hindi sex stories, antarvasna
मेरा नाम मीनाक्षी है और मैं एक छोटे शहर की रहने वाली हूं लेकिन मेरे सपने बहुत ही बड़े है और मैं सोचती हूं कि मैं किसी बड़ी जगह पर काम करू। मैं अपने शहर में छोटी नौकरी कर के परेशान हो चुकी थी। मुझे कुछ बड़ा काम करना था। इसलिए मैंने अपनी मां से इस बारे में बात की और वह कहने लगी कि मैं तुम्हारे पापा से इस बारे में बात करूंगी। यदि वह मान जाते हैं तो मैं तुम्हें बड़े शहर भेज दूंगी। उन्होंने जब मेरे पापा से बात की तो वह बहुत ही गुस्सा हुए। वह बिल्कुल भी इस बात के लिए राजी नहीं थे कि मैं कहीं घर से बाहर जाऊं। वो कहने लगे कि तुम यहीं पर रहकर कुछ काम करो और कुछ समय बाद हम तुम्हारी शादी कर देंगे लेकिन मैंने उन्हें कहा कि मुझे शादी नहीं करनी है। मुझे अपना ही कुछ काम करना है। इसके लिए मुझे बड़े शहर जाना ही पड़ेगा। यदि मैं यही रही तो, ना तो मैं कुछ सीख पाऊंगी और ना ही मैं कुछ अपने जीवन में कर पाऊंगी। मेरे पिताजी से मेरा बहुत ही झगड़ा हुआ और वह सख्त खिलाफ थे कि तुम्हें कहीं नहीं जाना लेकिन मैंने अपना पूरा मन बना लिया था कि मुझे अब कहीं बड़े शहर में ही जाकर काम करना है। मैंने अपनी मां से इस बारे में बात की तो वो कहने लगी कि ठीक है, यदि तुम जाना ही चाहती हो तो तुम चली जाओ। मैं तुम्हारे पापा से बाद में बात करूंगी और उन्हें मैं समझा दूंगी। अब मैं मुंबई चली गई। जब मैं मुंबई पहुंची तो मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मुझे कहां जाना है और कैसे यहां पर रहना है।
मेरी मां ने मुझे कुछ पैसे दिए थे और मेरे पास कुछ पैसे जमा भी थे इसलिए मैं सोचने लगी कि मैं अपने लिए कहीं रहने के लिए घर देख लेती हूं। जब मैंने वहां रहने के लिए घर ढूंढना तो वहां मुझे एक पीजी मिला। मैंने वहीं पर अपने रहने की व्यवस्था कर ली। उस पीजी में बहुत सारी लड़कियां थी, जो की अलग अलग शहरों से आई हुई थी और सब लोग स्ट्रगल कर रहे थे। कोई कुछ छोटा मोटा काम कर के अपना गुजारा किया करता था। मैंने जब उनकी स्थिति देखी तो मुझे लगने लगा कि कहीं मेरी स्थिति भी ऐसी ही ना हो जाए। मैं इस बात से बहुत ज्यादा परेशान थी और सोच रही थी कि मुझे यहां पर कुछ अच्छा ही करना है। उसके बाद मैंने एक छोटी नौकरी पकड़ ली और वहीं पर कुछ समय तक मैं नौकरी करने लगी। जब मैं नौकरी कर रही थी तो वहां के मालिक ने मुझे कहा कि तुम मेरे साथ ही रहो, मैं तुम्हारा सारा खर्चा उठा लूंगा। वह मुझे बड़ी ही गंदी नजर से देख रहा था। मुझे बहुत ही बुरा लगा और मैंने उसके बाद वहां से नौकरी छोड़ दी। मैं कुछ दिन तक घर पर ही बैठी हुई थी। उसी पीजी में एक और लड़की थी जिसका नाम रेखा था। वह मेरी बहुत ही अच्छी दोस्त बन चुकी थी। वह बंगाल की रहने वाली थी। वह मुझे बहुत ही अच्छा मानती थी। मुझे जब भी कोई परेशानी होती तो वह मुझे हमेशा ही कहती थी कि तुम्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है, तुम सिर्फ अपना ध्यान दिया करो। रेखा भी एक छोटी नौकरी किया करती थी। उसने मुझे अपने साथ ही काम पर लगा दिया और मैं उसके साथ ही उसके ऑफिस में जाकर नौकरी करने लगी। हम दोनों एक साथ सुबह ऑफिस जाते थे और शाम को हम लोग साथ मे वापस आ जाते। मुंबई की भीड़भाड़ भरी जिंदगी में ही मेरा समय कटता जा रहा था और मुझे पता भी नहीं चल रहा था कि कब मुझे इतना समय हो चुका है। मुझे कई महीने हो चुके थे लेकिन अभी मैंने कुछ अच्छा नहीं किया था और मैं सोच रही थी कि मुझे कुछ अच्छा करना है। फिर हमारे पीजी में एक नई लड़की आई उसका नाम आशा था। वह बहुत ही ज्यादा मॉडर्न और तेजतर्रार किस्म की लड़की थी। कुछ समय बाद मेरी उससे भी दोस्ती होने लगी और अब वह मेरे साथ ही रहती थी। रेखा ने कई बार मुझे समझाया कि तुम उसके साथ मत रहा करो। क्योंकि वह सही नहीं है लेकिन मैं उसके साथ ही ज्यादा रहती थी और अब मेरी रेखा से कम बात होने लगी थी। कुछ समय बाद मैंने वहां से भी नौकरी छोड़ दी। अब मैं आशा के साथ ही जाया करती थी। वह मुझे बड़े बड़े क्लब और बड़े बड़े होटलों में लेकर जाती थी। वह बहुत ही पैसे खर्च किया करती थी और मैंने जब उसे पूछा कि तुम यह पैसे कहां से लाती हो, तो वो कहने लगी कि यह पैसे मुझे मेरे पापा भेजते हैं। उसके पापा एक बहुत बड़े बिजनेसमैन थे और वह उसके लिए पैसे भेजते थे। वह मुझे बहुत ही ऐश कराया करती थी। मैं उसके साथ रहकर बहुत ही खर्चा करने लगी थी। वह मेरा सारा खर्चा उठाती थी। मुझे एक अच्छी जिंदगी की आदत पड़ चुकी थी। मुझे आशा ने कहा कि हम लोग कहीं अलग से अपने लिए कोई घर ले लेते हैं। अब हम लोगों ने एक अलग से घर ले लिया था और हम लोग अलग ही रहने लगे थे।
जब मैं आशा के साथ अलग रहने लगी तो मुझे उसकी असलियत का पता लगने लगी। वह अपने घर से पैसे नहीं मगवाती वह लड़कों से अपनी चूत मरवाती है उसके बाद वह उनसे पैसे लेती है। मैंने भी उसके फोन से कुछ नंबर निकाल लिया और उन्हें फोन करके मैंने कहा कि यदि तुम मुझे चोदना चाहते हो तो तुम मेरे अकाउंट में पैसे भेज दो। एक लडके ने मेरे अकाउंट में पैसे भेज दिया और जब मैं गई तो वह मुझे अपने साथ अपनी गाड़ी में ले गया। वह मुझे अपने फार्महाउस में ले गया वहां उसने मेरे सारे कपड़े खोल दिया और उसके बाद मुझे कहने लगा कि तुम मेरे सामने डांस करो। मैं उसके सामने नंगी थी और मैं डांस करे जा रही थी। थोड़ी देर तक मैंने ऐसे ही डांस किया और उसके बाद उसने मुझे अपने बिस्तर पर लेटा दिया। जब उसने मुझे अपने बिस्तर पर लेटाया तो उसने मेरे स्तनों को बहुत ही अच्छे से चूसा और उसके बाद उसने मेरी योनि को अपने मुह से चाटा जब उसने मेरी योनि में अपनी जीभ को डाला तो मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था मैं उसके मुह को अपने हाथों से दबा रही थी। अब उसने मेरे मुंह के अंदर अपने लंड को दे दिया जब उसने अपने लंड को मेरे मुंह में डाला तो मैं उसे बहुत ही अच्छे से चूसती जा रही थी। मैं उसे बहुत प्यार से सकिंग कर रही थी जिससे कि उस लड़के की उत्तेजना पूरी बढ़ गई और वह मुझे कहने लगा मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा है। उसने मेरे दोनों पैरों को खोल दिया और मेरी योनि के अंदर अपने लंड को डाल दिया। जैसे ही उसने मेरी चूत मे अपने लंड को डाला तो मुझसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हुआ और मेरी योनि से खून निकलने लगा। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था लेकिन मुझे दर्द भी बहुत हो रहा था। मुझे उसने इतनी तेजी से धक्के मारने शुरु किया कि मुझे बहुत मजा आने लगा। अब मैं अपने मुंह से मादक निकालने लगी और वह भी बड़ी तेजी से मुझे झटके दिए जा रहा था। कुछ देर बाद मुझसे बिल्कुल भी नहीं रहा गया और मेरा झड चुका था। मैं अब उसके सामने ऐसे ही लेटी हुई थी मैंने अपने दोनों पैरों को चौड़ा कर लिया। वह मुझे बड़ी तेजी से धक्के दिए जा रहा था। कुछ देर बाद उसने मुझे उलटा लेटा दिया और मेरी गांड के अंदर अपने लंड को डाल दिया। जैसे ही उसने मेरी गांड मारनी शुरू की तो मुझे बड़ा दर्द हो रहा था। मेरी गांड से खून निकलने लगा और मुझे बहुत दर्द होने लगा लेकिन वह बड़ी तेजी से मुझे धक्के मारे जा रहा था। मुझसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था मैं उसके सामने छटपटा रही थी। लेकिन वह मुझे बिल्कुल भी छोड़ने को तैयार नहीं था और मुझे ऐसे ही धक्के मार रहा था। उसने मुझे कसकर अपने नीचे दबा लिया था जिससे कि मैं हिल भी नहीं पा रही थी। वह मुझे ऐसे ही धक्के मारने पर लगा हुआ था। कुछ देर बाद मेरा मन भी उत्तेजित होने लगा मैंने अपनी गांड को थोड़ा ऊपर उठाने की कोशिश की लेकिन उसने मुझे झटके देकर दोबारा से अपने नीचे दबा दिया। उसने इतनी तेज से मुझे चोदा कि मेरा पूरा शरीर टूटना लगा और मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं बेहोश ना हो जाऊं। लेकिन तब तक उसका वीर्य मेरी गांड के अंदर गिर चुका था और उसके बाद वो शांत हो गया। उसके बाद से ना जाने मैने कितनों से अपनी चूत मरवाली और अब मैंने बहुत अच्छे पैसे कमा लिए हैं। आशा को जब इस बात का पता चला तो वह अब मेरे साथ नहीं रहती है और मैं इस धंधे में उतर चुकी हूं।