desi chudai ki kahani, antarvasna sex stories
मेरा नाम अंकिता है। मेरी उम्र 26 वर्ष है और मेरी शादी को अभी 2 वर्ष ही हुए हैं। मेरे पति एक सरकारी नौकरी करते हैं। वह अपने काम के प्रति बहुत ज्यादा सीरियस हैं और अपने काम में उनका पूरा ध्यान रहता है। वह और किसी चीज में ध्यान नहीं देते। शुरू में तो हम दोनों के बीच में बहुत ज्यादा प्रेम था और हम दोनों के बीच में बहुत नज़दीकियां थी। परंतु अब हम दोनों के बीच में बिल्कुल भी नजदीक या नहीं है और मुझे कई बार ऐसा लगता है कि मेरे पति मुझे अकेला छोड़ देते हैं और वह अपने काम में ही व्यस्त रहते हैं। हम लोग कई महीनों से घूमने भी नहीं गए थे और मैं उनसे इस बारे में बात भी करती तो वह कहते कि ऑफिस में कुछ ज्यादा ही काम रहता है। इस वजह से मैं तुम्हें समय नहीं दे पाता। मुझे भी उस चीज का बुरा लगता है। परंतु मैं क्या करूं। तुम खुद ही बताओ। मैं तुम्हें समय तो देना चाहता हूं परंतु मुझे बिल्कुल भी वक्त नहीं मिल पा रहा है। मैं घर में ही रहती थी। मैं घर में अकेली ही थी, मैंने अपने पति से कहा कि हम लोग फैमिली प्लानिंग कर लेते हैं जिससे कि मेरा मन लगा रहेगा। परंतु वह कहने लगे कि मुझे अभी कुछ और वक्त चाहिए। उसके बाद ही मैं फैमिली प्लानिंग के बारे में सोचूंगा। मैं बहुत ज्यादा अकेलापन महसूस कर रही थी।
एक दिन मेरे पति ने मुझसे कहा कि मेरा ट्रांसफर अब रायपुर में हो गया है। इस वजह से हमें वहां जाना पड़ेगा। जब मैंने यह बात अपने पति के मुंह से सुनी तो मुझे और भी ज्यादा बुरा लगने लगा। क्योंकि मैं सोच रही थी यहां पर कुछ लोगों से मेरी बात हो जाया करती थी लेकिन अब वहां दोबारा से नये लोगों से जान पहचान बढ़ानी पड़ेगी। मुझे बहुत ही ज्यादा बुरा लग रहा था। परंतु मेरे पास कोई भी रास्ता नहीं था। मेरे पति जैसा कहते मुझे वैसा ही करना पड़ रहा था। अब हम लोग रायपुर चले गए और जब मैं रायपुर गई तो मुझे एडजेस्ट करने में बहुत ही दिक्कत हुई। कुछ दिनों तक तो हम लोग सामान ठीक कर रहे थे। इस वजह से मेरे पति घर पर थे तो वह मुझे थोड़ा समय दे दिया करते। परंतु फिर भी वह पहले वाली बात नहीं रह गई थी। वह सिर्फ अपने से ही मतलब रखते थे और जब घर पर भी होते तो टीवी पर ही लगे रहते थे। वह सिर्फ टीवी देखा करते थे। अब हम लोग रायपुर में अपना सारा सामान सेट कर चुके थे और हम लोग सरकारी क्वार्टर में ही रहा करते थे। मैं बहुत ही ज्यादा अकेली हो गई थी। अब मेरे पति भी ऑफिस जाने लगे थे और मुझे बहुत ही बुरा लगता था जब वह ऑफिस जाया करते थे।
एक दिन मैंने सोचा मैं भी बाहर घूम लेती हूं तो मैं छत पर टचलने लगी। मैं जब छत पर टहल रही थी तो छत पर एक लड़का खड़ा था। मैंने जब उसे देखा तो मुझे ऐसा लगा यहां पर कोई और छत पर तो दिखाई नहीं दे रहा है। मैं नीचे ही चली जाती हूं। परंतु फिर मैंने सोचा कि मैं नीचे जाकर भी क्या करूंगी और मैं छत में ही इधर से उधर घूमने लगी और वह लड़का भी मुझे देखे जा रहा था। थोड़े समय बाद उसने मुझसे बात कर ली और मुझसे पूछने लगा क्या आप लोग यहां नए आए हैं। मैंने उसे कहा कि हां मेरे पति का अभी कुछ दिनों पहले ही ट्रांसफर हुआ है। इसलिए हम यहां आए हैं। अब मैंने उससे पूछा कि तुम क्या करते हो। वह कहने लगा मैं तो पढ़ाई कर रहा हूं। परंतु मेरे पिताजी नौकरी करते हैं। इस वजह से हमें यहां पर क्वार्टर से मिले हुए हैं।
मैंने उससे उसका नाम पूछा उसका नाम सोमेश था और वह बात करने में बहुत ही ज्यादा तेज था। वह मुझसे हर चीज पूछे जा रहा था। मैं भी उसे हर एक बात का जवाब देती जाती। उससे बात कर के अच्छा भी लग रहा था। क्योंकि कई समय बाद ऐसा मुझे कोई मिला था जो मुझसे काफी देर तक बात कर रहा था। अब वह मुझे कहता कि आप तो बहुत ही ज्यादा सुंदर हैं। सोमेश ने मुझसे पूछा आपकी शादी कब हुई थी। मैंने उसे बताया कि हमारी शादी को 2 वर्ष हो चुके हैं। अब मेरे पति के ऑफिस से आने का वक्त भी होने वाला था तो मैं नीचे चली गई और सोमेश को मैंने कहा कि मैं नीचे जाती हूं मेरे पति आने वाले होंगे। अब मैं अपने घर में आ गई। मैं थोड़ी देर तक टीवी देखती रही तब तक मेरे पति आ गये और वह कहने लगे मेरे लिए एक कप चाय बना दो। मेरा सिर बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है। अब मैंने उनके लिए चाय बनाई और वह थोड़ी देर बाद सोने के लिए चले गए। जब वह सोने गए तो मैं भी अकेली बैठी हुई थी। मैं बार-बार सोमेश के बारे में सोच रही थी और ना जाने उसका चेहरा मेरे दिमाग में बार-बार क्यों आ रहा था। एक दिन मैं छत में चली गई तो मैंने देखा वहां पर सोमेश खड़ा था और अब वह मुझसे बात करने लगा। हम दोनों के बीच बहुत सी बातें होने लगी और वह मुझसे मेरे पति के बारे में पूछने लगा। मैंने उसे बताया कि मेरे पति काम में बहुत ही बिजी रहते हैं। वह मुझे समय बिल्कुल भी नहीं दे पाते हैं और जब यह बात उसने सुनी तो वह मुझसे कहने लगा आपके पति को तो आप को समय देना चाहिए। आप के जैसी सुंदर पत्नी यदि मेरी होती तो मैं आपको एक मिनट के लिए भी अकेला नहीं छोड़ता। जब यह बात उसने कही तो मुझे हंसी आ गई और मैं बड़ी जोर जोर से हंसने लगी। अब हम दोनों ऐसे ही काफी देर तक बात कर रहे थे।
अब हम दोनों की अश्लील बातें शुरू होने लगी और सोमेश मुझसे पूछने लगा क्या आपके पति आपको चोदते नहीं है। मैंने उसे कहा कि उन्हें तो कई समय हो चुका है जब उन्होंने मेरी चूत के दर्शन किए थे। अब मेरे अंदर की उत्तेजना भी बात करते-करते बढ़ रही थी और जैसे ही मुझे सोमेश ने हाथ लगाया तो मेरा बदन पूरा गरम हो गया। उसने मुझे वही छत में लेटा दिया उसने मेरे स्तनों को मेरे कपड़ों से बाहर निकालते हुए अपने मुंह के अंदर समा लिया। वह अच्छे से उनका रसपान करने लगा उसने मेरे स्तनों को अपने दांत से काट भी दिया था और मेरे निप्पल को बड़े प्यार से चूस रहा था। उसने मेरी योनि को भी चाटना शुरू कर दिया वह बहुत ही अच्छे से मेरी योनि के अंदर अपनी जीभ डाल रहा था। मेरी चूत से अब पानी गिरने लगा तो उसने अपने मोटे लंड को निकालते हुए मेरे मुंह के अंदर डाल दिया। मैंने उसे बहुत ही अच्छे से चूसना जारी रखा। मैं बहुत देर तक उसके लंड को अपने मुंह के अंदर चुसती रही और जब मैंने अपने मुंह से उसके लंड को बाहर निकाला तो उसने तुरंत ही मेरी योनि के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दिया। जैसे ही उसका मोटा लंड मेरी योनि के अंदर घुसा तो मेरी आवाज निकल पड़ी। मैं बहुत तेजी से चिल्लाने लगी अब वह मुझे बड़ी तेज गति से चोद रहा था और मुझे बहुत ही मजा आ रहा था। उसने मुझे इतने तेज धक्का देना शुरु किया कि मेरा पूरा शरीर हिल जाता। लेकिन मुझे बड़ा मजा आ रहा था जब वह मुझे झटके दिए जा रहा था।
अब उसका शरीर भी पूरा गर्म होने लगा था और हम दोनों ही मूड में आ चुके थे। काफी झटकों के बाद उसका वीर्य गिरने वाला था तो उसने अपने लंड को बाहर निकालते हुए मेरे स्तनों पर अपने वीर्य का छिड़काव कर दिया। मुझे बहुत ही मजा आया जब उसने अपने वीर्य को मेरे स्तनों पर गिरा दिया। मैंने उसे अपनी पैंटी से साफ किया और उसके बाद मैंने उसके सामने अपनी चूतडो को कर दिया। उसने जैसे ही मेरी चूत के अंदर अपने मोटे लंड को डाला तो वैसे ही मेरी चीख निकल गई। उसने मेरी बड़ी-बड़ी चूतडो को पकड़ते हुए मुझे बहुत ही अच्छे से चोदना शुरू कर दिया। वह इतनी तेजी से मुझे धक्के दिए जा रहा था कि मेरा शरीर पूरा गरम हो जाता और मुझे बड़ा ही मजा आता। मैं भी अपनी चूतड़ों को उससे मिलाने लगी वह भी मुझे बड़ी तेजी से धक्के दिए जाता। लेकिन एक समय बाद उसके लंड से मेरी चूतडे बड़ी तेजी से टकरा रही थी और उनसे जो गर्मी उत्पन्न हो रही थी। उस गर्मी से मेरा बुरा हाल हो गया अब मैं झड़ गई। मैं ऐसे ही थोड़ी देर तक खड़ी थी। सोमेश मुझे इतनी तीव्रता से चोदे जा रहा था कि उन्हें झटको के बीच में उसका वीर्य भी गिर गया। उसने मेरी योनि में अपने माल को गिरा दिया। जब उसने अपने लंड को बाहर निकाला तो वह बहुत खुश था।