antarvasna, hindi sex story
दोस्तों यह बात एक वर्ष पुरानी है और इस एक वर्ष में मेरे जीवन में काफी कुछ बदल चुका है। मेरे जीवन में जब कविता की एंट्री हुई तो उस वक्त मुझे नहीं पता था कि मेरा जीवन पूरी तरीके से बदल चुका होगा लेकिन कविता के आने से मेरे जीवन में बहुत बदलाव हो गया। यह बात उस वक्त की है जब एक दिन मैं अपने घर से बाहर निकल रहा था मैं जैसे ही अपने घर से बाहर निकला तो मेरी टक्कर कविता के साथ हो गई और उसके हाथ से सारा सामान गिर गया। मैंने उसका सामान उठाया लेकिन उसने मुझे बहुत ही बुरा भला कह दिया उसने मुझे उल्लू तक कह दिया। वह जब मुझे यह सब कह रही थी तो मैं सिर्फ उसे देखता जा रहा था और वह भी मुझे काफी कुछ चीजें सुनाये जा रही थी उसके बाद मैं वहां से निकल गया। कुछ दिनों बाद वह हमारे घर पर आ गई।
जब वह हमारे घर पर आई तो मुझे देखकर तो जैसे उसकी हवा ही गुल हो गई। मेरी मम्मी ने मुझे कविता से मिलवाया और कहने लगी बेटा यह कविता है। मेरी मम्मी ने मेरा परिचय उससे करवाया और कविता से कहा कि यह मेरा बेटा रोहित है। अब यह बात तो मुझे पता चल गई थी कि मेरी मम्मी कविता को पहचानती है लेकिन कविता ज्यादा बात नहीं कर रही थी। मैंने मम्मी से पूछा कि आप कविता को कैसे जानती हैं? वह कहने लगे कि यह मेरी बचपन की सहेली की लड़की है और यह लोग यहीं पास में कुछ समय पहले ही रहने आए हैं। जब उन्होंने यह बात कही तो मैं कविता को बड़े ध्यान से देख रहा था वह मुझसे अपनी नजरें भी नहीं मिला पा रही थी और जैसे ही मेरी मम्मी किचन में गई तो वह अपने हाथ जोड़ते हुए मुझे कहने लगी कि मैं तुम्हें सॉरी कहती हूं। उस दिन मैंने तुम्हें कुछ ज्यादा ही सुना दिया। मुझे नहीं पता था कि मेरी मुलाकात तुमसे दोबारा हो जाएगी।
जब यह बात कविता ने मुझसे कहीं तो मुझे लगा मुझे भी उसे माफ कर देना चाहिए हालांकि मेरे दिल में उसके लिए कुछ ऐसा था नहीं क्योंकि मैं उस बात को उसी वक्त भूल चुका था। गलती भी शायद उस दिन मेरी ही थी लेकिन उसके चेहरे की मासूमियत ने मुझ पर तो जैसे जादू कर दिया था और उसके बाद जब भी कविता मुझसे मिलती तो हमेशा हम दोनों उस बात को लेकर एक दूसरे पर हंसने लग जाते। मेरी मम्मी को यह बात पता नहीं थी और ना ही मैंने कभी उन्हें बताया। एक दिन कविता मेरे साथ ही बैठी हुई थी मैंने उससे पूछा क्या तुम आज मेरे साथ शॉपिंग करने चलोगी? वह मेरे साथ शॉपिंग करने के लिए तैयार हो गई। हम दोनों साथ में शॉपिंग करने चले गए। मैं पहली बार ही अपने जीवन में किसी लड़की के साथ शॉपिंग करने गया था इसलिए मुझे थोड़ा अजीब सा महसूस हो रहा था। मैंने जब शर्ट खरीदी तो मैंने वह शर्ट कविता को पहन कर देखाई लेकिन उसे कुछ पसंद ही नहीं आ रहा था और शायद उसकी वजह से मैं उस दिन सामान भी नहीं खरीद पाया। मैंने सारे दिन भर में सिर्फ एक शर्ट खरीदी वह भी बड़ी मुश्किल से लेकिन कविता ने ही अपने लिए शॉपिंग कर ली थी। मैं उसे कहने लगा शॉपिंग करने तो मैं आया था यहां तो उल्टा ही हो गया तुमने तो सारी शॉपिंग कर ली। वह मुझ पर हंसने लगी और कहने लगी कि लड़कियों के साथ शॉपिंग करने आने में यही होता है इसीलिए कभी भी लड़कियों के साथ नहीं जाना चाहिए। मैंने भी उस दिन सोचा यह बिल्कुल सही कह रही है आज के बाद मैं कभी भी शॉपिंग करने के लिए कविता के साथ नहीं जाऊंगा। वह मुझे कहने लगी मुझे बड़ी जोरदार भूख लगी है तुम मुझे आज क्या खिलाने वाले हो? मैंने उससे पूछा तुम क्या खाओगे? वह कहने लगी मुझे चाट बड़ी पसंद है। हम दोनों चाट खाने लगे हम दोनों एक ठेली में खड़े होकर चाट खा रहे थे उस व्यक्ति ने वाकई में चाट बड़ी अच्छी बनाई थी। मैं इन सब चीजों का शौकीन नहीं हूं लेकिन कविता ही चाट की शौकीन है और वह बड़े दिलों जान से चाट खा रही थी वह चाट पर ऐसे टूटी जैसे कि कितने दिनों की भूखी बैठी हुई हो मैं तो उसे देखकर दंग ही रह गया। उसने भरपेट चाट खा लिया। मैंने उसे कहा तुम तो बड़ी ही चटोरी किस्म की लड़की हो। वह कहने लगी मुझे चाट खाना बहुत पसंद है। उसके बाद हम दोनों पैदल ही चलते रहे। मैं कविता के साथ अपने आप को बहुत ही अच्छा महसूस कर रहा था और उसके बाद हम लोग वहां से घर लौट आए।
मैं जब घर लौटा तो मेरी मम्मी घर पर नहीं थी उस समय घर पर कोई भी नहीं था। मैंने कविता से कहा तुम बैठो मैं तुम्हारे लिए पानी लेकर आता हूं। मैं उसके लिए पानी लेने के लिए गया। जब मैंने उसे पानी का गिलास दिया तो उसने वह पानी का गिलास अपने हाथ में लिया और जब वह पानी पी रही थी तो वह पानी उसके स्तनों पर गिर पड़ा। वह मुझे कहने लगी मुझे कोई कपड़ा दे दो मैंने जल्दी से अपने रूमाल को निकालते हुए उसके स्तनों पर अपने रुमाल को रखा लेकिन उसके स्तन मेरे हाथ से टकरा गए। जब उसके स्तन मेरे हाथ से टकराए तो उसे देखकर मेरे दिमाग में कुछ अलग ही खयालात आने लगे मैंने उसके स्तनों को जोर से दबाना शुरू कर दिया। मै काफी देर तक ऐसा ही करता रहा उसने भी मुझे अपनी ओर खींचा। वह मेरे होठों को किस करने लगी। हम दोनों एक दूसरे के लिए उत्तेजित हो गए थे और एक दूसरे के साथ संभोग करने के लिए हम दोनों तैयार हो गए। मैंने जैसे ही अपने लंड को बाहर निकाला तो उसने अपने मुंह में लेकर चूसना शुरु कर दिया। वह मेरे लंड को 2 मिनट तक अपने मुंह में लेकर सकिंग करती रही।
जब उसने मेरे लंड को अपने मुंह से बाहर निकाला तो वह कहने लगी तुम्हारे लंड से बहुत ज्यादा बदबू आ रही थी लेकिन तुम्हारा लंड बहुत ही मोटा है मुझे तुम्हारे लंड को सकिंग करने में बहुत अच्छा लगा। मैंने जल्दी से उसके सारे कपड़े उतार दिए मैंने कविता से कहा जल्दी से हम लोग सेक्स करते हैं नहीं तो मम्मी आ जाएंगे। मैंने जल्दी बाजी में उसकी योनि के अंदर अपने लंड को घुसा दिया जैसे ही मेरा मोटा लंड उसकी योनि के अंदर घुसा तो वह दर्द से चिल्लाने लगी। उसकी चूत बहुत ज्यादा दुखने लगी थी लेकिन मुझे उसे धक्के मारने में बहुत अच्छा महसूस होता। मैंने उसके दोनों पैरो को चौडा कर लिया ताकि मेरा लंड आसानी से उसकी योनि के अंदर जा सके। वह मेरा पूरा साथ देती वह अपने मुंह से मादक आवाज निकालती। जब वह अपने मुंह से आवाज निकाल रही थी तो उस वक्त मैं पूरे जोश में हो गया। मैंने बड़ी तेजी से उसे चोदना प्रारंभ करें दिया। मै उसे इतनी तेजी से चोदता उसका पूरा शरीर हिल जाता। जब वह मेरे लंड को बर्दाश्त नहीं कर पाई तो उसने अपने दोनों पैरों से मुझे कसकर जकड़ लिया। उसकी योनि से लगातार पानी का तेज बहाव हो रहा था। मेरा लंड भी उसकी योनि के अंदर बाहर होता जाता मेरा वीर्य गिरने वाला था। मैंने अपने लंड को बाहर निकालते हुए उसके स्तनों पर अपने वीर्य का छिड़काव कर दिया लेकिन जब मैंने उसकी योनि की तरफ देखा तो उसकी योनि से खून बाहर की तरफ निकल रहा था। मैं इतना ज्यादा खुश हो गया मैंने एक सल पैक लड़की को चोदा यह मेरा पहला अनुभव था। हम दोनों ने जल्दी से अपने कपड़े पहन लिए जब हम दोनों हॉल के सोफे पर बैठे हुए थे तो मेरी मम्मी भी आ गई। मम्मी मुझे कहने लगी क्या तुमने शॉपिंग कर ली हम दोनों कहने लगे हां हमने तो शॉपिंग कर ली। हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत ही खुश थे। मै बार बार कविता की तरफ देख रहा था जब मेरी मम्मी बैडरूम मैं चली गई तो कविता मेरे कान में कहने लगी तुमने मेरी सील तोड़ दी है आज के बाद मैं तुम्हारी हो चुकी हूं। मैंने उसे कहा मैं भी तुम्हें अब अपना मान चुका हूं। यह कहते हुए मैंने उसके गाल पर एक जोरदार पप्पी दे दी उसके कुछ समय बाद वह भी अपने घर चली गई। हम दोनों जैसे एक दूसरे के बिना अधूरे हैं कविता जब भी मेरे घर आती है तो वह सिर्फ यही सोच कर आती है कि मैं उसकी चूत मारूंगा और मेरे दिमाग में भी सिर्फ यही खयाल चलता रहता हैं मैं कविता की चत कब मारूगां।