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मेरा नाम रोहिणी है मैं दिल्ली की रहने वाली हूं, मैं दिल्ली से अपने कुछ सपने लेकर मुंबई चली गई और मैंने काफी मेहनत के बाद मुंबई में बहुत कुछ हासिल कर लिया। मैं इसी बारे में आपको बताने जा रही हूं कि किस प्रकार से मेरी जिंदगी में उतार-चढ़ाव आए। मैं आज से दो साल पहले मुंबई चली गई थी और जब मैं मुंबई गयी तो मैं अपने घर से पहली बार ही कहीं बाहर निकल रही थी इसलिए मैं थोड़ा घबराई हुई थी लेकिन मेरे अंदर कुछ करने का जुनून भी था इसलिए मैं दिल्ली से चली गई। मेरे घर वालों को यह बिल्कुल भी पसंद नहीं था कि मैं मुंबई जाऊं लेकिन मेरे कुछ सपने थे मैं उन्हें पूरा करना चाहती थी, उसी के चलते मैं मुंबई चली गई। मैं जब मुंबई गई तो मैं मुंबई में ज्यादा लोगों को नहीं जानती थी और मैंने अपनी एक पुरानी सहेली को फोन किया क्योंकि उसी के भरोसे मैं मुंबई गई थी।
उसे यह बात पता थी कि मैं मुंबई आने वाली हूं लेकिन उसे लग रहा था शायद मैं मजाक कर रही हूं क्योंकि मेरी मजाक करने की आदत भी बहुत ज्यादा है। मैं जब मुंबई पहुंच गई तो वह मुझसे मिली, वह मुझसे मिलकर बहुत खुश हुई। वह मुझे कहने लगी मुझे तो बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि तुम मुंबई आ जाओगी, मैंने उसे कहा मुझे अपने जीवन में कुछ अच्छा करना था इसलिए मैं मुंबई चली आई। वह मुझे अपने साथ अपने फ्लैट में लेकर गयी, जब मैं उसके फ्लैट में गयी तो वहां पर मैंने देखा सब कुछ बहुत ही अच्छा था, मैंने उससे पूछा कि तुम्हारे साथ और कोई रहता है, वह कहने लगी हां मेरे साथ में मेरी एक फ्रेंड रहती हैं, वह जॉब करती हैं और थोड़ी देर बाद ही वह आने वाली होंगी। मैंने उसे कहा मैं तुम्हारे साथ रहूंगी तो उन्हें कुछ आपत्ति तो नहीं होगी, वह कहने लगी मैंने उनसे पहले ही बात कर ली है उन्हें कोई भी दिक्कत नहीं होगी और मैंने अपने लैंडलॉर्ड से भी पूछ लिया है इसीलिए तुम जब तक रहना चाहती हो तब तक रह सकती हो। मेंरे रहने की समस्या तो दूर हो चुकी थी लेकिन मुझे मुंबई के बारे में ज्यादा अधिक पता नही था इसीलिए मैं सोचने लगी मैं मुंबई में अकेले कैसे जाऊंगी क्योंकि दिल्ली में तो मुझे जब भी जरूरत होती तो मैं अपने पापा या फिर अपनी मम्मी से कह दिया करती तो वह मुझे अपने साथ ही ले चलते थे या फिर कभी उनके पास समय नहीं होता तो मैं अपने दोस्तों के साथ ही चली जाती।
मैंने जब अपनी सहेली से कहा कि मुझे तो मुंबई के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं है, वह कहने लगी तुम चिंता मत करो, तुम मुंबई में धीरे धीरे सब कुछ सीख जाओगी। मैं अब पूरी तरीके से निश्चिंत हो चुकी थी क्योंकि मुझे रहने की कोई समस्या नही थी, मुंबई में सबसे बड़ी समस्या रहने के लिए होती है। मैं कुछ दिनों तक घर पर ही रूकी हुई थी क्योंकि मैंने जिन भी कंपनियों में अप्लाई किया था वहां से कोई भी जवाब नहीं आया था। एक दिन मुझे एक एड एजेंसी से फोन आ गया और जब मैं वहां इंटरव्यू देने के लिए कई तो मेरा उस एजेंसी में सिलेक्शन हो गया और मैं वहीं पर काम करने लगी। उस वक्त मेरी लाइफ में सब कुछ अच्छा चल रहा था, मेरी जिंदगी बिल्कुल सही चल रही थी लेकिन धीरे-धीरे जब मेरे सपने बड़ने लगे तो मुझे ऐसा लगने लगा कि मुझे और भी कुछ अच्छा अपने जीवन में करना चाहिए। मुंबई में जब भी मैं सब लोगों को देखती तो उन्हें देखकर मेरे सपनों को उड़ान मिलती इसीलिए मैंने भी सोचा कि मुझे भी अपने आप को थोड़ा बहुत तो बदलना चाहिए। मेरे साथ में ही मेरी एक फ्रेंड काम करती थी, वह हमारे ऑफिस में ही थी और उससे मेरी अच्छी दोस्ती होने लगी थी। उसे पार्टी में जाने का बहुत शौक था और वह हमेशा ही नए नए दोस्त बनाया करती, उसके साथ रहते हुए थोड़ी बहुत मेरी भी आदत उसकी तरह ही होने लगी और मुझे लगने लगा कि शायद मैं भी उसकी तरह ही बन रही हूं लेकिन उस वक्त मुझे अच्छा लग रहा था और मैं भी अब थोड़े बहुत पैसे कमाने लगी थी इसलिए मैं भी पैसे खर्च करने लगी। मुझे भी अब उसके साथ में रहते हुए पार्टी करने का बड़ा शौक हो गया और मैं भी हमेशा उसके साथ ही क्लब में चली जाती, उसकी बहुत ही अच्छे लोगों के साथ दोस्ती थी।
एक बार उसने मुझे अपने कुछ दोस्तों से मिलाया और वह लोग कहने लगे कि हम लोग गोवा जाने का प्लान कर रहे हैं यदि तुम भी हमारे साथ चलना चाहती हो तुम हमारे साथ चल सकती हो, मैंने भी सोचा कि क्यों ना मैं गोवा चली जाऊं। जब मैं उनके साथ गोवा गई तो वह लोग वहां पर कसीनो में चले गए और कसीनो में जाने के बाद वह लोग वहां पर खुलकर पैसे खर्च कर रहे थे, मुझे भी लगा कि मुझे भी उनके साथ में खेलना चाहिए। वह लोग बहुत पैसे वाले थे, वह मुझे कहने लगे तुम भी हमारे साथ चलो तुम्हें भी बहुत अच्छा लगेगा, मैंने उन्हें कहा कि मेरे पास इतने पैसे नहीं है, वह कहने लगे कोई बात नहीं तुम हमसे पैसे ले लो बाद में तुम लौटा देना। मैंने भी थोड़ी बहुत ड्रिंक कर ली थी इसलिए मुझे भी नशा हो गया और मैंने भी खेलना शुरू कर दिया लेकिन मैं हारती चली गई, उस रात मैं काफी पैसे हार चुकी थी और मैं बहुत ज्यादा टेंशन में थी। वह लोग कहने लगे कोई बात नहीं तुम बाद में पैसे दे देना लेकिन जब हम लोग मुंबई आए तो वह लोग मुझे पैसों के लिए परेशान करने लगे और मैं बहुत ज्यादा परेशान हो चुकी थी, मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं।
वह लोग हर रोज मुझे फोन कर दिया करते। मैं उन्हें कहा मैं तुम्हें कुछ समय बाद पैसे दे दूंगी तुम चिंता मत करो लेकिन उनमें से एक लड़का बहुत ही ज्यादा गुस्से वाला था। एक दिन वह मुझे कहने लगा तुम मेरे घर पर चली आओ मुझे तुमसे मिलना है। मैं बहुत ज्यादा डर चुकी थी इसलिए मैं उससे मिलने चली गई उसका नाम विक्की है। विक्की मुझे कहने लगा तुम मेरे पैसे कब लौटा रही हो। मैंने उसे कहा मैं तुम्हारे पैसे तुम्हें दे दूंगी तुम चिंता मत करो। वह कहने लगा मुझे तुमसे कोई भी उम्मीद नहीं है इसीलिए आज तुमसे मुझे पैसे निकालने ही पडेगे। उसने मेरे सारे कपड़े फाड़ दिए, मैं उसके सामने बेबस थी लेकिन जब उसने अपने लंड को बाहर निकाला तो मुझे उसके लंड को देखकर अच्छा लगने लगा और मैंने खुद ही उसके लंड को हिलाना शुरू कर दिया। जब मैंने उसके लंड को अपने मुंह में लिया तो वह बहुत खुश हो गया, वह मेरे गले के अंदर तक अपने लंड को डालने लगा। मैंने उसे कहा तुम आराम से करो मेरे गले में बहुत दर्द हो रहा है। जब उसका पानी मेरे मुंह के अंदर ही गिर गया तो वह थोड़ा शांत हो गया। मैंने उसके लंड को दोबारा से हिलाना शुरू किया उसका लंड 90 डिग्री पर खड़ा हो चुका था। वह अपने बेड पर ही लेट गया मैंने उसके लंड को अपनी योनि के अंदर ले लिया। मैंने पहली बार ही किसी का लंड अपनी चूत में लिया था इसलिए मेरी योनि से खून की पिचकारी बाहर की तरफ निकलने लगी। मेरा खून इतना ज्यादा तेज निकल रहा था कि उसका लंड सारा लाल हो चुका था। वह बड़ी तेज गति से मुझे झटके मारने लगा उसे भी बहुत अच्छा लग रहा था और मुझे भी आनंद आने लगा था। मैंने भी अपनी चूतड़ों को बड़ी तेजी से हिलाना शुरू कर दिया और जैसे ही मैं अपनी चूतडो को ऊपर नीचे करती तो विक्की भी पूरा मजे में आ जाता। काफी देर ऐसा करने के बाद जब विक्की का वीर्य गिरने वाला था तो उसने मुझे कहा कि तुम मेरे वीर्य को अपने मुंह के अंदर ले लो। मैंने उसके लंड को अपने मुह मे ल लिया और उसके वीर्य को अपने मुंह के अंदर ले लिया। जब मैंने उसके वीर्य को अपने मुंह में लिया तो वह थोड़ा और शांत हो चुका था। उसने मुझे अपने पास बैठा लिया मेरी योनि से खून टपक रहा था, वह मुझे कहने लगा तुम पैसा कब लौट रही हो। मैंने उसे कहा मैं जब तक पैसे नहीं देती तब तक तुम मेरी चूत मार लिया करना और अपने पैसे वसूल कर लेना, मेरे पास कुछ भी नहीं है। वह कहने लगा ठीक है तुम एक काम करना मैं कल से तुम्हें अपने दोस्तों के पास भेज दूंगा तुम उनके पास चले जाना और उन्हें भी खुश कर दिया करना जब मेरे पैसे वसूल हो जाएंगे तो उसके बाद वह तुम्हें पैसे दे दिया करेंगे। मैं उसके सारे दोस्तों के पास जाने लगी, मैं अब बहुत बड़ी कॉल गर्ल बन चुकी हू।