Hindi sex stories, antarvasna अपनी पत्नी के तानों से परेशान होकर उसे फिल्म ले जाने का वादा मुझे पूरा करना ही पड़ा काफी समय से वह मुझसे कह रही थी कि तुम मुझे मूवी दिखाने के लिए ले चलो। उसके पसंदीदा हीरो की फिल्म जो लगी थी और वह चाहती थी कि वह रिलीज के पहले ही दिन अपने पसंदीदा हीरो की पिक्चर देखने के लिए जाए लेकिन मैं उसे कई दिनों से टालने की कोशिश कर रहा था क्योंकि मुझे फिल्मों में बिल्कुल भी रुचि नहीं है। वह हो एक दिन मुझ पर बहुत गुस्सा हो गयी और कहने लगी आपको आज मुझे पिक्चर दिखाने के लिए लेकर जाना ही पड़ेगा। मैं भी उसे मना ना कर सका और आखिरकार उसकी बात को मुझे मानना ही पड़ा क्योंकि वह मुझसे बहुत गुस्सा हो गई थी।
जब मैं उसे पिक्चर दिखाने के लिए ले गया तो वह मूवी में इतना ज्यादा खो गई की मेरी तरफ उसका ध्यान ही नहीं था मैं सिर्फ मूवी में देख रहा था कि क्या चल रहा है लेकिन मेरा मन बिल्कुल भी मूवी देखने का नहीं था। मैं मूवी खत्म होते ही बाहर चला गया मेरी पत्नी शीला भी मेरा हाथ पकड़े हुए मेरे पीछे पीछे आ रही थी वह इतनी ज्यादा खुशी की वह मुझे कहने लगी आज आपने मुझे मूवी दिखाई मैं बहुत ज्यादा खुश हूं। मैं उसे कहने लगा तुम्हारी खुशी की वजह सिर्फ मूवी ही थी क्या तुम्हें मेरे साथ बैठना अच्छा नहीं लगा तो शीला कहने लगी कि मुझे आपके साथ भी अच्छा लगा। जब हम लोग घर पहुंचे तो उस वक्त हमारे पड़ोस में रहने वाले मनमोहन प्रसाद जी आए हुए थे मनमोहन प्रसाद डेंटिस्ट हैं वह बड़े ही सज्जन व्यक्ति हैं वह मुझसे कहने लगे भाई साहब आजकल आप दिखाई नहीं दे रहे हैं। मैंने उन्हें कहा अपने ऑफिस के काम से फुर्सत ही नहीं मिल पाती है इसलिए किसी से भी मिलना नहीं हो पाता। मनमोहन प्रसाद जी कहने लगे भाई साहब मुझे आपसे एक जरूरी बात करनी थी मैंने उन्हें कहा हां भाई साहब कहिये। मनमोहन प्रसाद जी का हमारे घर पर काफी उठना बैठना था इसीलिए वह मुझे कहने लगे कि मुझे अपने दूर के रिश्तेदार की लड़की के लिए कोई लड़का देखना था क्या आपकी नजर में कोई लड़का है।
मैंने मनमोहन जी से कहा मनमोहन जी आप मुझे पहले लड़की के बारे में बता दीजिए कि लड़की आखिर करती क्या है। उन्होंने मुझे बताया कि वह 32 वर्ष की हो चुकी है और उसकी अब तक शादी नहीं हुई है। जब उन्होंने मुझे यह बात बताई तो मैंने उन्हें कहा लेकिन उसकी अब तक क्यों शादी नहीं हो पाई। वह मुझे कहने लगे बस पूछिए मत उसकी किस्मत में ही शायद बदनसीबी लिखी हुई थी पहले उसके पिताजी का देहांत हो गया और उसके बाद जिस लड़के से उसकी सगाई हुई थी वह सगाई भी टूट गई। उसके बाद तो जैसे उन्हें दुख ने पूरी तरीके से घेर लिया था और उनके पास कोई भी रास्ता ना था लेकिन अब धीरे-धीरे वह लोग अपने जीवन को सामान्य तरीके से जीने लगे हैं। उसकी शादी हो जाती तो उसकी मां के सर से यह जिम्मेदारी भी कम हो जाती वह मुझे काफी मानते हैं इसलिए मैंने सोचा आप से इस बारे में बात करूं। तभी मेरी पत्नी कह उठी अरे आपके मामा जी का लड़का है ना उससे आप क्यों नहीं शादी की बात कर लेते वैसे भी तो रोहन की अभी तक शादी नहीं हो पाई है। मैंने थोड़ी देर अपने दिमाग पर जोर डालते हुए सोचा कि क्या रोहन से उसकी शादी करवाना उचित रहेगा क्योंकि रोहन बिल्कुल ही गैर जिम्मेदाराना है उसकी उम्र 35 वर्ष हो चुकी है लेकिन अब तक उसे अपनी जिम्मेदारी का एहसास नहीं है वह मेरे मामाजी पर पूरी तरीके से निर्भर है। मैंने मनमोहन जी से कहा मैं आपको कुछ दिनों बाद बताता हूं आप ऐसे चिंता ना कीजिए आप मुझे उस लड़की की तस्वीर भेज दीजिये और उसका नाम मुझे बता दीजिए। मनमोहन जी ने अपने बैग से तस्वीर निकालते हुए मुझे कहा उसका नाम काजल है वह मुझे कहने लगे आप जरूर बता दीजिएगा। मैंने मनमोहन जी से कहा ठीक है आप बिल्कुल चिंता ना कीजिए मैं आपको जरूर बता दूंगा और वह कुछ ही देर बाद घर से चले गए।
जब वह गए तो मेरी पत्नी मुझे कहने लगी आपको क्या लगता है मामा जी उनके रिश्ते के लिए मान जाएंगे मैंने शीला से कहा क्यों नहीं क्या पता इससे रोहन की जिंदगी भी बदल जाए और वैसे भी रोहन कुछ कर भी तो नहीं रहा है। कब तक मामा जी उसका बोझ धोते रहेंगे रोहन को भी तो अपनी जिम्मेदारियों को अब समझ लेना चाहिए। रोहन मेरे मामा जी का एकलौता लड़का है लेकिन उसके बावजूद भी वह अब तक अपनी जिम्मेदारियों को समझ नहीं पाया है और उसे अब तक यह समझ नहीं आ पाया कि उसे अपने जीवन में क्या करना चाहिए। मैंने अपने मामा जी से इस बारे में बात करने के सोची और आखिरकार मैंने अपने मामा जी से काजल के रिश्ते की बात कर दी। जब मैंने उनसे इस बारे में बात की तो वह कहने लगे बेटा तुमने तो मेरे मुंह की बात छीन ली मैं तो सोच ही रहा था कि उसकी शादी मैं करवा दूं लेकिन मुझे कोई लड़की ही नहीं मिल पा रही थी। जब उन्होंने काजल की तस्वीर देखी तो वह खुश हो गए और कहने लगे लड़की तो बहुत सुंदर है और रोहन के लिए बिल्कुल ठीक रहेगी। मैंने उन्हें जब सारी बात बताई कि हमारे पड़ोस में ही मनमोहन जी रहते हैं उन्हीं की परिचित यह लड़की हैं तो मामा जी कहने लगे तुम मुझे मनमोहन जी से मिलवा दो। मैंने मामा जी से कहा क्यों नहीं आज शाम को ही मैं आपको मनमोहन जी से मिलवा देता हूं। मामा जी भी बहुत ज्यादा चिंतित रहते थे क्योंकि उनके इकलौते लड़के रोहन की शादी अब तक हो नहीं हो पाई थी परंतु अब शायद मोहन की शादी होने वाली थी इस वजह से वह काफी खुश नजर आ रहे थे।
उन्हें इस बात की खुशी थी की रोहन का रिश्ता हो जाएगा तो शायद रोहन भी अपनी जिम्मेदारियों को समझने लगेगा। मैंने जब मनमोहन जी और अपने मामा की मुलाकात करवाई तो वह लोग आपस में एक दूसरे से बात करने लगे। मामा जी ने रोहन के बारे में उन्हें सब कुछ बता दिया था और कुछ ही दिनों बाद मनमोहन जी ने काजल की मां को भी अपने पास बुला लिया। काजल से मैं पहली बार ही मिला था उसकी तस्वीर देख कर वह बहुत अच्छी लग रही थी और असल में भी वह बहुत सुंदर थी। उसके भाग्य की वजह से शायद उसकी शादी नहीं हो पाई थी परंतु अब मामा जी और काजल की मां के बीच पूरी बातचीत हो चुकी थी जिस वजह से वह काजल की शादी रोहन से करवाने को तैयार हो चुकी थी। मामा जी भी बहुत खुश थे मामा जी ने मुझे कहा कि यह सब तुम्हारी वजह से ही हो पाया है। मैंने मामा जी से कहा ऐसी कोई बात नहीं है मुझे भी रोहन की चिंता रहती है इसीलिए तो मैंने आपको काजल के बारे में बताया फिर काजल और रोहन की शादी बड़े धूमधाम से हुई। काजल और रोहन की शादी के बाद रोहन के चेहरे पर बड़ी मुस्कुराहट रहती। मैंने उससे पूछा तुम बड़े खुश रहते हो? वह मुझे शर्माते हुए कहने लगा भैया पूछिए मत बस मैं ही जान सकता हूं कि मैं कितना खुश हूं। मैंने उसे कहा लेकिन मुझे भी तो बताओ तुम्हारी खुशी का राज क्या है उसने मुझे कुछ नहीं बताया लेकिन मुझे उसकी खुशी का राज उस वक्त पता चला जब मेरे काजल के साथ अंतरंग संबंध बने। काजल और रोहन हमारे घर पर आए हुए थे वह लोग जब हमारे घर पर आए तो मैंने काजल की तरफ अपनी प्यासी नजरों से देखना शुरू किया तो काजल भी मचलने लगी।
रोहन शायद उसकी इच्छा को पूरा नहीं कर पा रहा था इसलिए वह मुझसे उम्मीद करने लगी, दोनों की शादी को हुए अभी कुछ समय ही हुआ था लेकिन काजल के सेक्स के प्रति कुछ ज्यादा ही रुचि थी और उसी के चलते मेरे और उसके बीच अंतरंग संबंध बने। जब हम दोनों के बीच सेक्स संबंध बने तो काजल मुझे कहने लगी आज तो आपने मेरी इच्छा को भरपूर तरीके से पूरा कर दिया। काजल के बदन से जब मैंने उसके सूट को उतारना शुरू किया तो उसके काले रंग की ब्रा में वह किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी। जैसे ही मैंने उसके स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू किया तो मुझे मज़ा आने लगा मैंने उसके स्तनों से खून भी निकाल कर रख दिया। उसके स्तनों पर मैंने अपने प्यार के निशान भी छोड़ दिए थे लेकिन जब उसकी योनि पर अपनी उंगली को लगाया तो उसकी योनि से पानी बाहर की तरफ को निकल रहा था। मुझे उसकी योनि को चाटने में बड़ा आनंद आ रहा था काफी देर तक यह सिलसिला चलता रहा जब काजल ने मेरे लंड को अपने मुंह में लिया तो काजल ने मेरा लंड को अपने मुंह के अंदर तक समा लिया जिस प्रकार से उसने मेरे लंड को चूसा उससे मेरे अंदर की उत्तेजना में बढोतरी हो गई।
मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था मैंने भी काजल की नरम और मुलायम चूत के अंदर अपने मोटे और काले लंड को डाल दिया जैसे ही मेरा मोटा और काला लंड काजल की योनि के अंदर प्रवेश हुआ तो उसे बड़ा अच्छा लगने लगा और मुझे भी बड़ा आनंद आ रहा था। काफी देर तक हम दोनों के बीच शारीरिक संबंध बनते रहे जैसे ही मैंने काजल की योनि के अंदर अपने वीर्य को गिराया तो वह कहने लगी आपका वीर्य जल्दी ही गिर गया। मैंने उसे कहा अभी तो शुरुआत है यह कहते ही मैंने उसे कहां तुम मेरे लंड के ऊपर से आ जाओ। काजल ने मेरे लंड को अपनी योनि के अंदर ले लिया और मैं उसे बड़ी तेजी से धक्के मारने लगा मैं उसको धक्के मारता तो उसे भी बहुत अच्छा लग रहा था। जैसे ही मैंने अपने वीर्य को काजल की योनि के अंदर गिराया तो वह मुझे कहने लगी आज तो मेरी सेक्स की इच्छा पूरी हो चुकी है। काजल का गदराया हुआ बदन और उसकी अदाओं ने मुझ पर जादू कर दिया था मैं जब भी काजल को देखता तो उसके साथ मुझे सेक्स करने का मन होता और मैं अपनी इच्छा काजल के साथ सेक्स कर के पूरी करता हूं।