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मेरा नाम सुरजीत है और मेरी उम्र 36 वर्ष है। मैं एक शोरूम में मैनेजर हूं और मैं काफी समय से इस शोरूम में काम कर रहा हूं। क्योंकि और शोरूम मेरे एक दोस्त के भाई का है। इस वजह से जो शोरूम के मालिक हैं, उनसे भी मेरे बहुत अच्छे संबंध है। हमारा एक तरीके से घरेलू संबंध है। उनका मेरे घर पर भी आना जाना लगा रहता है और मैं भी उनके घर पर अक्सर आता जाता रहता हूं। इस वजह से मैं यहां पर मैनेजर के पद पर काम कर रहा हूं। क्योंकि मेरे पास कोई जॉब नहीं थी। उसके बाद जब मुझे मेरे दोस्त ने बताया कि मेरे भाई के यहां पर तुम काम कर लो और वह तुम्हें अच्छी सैलरी दे दिया करेंगे और काम भी तुम्हारे मतलब का है। मैंने जब उनसे पूछा कि किस तरह की का काम है। तो वह कहने लगे कि उनका एक बड़ा शोरूम है। उसमें तुम मैनेजर की पोस्ट में काम कर लो। अब मैंने यहां ज्वाइन कर लिया है और तब से मैं यहीं पर जॉब कर रहा हूं। मुझे बहुत ही अच्छा लगता है जब मैं शोरूम में होता हूं और मेरी पत्नी भी मुझसे बहुत खुश रहती है।
मेरे पास जब भी समय होता है तो मैं उसके पास चला जाता हूं और हम लोग कहीं ना कहीं घूमने के लिए निकल जाते हैं। मेरी पत्नी हमेशा कहती रहती है कि तुम मुझे समय देते हो तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता है और हम दोनों के बीच में बहुत नज़दीकियां है। क्योंकि मेरी लव मैरिज हुई थी। मेरी शादी के लिए मुझे बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा। क्योंकि मेरी पत्नी के पिता बिल्कुल भी नहीं चाहते थे कि हम लोग शादी करें। मेरी अच्छी जॉब नहीं थी और ना ही मेरी फैमिली का बैकग्राउंड अच्छा था। मेरे पिताजी भी एक प्राइवेट नौकरी करते थे और वह हमारा घर का गुजारा चला रहे थे। इस वजह से मेरी पत्नी के पिता बिल्कुल भी नहीं चाहते थे। क्योंकि वह बहुत बड़े व्यापारी हैं और जब मैंने उनसे यह बात कही कि मैं आपकी लड़की से शादी करना चाहता हूं तो उन्होंने सख्त और कड़े शब्दों में मुझे मना कर दिया था और कहा था कि आइंदा से तुम मेरी बेटी के आसपास दिख भी मत जाना। वह बहुत ज्यादा गुस्सा हो गए थे लेकिन मेरी पत्नी ने मेरा बहुत साथ दिया और उसने अपने पिताजी को मना ही लिया। उसके बाद हमारी शादी हो गई और जब हमारी शादी हुई तो उन्होंने ही शादी का पूरा खर्चा उठाया था और बड़ी धूम-धाम से शादी की थी। मुझे बहुत ही अच्छा लगता है अब जब भी मैं अपने ससुर से मिलता हूं और मेरी सासू भी बहुत ही अच्छी है। उन दोनों का स्वाभाव बहुत अच्छा है और वह मुझे अपने बेटे की तरह समझते हैं। क्योंकि मेरी पत्नी उनकी एकलौती लड़की है। इसलिए वह मुझे बेटे की तरह समझते हैं।
मैं मैनेजर के पद पर काम कर रहा हूं और अच्छा कमा लेता हूं। जिसकी वजह से वह दोनों बहुत खुश हैं और अब वह किसी भी तरीके से चिंता नहीं करते और कहते हैं कि तुम बहुत अच्छा काम कर रहे हो और हमारी बेटी का भी तुम बहुत ध्यान रखते हो। अब मेरी जिंदगी ऐसे ही चल रही थी। एक दिन हमारे शोरूम में एक लड़की इंटरव्यू देने आई। मैंने जब उसका इंटरव्यू लिया तो वह काफी एक्टिव लड़की थी और मैंने उसे काम पर रख लिया। उसका नाम सारिका है। वह दिखने में बहुत ही सुंदर है। मैंने जब उसे पहली बार देखा तो मुझे उसे देखकर बहुत ही अच्छा लगा और मुझे ऐसा लगा कि जैसे कि मैं उसे देखता ही रहूं। अब वह हमारे शोरूम में ही काम कर रही थी और अक्सर मुझे मिल जाया करती थी तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता था। अब धीरे-धीरे वह भी मुझसे प्रभावित होने लगी और वो भी मुझसे बहुत ज्यादा बातें किया करती थी। शुरुआत में तो मुझे ऐसा लगा कि शायद वह ऐसे ही अपने काम के सिलसिले में बात करती होगी लेकिन बाद में धीरे-धीरे मुझे पता चलने लगा कि उसके दिल में मेरे लिए कुछ चल रहा है। जिस वजह से वह मुझसे बात करती है। मुझे बहुत ही अच्छा लगता था जब भी मैं उसके साथ बात करता था। वो ऑफिस में मेरे लिए टिफिन भी लेकर आती थी और मेरे लिए कुछ ना कुछ नया बनाकर लाती थी। वह मुझे हमेशा कहती थी कि मैंने यह अपने हाथों से बनाया है। वह किसी भी प्रकार से मुझे अपनी तरफ आकर्षित करना चाहती थी। उसे मेरी शादी के बारे में पता था। उसके बावजूद भी वह मुझसे बात किया करती थी। मैं कहीं ना कहीं इस बात से डरता था कि कहीं मेरी पत्नी को इस बात का बुरा ना लग जाए या उसे इस बात की भनक हो गई तो हम दोनों के रिश्ते में खटास पैदा हो जाएगी और हम दोनों का रिश्ता खराब हो जाएगा। इस वजह से मैं सारिका से थोड़ा दूर रहने लगा लेकिन वह मुझे कहने लगी कि आप मुझसे बात नहीं करते हैं तो मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता।
सारिका मुझसे कुछ ज्यादा ही नजदीक आने लगी और वह मुझसे बड़े चिपक चिपक कर बातें किया करती थी। जब वह मुझसे चिपकती तो उसके स्तन मुझसे टकराते और उसकी गांड भी मुझ से लग जाए करती थी। मेरा मन उसे देख कर बहुत ज्यादा खराब होने लगा और मुझे ऐसा लगता कि मैं उसे चोद दूं। लेकिन वह मेरी मजबूरियों को नहीं समझ रही थी मुझे मेरी पत्नी का भी डर था और उसकी चिंता भी थी। एक दिन वह मेरे पास आई और अपने चूतड़ों को कुछ ज्यादा ही मुझसे टकराने लगी। अब मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था और मैं उसे शोरूम के स्टोर रूम के अंदर ले गया। मैंने अपने लंड को जैसे ही बाहर निकाला तो उसने तुरंत ही उसे अपने गले के अंदर उतार लिया और बड़े ही अच्छे से चूसने लगी। वह इतने अच्छे से मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर ले रही थी कि मेरे पानी निकल रहा था और मुझे बड़ा मजा आ रहा था। जब मेरे पानी निकलता जाता उसका शरीर भी पूरा गर्म होने लगा और मैंने तुरंत उसके सारे कपड़े उतार कर उसे नग्न अवस्था में कर दिया। जब वह नंगी मेरे सामने खड़ी थी तो उसकी बड़ी बड़ी गांड और बड़े-बड़े स्तन मेरी आंखों के सामने थे।
मैंने तुरंत ही उन्हें अपने मुंह के अंदर समा लिया और चूसना शुरू कर दिया। कुछ देर बाद मैंने उसे वहीं जमीन पर लेटाते हुए उसकी योनि को बहुत ही अच्छे से चाटा जिससे कि उसकी चूत से पानी निकलने लगा। उसका शरीर पूरा गर्म हो चुका था और मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था। मैंने जैसे ही उसकी योनि के अंदर अपने मोटे लंड को डाला तो उसके गले से चीख निकल गई। वह बड़ी तेज चिखने लगी और कहने लगी कि आपने तो मेरी चूत फाड़ कर रख दी। मैंने उसे कहा कि तुम मेरी बात समझ ही नहीं रही हो और तुम मुझसे अपनी गांड को टकराए जा रही हो। मैंने थोड़ी देर तक उसे झटका मारा लेकिन उसकी चूत बहुत ज्यादा टाइट थी इसलिए मेरा वीर्य जल्दी गिर गया। मेरा माल उसकी योनि में गिरा तो उसने अपनी योनि को अच्छे से साफ कर लिया। अब मैंने उसे घोड़ी बनाते हुए उसकी गांड को चाटना शुरू किया और बहुत अच्छे से उसकी गांड को चाटा उसकी गांड भी पूरी गीली हो चुकी थी मेरा लंड उसकी गांड में घुसने के लिए तैयार था। मैंने जैसे ही अपने लंड को उसकी गांड से सटाया तो मेरा लंड अंदर ही नहीं घुस रहा था। मैंने धीरे-धीरे घुसाने की कोशिश की और हल्के हल्के धक्के दिए जा रहा था। जैसे ही मेरा लंड उसकी गांड के अंदर गया तो वह चिल्ला उठी और उसकी गांड के रास्ते से खून में निकलने लगा। मैंने उसकी गांड में अपने लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और बडे ही अच्छे से मैं उसकी गांड के अंदर अपने लंड को अंदर बाहर करता जाता। उसे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था और वह चिल्लाए जा रही थी लेकिन मुझे भी बहुत मजा आ रहा था। मैं उसे ऐसे ही झटके दिया जा रहा था। मैं उसे इतनी तेज झटके दे रहा था कि मेरा पूरा शरीर गरम हो गया था और उसकी गांड से तो मानो आग जैसी निकल रही थी। उस गर्मी को मै बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था और एक समय बाद मेरा वीर्य बड़ी ही तेजी से उसकी गांड के अंदर जा गिरा। जैसे ही मेरा वीर्य उसकी गांड में गया तो वह चिल्ला उठी और जब मैंने अपने लंड को उसकी गांड से बाहर निकाला तो उसकी गांड से बहुत तेजी से खून निकल रहा था मेरा वीर्य भी टपक रहा था।