हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम पंखुरी है और मैं बंगलोर की रहने वाली हूँ | मेरी उम्र 26 साल की है और मैं बंगलोरे में अपने मम्मी और पापा के साथ रहती हूँ, मेरी एक बड़ी बहन थी जिसका नाम जूही है | उसकी शादी पशिचम बंगाल में पिछले साल हुई है | दिखने में मैं थोड़ी मोटी हूँ पर मेरा फिगर गदराया हुआ है | मेरे दूध के निप्पल के साथ साथ मेरी चूत भी गुलाबी है | मुझे स्कर्ट और शॉर्ट्स पहनना बहुत पसंद है | हफ्ते में एक बार मैं बियर जरुर पीती हूँ | ये मेरी पहली कहानी है जो मैं आप लोगों के सामने पेश करने वाली हूँ | तो अब मैं सीधा स्टोरी पर आती हूँ बिना वक़्त बर्बाद किये |
ये घटना पिछले साल नवम्बर की है जब मैं अपने जीजा जी और दीदी के घर गयी हुई थी, दोस्तों मेरे जीजा का खुद का माइंस का बिज़नस है और वो बहुत रिच भी है | अगर लुक की बात की जाये तो मेरे जीजा जी बहुत हैंडसम है और गोर चिट्टे भी है | उनका रहन सहन भी बहुत अच्छा था | सबसे ख़ास उनमे ये थी कि उनका नेचर बहुत प्यारा है | वो मुझे बहुत प्यार करते है और जब भी मैं उनके पास जाया करती थी | तो वो मुझे कुछ ना कुछ नया सरप्राइज गिफ्ट देते थे | नवम्बर में अच्छी खासी ठण्ड पड़ती है और मुझे ये ठण्ड का मौसम बहुत अच्छा लगता है | तो मैं दीदी और जीजा रात का खाना खाने के बाद तीन पत्ती खेलते थे | उस दिन तीन पत्ती का गेम मैं जीती थी तो जीजा और दीदी ने मुझसे वादा किया कि तुम्हे आई फोन सिक्स दिलायंगे | ये सुन कर मै बहुत खुश हो गयी थी, और सोचने लगी थी कि जैसे मेरी दीदी को इतने अच्छे और प्यार करने वाले जीजा जी मिले हैं काश मुझे भी ऐसा ही कोई मिल जाये तो मजा ही आ जायगा | रात 11 के बाद हम सब पाने अपने रूम में चले गए |
मेरा एक बॉयफ्रेंड था उस समय जिसका नाम अभिलाष था | वो जबलपुर का रहने वाला है और वो भी बहुत स्मार्ट दिखता है | उसके साथ मेरी रिलेशनशिप को दो साल हॉ चुके थे | उस रात उसका फोन आया तो मैं उससे वीडियो कालिंग में बात करने लगी | उसने मुझे बहुत गरम कर दिया था और मैंने उस रात 5 बार अपनी ऊँगली से अपनी चूत का पानी निकली थी | उसके फोन की बैटरी ख़त्म हो गयी थी जिस वजह से वो ऑफलाइन हो गया | अब मुझे तो लंड की जरुरत होने लगी पर कहाँ से मिलता मुझे लंड क्यूंकि यहाँ तो कोई था नहीं जिससे मैं चुदवा लेती और अपनी चूत की प्यास बुझा लेती | मैंने सोचा कि चलो देखा जाये दीदी और जीजा जी क्या कर रहे होंगे ? तो मैं जीजा के कमरे कि तरफ बढ़ने लगी | फ़िर मैं जैसे ही थोडा सा पास पंहुची उनके कमरे के | तो मुझे जोर जोर से अआहाहा अआहाहा चोदो न मुझे अहहः और जोर से चोदो हाय क्या लंड है रे तेरा | मैं तो मस्त ही हो जाती हूँ तुझसे चुदवा कर और जोर जोर से अहहहः आआऊँ ऊनंह ऊनंह ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहहाआअ अहाआअ हहहाआअ अहहहा ऊउंह ऊम्म्म्ह ऊउम्म्म उऊंन्न अहहहाआअ आआहाआअ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म्ह आहाआ हहाआअ कि आवाजे आने लगती है तो मैं भी मदहोश हो जाती हूँ | फिर मैंने सोचा कि चलो चल कर देखा कि जाये कि कैसे चुद रही हैं दीदी | फिर मैं दरवाजे के होल से उनको देखने लगी | मैंने देखा कि जीजा की गांड दिखाई दे रही थी और वो जोर जोर से दीदी की चूत की चुदाई कर रहे थे | उनका लंड तो नहीं दिख रहा था पर उनके लंड के नीचे के बॉल अच्छे से दिख रहे थे जो कि बड़े और गोल थे | मैं ये सब देख के गरम हो गयी थी और वहीँ खड़े हो कर अपनी चूत को सहलाने लगी साथ में दूध भी मसल रही थी | ये चुदाई करीब 15 मिनट तक चली और मैं झड़ गयी | फिर मै अपने कमरे में आ कर लेट गयी और सोचने लगी कि क्यूँ ना जीजा से ही चुदवा कर अपनी प्यास बुझा लूं | येही सब सोचते सोचते मेरी नींद लग गयी और पता ही नहीं चला कि कब सुबह हो गयी |
अगले दिन की बात है दीदी को कुछ काम से जाना था बैंक और फिर उसके बाद कुछ शौपिंग भी करना था | तो वो शाम को आने वाली थी जीजा को भी उस दिन ज्यादा कोई काम तो था नहीं तो वो भी घर पर ही थे तो मैंने सोचा कि क्यूँ न इस मौके का मैं फायदा उठाऊ | तो मैंने उस दिन एक बहुत शोर्ट स्कर्ट पहनी हुई थी और पेंटी के साथ ब्रा नहीं पहनी थी | क्यूंकि मैं जीजा जी से चुदवाना चाहती थी जिस वजह से मैंने ये सब नहीं पहना था | पर मुझे क्या पता था कि जीजा जी भी मुझे चोदना चाह्रते थे | वो मुझे ऐसे पता चला जब मैं किचेन में सब्जी काट रही थी तब वो मुझे पीछे से पकड़ कर अचनाक्र ही अपना लंड मेरी गांड में गडाने लगे और मेरी गर्दन चाटने लगे | जिससे मैं मदहोश हो गयी | फिर वो सामने हाँथ कर के मेरे दूध भी मसलने लगे, तो मैंने उनसे कहा जीजा जी आप ये क्या कर रहे हैं छोड़िये ना दीदी देख लेंगी तो क्या सोचेंगी | तो उन्होंने मुझसे कहा कि अभी तुम मुझे बस जो करना चाहता हूँ करने दो | तो मैंने भी कहा ठीक है कर लो क्यूंकि मैं भी तो जीजा जी से चुदवाना चाहती थी |
फिर उन्होंने मुझे उनके सामने कर दिया और मेरे होंठ में अपने होंठ रख कर उसे चूसने लगे और साथ में मेरे उरेजो को भी मसलने लगे | मुझे बहुत मजा आने लगा और मैं भी उनका साथ दे रही थी किस करने में | अपना एक हाँथ उनके लंड में रख कर उसे सहलाने लगी | उनका लंड मुझे पेन्ट के ऊपर से ही मालूम चल रहा था कि उनका लंड बड़ा है | फिर हमने 10 मिनट तक खूब किस किये और एक दूसरे को सहलाये | फिर उन्होंने मुझे अपनी गोद में उठाया और अपने बेडरूम में ले गये | वहां उन्होंने मेरा टॉप उतार दिए और ब्रा न होने की वजह से वो मेरे मम्मे को दोनों हाँथ में भर के उन्हें चूसने लगे | और मैं अहहहः आआऊँ ऊनंह ऊनंह ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहहाआअ अहाआअ हहहाआअ अहहहा ऊउंह ऊम्म्म्ह ऊउम्म्म उऊंन्न अहहहाआअ आआहाआअ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म्ह आहाआ हहाआअ करने लगी थी क्यूंकि मैं गरम हो चुकी थी | वो मेरे दूध को बड़े ही प्यार से और जोर जोर से चूस और चाट रहे थे और मैं अहहहः आआऊँ ऊनंह ऊनंह ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहहाआअ अहाआअ हहहाआअ अहहहा ऊउंह ऊम्म्म्ह ऊउम्म्म उऊंन्न अहहहाआअ आआहाआअ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म्ह आहाआ हहाआअ करते जा रही थी |
फिर उन्होंने मुझे लेटा दिया बेड पर और मेरी टांग चौड़ी करके मेरी चूत को सहलाने लगे तो मेरे मुंह से अहहहः आआऊँ ऊनंह ऊनंह ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहहाआअ अहाआअ हहहाआअ अहहहा ऊउंह ऊम्म्म्ह ऊउम्म्म उऊंन्न अहहहाआअ आआहाआअ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म्ह आहाआ हहाआअ कि सिस्कारियां भरने लगी थी | फिर वो मेरी चूत में अपनी जीभ घुसेड कर उसे चाटने लगे और चोदने लगे | मैं उनका सिर पकड़ अपनी चूत में दबाने लगी और अहहहः आआऊँ ऊनंह ऊनंह ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहहाआअ अहाआअ हहहाआअ अहहहा ऊउंह ऊम्म्म्ह ऊउम्म्म उऊंन्न अहहहाआअ आआहाआअ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म्ह आहाआ हहाआअ करते हुए एक बारे उनके मुंह में झड़ भी गयी थी | पर वो मेरा सारा माल पी गये थे जिस वजह से मैं और जोश में आ गयी थी | और अपनी गांड उचका उचका के अपनी चूत चुसवा रही थी | उन्होंने मेरी चूत को 15 मिनट तक खूब चाटा था | फिर मैंने उनका लंड अपने हाँथ में लिया और उसे चाट चाट के गीला कर दिया | फिर उसे अपने मुंह में भर चूसने लगी और जीजा जी का चूस चूस के लोहे की रॉड कि तरह सख्त कर दी थी | जीजा जी बस अहहहः आआऊँ ऊनंह ऊनंह ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहहाआअ अहाआअ हहहाआअ अहहहा ऊउंह ऊम्म्म्ह ऊउम्म्म उऊंन्न अहहहाआअ आआहाआअ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म्ह आहाआ हहाआअ करते जा रहे थे | फिर जीजा जी ने मेरी टाँगे अपने कंधे में रखी और अपना लंड एक ही झटके में उतार दिया था | फिर जीजा जी मेरी चूत को जोर जोर से झटके मार मार के चोद रहे थे और मैं अहहहः आआऊँ ऊनंह ऊनंह ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहहाआअ अहाआअ हहहाआअ अहहहा ऊउंह ऊम्म्म्ह ऊउम्म्म उऊंन्न अहहहाआअ आआहाआअ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म्ह आहाआ हहाआअ कर रही थी | 15 मिनट की चुदाई के बाद जीजा जी ने मेरी चूत के ऊपर ही अपना माल छोड़ दिया था |
उतने में दीदी की कार कि आवाज़ आई तो फिर हम जल्दी जल्दी अलग हुए और मैं सीधा बाथरूम में भाग गयी थी | जीजा जी भी अपने बाथरूम में चले गये थे | दीदी को आज भी हमारी चुदाई के बारे में नहीं पता है और हमे जब भी मौका मिलता है तो हम चुदाई कर लिया करते हैं |दोस्तों आप लोग मेरी इस कहानी के बारे में अपनी राय देना मत भूलियेगा |