपचिपाहट है। मैंने उसे कहा तुम्हारी चूत मारने में मुझे बड़ा मजा आ गया वह खुश होकर कहने लगी सर आपने तो मुझे सुबह सुबह ही जन्नत दिखा दी। मैंने उसे कहा क्या तुम कल सुबह मेरे पास आ जाओगी वह कहने लगी क्यों नहीं मै सुबह आपके पास आ जाऊंगा। अगले दिन भी वह मेरे पास आ गई जब वह मेरे पास आई तो  मैंने अगले दिन भी उसकी चूत के मजे लिए।

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