फिर मैंने थोड़ा और फ्रेंड्ली होते हुए कहा कि चाहो तो सारी रात रुक जाओ. फिर उसने थोड़ा हँसते हुए कहा कि नहीं घर जाकर खाना बनाना है. मैंने बोला कि ठीक है.. लेकिन आप यहाँ किसके साथ रहती हो.. तो वो बोली मेरी एक रूम पार्ट्नर के साथ हम किराये पर रहते है. ऐसे ही धीरे-धीरे बातें आगे तो बड़ रही थी.. लेकिन जो में चाह रहा था.. वैसा कुछ भी नहीं हो रहा था. फिर उसने पूछा कि क्या में आपका टायलेट इस्तेमाल कर सकती हूँ?
मैंने कहा कि उस तरफ है और वो टायलेट में चली गई और में सोचने लगा कि अभी वो टायलेट में अपनी जीन्स उतार रही होगी.. काश में भी अंदर होता. मुझे लगा कि अब तो कुछ जल्दबाजी दिखानी ही पड़ेगी.. जो भी होगा वो देखा जायेगा. वैसे भी वो कौन-सी मेरी जान पहचान की है.. जब वो टायलेट से बाहर आकर वापस सोफे पर बैठी.. तो में सोफे के अन्त से थोड़ा आगे आकर बैठ गया.. जिससे अब वो और में ज्यादा दूर नहीं थे.
फिर मैंने अब उससे सीधे-सीधे पूछने के लिए सोचा. लेकिन सच बताऊँ.. तो मेरी गांड फट रही थी. फिर मैंने उसके थोड़ा और पास जाने की कोशिश की और में थोड़ा और आगे आ गया.. लेकिन मुझे लगा कि इससे बात नहीं बनने वाली. दोस्तों आप लोग यकीन मानो या ना मानो. मैंने उससे एक झटके में पूछ लिया कि आपने कभी सेक्स किया है. दोस्तों ये कहने के बाद मेरी सांसे सच में अटक गई थी.
ऐसा कहते ही उसने झट से मेरी तरफ देखा और बोली.. क्या बकवास कर रहे हो? मैंने तुम्हें अच्छा लड़का समझा था और तुम.. में जल्दी से बात काटते हुए बोला कि आई एम सॉरी और 4-5 बार सॉरी सॉरी बोलता रहा.. लेकिन उसने कोई रिप्लाई नहीं दिया और कहा कि मुझे घर जाना है और वो घर जाने के लिए सोफे से उठ गई.
में अब भी सॉरी सॉरी बोलता जा रहा था.. लेकिन वो जाने लगी. फिर मैंने एकदम से उसका हाथ पकड़ लिया और वो मुझे फिर गुस्से से देखने लगी.. लेकिन मैंने कहा कि जब तक आप मुझे माफ़ नहीं करोगी.. में नहीं जाने दूँगा और वो अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करने लगी.. लेकिन थोड़ी देर बाद वो बोली ठीक है.. माफ़ किया. अब छोड़ो मेरा हाथ..
लेकिन आप सोफे पर बैठो और वो सोफे पर बैठ गई. मेरे तो ये समझ में नहीं आ रहा था कि अब क्या बोलूं? अभी में उसके सामने ही खड़ा हुआ था और वो एकदम से बोली नहीं किया.. मैंने पूछा क्या? तो वो बोली सेक्स.. तो मुझे अपने कानो पर विश्वास नहीं हुआ.
फिर मैंने पूछा कि ये सब नाटक क्यों किया? तो वो बोली कि बस तुम्हारे मज़े ले रही थी. फिर मैंने मन में ही बोला ओह गॉड थैंक यू. फिर उसने पूछा कि तुमने कभी किया है.. तो में बोला नहीं.. अभी तक कोई मिली ही नहीं. वो बोली लड़की तुम्हारे सामने है.. तो इंतजार किसका कर रहे हो. मैंने बोला सच में तो उसने कहा कि चलो जल्दी प्रोग्राम शुरू करते है. मुझे तो सच में यकीन नहीं हो रहा था कि वो मान गई है. में एकदम से उसके ऊपर टूट पड़ा और उसे किस करने लगा.. में सच में पागल हो गया था.
में उसे किस करते हुए उसके बूब्स दबाने लगा.. क्या मुलायम बूब्स थे उसके. लगभग 10 मिनट तक ऐसा करने के बाद में उसे बेडरूम में ले गया और उसे बेड पर गिराकर फिर से उसे किस करने लगा.. जैसा-जैसा मैंने ब्लू फिल्म में देखा था.. वैसा करने लगा. में उसके मुँह में अपनी जीभ डालने लगा.. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी और वैसे भी मुझसे 5-6 साल बड़ी और मुझसे ज्यादा समझदार थी. उसके बाद उसने मेरी टी-शर्ट उतार दी और मैंने उसका टॉप उतार फेंका.. क्या बूब्स थे उसके.. लेकिन सफ़ेद कलर की ब्रा पर सफ़ेद बूब्स क्या नज़ारा था.
मैंने उसकी ब्रा को जल्दी से उतारा और उसके बूब्स अपने मुँह में ले लिए और उसके मुँह से.. आहहह्ह्ह्हह की आवाजें निकलना शुरू हो गई. शायद सच में कोई उसके बूब्स पहली बार चूस रहा था.. में उसके बूब्स 10 मिनट तक चूसता रहा. कभी लेफ्ट वाला.. तो कभी राईट वाला. फिर उसने मुझसे कहा कि मुझे तुम्हारा पेनिस देखना है.. तो आप अपना पजामा उतारो.
फिर मैंने कहा लो तुम ही उतार दो और बेड पर ही उसके सामने खड़ा हो गया और उसने पजामे के साथ ही मेरी अंडरवियर भी नीचे खींच दी और मेरा लंड जो एकदम तनकर आयरन रोड बन चुका था.. वो उसके चेहरे के सामने ही तन गया. उसके चेहरे पर एक अजीब सी स्माईल आ गई और वो बोली कि इतना बड़ा. फिर मैंने कहा कि आज ये पहली बार शिकार पर निकला है.. तो अपना सीना तान के खड़ा है और वो मेरी बात सुनकर हंसने लगी.
में तो पूरा नंगा हो चुका था.. लेकिन वो अब भी अपनी जीन्स पहने हुई थी. में बेड पर अपने घुटनों के बल बैठा और उसकी जीन्स का बटन खोलने लगा. वो अपने हाथ से मेरे लंड को सहला रही थी. जैसे ही उसकी जीन्स का बटन खुला तो में उसे नीचे की तरफ खींचने लगा.. लेकिन जीन्स टाईट थी. फिर उसने अपनी गांड को थोड़ा ऊपर उठाया और मेरी मदद करते हुए जीन्स निकाल दी. उसने सफ़ेद कलर की ही पेंटी पहनी हुई थी. मुझसे तो अब बिल्कुल भी सब्र नहीं हो रहा था. फिर मैंने उसकी पेंटी भी निकाल दी. सच में यार.. में क्या देख रहा था? मुझे विश्वास ही नहीं हुआ.
फिर मैंने ब्लू फिल्म के 69 वाले पोज़ के बारे में सोचा.. में सीधा लेट गया और उसे मैंने अपने ऊपर आने को कहा.. वो समझ गई. शायद उसने भी कभी देखा होगा और वो झट से मेरे ऊपर आ गई.. जैसे ही उसकी चूत मेरे मुँह के पास आई तो उसमें से एक अलग सी ही खुशबू आ रही थी. फिर मेरे उसकी चूत चाटने के पहले ही वो मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लग गई और में भी शुरू हो गया.
हम दोनों के मुँह से सिसकारियां भी निकल रही थी. कभी-कभी उसके दांत मेरे लंड को लगते.. तो मुझे एक झटका भी लग रहा था.
10-15 मिनट तक ऐसा करने के बाद मैंने उसे सीधा लेटाया और लंड को डालने के लिए उसके ऊपर चला गया. मैंने लंड के सुपाड़े को उसकी चूत पर सेट किया और एक धक्का मारा.. लेकिन लंड का सुपाड़ा अंदर जाने के बाद वापस बाहर आ गया और वो इतनी ज़ोर से चिल्लाई कि अगर कोई घर के बाहर खड़ा होगा.. तो उसे भी उसकी चीख सुनाई दी होगी.
फिर मैंने उससे कहा कि चिल्लाओ मत.. वो बोली आराम से करो.. मेरा पहली बार है. फिर मुझे यकीन हो गया कि ये वर्जिन है और में भी.. फिर में आराम से अपना लंड उसकी चूत में डालने लगा.. वो थोड़ा और चिल्लाई.. लेकिन पहले से कम. धीरे-धीरे लंड अंदर चला गया और फिर जो गर्मी मेरे लंड को महसूस हुई.. वो रूम के तापमान से भी ज्यादा थी. में आगे पीछे होकर उसे चोदने लगा और अब उसे भी मज़ा आने लगा. लगभग 5 मिनट तक हिलने के बाद में उसकी चूत में ही झड़ गया और एकदम ठंडा पड़ गया और बेड पर लेट गया.. में अपनी सांसो को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा था.
ये सब करते हुए हमे 5 बज गये और उसने बोला कि अब मुझे जाना होगा. मेरी रूम पार्ट्नर मेरा इंतज़ार कर रही होगी. में उसे मनाने लगा कि प्लीज़.. आज यहीं रुक जाओ.. बहुत मनाने के बाद वो रुक गई और उसने अपनी रूम पार्ट्नर को फोन करके बोल दिया. फिर क्या था उस पूरी रात हमे चुदाई ही करनी थी.. तो हम फिर से चालू हो गये.
उसके बाद उसने मेरे घर पर ही खाना बनाया और हम दोनों ने एकदम नंगे होकर खाना खाया.. उसके बाद फिर से हमारा काम शुरू हो गया. उस रात हमने 6 बार चुदाई की.. वो भी मेरे कंप्यूटर पर ब्लू फिल्म देख-देखकर. उसके बाद पता नहीं हमारी आँख कब लग गई और हम सो गये.
सुबह मेरी नींद 9 बजे खुली और मैंने उठकर देखा.. तो सपना अभी तक सो रही थी और हम दोनों नंगे ही सोये हुए थे. फिर मैंने उसे उठाया और उसके लिए चाय बनाई और हम दोनों ने बैठकर चाय पी. उसने कहा कि अब तो मुझे जाना ही होगा. मैंने कहा ठीक है.. लेकिन एक बार और.. तो वो समझ गई और मान गई. हमने एक बार और सेक्स किया और 11 बजे तक जाने के लिए तैयार हो गई.
फिर मैंने उससे कहा कि में तुम्हे बाईक पर घर छोड़ देता हूँ.. लेकिन वो मना करने लगी और नहीं मानी और ज़िद पर अड़ गई और कहा कि में खुद ही चली जाउंगी. तुम मुझे बस में बिठा दो. मैंने कहा कि ठीक है.. शायद वो मुझे अपना रूम नहीं दिखाना चाहती थी. जब में उसे बस में बिठा रहा था.. तो मैंने उसका फोन नम्बर माँगा और उसने दे दिया और वो चली गई.
1 घंटे बाद मैंने उससे ये पूछने के लिए कॉल किया कि वो पहुँची या नहीं.. लेकिन वो नम्बर ग़लत बता रहा था. में शाम तक उसका फोन ट्राई करता रहा.. लेकिन नहीं लगा.
फिर मुझे लगा कि उसने मुझे ग़लत नम्बर दिया है.. लेकिन फिर भी में उसका कॉल 2 महीनों तक ट्राई करता रहा.. लेकिन वो नहीं लगा. लेकिन जब भी में उसे याद करता हूँ.. तो एक अलग ही अहसास होता है. समझ में नहीं आता कि मैंने उसका इस्तेमाल किया या उसने मेरा.