hindi sex stories, antarvasna
मेरा नाम आरोही है। मैं मुंबई के एक क्लब में काम करती हूं। मुंबई मैं साहिल के साथ आई थी। उसी ने मुझे क्लब की नौकरी दिलाई। उस क्लब में एक लड़का हमेशा आता रहता था। वह साहिल का दोस्त था। उसका नाम आदित्य था। आदित्य से मेरी मुलाकात साहिल के जरिए ही हुई थी। जब मैं क्लब में काम करती थी तो पहले दिन मुझे एक फोन आया। लेकिन मुझे पता नहीं था कि यह फोन किसका है। फिर वह मुझसे बातें करता था। और कई बार तो वह मेरी फोटो खींचकर मुझे ही सेंड कर देता था। मैं घबरा सी गई थी मैं सोचने लगी कि मैं यहां किसी को जानती तक नहीं पर फिर भी मेरे साथ ऐसा कौन कर रहा है। मैंने इधर उधर देखा लेकिन मुझे ऐसा कोई नहीं दिखा। फिर मैंने सोचा की साहिल से बात करूं। मैं साहिल को ढूंढ रही थी लेकिन तब तक साहिल जा चुका था। मैं थोड़ा परेशान थी। उसके बाद मैं जब घर आई तो मुझे मैसेजेस आने लगे। और वह मुझे मिलने को कह रहा था। लेकिन मैंने मिलने से मना कर दिया। मुझे नहीं पता था कि वह कौन है।
एक दिन मेरे नाम का टैटू अपने हाथ पे बनाया और उसे क्लिक करके मुझे भेजा। मैं वह टैटू देखकर हैरान हो गई। मुझे समझ ही नहीं आ रहा था कि यह हो क्या रहा है। मैंने उस नंबर पर कॉल किया। लेकिन उसने फोन रिसीव नहीं किया। कुछ दिनों तक मैं ऐसे ही उसके मैसेजेस और फोन से परेशान थी और उसने एक दिन फिर मुझे मिलने को कहा। मैंने क्लब में आने के लिए कह दिया। वह क्लब में तो आया था लेकिन मुझे मिला ही नहीं। मैंने सब जगह देखा लेकिन उसका कोई पता ही नहीं था। उसके बाद उसने फिर से मेरी फोटो खींच कर मुझे ही भेजी। मैंने उससे कई बार पूछा कि तुम कौन हो। लेकिन उसने कहा कि यह सब मैं तुम्हें अकेले में मिलकर बताऊंगा। मैंने भी उससे मिलने के लिए कह दिया। क्योंकि उस दिन क्लब में वह आया तो था। पर मुझे मिले बिना ही वहां से चले गया।
अगले दिन उसने मुझे अकेले में बुलाया। उस दिन मैं उससे मिलने के लिए राजी हो गई थी। और मैं उससे मिलने के लिए चली गई। मेरे वहां पहुंचने से पहले वह वहां मौजूद था। जब मैंने उसे देखा। मैं तब भी नहीं समझ पाई कि यह कौन है और जब उसने मुड़कर मेरी तरफ देखा। मैं उसे देखकर हैरान हो गई। मैंने कभी सोचा भी नहीं था की यह आदित्य हो सकता है। आदित्य ही था जो मुझे फोन और मैसेज करता रहता था।
वह साहिल का दोस्त था इसलिए वह मुझसे क्लब में नहीं मिलना चाहता था। उसी ने अपने हाथ में मेरे नाम का टैटू बना रखा था। आदित्य ने मुझे यह बात साहिल को बताने से मना की थी क्योंकि साहिल फिर उसके बारे में गलत सोचता। साहिल क्लब में भी आता था और घंटों तक वहां बैठा रहता था। कभी कभार जब मुझे समय मिलता तो हम तीनों साथ में बैठ कर बातें किया करते थे। मुझे तब भी समझ में नहीं आया कि यह आदित्य ही था और इसी दौरान हम दोनों आपस में बातें करने लगे थे। और मिलने भी लगे थे।
मुझे भी आदित्य पसंद आने लगा था। वह एक अच्छा लड़का है। हम दोनों की फोन पर बात होने लगी थी। वह मुझे क्लब से बाहर भी मिलता रहता था और हम दोनों में प्यार हो गया। लंबे समय तक हम दोनों के बीच फोन पर ही ज्यादा बातें होती थी। एक बार आदित्य ने भी मुझे अपने हाथ पर उसके नाम का टैटू बनाने के लिए कहा लेकिन मुझे यह कुछ ठीक नहीं लग रहा था। मैंने उसे एक बारी तो मना कर दिया था पर दूसरी बार मैं उसे मना नहीं कर पाई और मैंने भी अपने हाथ में उसके नाम का टैटू बना दिया। हम दोनों साथ में बहुत खुश थे और एक दिन वह एक लड़की से बात करने लगा। मैंने भी उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। मुझे लगा उसकी कोई दोस्त होगी लेकिन वह उसके लिए दोस्त से भी बढ़कर थी। मैंने उससे कभी पूछा भी नहीं कि वह किस से मिलता है और किस से इतनी बातें करता है। क्योंकि मेरे पास भी इतना समय नहीं होता था और मुझे आदित्य पर पूरा विश्वास था। आदित्य से जब मैंने एक दिन पूछा कि वह लड़की कौन है तो उसने मुझे बताया कि वह मेरी बहन है। क्या तुम इस बात को लेकर डरी हुई हो। तुम्हें मुझ पर भरोसा नहीं है अब उसने मुझे उस लड़की से भी मिलाया। तो मैं संतुष्ट हो गई और हम दोनों को भरोसा और ज्यादा गहरा हो गया था।
एक दिन क्लब में ही आदित्य ने मुझे कहा कि आज मेरा बहुत मन है। तुम्हारे साथ सेक्स करने का मुझे आदित्य पर पूरा भरोसा हो चुका था। तो मै उस पर अब अच्छे से यकीन करने लगी थी और मुझे उससे कोई दिक्कत भी नहीं थी। तो मैंने उसे कहा ठीक है एक काम करते हैं।
तुम मेरे घर पर आ जाना और वहीं पर हम सेक्स कर लेंगे। मैं तैयार होकर रहूंगी तुम्हारे लिए आदित्य मेरे घर पर आया और वह मेरे लिए गिफ्ट लाया था। मैंने जैसे ही गिफ्ट खोला तो मैं बहुत खुश हो गई। मैं उसे गले लग कर कहा कि मैं तुमसे वाकई में बहुत प्यार करती हूं। आदित्य ने मुझे पकड़ लिया और वह मुझे किस करने लगा। किस करते करते वह मुझे मेरे बिस्तर तक ले गया और उसने मुझे वहीं लेटा दिया। जैसे ही वह किस कर रहा था। तो उसने मेरे होठों को भी काट लिया और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। जब वह इस तरीके से कर रहा था वह मेरे स्तनों को भी दबा रहा था और अब उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए थे। मैं उसके सामने एकदम नंगी खड़ी थी। वह मेरे स्तनों को भी अच्छे से पी रहा था। उसके बाद उसने मेरी योनि में भी अपनी जीभ को डालकर चाटने लगा और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। जब वह इस तरीके से कर रहा था। तो वह ऐसा करता ही जा रहा था। मैंने आदित्य के लंड को पकड़ते हुए अपने मुंह में ले लिया और उसे सकिंग करने लगी। मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। जब मैं सकिंग कर रही थी। मैंने उसके लंड को अपने मुंह के अंदर लेती और फिर बाहर निकालती। ऐसा मैंने कुछ देर तक किया। उसके बाद आदित्य ने मुझे लेटाते हुए। अपने लंड को मेरी चूत मे डालना शुरू किया। जैसे ही वह मेरी चूत मे अपना डाल रहा था। तो मुझे बहुत तेज दर्द हो रहा था लेकिन मैं दर्द बर्दाश्त करती रही। उसने मेरी चूत मे अपना लंड डाल दिया।
जैसे ही उसने अपने लंड को डाला तो मैं चिल्ला पड़ी और मेरे मुंह से बड़ी तेज आवाज निकलने लगी। उसने मेरे मुंह को दबा दिया और वह मुझे बड़ी तेजी से चोदने लगा। उसने मेरी दोनों जांघों को बड़ी कसकर पकड़ रखा था और वैसे ही बड़ी तेजी से करता जा रहा था। थोड़ी ही देर में मेरा तो झड़ गया और आदित्य का भी झड़ने वाला था। तो उसने अपना वीर्य मेरी चूत मे ही डाल दिया। मुझे बहुत ही अच्छा लगा। जब उसने अपना वीर्य मेरे चूत में डाला। आदित्य ने मुझे कहा कि मुझे तुम्हारी गांड मारनी है। मैंने आज तक कभी गांड़ नहीं मारी है। मैंने आदित्य से कहा कि मैंने भी आज तक कभी किसी से अपनी गांड नहीं मरवाई है। मैं आदित्य को मना भी नही कर पाई और आदित्य ने सरसों का तेल अपने पूरे लंड पर लगा दिया। उसके बाद उसने मेरी गांड को अच्छे से चाटा अब उसने मेरी गांड़ के अंदर तक अपना लंड डाल दिया। जैसे ही उसने अपना लंड अंदर डाला तो मै बड़ी तेज आवाज में चिल्ला पड़ी। लेकिन उसने मुझे छोड़ा नहीं ऐसे ही धक्के मारता रहा। काफी देर तक मेरे साथ सेक्स करता रहा। पहले मुझे काफी दर्द हो रहा था लेकिन बाद में जैसे-जैसे एडजस्ट हो गया। मुझे काफी अच्छा लगने लगा। उसने मेरे चूतड़ों को अपने दोनों हाथों से कसकर पकड़ रखा था और वह बड़ी तेज तेज धक्के मार रहा था। मेरी सांसे भी रुक जाती थी। जब वह अंदर धक्का मारता। ऐसा करते हुए उसका वीर्य गिर गया और उसने मेरी गांड के अंदर ही अपना वीर्य डाल दिया।
यह मेरा पहला ही अनुभव था। जो कि काफी अच्छा रहा। इसके बाद तो ना जाने कितनी बार ही आदित्य ने मेरी गांड के छेद में अपना लंड डाला और मुझे अच्छा भी लगता है। जब वह इस तरीके से मेरे साथ करता है। अब मुझे आदत सी हो गई है और मुझे बड़ा ही अच्छा भी लगता है जब वह इस तरीके से मेर गांड़ मारता है।