antarvasna, hindi sex story
मेरा नाम सिद्धार्थ है मैं पटना का रहने वाला हूं। मैंने पटना से ही अपने कॉलेज की पढ़ाई पूरी की है। मेरे पिता मजदूरी का काम करते हैं और उन्होंने मजदूरी करते हुए ही मुझे पढ़ाया। उन्होंने कभी भी मुझ पर किसी चीज के लिए दबाव नहीं डाला और कहा कि बेटा जब तक मैं जीवित हूं और जब तक मैं सक्षम हूं तब तक तुम अच्छे से पढ़ो ताकि तुम एक बड़े आदमी बन सको। उनका सिर्फ यही सपना है और मैं उस सपने को पूरा करना चाहता हूं। मेरे कॉलेज की पढ़ाई पूरी हो चुकी है और मैं बहुत परेशान रहने लगा क्योंकि मैंने कई जगह अच्छी नौकरी के लिए ट्राई किया परंतु वहां मेरा कहीं भी नहीं हुआ इसीलिए मैं थक हारकर घर पर ही बैठा रहता हूं। मेरे पिताजी मेरा बहुत ही साथ देते और कहते कि बेटा तुम बहुत ही हिम्मतवाले हो तुम कहीं अच्छी नौकरी लग जाओगे। तुम बिल्कुल निश्चिंत रहो। मेरी मां भी मेरा बहुत साथ देती है।
मेरे घर में सिर्फ मेरे पिताजी ही कमाने वाले थे इसलिए मैं सोचता कि यदि मैं भी दो पैसा कमा लूंगा तो उनकी मदद कर पाऊंगा इसी के चलते मैं हमेशा ही इंटरेस्ट देने लगा लेकिन जहां पर भी मेरा होता वहां पर मुझे बहुत कम तनख्वाह मिलती। मैं सोचने लगा कि मेरे पिताजी ने इतनी मेहनत की है और इसी के चलते एक दिन मैंने अपने दोस्त को फोन किया। मेरा दोस्त दिल्ली में नौकरी करता है वह एक अच्छी नौकरी पर है। उसे उसके दूर के रिश्तेदार ने नौकरी पर लगाया था। उसका नाम अमन है। मैंने अमन को फोन किया और अमन को कहा कि अरे भाई कोई नौकरी बताओ जिसमें कि मैं दो पैसे कमा सकूं। वह मुझे कहने लगा कि कुछ समय बाद हमारी कंपनी में वैकेंसी आने वाली है तुम यहां पर ट्राई करो तो तुम्हें अच्छा सैलरी पैकेज मिल जाएगा। मैंने उसे कहा कि जैसे ही तुम्हारी कंपनी में वैकेंसी आती है तो तुम मुझे जरूर बताना। वह कहने लगा मैं तुम्हें जरूर बताऊंगा। अब मैं थोड़ा निश्चिंत हो चुका था। मैं उससे बात कर के अपने आप को काफी हल्का महसूस करने लगा। एक दिन मुझे अमन का फोन आया और वह कहने लगा कि तुम दो दिन बाद दिल्ली पहुंच जाओ। मैंने उसे कहा ठीक है मैं दिल्ली पहुंच जाऊंगा। मैंने जल्दी से अपना सामान बांधा और मैं दिल्ली चला गया।
मैं जब दिल्ली गया तो मैंने अमन की कंपनी में इंटरव्यू दिया। वहां पर मेरा सिलेक्शन हो गया। जब मेरा सिलेक्शन हुआ तो मुझे एक अच्छी तनख्वाह भी मिलने लगी थी और कुछ दिनों तक तो मेरी ट्रेनिंग चली लेकिन जब मेरी ट्रेनिंग पूरी हो गई तो उसके बाद मैंने काम करना शुरू कर दिया। मैं अपने काम में थोड़ा मन लगाने लगा था। अमन मुझे कहने लगा तुम बहुत ही मेहनती हो तुम्हें यह नौकरी तो मिलनी ही थी मैं तो सिर्फ एक जरिया बना और मैंने तुम्हें बताया। मैं अमन का हमेशा ही शुक्रगुजार हूं कि उसने मुझे एक अच्छी नौकरी लगाया। अब मैं भी अमन के साथ ही रहने लगा था। हम दोनों साथ में ही रहते थे। पहले अमन अपने उन्ही रिश्तेदार के पास रहता था जिन्होंने उसे नौकरी लगवाया था। मैं अमन के साथ बहुत ही खुश था क्योंकि वह एक बहुत ही अच्छा लड़का है और अमन बहुत ही समझदार भी है। अमन ने मेरी हर जगह मदद की। एक बार मुझे पैसों की आवश्यकता पड़ गई और मेरे पास पैसे कम पड़ रहे थे। मेरे पिताजी की तबीयत खराब हो गई थी। फिर अमन ने हीं मुझे पैसे दिए थे और कहा तुम घर चले जाओ। जब मैं घर गया तो मैंने अपने पिताजी का इलाज एक अच्छा अस्पताल में करवाया। वह जब थोड़ा ठीक होने लगे तो मैं वापस दिल्ली लौट आया। मैंने उन्हें उसके बाद कह दिया कि अब आप काम ना करें तो अच्छा रहेगा। मैं भी अब कमाने लगा हूं। उन्होंने उसके बाद काम करना छोड़ दिया और मैं ही घर में पैसे भिजवा दिया करता था। मैंने धीरे-धीरे अमन को उसके पैसे लौटा दिए। अमन से मेरा अच्छा रिलेशन बना हुआ था इसलिए अमन और मेरी दोस्ती भी धीरे-धीरे मजबूत होती चली गई। हालांकि पहले हम दोनों के बीच गहरी दोस्ती नहीं थी लेकिन जब से हम दोनों साथ रहने लगे तो हम दोनों के बीच अब बिल्कुल गहरी दोस्ती हो गई। अमन को भी जब भी मेरी जरूरत होती तो मैं हमेशा उसके लिए खड़ा रहता।
एक बार अमन को हमारे ऑफिस में एक लड़की पसंद आ गई अमन मुझे कहने लगा यार मुझे वह लड़की बहुत पसंद है। उसका नाम राधिका है। राधिका दिखने में बहुत ही सुंदर है और उसकी सुंदरता का तो पूरा ऑफिस दीवाना है लेकिन वह अमन पर बिल्कुल भी डोरे नहीं डालती। उसके मेरे साथ बहुत अच्छे संबंध है और मुझे कई बार ऐसा लगता कि कहीं राधिका का दिल मुझ पर तो नहीं आ गया और कहीं इस वजह से अमन मुझसे नाराज ना हो जाए इसीलिए मैं राधिका से थोड़ी दूरी बनाने लगा लेकिन वह हमेशा ही मुझ पर फ़िदा रहती और मुझसे ही बात करती। मैं दुविधा में फंस चुका था। मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि मैं अमन को क्या जवाब दूंगा इसलिए मैं राधिका से दूरी बनाने लगा परन्तु वह हमेशा मेरे फोन पर फोन कर दिया करती। अमन को भी इस बात का आभास होने लगा था और वह मुझसे अच्छे से बात नहीं कर रहा था। मैंने अमन से कहा मैं नहीं चाहता कि मैं तुमसे राधिका की वजह से झगड़ा करूं या उसकी वजह से हम दोनों के रिश्ते में खटास पैदा हो। मैंने उस दिन अमन को बहुत समझाया। अमन भी मेरी बात को समझ गया और वह कहने लगा कि तुम मेरे अच्छे दोस्त हो और मैं तुम पर भरोसा करता हूं। एक लड़की की वजह से मैं तुम्हारे साथ दोस्ती नहीं तोड़ सकता।
अब मैं पूरी तरीके से निश्चिंत हो चुका था और मुझे अब कोई भी डर नहीं था लेकिन ना जाने राधिका के दिल में ऐसा क्या चल रहा था वह मुझे देख कर बहुत ज्यादा लट्टू हो गई। वह मुझे कहने लगी आज मुझे तुम्हारी मदद की आवश्यकता है तुम मेरे साथ मेरे घर चलो मुझे लगा शायद उसे मेरी किसी मदद की जरूरत है। मैं उसके घर चला गया। जब मैं उसके घर पर गया तो वहां पर कोई भी नहीं था मैं यह देख कर बड़ा ही शॉक्ड हो गया। मैंने उसे पूछा तुम्हें क्या मदद चाहिए? जब मैंने उसे पूछा तो उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और कहने लगी मैं तुमसे प्यार करती हूं और तुम्हारे बिना नहीं रह सकती। उसने जब मेरे होठों को किस करना शुरू किया तो मेरे अंदर से भी आग निकलने लगी। मैंने जैसे ही उसके बड़े बड़े स्तनों को दबाना शुरू किया तो मेरा लंड भी खड़ा हो गया। मै उसके मुंह में डालने के लिए उतारू हो गया। वह मेरे लंड को जैसे ही अपने मुंह के अंदर ले रही थी तो जैसे काफी दिनों से वह भूखी बैठी हो उसने मेरे लंड का रसपान बहुत अच्छे से किया मुझे भी बहुत मजा आया। जब हम दोनों ही पूरी तरीके से मूड में हो गई तो मैंने राधिका के कपड़े उतार दिए। मैंने उसके कपड़े उतारे तो उसका बदन देखकर मेरा लंड 1 इंच बड़ा हो गया। जैसे ही मैंने राधिका की योनि पर अपनी जीभ को लगाया तो वह मचलने लगी और कुछ देर बाद वह इतनी ज्यादा उत्तेजित हो गई की उसने मेरे लंड को पकडते हुए अपनी योनि पर सटा दिया। मैंने उसकी चूत पर अपने मोटे लंड को लगाया तो मुझे बहुत अच्छा लगा। मैंने उसकी योनि के अंदर लंड को प्रवेश करवा दिया। जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत के अंदर प्रवेश हुआ तो उसके खून की धार बाहर की तरफ निकल पडी। मुझे उम्मीद नहीं हो रहा था कि वह सील पैक माल है लेकिन उसकी योनि एकदम सील पैक थी। मैंने उसके दोनों पैरों को चौडा किया मैंने उसे तेज गति से चोदना शुरु किया। मैं बहुत जोश मे हो गया और वह भी बहुत मूड में हो गई। हम दोनों एक दूसरे का साथ अच्छे से देने लगे। मैंने जब उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखा तो उसकी चूत से तरल पदार्थ ज्यादा अधिक निकलने लगा। उसने मुझे कहा तुम ऐसे ही धक्के देते रहो मुझे बहुत मजा आ रहा है यह उसका पहला ही अनुभव था। इससे पहले उसने कई लोगों के लंड अपने मुंह में लिए थे लेकिन उसने अपनी चूत में लंड नहीं लिया था यह बात उसने ही मुझे बताई। यह सुनकर तो मेरे अंदर और भी जोश बढ़ने लगा। मैने उसे और भी तेज झटके देना शुरू किए जब मेरा वीर्य उसकी योनि के अंदर गया तो हम दोनों एक दूसरे को पकड़ कर बैठ गए। मुझे उसे चोदने में बहुत मजा आया। वह मुझे कहने लगी मैं तुम्हें बहुत चाहती हूं। मैंने उसे कहा लेकिन अमन तुमसे प्यार करता है। मैंने अमन और उसके बीच में रिलेशन बना दिया है लेकिन वह मेरे लंड को लेना पसंद करती है। हम दोनों चोरी छुपे मिलते हैं और एक दूसरे के साथ सेक्स करते हैं।