दोस्तों कैसे हो आप लोग | आशा करता हूँ की आप लोग सब मस्त होंगे और रोज की तरह सेक्सी कहानिया पढ़ते होंगे | दोस्तों मेरा नाम जीतेन्द्र वर्मा है | मैं सीतापुर [उत्तर प्रदेश ] का रहने वाला हूँ | दोस्तों मैं आप लोगो को रोज एक नयी कहानी लिखकर पढवाता हूँ | जिसे पढके आप लोगो की चूत चोदने की ललक जागती रहे | दोस्तों मैं रोज की तरह आज भी एक नयी कहानी आप लोगो के लिए लेके आया हूँ जिसे पढके आप लोग आनंद प्रयाप्त करेंगे | यह कहानी मेरे ही जीवन पर आधारित है एक दम मेरे जीवन की सच्ची घटना में से एक | तो चलिए दोस्तों मैं अपनी ज्यादा बकवास न करता हुआ सीधा आप लोगो को कहानी की ओर ले चलता हूँ |
तो मेरे प्रिय दोस्तों ये बात उस समय की है जब मैं अपनी पूरी पढाई कर ली थी | अपनी पढाई पूरी करने के बाद मुझे एक प्राइवेट कंपनी में एक अच्छी क्लर्क की पोस्ट मिल गयी थी जिसमे मुझे सिर्फ कंटेंट राइटिंग का काम करना था | मुझे मेरी कंपनी की तरफ से मेरे मतलब भर की सैलरी मिल जाती थी जिसमे मैं खुस था | मैं अपनी कंपनी को सुबह के 10 बजे जाता था और शाम के 5 बजे मेरी छुट्टी हो जाती थी | मैं अपनी कंपनी में सबसे हंश के बलता था और सबसे घुल मिल के रहता था | कंपनी के ओर भी लोग जो थे वो भी मुझे बहुत मानते थे | यहाँ तक की जो मेरी हेड मनेजेर थी वो भी मुझे बहुत मानती थी | मेरी हेड मेंनेजर एक लड़की थी जो की दिखने में बहुत अच्छी और पटाका थी | मेरा केबिन उनके ऑफिस के एकदम सामने था | उनका जो भी काम होता था वो मेरे को ही बुलाती थी और अपना काम करवाती थी | मुझे वो बहत मानती थी और कभी-कभी तो मैं उनसे कहके छुट्टी भी ले लेता था या तो फिर आधे दिन से घर चला जाता था | हम लोगो का एक दुसरे से बहुत अच्छा ताल-मेल था | मेरी कंपनी में एक मेरा दोस्त था वो मेरे से थोडा निचे पोस्ट पर था पर मैं उसे अपना बहुत अच्छा दोस्त मानता था और वो भी मुझे बहुत मानता था | एक दिन मैं लंच टाइम में उसके केबिन में बैठ कर खाना खा रहा था | तभी मेरे दोस्त की नज़र सामने वाली केबिन में गयी | वहां दो लडकिया बैठकर खाना खा रही थी | मैं और मेरा दोस्त अपने केबिन में बैठकर खाना खाते-खाते उनको ताड़े जा रहे थे | क्या लडकिया थी एक दम पटाका जब वो दोनों खाना खाते हुए हंश रही थी तब यही मन कह रहा था की क्या भगवान ने खुबशुर्ती दी है |
हम लोगो ने अपना खाना ख़त्म किया और वाशरूम में अपने हाँथ धुलने के लिए चले गये | हम लोग अपने हाँथ धुल ही रहे थे तभी पीछे से वो भी लोग आ गयीं | वो हम लोगो के पीछे खड़ी होकर अपनी बारी का इंतजार कर रही थी | मैंने अपने हाँथ अभी धुले नही थे और मैं पीछे हट गया और उनको हाँथ धुलने को आगे बुलाया | उन्होंने अपने हाँथ धुले और फिर बाद में मुझे ऊन्होने थैंक्यू बोला | मेरा दोस्त मुझे घूर के हंश रहा था और कह रहा था की सर क्या बात है आप तो फ्लेट हो गये हो उनपे | मैंने हंश्ते हुए उससे कहा की नही यार ऐसी कोई बात नही है मैं तो बस ऐसे ही | हम लोग बाते करते हुए वाशरूम से निकल रहे थे | वो दोनों वाशरूम के बाहर खड़ी होकर बाते कर रही थी | मैंने उंनसे बात करनी चाही , मैं उनके पास गया और उनसे उनके बारे में पूंछा | उन लोगो का कंपनी में नया-नया सिलेक्शन हुआ था और वो लोग मुझसे नीचे पोस्ट पर थी | हम लोग ने थोड़ी देर बात की और फिर अपने-अपने काम पर लग गये | शाम के जब 5 बजे हम लोगो की छुट्टी हुयी हम लोग अपनी कंपनी के बाहर आये | मैं और मेरा दोस्त अपनी कार लेके कंपनी के बाहर खड़े होके उन दोनों लड़कियों का इंतजार रहे थे | थोड़ी देर बाद वो कंपनी से बाहर निकली और हम लोगो की तरफ ही आ रही थी | वो लोग थोडा आगे खड़े होके ऑटो का इंतजार कर रही थी | मैंने अपनी गाडी स्टार्ट की और उनके पास ही ले जाके खड़ी कर दी | मैंने उनसे पूंछा की कोई बात है क्या ऊन्होने मुश्कुराते हुए कहा की कुछ नही सर बस ऑटो का इंतजार कर रही हूँ | मैंने उनसे कहा की आओ मैं तुम्हे तुम लोगो के घर छोड़ देता हूँ | उन लोगो ने थोड़ी देर तक सोचा और फिर मैंने कहा की आ जाओ मैं खा नही जाऊंगा तुम्हे | वो लोग थोडा हंशी और बोली नही सर ऐसी कोई बात नही है और आके गाडी में बैठ गयी | हम लोग उन लोगो से बाते करते-करते हुए उनको ऊनके घर पर छोड़ दिया |
मैंने अपने दोस्त से कहा की भाई यार उसमे से जो मेरी साइड वाली सीट पर बैठी थी वो तेरे सर को पसंद आ गयी है | मैं उससे पसंद करने लगा हूँ | उसने मुझसे भी कहा की सर उसके साथ वाली मुझे पसंद है | क्या माल है वो , सर मेरा भी दिल उसपे आ गया है | हम लोगो ने थोड़ी देर तक बाते की और फिर अपने-अपने घर चले गये और काल कंपनी में उनसे बात करने को कहा | अगले दी मैं तैयार हुआ और अपने दोस्त को लिया और कंपनी गया | हम लोग अपने-अपने काम में लग गये और जब लंच टाइम आया तब मैंने अपने दोस्त से कहा की यार आज कैंटीन में खाना खाते है चलके | हम लोग अपने केबिन से निकल कर कैंटीन जा रहे थे तभी मेरी नज़र उन दोनो के केबिन में गयी तो वो लोग खाली बैठी थी | मैं उनकी केबिन में गया और पूछा की क्या बात है आज तुम लोग खाना नही खा रहे हो तो उन लोगो ने कहा की सर आज लेट उठे थे इसीलिए खाना ला नही पाए | मैंने उनसे कहा की कोई बात नही हम नही लोग आज खाना नही लाये हैं क्यों न हम आज सब लीग मिलकर कैंटीन में खाना खाए चलके | वो थोडा हेजिटेट हो रही थे | मैं उन्हें जिद करके कैंटीन में ले गया | हम लोग कैंटीन पहुंचे और हम लोगो ने खाना आर्डर किया और खाना खाते हुए बाते कर रहे थे | हम लोगो ने खाना अपना-अपना खाना ख़त्म किया और फिर बाद में मैंने सब के लिए आइस -क्रीम आर्डर की | हम लोग ने आइस-क्रीम खाई | मैंने सबका बिल दिया और फिर बाद में वहां से अपने-अपने काम में बिजी हो गये | धीरे-धीरे वो लोग हम लोगो से घुल मिल गयी थी और यहाँ तक की मैंने और मेरे दोस्त ने उन्हें पर्पोस भी मार दिया था | वो लोग भी हम लोगो की दीवानी हो गयी थी |
एक दिन मैं और मेरे दोस्त ने यह प्लान बनाया की यार आज कुछ तूफानी करने का मन कर रहा है | मैंने उससे पूंछा की क्या मतलब है तेरा तो उसने मुझे बताया की कल शाम को मैंने अपनी वाली को गाडी में किस किया था और उसके बूब्स भी दबाये थे | अब मेरा उसकी चुदाई करने का मन हो रहा है | मैंने अपने दोस्त से बाते की यार मन तो मेरा भी कर रहा है बता क्या किया जाये | उसने मुझे बताया की यार तु मेनेजर मैडम से आज आधे दिन से छुट्टी मांग ली वैसे भी आज ऑफिस में की काम है नही | हम लोग इनको लेके क्लब या किसी अच्छे होटल में चलेंगे | मैंने अपनी मैडम से आधे दिन की छुट्टी मांग ली और हम लोग उनको लेके एक अच्छे से बार में चले गये | वहां पहले तो हम लोगो ने खूब शराब पी और फिर थोडा डांस किया और फिर हम लोग वहां से निकल कर एक अच्छे से होटल में दो कमरे ले लिए | मैं और मेरा दोस्त अलग-अलग कमरे में चले गये | मेरी वाली को थोडा कम नशा था | मैंने उसे बेड पर बैठा दिया और खुद बैठकर उसके साथ उसकी होंठो में अपने होंठ डाल कर चूस रहा था और वो भी मेरा बराबर साथ देते हुए मेरे होंठो को चूस रही थी | मैं तो गरम था ही वो मैंने उसके होंठो को चूस कर उसको भी गरम कर दिया था | मैंने थोड़ी देर तक उसके होंठ चूसे फिर उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे सारे कपडे एक-एक करके निकाल दिए और उसने पाने भी कपडे उतार दिए | अब हम दोनों एकदम नंगे होके बेड पर पड़े थे | मैंने उसको अपने नीचे लिटाया और उसकी दोनों टांगो को अपने हाँथ से पकड़ कर फैला दिया और अपना लंड उसकी चूत में डाल कर इसके ऊपर लेट गया | मैं उसकी चूत में धक्के देते हुए उसके बूब्स को अपने मुह में रख कर पी रहा था और वो अपने मुह से आह अह अहह आह्ह आह आह्ह्हः आह्ह अह्ह्ह आह्ह आह्ह अह्ह्ह आह आहा हाहा उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह इह्ह ओह्ह ओह्ह ओह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह उन्ह उन्ह इह्ह ईह्ह इह्ह इह्ह इह्ह्ह इह्ह आह आहा अह आहा अह आहा की सिस्कारिया निकाल रही थी | थोड़ी देर तक मैंने उसकी चूत में अपने लंड से धक्के दिए थे और फिर उसके बाद में मैं और वो एक ही साथ झड गये थे |
तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी | इस तरह मैंने अपनी ऑफिस की लड़की को चोदा | आशा करता हूँ की आप लोगो को पसंद आएगी |