antarvasna, kamukta मैं अपनी शादी के कुछ समय बाद अपने ससुराल गया, मैं जब अपने ससुराल गया तो वहां पर भीड़ देखकर मैं दंग रह गया क्योंकि मैं पहली बार ही अपने ससुराल अपनी पत्नी के साथ गया था मुझे वहां पर काफी अनकंफरटेबल लग रहा था क्योंकि उनके घर में बहुत भीड़ थी, मुझे उम्मीद नहीं थी कि उनके घर में इतनी ज्यादा भीड़ होगी। मैंने अपनी पत्नी सुनीता से कहा कि तुम्हारे घर में तो बहुत भीड़ है, मैं यहां पर ज्यादा लोगों को भी नहीं पहचानता, वह कहने लगी कोई बात नहीं आप मेरे भैया के साथ रहिए लेकिन उसके भैया मुझसे उम्र में बड़े हैं इसलिए उनसे भी मेरी ज्यादा जम नहीं रही थी।
उनके घर में जितने भी रिश्तेदार आए हुए थे वह मुझसे कुछ ना कुछ पूछे जा रहे थे मैं सबको जवाब देते हुए थक चुका था, उनके घर में भीड़ मेरी पत्नी के भैया के बच्चे के बर्थडे की थी, मुझे तो इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। मैंने जब सुनीता से कहा कि तुमने तो मुझे इस बारे में कुछ भी नहीं बताया तो सुनीता मुझे कहने लगी कि मुझे खुद ही इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी मुझे पता होता तो मैं क्या तुमसे यह बात नहीं कहती। मेरे लिए एक तो यह दुविधा की बात थी कि मैं उनके परिवार में ज्यादा किसी को जानता नहीं था और दूसरी यह कि मेरे साथ उस वक्त कोई भी नहीं था मैं ज्यादातर समय अकेला ही बैठा था लेकिन जब उस दिन रात हो गई तो सब लोग पार्टी की तैयारी करने लगे सुनीता के भैया ने एक हॉल बुक किया था और वहां पर उन्होंने सारी कुछ तैयारियां करवाई थी तैयारी बड़ी ही जबरदस्त थी क्योंकि उनके बच्चे का पांचवां जन्मदिन था, सब लोग बड़े ही अच्छे से सज धज कर आए हुए थे। हम लोग भी जब वहां गए तो मैंने भी एक गिफ्ट ले लिया, उस पार्टी में सुनीता के भैया के ऑफिस के भी कुछ लोग आए हुए थे उनसे भी मुझे उन्होंने इंटरव्यूज करवाया, सुनीता मेरे साथ ही थी तो अब मुझे कोई दिक्कत नहीं थी मैं सुनीता से बात करता जा रहा था तो सुनीता मुझे बता रही थी कि वह किस किस को जानती है, हम लोग एक टेबल में बैठे हुए थे जब पार्टी खत्म हो गई तो हम लोग घर वापस लौट आए, मेरी सासु मुझसे पूछने लगे कि राजेश बेटा तुम्हें पार्टी में कोई तकलीफ तो नहीं हुई? मैंने उन्हें कहा कि नहीं मम्मी जी मुझे कोई तकलीफ नहीं हुई, मैंने तो पार्टी को बहुत इंजॉय किया, जब यह बात मैंने अपनी सास से कहीं तो सुनीता मेरे चेहरे पर बड़े ध्यान से देख रही थी और उसके चेहरे पर भी मुस्कान आ गई, मुझे भी बहुत हंसी आ रही थी।
सुनीता कहने लग हां इन्होंने तो कुछ ज्यादा ही पार्टी को एंजॉय किया, तब तक सुनीता की भाभी भी बीच में बोल पड़ी और कहने लगे हां मैं भी राजेश को देख रही थी वह पार्टी में बड़ा एंजॉय कर रहे थे सुनीता की मौसी भी उस दिन उनके घर पर ही रुक गई थी वह मेरी बातों से बहुत ज्यादा प्रभावित थी और कहने लगे कि तुम सब लोग अब राजेश को परेशान मत करो। उसकी मौसी का इरादा तो कुछ और ही थी वह तो मुझसे अपनी चूत की भूख मिटाना चाहती थी। मैं जब सुनीता को रात को चोद रहा था तो यह सब उसकी मौसी देख रही थी उन्होंने भी उन्होने यह सब देखते हुए चूत पर तेल लगा लिया और अपनी चूत के अंदर उंगली करने लगी मुझे नहीं पता था कि कोई बाहर से हम दोनों को देख रहा है। जब मैं सुनीता को चोदकर बाहर की तरफ निकला तो मैंने देखा बाहर मौसी अपने चूत पर तेल लगाए बैठी है वह अपनी चूत के अंदर उंगली डाल रही है। मैंने उन्हें कहा आप यह क्या कर रही है वह कहने लगी दामाद जी मेरी चूत कई वर्षों से भूखे है इसकी तरफ तो ना जाना किसी ने देखा ही नहीं है। मैंने उन्हें कहा आप ऐसा क्यों कह रही हैं वह कहने लगी आप भी मेरे पास आकर बैठिए मै उनके पास जाकर बैठ गया। उन्होंने अपनी चूत को मुझे दिखाया तो उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था उनकी चूत पूरी तरीके से चिकनी थी। मैंने अपनी उंगली को उनकी चूत के अंदर प्रवेश करवा दिया मेरी उंगली उनकी चूत मे चली गई।
वह कहने लगी तुम्हारा लंड मै देखना चाहती हूं मैंने उन्हें अपने लंड को बाहर निकाल कर दिखाया तो वह मेरे लंड को हिलाने लगी और कहने लगी तुम्हारा लंड तो बड़ा ही जानदार है ऐसे लंड तो मैंने अपनी जवानी मै लिए है लगता है आज तुम्हारे लंड को अपनी चूत में लेने में बड़ा मजा आएगा यह कहते हुए उन्होंने अपने तजुर्बे को दिखाते हुए मुझे कहां तुम अब तैयार हो जाओ। मैंने कहा मैं तो तैयार ही हूं उन्होंने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर समा लिया वह मेरे लंड को अपने गले तक लेने लगी वह मेरे लंड को घपा घप अपने मुंह के अंदर समाए जा रही थी। मैंने उनसे कहा मुझे बडा मजा आ रहा है वह कहने लगी अभी तुम देखते जाओ। उन्होंने मेरे लंड को बड़े अच्छे से चूसा जब मेरे लंड मैं पूरी गर्मी पैदा हो गई तो उन्होंने मुझे कहा तुम मुझे अपनी जवानी के जोश को दिखाओ। उनकी चूत में इतना ज्यादा तेल लगा था कि मेरा लंड आसानी से उनकी चूत में चला गया। जब मेरा लंड उनकी चूत के अंदर प्रवेश हुआ तो उनकी चूत टाइट थी मुझे उन्हे धक्का देने में बहुत मजा आ रहा था मैंने काफी देर तक उनके चूत के मजे लिए वह कहने लगी मैं तुम्हारे वीर्य को अपने मुंह में लूंगी। उन्होंने मेरे लंड को मुंह के अंदर तक समा लिया और अच्छे से सकिंग करने लगी वह बड़े अच्छे तरीके से मेरे लंड को सकिंग कर रही थी जिस प्रकार से उन्होंने मेरे वीर्य का सेवन किया मुझे बहुत अच्छा लगा। जब मेरा वीर्य पतन उनके मुंह के अंदर हुआ तो वह कहने लगी तुम कुछ देर आराम करो। हम दोनों बैठ कर बातें करने लगे कुछ देर बाद में सुनीता के पास सोने के लिए चला गया सुनीता को मैने अपनी बाहों में ले लिया उस दिन मैं उसके साथ सो गया लेकिन अगले दिन मौसी के चेहरे की खुशी देखकर मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था।
एक दिन उन्होने मुझे फोन करके अपने घर बुला लिया और कहने लगी मुझे तुमसे कुछ काम था। मैं उनके घर पर चला गया मैंने देखा वकह अपनी चूत पर तेल लगा कर बैठी हैं। उन्होंने मुझे कहा मैं तुम्हें कुछ देना चाहती हूं उन्होंने मुझे गिफ्ट दिया और उस दिन उन्होंने मुझसे अपनी गांड मरवाई। उनकी गांड मार कर मुझे बड़ा अच्छा लगा उनकी टाइड गांड के मजे मैंने बड़े अच्छे से लिए उसके बाद जब भी उनका मन हुआ करता तो वह मुझे बुला लिया करती और इस बहाने हम दोनों मिल भी जाए करते और मै गांड भी मार लेता। सुनीता के साथ भी मुझे सेक्स करने में बड़ा आनंद आता था मौसी मुझसे हमेशा पूछती रहती थी तुम सुनीता को कैसे चोदते हो। मैं उन्हें हमेशा बड़े अच्छे से चोदा करता सुनीता और मेरा जीवन भी अच्छे से चल रहा है हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश हैं। मेरे जीवन में सेक्स का कोई भी अभाव नहीं है मुझे सुनीता से भी पूरी तरीके से सेक्स के मजे मिलते हैं और सुनीता की मौसी तो मुझे अपनी गांड भी मारने देती है वह अपनी जवानी में बड़ी ठरकी थी उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने मोहल्ले के सारे लंड चूत में जवानी मे लिए है लेकिन अब वह मेरे साथ सेक्स करना पसंद करती हैं मैं ही उन्हे चोदता हूं। एक दिन उन्होंने मुझे एक कार भी गिफ्ट की और कहा यह तुम रख लो मैंने उन्हें मना किया लेकिन उन्होंने कहा कि तुम यह बात किसी को मत बताना। जब से उनोने वह कार मुझे दी है तब से वह मुझ पर अपना हक जमाने लगी है हालांकि पहले भी वह मुझ पर अपना हक जमाती थी लेकिन पहले इतना ज्यादा हक नहीं जमाती थी लेकिन जब उन्होंने मुझे गाड़ी दी है तब से मुझे हमेशा ही उनके पास जाना पड़ता है। एक बार सुनीता की मौसी के कहने पर हम लोगों ने घूमने का प्लान भी बनाया उस टूर मे भी रात को मुझे वह फोन करके अपने पास बुला लेती और कहती के कभी हमारी इच्छा पूरी कर दिया करो। मैं उन्हें हमेशा कहता हूं कि मैं तो आपकी इच्छा पूरी करता हूं लेकिन आपकी भूख मिटती नहीं है पर मैं भी विवश हूं और उनके साथ मुझे मजबूरी में सेक्स करना ही पड़ता है।
मैं अपनी पत्नी की मौसी से इतना ज्यादा परेशान हो चुका था कि मैं उनसे अपना पीछा छुड़ाना चाहता था, मैंने इस बारे में अपनी पत्नी सुनीता से भी कहा, सुनीता कहने लगी कि मौसी तो बहुत अच्छी हैं। मैंने सुनीता से कहा कि मौसी का हमारे घर अधिक आना उचित नहीं है और अब वह कुछ ज्यादा ही हमारे घर आने लगी हैं जिससे कि घर के सब लोग बहुत परेशान होते हैं, सुनीता अपनी मौसी को कुछ कह नहीं सकती थी क्योंकि सुनीता उनसे बहुत ज्यादा प्यार करती थी इसलिए वह उन्हें कुछ कह ना पाई लेकिन मुझे तो अब उनसे यह बात करनी ही थी और एक दिन मैंने उनसे इस बारे में बात की, मेरी इस बात का उन्हें बहुत बुरा लगा वह कहने लगी कि राजेश मैं तुम्हें बहुत अच्छा समझती हूं और यदि तुम मुझसे इस प्रकार की बात करोगे तो यह बिल्कुल अच्छा नहीं है। वह बहुत ज्यादा गुस्सा हो गई और उस दिन के बाद से उन्होंने ना तो कभी मुझे फोन किया और ना ही मुझे कभी उन्होंने परेशान किया, वह सुनीता से तो फोन पर बात करती थी लेकिन उन्होंने मुझसे बात करना बंद कर दिया था, मुझे भी लगने लगा कि शायद मैंने उन्हें कुछ गलत कह दिया जिस वजह से वह मुझसे बहुत नाराज हैं, मैंने उनसे सॉरी भी कहा लेकिन उन्होंने कहा कि अब मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी तुम्हें तो मुझसे बहुत परेशानी है। उन्होंने उसके बाद मेरा फोन उठाना भी बंद कर दिया था और मैंने भी फिर उनसे बात नहीं की मैं अपने जीवन में बहुत खुश हूं और बहुत ही सुकून से अब मैं जी रहा हूं