हेल्लो मेरे प्यारे दोस्तों कैसे हो आप लोग | आशा करता हूँ की आप सभी लोग अच्छे होंगे और रोज टाइम निकाल कर सेक्सी कहानियां बिस्तार से पढ़ते होंगे | दोस्तों मैं आज आप लोगो के लिए एक नयी कहानी लेके आया हूँ | मैं आज आप लोगो को एक नयी कहानी बताऊंगा जिसमे मै अपने द्वारा की गयी चुदाई को आप लोगो को बताऊंगा उससे पहले आप लोग थोडा अपने इस बक्चोद भाई के बारे में जान लीजिये |
मेरे प्रिय भाइयो और बहनों और मेरे सभी बक्चोद दोस्तों मेरा नाम प्रतीक दुबे है और मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ | दोस्तों मैं दूर से ही दिखने में बहुत स्मार्ट हूँ और बक्चोद लगता हूँ | मेरी हाइट कम से कम 6 फिट है और मेरा रंग एकदम गोरा-चिट्टा है | मेरी बॉडी लेंथ देखकर अच्छे-अच्छों की गांड फट जाती है | दोस्तों मैं अपनी पढाई के साथ-साथ सेक्सी कहानियां भी लिखता हूँ और रोज आप लोगो को एक न एक नयी सेक्सी कहानी लिखकर आप लोगो को पढवाता हूँ |
तो चलिए दोस्तो मैं अपनी ज्यादा बकवास न करते हुए सीधा आप लोगो को कहानी की ओर ले चलता हूँ जिससे की आप लोगो की मुझपे झांटे न फायर हो और आप लोग यह न कह पायें की ये तो साला खाली ज्ञान चोद रहा है |
तो मेरे जिगर से प्यारे भाइयों और बहनों ये बात उस समय की है जब मैं अपनी 10 वीं की पढाई अपने ही शहर में करता था | दोस्तों मैं जिस कॉलेज में जाता था वो मेरे चाचा का ही कॉलेज था | और जब मैं अपने चाचा के ही कॉलेज में पढता था तब आप लोग जान सकते हो की मैं कितना बक्चोद रहा हूँगा | तो आईये दोस्तों मैं आप लोगो को अपनी कॉलेज में अपनी बक्चोद के किस्से आप लोगो को सुनाता हूँ | दोस्तों मैं और मेरे कुछ दोस्त जो की मेरे ही साथ मेरे कॉलेज में मेरी ही क्लास में पढ़ते थे | हम लोगो की लगभग 5 लोगो की स्ट्रेंथ होगी | हम लोग अपने कॉलेज में बहुत ही आंतंक मचा रखे थे | यहाँ तक की हम लोग थे 10 वीं में और पंगे लेले ते थे अपने 12 वीं क्लास के सीनियर्स से भी | हम लोगो की कई बार प्रिन्सिपल के पास शिकायतें भी गयी और प्रिन्सिपल सर ने मेरे चाचा से भी हम लोगो के सिकायत की पर तभी हम लोग अपनी आदतों से बाज नही आते थे | हम लोग 5 लोग पूरे कॉलेज पर भारी थे | मेरे दोस्त मुझे बहुत मानते थे और मैं भी उन्हें अपने भाई की तरह मानता था | आईये मैं आप लोगो को अपने दोस्तों का थोडा परिचय करवाता हूँ | मेरे पांचो दोस्तों का नाम आप लोगो को बताता हूँ | मेरे दोस्तों के नाम मंजीत ,राहुल , शोभित ,आदिल ,और गौतम था | इसमें से जो राहुल है वो मेरे चाचा जी का लड़का है और बाकी मेरे ही शहर के थे | हम लोग अपने कॉलेज में बहुत मस्ती करते थे | यहाँ तक की जो कॉलेज की लडकिया थी वो भी हम लोगो से नफरत ही करती थी | हम लोग थे ही इतने बक्चोद | एक दिन मैं और मेरे बाकी दोस्त क्लास मैं बैठकर पढ़ रहे थे | हम लोगो ने वो पीरियड पढ़ा और अगला पीरियड मैथ का था और मैथ के टीचर आये नही थी | हम सभी लोग अपनी क्लास में बैठकर मस्ती कर रहे थे | हम लोग पीछे बैठकर क्लास की लडकियो को ताड़ रहे थे | और उनसे मौज ले रहे थे | तभी मेरे चाचा का लड़का राहुल उठकर आगे एक लड़की के पास गया और उससे नोटबुक मांगने के बहाने उससे बाते किये जा रहा था | साले ने थोड़ी देर तक उसने उससे बाते की फिर वो वहीँ उसकी सीट पर एक लड़का बैठा था उसको वो हटा के बैठ गया | मैंने अपने दोस्तों से कहा की यार ये साला नोटबुक मांगने गया था इसने तो उससे रिश्तेदारी ही बना ली लगता है | तब मेरे दोस्त शोभित ने कहा की भाई वो लड़की और ये साले दोनों एक दुसरे को पसंद करते थे |
मुझे नही पता थी ये बात की मेरे चाचा का लड़के ने क्लास में लड़की भी सेट कर रखी है | मैंने अपने चाचा के लड़के को अपने पास बुलाया और पुछा की क्यों बे ये बात सही है तूने उसको सेट कर रखा है | तो उसने शरमाते हुए मुझसे कहा की हाँ भाई वो मुझे लाइक करती है और मैं भी उसे पसंद करता हूँ | दरअसल मेरे चाचा का लड़का थोडा मुझसे सरमाता था | मैंने उससे कहा की कहाँ तक बात पहुंची तो उसने मुझे बताया की भाई आज शाम को उसको मिलने के लिए जाना है और मुझे आप लोगो की हेल्प चाहिए | हम लोगो ने उसे हाँ कहा की जरुर चलेगें भाई तु चिन्ता मत कर हम लोग शाम को सब लोग चलेंगे | हम लोग शाम को पार्क पहुंचे और उस लड़की का पार्क में बैठ कर वेट कर रहे थे | थोड़ी देर के बाद वो लड़की अपनी सहेली के साथ आयी | मेरे चाचा का लड़का और वो लड़की एक पास बैठ कर बाते कर रहे थे और मैं और मेरे बाकी दोस्त और उसकी सहेली एक पास बैठकर बाते कर रहे थे | मैं चुप-चाप बैठा हुआ था और मेरे बाकी दोस्त उसकी सहेली से मौज ले रहे थे | तभी मेरे भाई ने मेरी तरफ इशारा किया की भाई उसको हैंडल करना मैं इसको लेके जंगल में जा रहा हूँ | मैंने उसे दूर से ही इशारा किया की तु जा,इधर हम लोग सब देख लेंगे | दोस्तों पार्क के साइड में एक घना जंगल था मेरे चाचा का लड़का उसको लेके उसी जंगल में चला गया और कम से कम 20-25 मिनट के बाद निकला और हम लोगो के पास आके बैठ गया | थोड़ी देर तक हम सब लोग बैठे रहे और फिर वो और उसकी सहेली चली गयी | मैंने अपने भाई से पूछ की क्या बात कुछ हुआ की नही | उसने सरमाते हुए कहा की हाँ भाई फिट कर दिया है | बहुत मजा आया उसको चोदने में | उसकी चूत टाइट थी ,जब मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाल कर धक्का दिया तब वो आगे की ओर भाग पड़ी थी और फिर जब मैं उसकी कमर पकड़ कर उसको चोद रहा था तब वो अपने मुह से आह आह आ आ अहः आह्ह आह्ह आह्ह्ह आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह अहह उन्ह उन्ह उन्ह उन्होह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह की सिस्कारिया निकाल रही थी |
अब हमारे कॉलेज 10 वीं के बोर्ड एग्जाम होने वाले थे तो हमारे चाचा ने मुझे और अपने लड़के को हॉस्टल में रहने को बोला था | हम लोगो ने अपना सामान हॉस्टल में सिफ्ट कर लिया था | हम लोगो को हॉस्टल में लगभग 1 महिना हो गया था | हम लोगो की मस्त एग्जाम के वजह से थोड़ी कम पड़ गयी थी |
एक दिन मैं हॉस्टल में अपना रात का खाना खाके अपने कमरे में लेता था | मेरे चाचा के लड़के ने थोड़ी देर तक मुझसे बाते की और फिर वो सो गया | मुझे भी नींद आ रही थी और मैं भी अब सोने ही जा रहा था | रात के लगभग 12 या साढ़े 12 बज रहे होंगे | मैं अपने बिस्तर से उठा और लाइट बंद की और लेटने ही जा रहा था तभी मैंने एक लड़का और एक लड़की की आवाज सुनी | मैं धीरे से अपने कमरे के बाहर आया और देखा की मेरे ही कॉलेज का एक लड़का था और हॉस्टल में काम करने वाली एक लड़की थी | वो लोग आपस में बाते कर रहे थे और फिर स्टोर रूम की और जा रहे थे | मैं उनके पीछे-पीछे गया और देखा की लड़का लड़की का पयजामा खोल चूका था और ऊपर का सलवार खोल रहा था | मैं तभी अन्दर गया और लड़के को पहले तो एक जोर से तमाचा मारा और उसको अपने चाचा से यह बात बताने को कहा | वो बहुत डर गया और मेरे हाँथ जोड़ने लगा | मैंने भी उसको कहा की तु अब निकल और दोबारा मूझे ये सब करते मिल मत जाना | वो चला गया गया अब बारी थी लड़की की वो भी डरी हुयी नंगे खड़ी थी और मेरे हाँथ जोड़ रही थी | मैं उसे नंगी देखकर अब मेरा भी मन उसको चोदने का हो गया था | मैंने उससे कहा की तुम चिंता न करो मैं तुम्हे कुछ नही कहूँगा तुम मेरे साथ आओ | मैं उसे लेके अपने कमरे में आ गया | मैंने उसे अपने बिस्तर पर बैठाला और मैं भी बैठ गया | वो बहुत डरी हुयी थी | मैंने उसका चेहरा अपने हांथो से पकड़ा और उसके होंठो को अपने मुह में डाल कर चूसने लगा | वो चुप चाप बैठी हुयी थी | मैंने उसको अपने बिस्तर पर लिटा दिया और अपने कपडे उतार कर उसके ऊपर लेट गया | मैंने थोड़ी देर तक उसको चूमा-चाटा और फिर मैंने उसकी दोनों पैरो को फैलाया और अपना लंड उसकी चूत में डाल कर बड़े आराम से उसकी चूत में धक्के दिए जा रहा था | वो भी डरती हुयी अपने मुह से आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह अह्ह्ह आह्ह्हह्ह आह्ह्ह अहह आह्ह आह्ह आह्ह्ह अह्ह्ह अहः उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह ओह्ह्ह ओह्ह्ह ओह्ह्ह ओह्ह्ह ऊह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह उन्ह की सिस्कारिया निकल रही थी | थोड़ी देर तक मैंने उसको लिटा कर चोदा और फिर मैंने उसको अपनी कोद में ले लिया और फिर मैंने उसको कोद में बैठाल कर चुदाई की | लगभग 15-20 मिनट तक मैंने उसकी चूत में धक्के मारे होंगे और अब मैं झड़ने वाला था | मैंने अपना लंड निकाल कर उसकी चूत पर ही झाड दिया |
तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी | आशा करता हूँ की आप लोगो को पसंद आएगी |