राकेश ने लंड मेडम की चूत से खींचा और संचीता मेडम पलंग पर आकर पैर फैलाकर लेट गई. अब में संचीता मेडम की चूत देख रहा था. संचीता की चूत मोटी मोटी थी और चूत पर बहुत बाल थे और चुदाई की वज़ह से चूत लाल हो गई थी. राकेश संचीता मेडम के ऊपर चड़ा और लंड संचीता मेडम की चूत में डालकर ज़ोर ज़ोर से धक्का देने लगा. संचीता मेडम भी अपनी गांड उठा उठाकर उसके हर धक्के का जबाब दे रही थी. दोनों एक दूसरे के मुँह में मुँह घुसाये हुए थे.
20-22 धक्के लगाकर राकेश संचीता मेडम से ज़ोर से चिपक गया. उसका पानी निकल रहा था, अहहाः मेडम में तो गया, जा पी मेरे माल को साली मेरे लंड को निचोड़ ले, आ मेरी संचीता. मेडम भी अपने पैर को उसकी कमर पर लपेटकर उससे कसकर लिपट गई, शायद उसका भी पानी निकल रहा था, मेरा भी हो गया. हाँ मेरा भी पानी निकल गया, दोनों झड़ते हुए एक दूसरे का मुँह चूस रहे थे.
फिर दोनों शांत हो गये. थोड़ी देर के बाद राकेश ने संचीता मेडम की चूत से अपना लंड बाहर खींच लिया और संचीता के पैरों के बीच बैठकर संचीता मेडम की नाईटी से उसकी चूत साफ करने लगा. संचीता की चूत को देखते हुए मैंने भी अपना पानी निकाल दिया. फिर संचीता मेडम बोली कि अब छोड़ो, में अभी बाथरूम से आती हूँ. फिर संचीता मेडम उठी और नंगी ही रूम से अटेच बाथरूम में चली गई, शायद वो पेशाब करने के लिए बाथरूम में गई थी.
उनके वापस आने के बाद राकेश भी उठा और बाथरूम में गया और पेशाब करके वापस आया और बिस्तर पर नंगा ही पड़ गया. तभी संचीता मेडम का मोबाईल रिंग करने लगा और उसने 5 मिनट तक किसी से बात की और बात करके वो मोबाईल वहीं टेबल पर रखकर उस आदमी से बोली कि क्यों क्या हुआ? वो बोला मतलब क्या वहीं खड़ी रहने के लिए मुझे इधर बुलाया है.
संचीता मेडम हंसती हुई बोली और क्या? पास आकर क्या करना है? ये सुनकर राकेश अपना लंड हिलाता हुआ बोला कि इसको नहीं लेना है क्या? मेडम बोली कि वो तो अभी तक सोया पड़ा है, उसको कैसे लूँगी. तो वो आदमी बोला कि रानी पास आओ, अभी खड़ा हो जायेगा और संचीता मेडम पलंग के पास जाकर खड़ी हो गई. फिर उसने संचीता मेडम का हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींचा.
संचीता मेडम अब उसके बराबर ही बिस्तर पर लेट चुकी थी. सच कहता हूँ संचीता एक साल से तुझे चोद रहा हूँ, लेकिन हर बार जब तेरे को चोदता हूँ, तो ऐसा लगता है कि पहली बार चोद रहा हूँ. साली तेरी जैसी चुदक्कड़ औरत नहीं देखी मैंने. संचीता मेडम उसकी बात पर हँसते हुए बोली कि 2 बजने वाली है और आप 4 बजे तक चले जाना, समझे.
राकेश ने अब संचीता मेडम की गांड और पीठ को सहलाना शुरू कर दिया. संचीता मेडम उसको चूम रही थी और वो भी संचीता मेडम के होठों को अपने होठों से दबा रहा था और मेरी तरफ मेडम की गांड थी, जिस पर में राकेश का हाथ देख रहा था, वो संचीता की गांड को हाथ से दबा रहा था और कभी संचीता मेडम की पीठ को सहला रहा था, मेडम भी उसकी गांड को कसकर मुट्ठी में दबाने लगी, उसने उत्तेजित होकर संचीता मेडम को ज़ोर से अपनी बाहो में जकड़ लिया, आह्ह्ह्ह संचीता मेडम के मुँह से आवाज़ निकल गई. फिर राकेश संचीता मेडम के ऊपर चड़ गया और संचीता मेडम ने उसको ज़ोर से पकड़ लिया.
राकेश अब मेडम को ज़ोर ज़ोर से चूम रहा था. संचीता मेडम भी उसका पूरा सहयोग कर रही थी. फिर राकेश संचीता की बड़ी बड़ी चूचियों पर अपना मुँह रगड़ने लगा. उसका निप्पल 1 इंच का होगा, एकदम ब्राउन. वो मेडम की एक चूची को मुँह में लेकर चूसता तो दूसरे को हाथ से मसलता. संचीता मेडम अपने एक हाथ से उसकी गांड सहला रही थी और दूसरे हाथ को अपने और उसकी बॉडी के बीच घुसा रखा था.
शायद वो उसके लंड को पकड़े हुए थी, क्योंकि उसका हाथ आगे पीछे हो रहा था. कुछ देर तक संचीता मेडम की चूचियों को चूसने के बाद राकेश संचीता के होठों को चूसने लगा, उसने मेडम के मुँह में अपनी जीभ घुसाना शुरू किया तो मेडम भी अपनी जीभ उसकी जीभ से टच करने लगी और साथ ही वो एक हाथ से उसकी गांड पकड़े हुए थी और दूसरे से उसका लंड. इतना करते करते राकेश संचीता के ऊपर से उतर के बगल में हो गया.
मेडम ने उसकी तरफ मुँह किया, तो मुझे उसकी गोरी और बड़ी गांड दिखी, जो कि एकदम चिकनी थी और एक भी बाल नहीं था. वो मेडम की गांड को एक हाथ से पकड़कर दबा रहा था, तो कभी सहला रहा था. संचीता मेडम उसका लंड अपने हाथ में लेकर दबा रही थी. इस तरह से काफ़ी देर तक दोनों फोर प्ले करते रहे. उसका लंड पूरा टाईट होकर संचीता मेडम की मुट्टी में फंसा हुआ था और मेडम भी शायद पूरी चुदसी हो चुकी थी, क्योंकि अब वो उसको अपने ऊपर खींचने लगी थी.
संचीता मेडम तभी बोली कि आ जाओ अब, उसकी आवाज़ काफ़ी भारी हो गई थी, शायद चुदसी की वजह से. अब मेडम पीठ के बल सीधी लेट गयी और राकेश मेडम के पैर के बीच आकर बैठा. उसका काला लंबा मोटा लंड फंनफना रहा था, जैसे ही वो संचीता मेडम के पैर के बीच में बैठा, तो संचीता उसका लंड पकड़कर चूत पर रख लिया और उसने थोड़ा दवाब दिया, तो उसका पूरा लंड संचीता की बालों से भरी चूत में चला गया. राकेश लंड डालकर संचीता के ऊपर लेट गया और धक्का मारना शुरू कर दिया.
मेडम उसकी पीठ पर अपने दोनों हाथ रखे हुए थी और आँख बंद करके लंड का मज़ा ले रही थी. वो नॉर्मल स्पीड से संचीता की चूत में लंड आगे पीछे कर रहा था. कुछ देर तक इसी तरह से चोदने के बाद उसने करवट बदल ली और संचीता मेडम को अपनी तरफ मुँह करने को बोला. फिर मैंने देखा कि उसका काला लंड एकदम चमक रहा था, शायद संचीता की चूत का पानी उस पर लगा था.
संचीता उसकी तरफ हो गई, तो उसने मेडम का एक पैर अपनी कमर पर रख लिया और अपना लंड उसकी चूत में डालकर आगे पीछे करने लगा. मेडम की गांड मेरी तरफ थी और में उसकी चूत में उसके लंड को आते जाते साफ देख रहा था.
राकेश संचीता की गांड को हाथ से पकड़कर दबाते हुए उसको पेले जा रहा था, संचीता मेडम के मुँह से मज़े के कारण आहहहईई की आवाज़ निकल रही थी. वो भी अब लंड के धक्के का जबाब देते हुए अपनी कमर उसकी कमर से टकरा रही थी. इस स्टाईल में वो संचीता को करीब 10 मिनट तक चोदता रहा. फिर वो मेडम को वापस सीधा करके उसके ऊपर चड़कर उसको चोदने लगा.
राकेश ने पूछा कि मज़ा आ रहा है जानू, संचीता ने उसकी गांड पर अपने दोनों हाथ रखे हुये बोली कि ज़ोर से धक्का मारोगे तब मज़ा आयेगा. धीरे चोदने में मज़ा नहीं मिलता मुझे, ज़ोर के धक्के का मज़ा ही कुछ और है. वो बोला अच्छा तो ये लो मेडम जी, संचीता सिसक पड़ी और वो ताव में आ गया था और मेडम को खूब ज़ोर से धक्का मारा. मेडम बोली कि हाँ इसी तरह करो, अब अच्छा लगा ना. संचीता मेडम उसको जोश में लाते हुए बोली कि अब ज़ोर ज़ोर से पेलो.
उसकी ज़ोरदार चुदाई से संचीता भी अपनी गांड हिलाने लगी, वो उसके हर धक्के पर नीचे से अपनी गांड उठाने लगी थी और साथ ही उसके मुँह से मस्ती भरी आवाज़ निकलने लगी थी. 5-6 मिनट लगातार कस कसकर धक्के मारने के बाद वो धक्के लगाना बंद करके संचीता के ऊपर लेट गया. उसके हांफने की आवाज़ मुझ तक पहुँच रही थी.
(TBC)…