antarvasna, kamukta मेरी मम्मी एक दिन मुझे कहती है कि बेटा तुम जाकर दुकान से कुछ सामान ले आओगे मैंने मम्मी से कहा हां जी आप मुझे सामान की लिस्ट दीजिए मैं दुकान से सामान ले आता हूं, मेरी मम्मी ने मुझे सामान की लिस्ट दे दी और उसके बाद मैं दुकान में सामान लेने के लिए चला गया मैं जब दुकान में सामान लेने के लिए गया तो मैंने दुकानदार से कहा भैया मुझे यह सामान दे दिजिये। मैंने उन्हें मम्मी की दी हुई परची दे दी और उसके बाद उन्होंने मुझे सामान दे दिया जब उन्होंने मुझे सामान दिया तो मैं वह सामान लेकर घर चला आया क्योंकि हमारा घर फर्स्ट फ्लोर पर है इसलिए मैं उस इन सीढ़ी से ही चला गया उस दिन लिफ्ट भी खराब थी लेकिन मुझे ध्यान नहीं था कि जो सामान मैं लेकर आ रहा हूं उसमें से तेल का पैकेट फटा हुआ था और तरल पूरा नीचे टपकने लगा था मैं घर तो पहुंच गया लेकिन जब मेरी मम्मी ने कहा कि बेटा यह तेल का पैकेट तो पूरा फटा हुआ है।
मैं जब दुकान में वह तेल का पैकेट वापस करने के लिए गया तो मेरे आगे राधिका जा रही थी राधिका भी हमारे पड़ोस में रहती है लेकिन उसका पैर स्लिप हो गया और वह सीढ़ियों से नीचे गिर पड़ी मैं उसकी तरफ दौड़ कर गया और राधिका को उठाया राधिका बेहोश हो चुकी थी मैं बहुत घबरा गया क्योंकि इसमें मेरी गलती थी यह मेरी गलती की वजह से ही हुआ था परंतु मैं किसी को भी यह बात बताना नहीं चाहता था कि यह मेरी गलती की वजह से हुआ है, मैंने वह तेल का पैकेट वहीं किनारे फेंक दिया और मैं राधिका को उठाकर उसके घर पर गया, मैंने राधिका को अपनी गोद में उठाया था और मैंने उसके घर की बेल बजाई तो उसकी मम्मी बहुत घबरा गई क्योंकि उस वक्त उसकी मम्मी ही घर पर थी मैंने उसकी मम्मी से कहा कि आप घबराइए मत, उसकी मम्मी जोर जोर से चिल्लाने लगी तब तक मेरी मम्मी ने भी शायद आवाज सुन ली थी मेरी मम्मी भी राधिका के घर पर आ गई और वह राधिका की मम्मी को कहने लगी कि बहन जी क्या हो गया लेकिन उसकी मम्मी तो कोई जवाब ही नहीं दे रही थी मैंने मम्मी से कहा मम्मी घबराने की कोई बात नहीं है राधिका का पैर फिसल गया था और वह बेहोश हो गई, मैंने मम्मी से कहा मैं डॉक्टर को अभी फोन कर के बुला देता हूं।
हमारी कॉलोनी में ही डॉक्टर रहते हैं उनका नंबर मेरे पास था मैंने उन्हें फोन करके बुला दिया जैसे ही डॉक्टर साहब आए तो उन्होंने राधिका को देखा और वह कहने लगे कि राधिका कुछ देर बाद होश में आ जाएगी उन्होंने राधिका को एक इंजेक्शन भी लगा दिया राधिका कुछ देर बाद होश में आ गई अब मेरी भी सांस में सांस आई और उसकी मम्मी भी अब टेंशन फ्री हो गई थी उसकी मम्मी ने राधिका से पूछा कि बेटा क्या हो गया था तो राधिका कहने लगी कि मम्मी मेरा पैर फिसल गया था और मैं बेहोश हो गई। मुझे बहुत डर लग गया और मैं बहुत घबरा गया था मुझे लगा कि कहीं राधिका को पता तो नहीं चल गया कि उसका पैर तेल में फिसला था अब सब कुछ ठीक हो चुका था और मैं वहां से अपने घर चला आया मैं जब अपने घर आया तो मैंने मम्मी को सारी बात बताई मेरी मम्मी मुझे कहने लगी बेटा इसमें तुम्हारी भी कोई गलती नहीं है तुमने जानबूझकर तो यह सब नहीं किया लेकिन मुझे बहुत दुख था मैं राधिका को बचपन से जानता हूं राधिका मुझसे स्कूल में एक क्लास जूनियर थी और राधिका और मेरे बीच अच्छी दोस्ती भी है राधिका के हाथ पर चोट भी आई थी और जब मैं अगले दिन राधिका के घर पर गया तो राधिका मुझे कहने लगी मेरे हाथ में बहुत तेज दर्द हो रहा है मैंने राधिका के हाथ में देखा तो उसके हाथ में भी चोट लगी हुई थी और मैंने सोचा कि मैं राधिका को अब सब कुछ बता दूं लेकिन मेरी हिम्मत ही नहीं हुई और मैंने राधिका को कुछ भी नहीं बताया, उसके बाद जब राधिका ठीक हो गई तो एक दिन वह मुझे हमारी कॉलोनी के गेट पर मिली, मैंने राधिका से पूछा तुम अभी कहां से आ रही हो तो राधिका कहने लगी मैं तो अपनी सहेली के घर से आ रही हूं राधिका मुझसे पूछने लगी लेकिन तुम अभी कहां जा रहे हो मैंने राधिका से कहा बस ऐसे ही मैं भी अपने दोस्त के घर जा रहा था।
मैंने राधिका से पूछा तुम्हारी तबीयत कैसी है तो राधिका कहने लगी अब तो मैं पहले से ठीक हूं मैंने राधिका से कहा मुझे तुमसे कुछ बात करनी थी राधिका कहने लगी हां कहो तुम्हें क्या बात करनी थी, पहले तो मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी लेकिन मैंने उसे हिम्मत करके यह बता ही दिया कि उस दिन जब तुम्हारा पैर सीढ़ियों में फिसला तो मैं दरअसल दुकान से सामान लेकर आ रहा था उसमें से तेल का पैकेट फटा हुआ था और उसमें से तेल टपकने लगा और वह सीढियों पर बिखर गया था जिस वजह से तुम्हारा पैर सीढ़ियों से स्लिप हो गया और तुम सीढ़ियों से नीचे गिर पड़ी मैं तुम्हें उसी वक्त बताना चाहता था लेकिन तुम्हारी मम्मी को देखकर मुझे बहुत डर लग रहा था मुझे लगा कि कहीं तुम्हारी मम्मी मुझे कुछ ना कह दे इसलिए मैंने यह बात नहीं बताई परंतु मैं इस बात को अपने दिल में नहीं रखना चाहता था, राधिका मुझसे कहने लगी सूरज तुम अभी भी पहले जैसे ही हो तुम कितने ज्यादा सीधे हो मैं तुम्हें बचपन से जानती हूं और हम लोग एक दूसरे के पड़ोस में बचपन से रह रहे हैं लेकिन तुम अभी भी बिल्कुल नहीं बदले हो इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है यह तुमने कोई जानबूझकर नहीं किया है और अब मैं ठीक भी हो चुकी हूं तुम इस बात को भूल जाओ, मैंने राधिका से कहा यह बात मेरे दिल में थी और मैं तुम्हें बताना चाहता था क्या तुमने मुझे इस बात के लिए माफ कर दिया राधिका मुझे कहने लगी मैंने तो तुम्हें कभी इस बात के लिए गुनेहगार नहीं ठहराया था जो मैं तुम्हें माफ करूं तुमने जानबूझकर कोई गलती नहीं की है।
मैंने राधिका से कहा यार तुम मुझे माफ कर देना राधिका कहने लगी अब तुम कुछ ज्यादा ही इमोशनल हो रहे हो राधिका मुझे बचपन से जानती है और उसे मेरी आदतों के बारे में अच्छे से पता है मुझे क्या चीज पसंद है और क्या नहीं उसको यह सब भी मालूम है। राधिका मुझे कहने लगी मुझे अभी घर जाना है मैं तुम्हारे घर पर आऊंगी तब तुम इस बारे में बात करना, मैंने राधिका से कहा ठीक है मैं भी अभी चलता हूं क्योंकि मुझे भी अपने दोस्त से मिलना है, मैं अपने दोस्त से मिलने के लिए चला गया और मेरे लिए यह खुशी की बात थी कि कम से कम राधिका ने मुझे माफ कर दिया था और राधिका भी वहां से जा चुकी थी। मैं जब अपने दोस्त के घर पहुंच गया तो मैंने उसे यह सारी बात बताई वह मुझे कहने लगा यार तुमने कुछ भी गलत नहीं किया यह सब कौन सा तुमने जानबूझकर किया है मैं अपने दोस्त के साथ 3 4 घंटे तक रहा और उसके बाद मैं घर वापस लौट आया। उस दिन राधिका मुझसे मिलने के लिए आई और उस दिन मम्मी ने मुझे कहा बेटा तुम्हें आज मेरे साथ चलना है राधिका भी वहीं बैठी हुई थी राधिका मेरी मम्मी से पूछने लगी आंटी जी आज आप कहां जा रहे हैं तो मेरी मम्मी कहने लगी बेटा आज मुझे मेरी बहन के घर पर जाना है उसने मुझे घर पर बुलाया है राधिका कहने लगी ठीक है आंटी मैं अभी घर चलती हूं फिर कभी आऊंगी। राधिका भी घर चली गई, मैं भी अपनी मम्मी के साथ चला गया हम लोग उस दिन तो जल्दी घर लौट आए। उस दिन तो राधिका घर चली गई लेकिन कुछ दिनों बाद वह जब दोबारा घर पर आई तो वह मुझे कहने लगी आंटी कहां पर है।
मैंने उसे कहा मम्मी तो कहीं गई हुई है वह मेरे साथ आकर बैठ गई, हम दोनों साथ में बैठ कर बात करने लगे। मैं राधिका से बात कर के बहुत खुश था क्योंकि उसने भी अब उस बात को पूरी तरीके से भुला दिया था, जब उसने मुझे कहा जिस दिन मेरा पैर फिसला था उस दिन मुझे बहुत ज्यादा लगी थी। मैंने उसे कहा यार उस दिन वाकई में मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई थी। वह मुझे कहने लगी उस दिन मेरी छाती पर बहुत तेज लगी थी। मैंने उसे कहा जरा मुझे दिखाना तुम्हें कहां लगी थी जब उसने अपने स्तनों के बगल में मुझे दिखाया तो मैं उसके स्तनों की लकीर देखकर उस पर हाथ लगाने लगा और उसके स्तनों को दबाने लगा, मेरे अंदर सेक्स बढ़ने लगा था और शायद वह भी गर्म होने लगी थी उसके शरीर पूरी तरीके से उत्तेजीत हो गया था। मैने राधिका के सलवार के नाडे को खोल कर उसको नंगा कर दिया और उसकी चूत को चाटने लगा। वह उत्तेजित होकर मुझे कहने लगी यार मुझे बहुत मजा आ रहा है मैंने भी उसकी चूत के बहुत देर तक मजे लिए जब उसकी चूत पर मैंने अपने लंड को रगडना शुरू किया तो उसकी चूत से पूरी तरीके से गर्मी बाहर निकलने लगी और वह उत्तेजित हो गई।
वह मुझे कहने लगी यार मेरे शरीर में बहुत ज्यादा गर्मी हो चुका है मैंने उसकी चूत मे धक्का देते हुए उसकी चूत में लंड प्रवेश करवा दिया। जब मेरा लंड उसकी टाइट चूत के अंदर घुसा तो उसकी चूत से खून निकलने लगा और मुझे बड़ा अच्छा लगने लगा। मैंने उसके दोनों पैरों को चौड़ा कर लिया और तेजी से धक्के मारने लगा उसकी चूतड मेरे लंड से टकराते ही धराशाई हो जाती मेरे अंदर और भी अधिक गर्मी बढ जाती। मेरे अंदर इतनी ज्यादा गर्मी बढ़ गई कि मैं अपने आप पर काबू नहीं कर पाया मैंने उसे इतनी तेजी से चोदना शुरू किया तो उसका शरीर पूरी तरीके से हिल जाता और उसके मुंह से सिसकिया निकलती। उसकी सिसकियो से मैं और भी अधिक गर्म हो जाता कुछ ही क्षणों बाद मेरा वीर्य पतन हो गया। राधिका को मैं बचपन से जानता हूं परंतु मैंने कभी भी उसके बारे में ऐसा नहीं सोचा पर उस दिन उसके स्तन देखकर मैं अपने आपको रोक ना सका और उसके साथ सेक्स कर लिया लेकिन मुझे अच्छा लगा, वह मुस्कुराते हुए अपने घर चली गई।