antarvasna, hindi sex stories
प्रणाम प्रिय पाठको, कैसे हैं आप सब ? मेरा नाम सुभाष जोशी है और मैं कटनी जिले का रहने वाला हूँ | मेरी उम्र 26 साल है और मैं अभी पुलिस में सरकारी नौकरी करता हूँ | मेरी पोस्टिंग उत्तर प्रदेश में हुई है | मेरी अभी शादी नहीं हुई है इसीलिए मुझे चूत की बहुत जरुरत होती है | लेकिन चूत मिलना भी तो चाहिए | मेरी हाईट 6 फुट 1 इंच है और मेरा शरीर लम्बा और तगड़ा है | दोस्तों अब मैं अपनी कहानी लिखना शुरू करता हूँ | मैं आपको बताता हूँ कि मुझे वहां चुदाई करने का मौका कब और कैसे मिला | ये मेरी पहली कहानी है तो कृपया गलती नजर आने पर मुझे माफ़ करना | मेरा थाणे जाने का समय सुबह 8 बजे से शाम के 6 बजे तक रहता था और रात में 11 बजे से सुबह के 7 बजे तक रहता था जब कभी नाईट शिफ्ट लगती | मेरा काम भी अच्छा था और मैं वहां पुलिस द्वारा दिए गए क्वार्टर में रहता था |
मैं शुरू से ही पढ़ाई में अच्छा था लेकिन साथ में मुझे सेक्स में भी काफी इंटरेस्ट था | मेरे वहां पंहुचने पर मेरा एक दोस्त जो कि वहां के परसुट कंपनी में जॉब करता था और किराये के घर में रहता था | मुझे वो तब मिला जब हम दोनों सब्जी खरीदने के लिए गए हुए थे और वहां ही हमारी मुलाकात हो गई | हम दोनों एक दूसरे से बहुत समय बाद मिल रहे थे तो पहले तो पहचान नहीं पा रहे थे | फिर मैं उसके पास गया और उससे कहा अरे भाई तुम प्रशांत हो न ? उसने कहा हाँ | मैंने पुछा प्रशांत आहूजा ? उसने कहाँ हाँ और तुम सुभाष जोशी हो ? मैंने कहा हाँ और फिर हम दोनों ने गले मिले | उसके बाद उसने कहा चल यार बहुत समय बाद तुमसे मुलाकात हो रही है | हम बार में बैठ कर कुछ यादे ताजा करते हैं | मैंने भी उसे मना नहीं किया और सब्जियां खरीद कर बार चले गए | वहां पर टेबल पर बैठ कर शराब के जाम लगाते जाते और यादे ताजा करते जाते | हम दोनों ने ज्यादा नशा नहीं किया था और वहां से एक दूसरे से नंबर एक्सचेंज कर के अपने अपने घर की ओर रवाना हुए | बस ऐसे ही हम दोनों की कभी कभी मुलकात हो जाती और फिर धीरे धीरे मेरे डिपार्टमेंट के लोग भी मेरे अच्छे दोस्त बनने लगे | मेरा समय काफी अच्छा चल रहा था और मैं यहाँ आ कर भी अपनापन सा लग रहा था |
एक दिन की बात है मैं अपने दोस्त के घर गया हुआ था तो उसके घर के बाजु में एक और घर था जहाँ पर एक बहुत सुन्दर सी भाभी कपड़े सुखा रही थी | मैंने अपने दोस्त से पुछा कि यार ये कौन है ? उसने बताया भाई ये एक वकील की बीवी है और वो ज्यादातर बाहर ही रहता है | मैंने पुछा इसका नाम क्या है ? तो उसने कहा यार मैं बस इसे देखता रहता हूँ और मैं भी इस शहर में नया हूँ तो मुझे नहीं पता इसका नाम | फिर उसने कहा क्यूँ पूछ रहा है उसके बारे में ? मैंने कहा यार इतना मस्त आइटम तेरे घर के पास रहता है और तूने आज तक हाँथ नहीं मारा इसमें | उसने कहा यार क्या बताऊँ मन तो करता है पूरा दबोच लूं पर अनजान शहर और डर बना रहता है कि कहीं कुछ नाटक हुआ तो कौन बचाएगा ? मैंने बात पर ढील देते हुए कहा हाँ भाई सही बात है | तब तक वो भी नीचे जा चुकी थी | दोस्तों वो दिखने में बहुत ज्यादा गोरी थी और उसका रंग धुप की रोशनी में बहुत चमक रहा था | उसका गदराया बदन, भरे दूध, बड़ी उठी हुई गांड | हाय क्या मस्त माल था ऐसा लग रहा था जैसे पूरी काएनात उठ कर इसमें ही बस गई हो |
अपने दोस्त से कुछ देर बात करने के बाद मैं भी अपने क्वार्टर आ गया | मैं रात भर बस उसके बारे में ही सोचने लगा और एक बार उसके नाम की मुट्ठ भी मार लिया मैंने | सुबह उठा तब भी मुझे उसकी ही याद आ रही थी तो नहाते वक़्त मैंने फिर से उसे याद कर के फिर से एक बार मुट्ठ मार लिया | अब मैं अपने दोस्त के घर रोज जाने लगा उसी समय जब कपड़े सुखाने आती | एक दिन मैं सब्जी लेने गया हुआ था तो वहीँ पर मेरी मुलाकात उसी भाभी से हो गई | पहले मैंने उन्हें नमस्ते किया और उन्होंने भी नमस्ते करते हुए पुछा कि मैंने आपको पहचाना नहीं ? मैंने उन्हें बताया की मेरा दोस्त प्रशांत आपके घर के बाजु में रहता है मैंने आपको कई बार देखा इसलिए मैंने आपको नमस्ते किया | उन्होंने कहा अच्छा वैसे आप क्या करते हैं ? तो मैंने उन्हें बताया कि मैं एस.आई. हूँ थाणे में | फिर ऐसे ही थोड़ी देर हमारी बात होती रही और फिर मैंने उनसे नाम पुछा तो उसने अपना नाम प्रज्ञा बताया |
मेरा दोस्त एक महीने के लिए अपने घर गया हुआ था | मैंने प्रज्ञा नाम फेसबुक में सर्च कर के फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दिया | करीब दो दिन के बाद उसने मेरी रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली और हम दोनों की बात चीत भी होने लगी | बस ऐसे ही हम दोनों को बात करते हुए एक हफ्ता ही हुआ था कि मैंने उससे उसका नंबर भी मांग लिया और अब हम दोनों फ़ोन पर भी बात करने लगे | बात करते करते मैं उसकी निजी जिन्दगी के बारे मं जानने लगा और वो भी खुल कर बताने लगी कि मैं बहुत दुखी रहती हूँ और मेरे पास टाइमपास के लिए बस किताबे और फेसबुक ही है | दोस्तों उसके कोई बच्चे नहीं हैं और वो उस पूरे घर में अकेले ही रहती है | एक दिन मैंने सही मौका देख कर उसे प्रोपोस कर दिया | उसने भी मुझे हाँ कर दी | तब तक तो मेरा दोस्त भी अपने किराए वाले घर आ चुका था | एक दिन की बात है मैं घर में ही था तभी प्रज्ञा का फ़ोन आ गया और उसने मुझे अपने घर आने को कहा | उस समय करीब 11 बज रहे होंगे |
मैंने कहा ठीक है मैं आता हूँ | जब मैं उसके घर तो उसे देखता ही रह गया | वह क्या लग रही थी रेड कलर का सूट और रेड कलर की लिपस्टिक के साथ मानो कोई अप्सरा धरती पर उतर कर आ गई हो | मैंने उससे कहा कि तुम बहुत सुन्दर लग रही हो | आज कोई खास बात है क्या ? उसने कहा नहीं बस तुम्हारे आने की ख़ुशी में मैंने इतना सज लिया | फिर वो मुझे अन्दर ले कर गई | जब वो चल रही थी तो मैं उसके मटकाते तसले ही देख रहा था | मैंने उससे पुछा कि तुमने मुझे बुलाया कुछ काम था क्या ? तो वो उठ कर मेरी गोद में आ कर बैठ गई कहने लगी प्लीज मेरी चूत की खुजली मिटा दो | मैं समझ गया कि ये चुदासी है बहुत ज्यादा | मैंने भी देर न करते हुए उसके होंठ से अपने होंठ लगा दिया और उसके मस्त मोटे होंठ के रस को पीने लगा | वो भी मेरा साथ देते हुए मेरे होंठ काटते हुए चूसने लगी | हम दोनों ने 15 मिनट तक किस किया और उसके बाद मैंने उसके सारे कपड़े उतार कर उसे नंगी कर दिया | फिर मैंने उसके दूध को अपने मुंह में ले कर चूसने लगा तो वो भी सिस्कारियां लेते हुए मेरे सिर पर हाँथ फेरने लगी |
मैं उसके दोनों दूध को बड़े ही प्यार से चूस रहा था और वो गरम गरम सिसकिय भर रही थी | उसके दूध पीने के बाद मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और उसकी दोनों टांगो को फैला कर अपनी जीभ से चाटने लगा तो वो आहा ऊम्ह उयंह उअमः करते हुए मेरे मुंह को अपनी चूत पर दबाने लगी | मैं भी मजे से उसकी चूत को अन्दर तक जीभ डाल कर चाट रहा था और उसकी चूत से रिश्ते पानी को अपनी जुबान से चाट कर साफ़ कर रहा था | जब मैंने उसकी चूत चाट लिया तब मैंने भी अपने पूरे कपड़े उतार कर नंगा हो गया | वो मुझे नंगा देख कर सहम सी गई क्यूंकि मेरा 8 इंच लम्बा और काल लंड उसने पहली बार देखा और डरने लगी | पर अब चुदाई की आग दोनों जगह लगी हुई थी इसलिए फर्क नहीं पड़ता | मैंने उसे घोड़ी बना दिया और उसके पीछे से अपने लंड को अन्दर डाल कर चोदने लगा तो वो भी सिस्कारियां लेते हुए अपनी गांड आगे पीछे करते हुए चुदाई में साथ देने लगी | मैं जोर जोर से उसकी चूत को भोस्ड़ा बना रहा था और वो जोर जोर से सिस्कारियां लेते हुए फक मी फक मी कर रही थी | करीब आधे घंटे की चुदाई के बाद मैंने अपना माल उसकी चूत के ऊपर ही निकल दिया |