Hindi sex stories, antarvasna मुझे आज भी अपनी गलतियां याद आती है कि कैसे मैंने अपने जीवन में गलती की थी और उस पर आज तक मैं पर्दा डालने की कोशिश कर रही हूं। यह उस वक्त की बात है जब मैं कॉलेज में नई नई गई थी उस वक्त मेरी उम्र महज 20 वर्ष की थी और मैं ज्यादा समझदार भी नहीं थी यह शायद बचपना ही था कि उस वक्त मुझसे ऐसी गलती हो गई। कॉलेज में एक लड़का था उसका नाम मोहन था वह कॉलेज का सबसे हैंडसम लड़का था उस पर सारी लड़कियां मरती थी लेकिन उसका दिल मुझ पर आ गया उसका नाम मोहन था। मोहन का अपना ही एक अलग स्टाइल था वह अपनी छाती के बटन खोलकर चलता रहता था और गले में उसका रुमाल होता था, वह भी पुराने जमाने के हीरो की तरह ही दिखता था।
ना जाने उसमे ऐसी क्या बात थी कि लड़कियां उसके आगे पीछे घूमती थी परन्तु वह किसी लड़की को भाव ही नहीं दिया करता था लेकिन ना जाने उसका दिल मुझ पर कैसे आ गया। उस वक्त मेरी उम्र भी बहुत कम थी और मुझे इन सब चीजों की ज्यादा जानकारी नही थी यह सब मेरी समझ के परे था। एक दिन मोहन ने अपने दिल की बात मुझे कह दी, मैं उसे देख कर कहने लगी क्या मैं तुमसे प्यार करूंगी तुमने अपने आप को कभी आईने में देखा है। यह बात मोहन के दिल पर लग गई और उसने मुझे कहा ठीक है मैं तुम्हें एक दिन इस बात का सबक जरूर सिखाऊंगा। मुझे क्या मालूम था कि उसके दिल में मेरे लिए क्या चल रहा है लेकिन उसने मेरे साथ एक बहुत बड़ा खेल खेला उस वक्त मैं कॉलेज से पैदल जा रही थी। मैं अपने घर की गली से थोड़ा ही आगे गई थी कि तभी कुछ लड़के मुझे परेशान करने लगे मैंने इधर उधर देखा लेकिन उस वक्त मुझे गली में कोई दिखाई नहीं दिया तभी ना जाने कहां से मोहन आ गया मोहन ने उन लोगों को वहां से भगा दिया। मोहन के प्रति जो मेरी सोच थी वह बदल गई और मैं मोहन को अच्छा मानने लगी थी वह भी मुझ से नजदीकियाँ बढ़ाता चला गया लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि वह मेरे साथ बहुत बड़ा खेल खेल रहा है। उसने यह सब सिर्फ इसलिए किया ताकि वह मुझसे बदला ले सकें लेकिन मैं उसकी इस बात को नहीं समझ पाई, कुछ समय बाद हम दोनों एक दूसरे के बहुत नजदीक आ गए।
जब मैंने मोहन को अपने पापा से मिलवाया तो पापा मुझ पर बहुत गुस्सा हो गए और कहने लगे देखो रेखा हमने तुम्हें एक अच्छी परवरिश दी है तुम ऐसे लड़कों के साथ ना हीं रहो तो ठीक रहेगा। मुझे क्या मालूम था मैं अपने दिल पर काबू नहीं कर पाऊंगी और एक दिन मोहन और मैं घर से भाग गए मोहन मुझे घर से दूर ले आया उस वक्त मुझे ज्यादा कुछ पता नहीं था। हम दोनों साथ में रहने लगे और शायद यही मेरी सबसे बड़ी भूल थी की मैं उसके साथ रहने लगी उसके बाद हम दोनों ने शादी भी कर ली थी। एक दिन मोहन ने मुझसे कहा मैं अपने काम के सिलसिले में बाहर जा रहा हूं बस कुछ देर में आता हूं, मोहन जब गया तो उस दिन वह लौटा ही नहीं क्योंकि मोहन को तो मेरे साथ सिर्फ खिलवाड़ करना था उसने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी थी। यह बात आग की तरह सब जगह फैल चुकी थी की रेखा घर से भाग चुकी है मैं उस दिन मोहन का इंतजार करती रही लेकिन मोहन वापस नहीं लौटा मैं समझ चुकी थी कि अब कोई भी उम्मीद नहीं है कि मोहन वापस लौटेगा। मेरे पास कोई चारा नहीं था शिवाय घर लौटने के मुझे तो लगने लगा कि अब जिंदगी भी खत्म होने लगी है लेकिन एक दिन मेरे पापा ने मुझे देख लिया और वह मुझे अपने साथ घर ले आये। उन्होंने मुझे कहा देखो बेटा जो होना था वह तो हो चुका है उसे ना ही तुम मिटा सकती हो और ना ही मैं मिटा सकता हूं इसलिए इस बात को अब भूलना ही बेहतर होगा। मेरी मम्मी तो बहुत परेशान हो गई वह कहने लगी रेखा की जिंदगी अब बर्बाद हो जाएगी लेकिन मेरे पिताजी ने मुझे कहा अब तुम इस बात को भूल जाओ और तुम कभी किसी मोहन नाम के व्यक्ति को जानती तक नही थी तुम उसे अपने दिल और दिमाग से निकाल दो। मुझे भी लगा कि पापा बिल्कुल सही कह रहे हैं मोहन ने मेरे साथ इतना बड़ा धोखा किया है मुझे यह सब भूलना ही पड़ेगा।
हम लोग उस वक्त राजस्थान में रहा करते थे पापा ने कहा यह बात अब किसी को पता नहीं चलनी चाहिए कि आखिर हुआ क्या था। कुछ सालों बाद हम लोग राजस्थान से चेन्नई चले आए हम लोग चेन्नई में ही रहने लगे थे मैंने अपने कॉलेज की पढ़ाई भी चेन्नई से ही पूरी की और अब मैं इस बात को भूल चुकी थी कि कभी मोहन मेरी जिंदगी में भी था। उसी दौरान मेरी शादी के लिए रिश्ते आने लगे थे मैं नही चाहती थी कि मैं शादी करूं क्योंकि मैं अपने झूठ के साथ नहीं जीना चाहती थी लेकिन मेरे माता पिता के आगे मैं कुछ ना कह सकी। उन्होंने मेरे लिए लड़का देखना शुरू कर दिया और मेरे लिए काफी रिश्ते आये क्योंकि मैं घर में इकलौती थी और मेरे पिताजी भी अब एक बड़े अधिकारी बन चुके थे इसलिए मेरे लिए शादी के लिए बहुत रिश्ता आने लगे थे। पापा चाहते थे कि मैं अब शादी कर लूं उन्होंने मुझसे पूछा हम तुम्हारे लिए लड़का देख रहे हैं तुम शादी के लिए तैयार हो। मैंने उन्हें कहा हां पापा मैं शादी के लिए तैयार हूं क्योंकि पहले भी मैं यह गलती कर चुकी थी और शायद वह मेरा बचपना था कि मुझसे इतनी बड़ी गलती हो गई लेकिन अब मैं पूरी तरीके से समझ चुकी थी कि आखिरकार शादी क्या होती है। उस वक्त मेरे पिताजी ने मेरे लिए एक लड़का देखा उनका परिवार चेन्नई में ही रहता है और वह लोग चेन्नई के काफी अच्छे घराने से हैं मेरे पति का नाम संजय है। जब मैं संजय से मिली तो मुझे यही डर था कि यदि कभी संजय को मेरे बारे में असलियत पता चलेगी तो वह मेरे बारे में क्या सोचेंगे इसलिए मैंने संजय को अपने बारे में कभी पता नहीं चलने दिया।
हम दोनों की शादी हो गई आज हम दोनों की शादी को 10 वर्ष हो चुके हैं लेकिन अभी भी मुझे यही चिंता सताती है कि कभी मेरा बीता हुआ कल यदि संजय के सामने आ गया तो मेरा जीवन बर्बाद हो जाएगा। मैं इसी दुख में जीने को मजबूर हूं लेकिन फिर भी मैं अपने जीवन को जी ही रही हूं और कोशिश करती हूं कि कभी संजय को इस बात का पता ना चले और उन्हें मेरी वजह से कभी कोई दुख ना हो मैं संजय को खुश रखने की हर संभव कोशिश करती हूं। मैं जब भी अपने माता-पिता से मिलती हूँ तो मुझे अपना बीता हुआ कल याद आ जाता है और ना चाहते हुए भी मोहन की बातें उठ ही जाती हैं और भला कब तक हम लोग मोहन के सच को छुपाते। एक दिन मोहन मेरी जिंदगी में आ गया और वह मुझे अब ब्लैकमेल करने लगा वह मुझे कहने लगा यदि तुमने मुझे पैसे नहीं दिए तो मैं यह बात तुम्हारे पति को बता दूंगा। मैंने मोहन को पैसे दिए लेकिन वह अभी भी मुझे परेशान कर रहा था तो मेरे पास अब कोई रास्ता ही नहीं बचा था मैंने पिता जी से इस बारे में बात की तो पिता जी कहने लगे कि उसे जितने पैसे चाहिए उसे दे दो और उससे अपना पीछा छुड़वाओ। मैं उसे पैसे दिए जा रही थी लेकिन अब भी उसके अंदर का लालच बढ़ता ही जा रहा था और वह मुझसे हमेशा पैसों की मांग करता रहता। मेरे जीवन में तो जैसे मोहन ने परेशानियां ही पैदा कर रही थी मैं काफी परेशान भी रहने लगी थी। यह सब मोहन की वजह से ही हुआ था मैं चाहती थी कि उसे किसी भी तरीके से में अपने रास्ते से हटा दूं और मेरे पति की नजरो में मैं अच्छी बन जाऊं इसके लिए मैंने अपने पति से कहा मुझे मोहन नाम का व्यक्ति बहुत परेशान करता है।
अब वह मेरी तरफ थे उन्होंने उस रास्ते से हटाने के लिए एक व्यक्ति को मुझसे मिलाया। मैं चाहती थी कि वह मोहन को हमेशा के लिए मेरी जिंदगी से दूर कर दें उस व्यक्ति का नाम कालू भाई था। उसकी शक्ल बहुत गंदी थी वह बदमाश और गुंडा किस्म का लगता था जब मेरे पति ने मुझे उससे मिलवाया तो मैंने उसे सारी बात बताई मैं चाहती थी कि वह मोहन को किसी भी प्रकार से मेरी जिंदगी से दूर कर दे। उसे मेरे बारे में सब कुछ पता चल चुका था और कालू ने मुझसे आकर कहा इसमें तो तुम्हारी ही गलती थी मैं कैसे किसी बेगुनाह को परेशान कर सकता हूं। कालू को मैंने अपने जाल में फांस लिया और उसे अपने हुस्न के आगे घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया कालू ने जब मेरे नंगे बदन को देखा तो वह मेरे पास आकर बैठ गया। मैंने उसे कहा तुम्हें जो करना है कर लो वह मुझे कहने लगा ऐसा गोरा बदन मैंने आज तक कभी नहीं देखा उसने मेरे स्तनों पर जब अपने हाथ का स्पर्श किया तो मुझे कुछ अच्छा सा नहीं लगा मैं चाहती थी कि वह मोहन को किसी भी प्रकार से मेरी जिंदगी से दूर कर दे।
उसने जब मेरी चूत के अंदर अपनी 2 इंची मोटी उंगली को डाला तो मुझे बड़ा दर्द होने लगा लेकिन जब उसने अपने 10 इंच मोटा लंड को मेरी योनि के जड़ तक सटा दिया तो मैं चिल्लाने लगी। वह मुझे बड़ी तेजी से धक्के मारने लगा उसने मुझे अपनी गोद में बैठा लिया वह मुझे ऐसा चोद रहा था जैसे कि मैं कोई 18 साल की कमसिन लड़की हूं। उसने मेरी चूत इतनी देर तक मारी कि मैं दर्द से करहाने लगी मेरी सिसकिया और भी तेज होने लगी मुझे बहुत दर्द हो रहा था। वह मुझे ऐसे धक्के मारता जैसे कि उसके लिए यह सब कुछ आम हो काफी देर तक उसने मेरी चूत का भोसड़ा बनाया। जब उसने अपने वीर्य को मेरी योनि में गिराया तो मैंने उसे कहा अब तो तुम्हें मोहन को मेरे रास्ते से हटाना ही होगा और कालू ने भी वही किया। मोहन को उसने इतनी बुरी तरीके से पीटा कि उसने मुझे उसके बाद फोन तक नहीं किया वह मुझे मिला था लेकिन उसने मेरे आगे घुटने टेक दिए और कहने लगा मैं आज के बाद तुम्हें कभी नहीं दिखूंगा वह मेरी जिंदगी से हमेशा के लिए दूर चला गया।