hindi sex stories, antarvasna
मेरा नाम सोनाली है। एक दिन मैं अपनी फ्रेंड के साथ क्लब में गई। वहां हम दोनों बातें करते करते ड्रिंक भी कर रहे थे तो अचानक मेरी नजर एक लड़के पर गई उसने बहुत सारी ड्रिंक कर रखी थी और उसके कोई भी दोस्त वहां पर नहीं थे वह सब जा चुके थे। वह लड़का अकेला ही वहां पर था वह तो खड़ा भी नहीं हो पा रहा था। उसने इतनी ड्रिंक कर रखी थी तो हमने सोचा कि इसे हम ही इसके घर ड्रॉप कर देंगे, लेकिन उसने हमें अपने घर के बारे में कुछ नहीं बताया उसे बहुत ज्यादा नशा हो रखा था इसलिए हम उसे अपने ही घर लेकर चले गए। उसे आराम करने के लिए कहा और फिर उसके बाद मेरी फ्रेंड भी अपने घर जा चुकी थी। जब वह लड़का सो रखा था तो मैंने उसके लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग किया और मुझे बहुत ही मजा आ रहा था। जब मैं उसके बड़े लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग कर रही थी और उसका वीर्य लंड से गिर गया था जो कि मैंने अपने मुंह से अंदर ही ले लिया था। थोड़ा-बहुत मैंने उसके लंड को अपनी चूत मे रगड़ा था जिससे कि मेरा चूत का पानी भी निकल रहा था और मैंने वह पानी उसके मुंह में लगा दिया था। उसके बाद मैं आराम से सो गई।
अगले दिन जब सुबह हुई तब उस लड़के को होश आया और वह कहने लगा कि तुम मुझे यहां लेकर क्यों आए और तुम कौन हो मैंने उसे अपना नाम बताया। उससे भी मैने उसके बारे में बताने को कहा फिर उसने मुझे अपना नाम बताया उसका नाम अंकुश था। मैंने उसके लिए कॉफी बनाई फिर हम दोनों ने बैठकर कॉफी पी कॉफी पीने के बाद वह अपने घर जाने की बात कर रहा था। मैंने उसे ब्रेकफास्ट करने के बाद घर जाने को कहा वह मान गया फिर मैं उसके लिए ब्रेकफास्ट बना रही थी। तब वह पीछे से आया और मेरा हाथ पकड़ कर मेरे साथ हेल्प करने लगा। उसने जब मेरा हाथ पकड़ा तो मुझे बहुत अजीब लगा पहली बार किसी ने इस तरीके से मेरा हाथ पकड़ा होगा। उसके बाद हम दोनों ने ब्रेकफास्ट किया और वह अपने घर निकल गया। उस दिन हम दोनों ने एक दूसरे के नंबर भी ले लिए थे फिर हम दोनों फोन पर बातें करने लगे और मिलने भी लगे। वह मुझसे मिलने मेरे घर आया करता था। मैं घर पर अकेली ही रहती थी इसलिए वहीं मुझसे मिलने घर पर आता था। कुछ ही दिनों में हम दोनों बहुत करीब आ गए थे। अंकुश मुझे मेरे घर पर आकर बहुत ही चोदता था। जब उसका मन करता तो वह मुझे भी अपने घर पर बुला लेता।
कुछ समय बाद उसने अपना बिजनेस खोलने की सोची और अपना बिजनेस सही तरीके से संभालने लगा। एक दिन मैंने सोचा क्यों ना अंकुश को सरप्राइज दूं मैं उसके ऑफिस गई और मैंने अंकुश के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा अभी तक अंकुश ऑफिस नहीं आए हैं। मैं अंकुश का वहीं बैठ कर इंतजार करने लगी काफी देर तक तो वहां आए नहीं अब जैसे ही अंकुश आया तो उसने मुझे देखा तो वह भी एक दम से शॉक्ड रह गया और कहने लगा तुम ऑफिस में कहां से आ गई। मैंने उसे कहा कि मैं तुम्हें सरप्राइज देना चाहती थी। यह सुनकर बहुत ज्यादा खुश हो गया और मुझे अपने गले से लगा लिया। मैं उसके लिए कुछ गिफ्ट लाई थी तो मैंने उस वह गिफ्ट दिया। उसने वह गिफ्ट खोलकर देखा वह और ज्यादा खुश हो गया और मुझे कहने लगा तुम मेरा कितना ध्यान रखती हो। मैंने जब अंकुर को ऑफिस देखा तो उसने ऑफिस को बहुत अच्छे से डेकोरेट करा हुआ था। जिससे मैं उसे कहने लगी तुमने तो बहुत अच्छे से अपने ऑफिस का डेकोरेशन किया हुआ है और यह देखने में भी अच्छा लग रहा है। उसने कहा हां मैंने एक फ्रेंड को बोला था उसने मेरी बहुत मदद की इसमें तो यह ऑफिस को मैं अच्छे से डेकोरेट कर पाया और इस तरीके से बना पाया। मैंने उसे कहा अब तुम अपना कैबिन तो दिखाओ, तुम कहां पर बैठते हो। वह मुझे अपने केबिन में ले गया तो उसने बहुत ही सुंदर तरीके से अपने केबिन को सजा रखा था। वहां पर हल्की-हल्की लाइटें लगी हुई थी जोकि एक माहौल बना रही थी सेक्स के लिए मुझे यह सब देखकर अच्छा लग रहा था कि उसने अपना आंफिस को बहुत ही बढ़िया तरीके से बनाया है। अंकुश और मैं बैठ कर बातें करने लगे। अंकुश ने पहले मेरे लिए चाय मंगाई मैंने वह चाय पी और उसके बाद हम दोनों काफी देर तक ऐसे ही बैठे रहे और बातें करते रहे।
अंकुश ने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझे कहने लगा बहुत दिनों से मैंने सेक्स नहीं किया है। मैंने उससे कहा मुझे भी बहुत दिन हो गए हैं इसीलिए तो मैं यहां आई थी अपनी चूत मरवाने के लिए वह कहने लगा चलो अच्छे से आज सेक्स करते हैं। मैंने उसकी शर्ट को उतारना शुरू किया जैसे ही मैंने उसकी शर्ट को उतारना शुरू किया तो मैंने उसकी छाती पर लव बाइट दे दी और अब उसके होठों को मैं किस कर रही थी। मुझे यह सब काफी अच्छा लग रहा था। वह भी मेरे होठों को किस कर रहा था ऐसा काफी देर तक हम दोनों ने एक दूसरे के साथ किया। अंकुश का लंड भी खड़ा हो चुका था और वह मुझे कह रहा था कि मेरे लंड को मुंह में ले लो और उसे सेकिंग करो। जैसे ही उसने अपने लंड को मेरे मुंह के अंदर डाला था मुझे ऐसा लगा ना जाने कितने सालो बाद में कर रही हूं और ऐसे ही अंकुश ने पूरे लंड को अंदर तक धक्के मारते हुए मेरे गले तक टच कर दिया था। जिससे कि मेरे गले का बुरा हाल हो गया था लेकिन वह ऐसे ही करता रहा।
अब उसने अपने लंड को मुंह से बाहर निकालते हुए मेरे बदन को सहलाने लगा। सहलाते हुए अंकुश ने मेरे पूरे कपड़े उतार दिए थे। अब वह भी तैयार हो चुका था मुझे चोदने के लिए उसने जैसे ही मेरे पूरे कपड़े उतारे तो सबसे पहले उसने मेरे चूचो को चूसना शुरु किया। बहुत देर तक तो उसने अपने मुंह के अंदर बाहर स्तनों को करता रहा और अपने हाथो से स्तनों को दबाने लगा। वह बड़ी ही तेजी से मेरे स्तनों को दबाए जा रहा था क्योंकि मेरे स्तन बहुत बड़े बड़े हैं इसलिए उसे मेरे स्तन दबाने में मजा आता है। मेरी चूत से पानी निकलने लगा था। अंकुश भी अब कंट्रोल नहीं कर पा रहा था तो उसने भी मुझे वही अपने सोफे पर लेटा दिया जैसे ही उसने मुझे सोफे में लेटाया। उसके बाद उसने अपने लंड को मेरे चूत के अंदर बड़ी ही तेजी से घुसा दिया। उसने इतनी तीव्र गति से लंड डाला कि मेरी सांसे रुक गई थी और उसके बाद जब मेरी सांस मे सांसे आई तो मैंने उसे कहा तुमने इतनी तेजी से क्यों डाला। वह कहने लगा मेरा लंड बहुत दिन से भूखा बैठा था तो ऐसा तो करना ही था और मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था। उसने थोड़ा सा अपने लंड बाहर निकालते हुए फिर दोबारा से जोर से धक्का मारना शुरू किया। मेरे मुंह से चीख निकलने लगी और मैं अपने मुंह से मादक आवाज निकालती जाती जिससे वह उत्तेजित होता जाता। उसकी उत्तेजना और ज्यादा बढ़ने लगी थी अब वह पूरे चरम पर थी।
वह बड़ी तीव्र गति से मुझे धक्के मार रहा था और मेरी चूतडे हिलती जा रही थी। मुझे बहुत ही अच्छा लगता जब वह इतनी तेजी से मेरी चूत मे अपने लंड को डालता और फिर बाहर निकालता। अंकुश मेरे स्तनों को भी चूसता रहता और मेरे स्तनों से मेरे निप्पलों को काटता जा रहा था। जिससे कि मेरे स्तनों से खून भी निकलने लगा था। उसने मेरी पूरी कमर पर अपने नाखूनों के निशान लगा दिए थे। मानो ऐसा लग रहा था जैसे कितने दिनों का भूखा बैठा था। इतनी भूखी तो मैं भी नहीं थी जितना उसने मेरा बुरा हाल कर दिया था। भोसड़ी का गंदे तरीके से मुझे चोद रहा था बहुत देर तक वह मुझे धक्के मारते रहा। अब मेरा तो झड़ चुका था, तो मैं उसके सामने बस ऐसे ही लेटी रही। जैसे ही उसका झड़ने वाला था तो उसने बड़ी ही तेजी से धक्का मारा और उसकी पिचकारी मेरी चूत मे इतनी तेजी से गई कि मुझे ऐसा लगा कि कहीं मेरे गले से बाहर ना आ जाए। उसने अपने लंड को बाहर निकाला तो उसका वीर्य मेरी चूत से टपक रहा था। मैंने उसे उसका रुमाल मांगा और अपनी चूत को साफ किया। अब हम दोनों ने कपड़े पहन लिए थे और हम आराम से बैठ कर बातें करने लगे। मैंने उसे पूछा तुम्हारा काम कैसा चल रहा है वह कहने लगा कि काम तो बहुत अच्छा चल रहा है और काफी प्रॉफिट भी हो रहा है।