कमसिन चूत का मजा

hindi chudai ki kahani, indian sex kahani

मेरा नाम आकाश है मैं गाजियाबाद का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 38 वर्ष की हो चुकी है और मैंने एक स्वीट शॉप खोल लिया है। मेरा काम बहुत ही अच्छा चलता। मेरी शादी को भी लगभग 12 वर्ष हो चुके हैं। मेरा कॉलेज खत्म होने के कुछ वर्षों बाद ही मेरी शादी हो गई। उस समय मैं एक कंपनी में जॉब क्या करता था। परंतु मेरे घर के खर्चे बहुत बढ़ने लगे थे और मैं सोचने लगा कि नौकरी से तो मेरा गुजारा चलने वाला नहीं है। क्योंकि मुझे एक अच्छा लाइफ स्टाइल चाहिए तो मैंने बाद में यह डिसीजन लिया कि मुझे एक स्वीट शॉप खोलनी चाहिए। उसके बाद मैंने स्वीट शॉप खोल ली और जब मैंने स्वीट शॉप खोली तो मुझे शुरूआत से ही अच्छा रिस्पॉन्स मिलने लगा। क्योंकि मैंने जहां पर अपनी स्वीट शॉप खोली वहां पहले इतनी भीड़ नहीं हुआ करती थी। परंतु अब हमारा काम बहुत अच्छे से चलने लगा। मेरी पत्नी भी मेरा बहुत साथ दिया करती है और यदि कभी मैं स्वीट शॉप में नहीं आ पाता तो वह स्विट शॉप आ जाया करती है और सारा काम वही संभालती है। मुझे भी बहुत अच्छा लगता है वह मेरा जिस तरीके से साथ देती है। मेरा एक 7 साल का लड़का भी है। मैं उसे सुबह स्कूल छोड़ने खुद ही जाता हूं और दोपहर के वक्त मैं उसे अपने साथ स्कूल से घर लाता हूं।

जब मेरे पास समय नहीं होता तो मेरी पत्नी उसे लेने चली जाया करती है। हम दोनों पति-पत्नी के बीच में बहुत अच्छी बनती है। उसने ही मेरा सपोर्ट किया था जब मैं जॉब छोड़ने की सोच रहा था। क्योंकि मेरे पास और कोई रास्ता नहीं था। यदि मैं जॉब करता हूं तो मुझे बहुत ही समस्याओं का सामना करना पड़ता था। उसी से मेरा घर चलता था। परंतु मेरी पत्नी ने भी मेरा बहुत सपोर्ट किया और जब मैंने उसे शॉप खोलने की बात कही तो वह कहने लगी कि यह तो तुमने बहुत ही अच्छा फैसला लिया है और उसने अपने पिताजी से मुझे कुछ आर्थिक रुप से सहायता भी करवा दी थी। जिससे मुझे बहुत ही अच्छा लगा और मैं उसे कहने लगा कि तुमने मेरी बहुत ही ज्यादा मदद की है और मैं हमेशा ही उसे बहुत ज्यादा इज्जत देता हूं। ऐसे ही समय बीतता जा रहा था और एक दिन मेरी दुकान में मेरी पुरानी गर्लफ्रेंड आ गई। जब वह मेरी दुकान पर आई तो उसके साथ में उसका पति भी था। उसने जैसे ही मुझे देखा तो वह मुझे देखते ही खुश हो गई और कहने लगी कि यह शॉप तुम्हारी है। मैंने उसे कहा हां यह शॉप मेरी है। वह यह बात सुनकर बहुत खुश हुई। मैंने भी उससे पूछा कि तुमने शादी कर ली। वह कहने लगी हां मैंने शादी करली। उसके बाद उसने मुझे अपने पति से मिलाया। उसके पति बहुत ही अच्छे व्यक्ति लग रहे थे जिस तरीके से वह बात कर रहे थे।

उनके बात करने का तरीका बहुत ही डिसिप्लिन का लग रहा था। जब मैंने सोनिया से पूछा कि तुम्हारे पति क्या करते हैं तो वह कहने लगी कि यह पुलिस में है और इनका ट्रांसफर अभी ही हुआ है। इसलिए हम लोग अब यहीं सेटल हो गए हैं। जब उसने यह बात कही तो मैंने उसे कहा यह तो बहुत ही अच्छी बात है। चलो अब तुमसे मुलाकात हो जाया करेगी। फिर उसने मेरी दुकान से कुछ मिठाईयां खरीद ली। वह मुझसे पूछने लगी कि तुमने भी शादी कर ली। मैंने उसे बताया हां मैंने भी शादी कर ली और मेरा 7 साल का बच्चा है। वह मुझे कहने लगी कि यह तो बहुत ही अच्छी बात है तुमने शादी कर ली। वह अपने पति के सामने ज्यादा बात नहीं कर सकती थी। इसलिए उसने मुझे कहा कि मैं तुम्हारी दुकान में कभी और आऊंगी। उस वक्त मैं तुमसे फुर्सत में बात करुँगी। अभी हम लोग जल्दी में हैं इस वजह से मैं बाद में आउंगी। अब वह यह कहते हुए मेरी दुकान से चली गई। जब वह चली गई तो उसी सनी मैं भी घर आया और अपने पुराने दिन मुझे याद आ गए जब मैं कॉलेज में था। कॉलेज में, मैं और सोनिया किस तरीके से बहुत एंजॉय किया करते थे और हम दोनों बहुत मस्ती किया करते थे। उसके और मेरे बीच में कितनी ज्यादा अंडरस्टैंडिंग थी। पर उसके बावजूद भी हम दोनों शादी ना कर सके। क्योंकि वह उस समय शादी के लिए तैयार नहीं थी। वह कह रही थी कि मुझे कुछ और समय चाहिये। इस वजह से हम दोनों की शादी ही नहीं हो पाई और उसके पिताजी का ट्रांसफर कहीं और हो गया था। क्योंकि उसके पिताजी हमारे कॉलेज में हमारे प्रोफ़ेसर थे।

एक दिन दोबारा से मेरी दुकान में सोनिया आ गई। जब वह मेरी दुकान में आई तो मुझसे अब वह खुलकर बात करने लगी और पूछने लगी कि तुम तो बिल्कुल ही बदल चुके हो। मैंने उसे कहा कि मैं कहां बदला हूं मैं तो पहले जैसा ही हूं। वह मेरी लाइफ के बारे में पूछने लगी और कहने लगी तुम इतने सालों से क्या कर रहे थे। मैंने उसे बताया कि मैंने कुछ वर्ष नौकरी की लेकिन उसके बाद मैंने अपनी शॉप खोल ली और अब मेरा काम अच्छा चल रहा है। वह यह बात सुनकर बहुत खुश हुई और कहने लगी यह तो बहुत ही अच्छी बात है। मैंने भी जब उससे उसके बारे में पूछा तो वह कहने लगी कि जब पिता जी का ट्रांसफर हुआ था उसके कुछ बरसों बाद मैंने भी शादी कर ली। मैंने उसे कहा चलो यह तो बहुत ही अच्छी बात है। मैंने उससे पूछा तुम्हारा कोई बच्चा नहीं है। वो कहने लगी हां मेरा भी 5 साल का बच्चा है। अब हम दोनों बहुत देर से बात किए जा रहे थे। मुझे भी सोनिया से बात करना बहुत अच्छा लग रहा था। अब वह अक्सर मेरी शॉप में आ जाया करती थी। मुझे बहुत ही अच्छा लगता था जब वह मेरी शॉप में आती थी।

एक दिन वह मेरे शॉप में आई और हम दोनों बैठकर बात कर रहे थे तभी उसने कहा कि तुम्हें वह पुराने दिन तो याद है जब हम लोग बड़ी मस्तियां किया करते थे। जब उसने यह बात मुझसे कही तो मैंने उसे कहा कि मेरे दुकान के पीछे एक कमरा है। तुम मेरे साथ वहां चल सकती हो वह कहने लगी क्यों नहीं अब वह मेरे साथ उस कमरे में चल पडी। वंहा बहुत ज्यादा धूल और मिट्टी थी क्योंकि वह कमरा में बंद ही रखता था। उसने अपनी  चुन्नी को नीचे बिछा दिया और वह उस पर लेट गई। उसने अपने दोनों पैरों को चौड़ा करते हुए अपने सलवार को खोल दिया। जैसे ही मैंने उसकी योनि को देखा तो वह अब भी पहले जैसे ही मुलायम थी। मैंने उसे चाटना शुरु किया और उसकी योनि बहुत गीली हो गई। अब मैंने अपने लंड को हिलाते हुए उसकी चूत में डाल दिया। जैसे ही मैंने अपने लंड को उसकी योनि में डाला तो वह चिल्लाने लगी और मैं उसे ऐसे ही बड़ी तीव्रता से धक्के दिया जा रहा था। उसके गले से बहुत तेज आवाज निकल रही थी और वह मुझे कहने लगी तुम तो मुझे बड़े ही अच्छे से चोद रहे हो मुझे बहुत ही मजा आ रहा है तुम्हारा लंड को अपनी योनि में लेते हुए। वह बहुत ज्यादा खुश नजर आ रही थी और मेरा पूरा साथ दे रही थी। उसने अपने दोनों पैरों को चौड़ा कर लिया जिससे कि मुझे उसे चोदने में आसानी होती और मेरा पूरी लंड उसकी योनि के अंदर तक जाता। मैं उसे इतनी तेज तेज झटके मार रहा था कि उसके स्तन हिलने लगे और मैंने उसके स्तनों को भी चूसना शुरु कर दिया। मैं उसके स्तनों को बहुत ही अच्छे से चूस रहा था। मुझे इतना मजा आता उसके स्तनों का रसपान करने में मुझे पहले वाले दिन याद आ जाते जब कभी मैं उसेके चूचो को दबाता लिया करता था। अब मैंने उसे खड़ा करते हुए घोडी बना दिया और घोड़ी बनाकर मैं उसे चोदने लगा। मेरा लंड उसकी योनि के अंदर बाहर हो रहा था मुझे बड़ा मजा आ रहा था जब उसकी योनि मे मै अपने लंड को अंदर बाहर कर रहा था। मैं उसे ऐसे ही चोदने पर लगा हुआ था मैंने उसे कसकर पकड़ रखा था जिससे कि मुझे बड़ा मजा आ रहा था और वह भी पूरे मजे लेने लगी। अब वह मुझसे अपनी गांड को टकराने लगी उसकी चूतडे पूरी लाल हो चुकी थी और उसकी अंदर की उत्तेजना भी चरम सीमा पर पहुंच चुकी थी वह झड   गई। अब मैं उसे ऐसे ही धक्के दिए जा रहा था मैंने उसे इतनी तेजी से चोदा कि मेरा वीर्य उसकी योनि के अंदर ही जा गिरा। उसके बाद से अक्सर सोनिया मेरी दुकान में आ जाया करती है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *