साक्षी भाभी से सेक्स का पाठ

bhabhi sex stories, antarvasna दोस्तो यह उस वक्त की बात है जब मेरी मुलाकात साक्षी भाभी से पहली बार हुई थी उनसे मेरी मुलाकात बड़े ही अजीब ढंग से हुई उन्होंने हमारे फ्लैट के नीचे वाला फ्लैट खरीद लिया था। मैं एक दिन अपनी सीढ़ियों से उतर रहा था उस समय लिफ्ट खराब थी इसलिए मुझे सीढ़ियों से जना पड़ा, मैं जैसे ही सीढ़ियों से नीचे उतर रहा था तो मेरा पैर फिसल गया और मैं बड़ी तेजी से नीचे की तरफ को गिरा, उसी वक्त साक्षी भाभी भी अपना दरवाजा खोल कर बाहर आ रही थी और उनसे मेरी टक्कर इतनी जोरदार हुई की हम दोनों ही वहां नीचे गिर पड़े और जैसे ही हम दोनों जमीन पर गिरे तो उन्होंने मेरा चेहरा देखा, मैंने जब अपने चेहरे से उनके बालों को हटाते हुए उनके चेहरे की तरफ देखा तो मैं उन्हें देखते ही उनका दीवाना हो गया।

उसके बाद मैं उनके पीछे ही पड़ गया लेकिन मुझे नहीं पता था कि वह बड़ी ही सीधी और शरीफ महिला है इसलिए मुझे उन्हें पटाने में काफी समय लगा हालांकि उनके पति बड़े ही अच्छे हैं लेकिन मेरा दिल भी साक्षी भाभी पर आ चुका था क्योंकि उनकी सुंदरता का मैं बहुत ही कायल हो गया था और इसलिए मैं किसी भी हालात में अब कोई कॉम्प्रोमाइज नहीं करना चाहता था, मैंने सोच लिया कि मैं साक्षी भाभी को अपना बना कर ही रहूंगा। मेरी भी शादी नहीं हुई थी लेकिन मेरे घर वाले भी मेरे लिए लड़की देख रहे थे परंतु उन्होंने मुझे जितनी भी लड़कियां दिखाई वह सब साक्षी भाभी के आगे फैल थी, मैंने जब एक दिन उन्हें कहा कि भाभी आप मेरे साथ क्या घूमने चल सकती हैं? वह मुझे कहने लगे मैं ऐसे ही किसी के साथ भी नहीं जा सकती। मैंने उन्हें कहा क्या हम आज ऐसे ही हो गए? वह कहने लगे मुझे पता है आजकल का माहौल कैसा है यदि मैं तुम्हारे साथ आऊंगी तो सब लोग मेरे बारे में गलत सोचेंगे इसलिए मैं तुम्हारे साथ नहीं आना चाहती और ना जाने तुम्हारे दिल में मेरे लिए क्या चल रहा हो।

जब उन्होंने यह बात कही तो मैंने दिल ही दिल में सोचा कि उनके लिए तो मेरे दिल में बहुत कुछ चल रहा है परंतु मैं कह नहीं सकता और उस वक्त उन्होंने मुझे साफ मना कर दिया लेकिन मैंने भी अब यह पूरी तरीके से ठान लिया था कि मैं उन्हें अपना बना कर ही रहूंगा इसलिए मैंने उन्हें अपना बनाने की सोच ली और एक दिन वह ऑटो से आ रही थी, जब वह ऑटो से आ रही थी तो उस वक्त उनका साड़ी का पल्लू ऑटो से बाहर की तरफ लटक रहा था मैं भी बिल्कुल उसी वक्त उनके पीछे आ रहा था, मैंने जब देखा कि उनका साड़ी का पल्लू नीचे लटक रहा है और वह एक जगह टायर में उलझ गया उनका साड़ी का पल्लू टायर में उलझ गया, मैंने भी बिल्कुल सही वक्त पर एंट्री मारी और जैसे ही मैंने ऑटो वाले को कहा कि ब्रेक मारे तो उसने तुरंत ब्रेक मार दिया, ऑटो वाले को तो यह बात पता ही नहीं चल रही थी कि उनकी साड़ी का पल्लू एकदम टायर के बीच में आ चुका है और वह टायर पर फसने लगा है जब उन्होंने मुझे देखा तो साक्षी भाभी मुझे कहने लगी मैं तुम्हें कैसे शुक्रिया कहूं, मैंने उन्हें कहा मुझे शुक्रिया कहने की कोई आवश्यकता नहीं है मैं तो बस आपसे इतनी उम्मीद करता हूं कि आप मेरे साथ कभी कहीं बाहर चले मैं उतने में ही खुश हूं, वह कहने लगे कि लगता है अब तो मुझे तुम्हारे एहसान का बदला उतारना ही पड़ेगा। उन्होंने मुझे कहा कि चलो फिर देरी किस बात की है हम लोग अभी कहीं चलते हैं, मैंने उन्हें कहा आज आप मेरे घर पर चलिए मैं आपको गरमा गरम कॉफी पिलाता हूं, वह कहने लगी ठीक है आज तुम्हारे घर पर ही मैं बैठ जाती हूं, वह मेरे घर पर आ गई और मैंने उनके लिए कॉफी बनाई,  जब मैंने उन्हें कॉफी दी तो वह कहने लगी तुम कॉफी तो बड़ी अच्छी बनाते हो, इसमें खुशबू भी बहुत अच्छी आ रही है, मैंने उन्हें कहा मुझे तो बस कॉफी बनाना आता है और मैं ज्यादा कुछ बना नहीं सकता क्योंकि मुझे खाना बनाना नहीं आता, वह कहने लगी तुम अकेले रहते हो और तुम्हें खाना बनाना नहीं आता तो तुम खाना कैसे खाते हो? मैंने उन्हें कहा कभी कबार मेरी मम्मी पापा मेरे साथ रहते आ जाते है लेकिन अधिकतर वह गांव में ही रहने लगे हैं इसलिए मैं अकेला ही रहता हूं, मैं खाना बाहर से ही आर्डर करवा लेता हूं, वह मुझे कहने लगी मैं तुम्हें खाना बनाना सिखा दूंगी तुम उसकी बिल्कुल चिंता मत करो, मैंने उन्हें कहा यदि आप मुझे खाना बनाना सिखा दें तो मेरे ऊपर बहुत मेहरबानी होगी।

मैं बाहर का खाना खाकर वाकई में बहुत परेशान हो चुका हूं मुझ से बाहर का खाना ज्यादा समय तक नहीं खाया जाता लेकिन मेरी मजबूरी है इसलिए मैं बाहर खाना खाता हूं, वह कहने लगे कि चलो जब तुम्हारे पास वक्त हो तो तुम मुझे बता दिया करना, मैंने उन्हें कहा मेरे पास तो वक्त होगा लेकिन आपको तो मेरे लिए समय निकालना पड़ेगा, वह कहने लगी क्यों नहीं मैं तुम्हारे लिए जरूर समय निकाल लूंगी और उसके बाद हम दोनों अपनी पर्सनल लाइफ के बारे में बात करने लगे। वह मुझे अपने पति के बारे में बताने लगी और कहने लगी मेरे पति बहुत ही अच्छे हैं। मैंने उस वक्त सोचा कि क्या मैं साक्षी भाभी का ख्याल अपने दिल से निकाल दूं लेकिन उन्हें देखकर मेरे दिल की धड़कने और भी तेज हो जाती। मैं भी अपने आपको ज्यादा समय तक नहीं रोक पाया। मै उनके पास में जाकर बैठ गया मैंने जब उनके बालों को सहलाना शुरु किया तो वह कहने लगी क्या तुम्हें मेरे बाल इतने पसंद है। मैंने उन्हें कहा भाभी मुझे तो आपका पूरा बदन पसंद है यह कहते ही उन्होंने मेरे हाथ को पकड़ लिया और कहने लगी तुम ऐसे मत करो यह बिल्कुल अच्छा नहीं है।

मैंने उनकी कमर पर हाथ लगा दिया, जब उनकी नंगी कमर पर मैंने हाथ लगाया तो वह अपने हाथ को मुझसे छुड़ाने की कोशिश करने लगी लेकिन मैंने भी उन्हें सोफे पर लेटा दिया। मैने जब उनके स्तनों को दबाना शुरू किया तो वह अपने मुंह से आवाज निकालने लगी। मैंने जैसे ही उनकी साड़ी को ऊपर किया तो वह कहने लगी तुम यह क्या कर दिया। मैंने भी उनकी योनि के अंदर अपनी उंगली डाल दी, जैसे ही मेरी उंगली उनकी चूत मे गई तो मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ। वह कह रही थी ऐसा मत करो लेकिन मैंने रुकने का नाम नहीं लिया। मैंने अपने लंड को पैंट से बाहर निकाला तो मैंने उनकी योनि के अंदर अपने लंड को डाल दिया। जैसे ही मेरा लंड उनकी योनि में प्रवेश हुआ तो मुझे बहुत अच्छा लगने लगा, मैं उन्हें बड़ी तेजी से चोदने लगा उनकी चूतडे जब मुझसे टकराती और उनके साड़ी भी उनके पेट तक पहुंच चुकी थी। मैंने उनके बलाउज को खोलते हुए उनके स्तनों को बाहर निकाल दिया, जब मैंने उनके स्तनों को चूसना शुरू किया तो उनकी योनि से गर्म पानी बाहर निकलने लगा। जब मैंने अपनी जीभ को उनके निप्पल पर लगाया तो मुझे उनकी कमजोरी पता चल गई।

जैसे ही मै उनके निप्पल को चूसता तो वह बहुत ज्यादा उत्तेजित हो जाती, वह मेरा पूरा साथ देने लगती। मैंने उन्हें कहा जब मैं आपके निप्पलो को चूस रहा हूं तो आपको बड़ा अच्छा लग रहा है। वह मुझे कहने लगी यदि कोई भी मेरे निप्पलो को चूसता है तो मुझे बहुत अच्छा लगता है, उनकी योनि से लगातार तेज पानी बाहर की तरफ निकल रहा था मैंने भी उन्हें तेज गति से चोदना प्रारंभ कर दिया। मै बड़ी तेजी से अपने लंड को उनकी योनि के अंदर बाहर करता जाता, जब मेरा वीर्य पतन होने वाला था तो मैंने उन्हें कहा भाभी मेरा वीर्य गिरने वाला है क्या मैं आपकी योनि के अंदर अपने वीर्य को गिरा दू। वह मुझे कहने लगी हां तुम मेरी चूत के अंदर गिरा दो, मैंने भी एक ही झटके में उनकी योनि के अंदर अपने वीर्य को गिरा दिया, जब मेरा वीर्य उनकी योनि मे गिरा तो मुझे बहुत अच्छा लगा। उसके बाद तो साक्षी भाभी मेरी हो चुकी थी और वह मुझे जब भी खाना बनाना सिखाती तो मैं उससे पहले उनकी चूत मारता, मुझे बहुत मजा आता है। उनके साथ मैंने सेक्स का पाठ पढ़ा और उन्होंने मुझे सेक्स के बारे में बताया, कौन से सेक्स के पोज होते है और कैसे अच्छे से सेक्स किया जाता है। मैंने भाभी से कहा आपने तो मुझे काफी खुशी कर दिया है अब मै शादी करने के लिए तैयार हो चुका हूं। वह मुझे कहने लगी अगर तुम शादी कर लोगे तो मेरी इच्छाओं को कौन पूरा करेगा। मैंने उन्हें कहा आपकी इच्छाओं को मै जिंदगी भर पूरा करता रहूंगा लेकिन अब मुझे भी नई चूत की तलाश है, मुझे भी अब शादी करनी ही पड़ेगी।

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