अपने शहर की माल लड़की को दूसरे शहर में चोदा

antarvasna, hot ladki ki chudai

मेरा नाम सुमित है और मैं रामपुर का रहने वाला हूं। मेरी अभी कॉलेज की पढ़ाई खत्म हो गई है। इसलिए मैं घर पर ही रहता हूं और कभी मेरे कुछ पुराने दोस्त मिल जाते हैं तो उनसे मुलाकात कर लिया करता हूं। मुझे कपड़े खरीदने का बहुत ही शौक है और जब भी मेरा टाइम पास नहीं होता तो मैं दुकान में कपड़े लेने के लिए चले जाते हूं। मैं जब भी दुकान में जाता हूं तो कुछ भी नई चीज खरीद लेता हूं। मेरे पिताजी बैंक में मैनेजर है। इस वजह से मैं अपना शौक पूरा कर लिया करता हूं और वह भी मुझे पैसे दे दिया करते हैं। मैं घर में छोटा हूं। इसलिए वह मुझे बहुत प्यार करते हैं और मुझे पैसे दे दिया करते हैं। मेरे घर में मेरे बड़े भैया हैं। वह भी बैंक में ही जॉब करते हैं और वह दोनों रामपुर में ही हैं। जब मुझे मेरे पिताजी पैसे नहीं देते तो मैं अपने भैया से पैसे ले लिया करता हूं। वह मुझे कभी मना नहीं करते और हमेशा कहते रहते हैं तुम अपने शौक पूरे किया करो। अच्छे से कपड़े पहने और अच्छा जीवन जियो। मैं अपने दोस्तों के साथ बहुत ही मौज मस्ती करता हूं और उनके साथ घूमने चला जाता हूं।

एक बार मैं कपड़े लेने के लिए दुकान में चला गया। जब मैं अपने लिए शर्ट खरीद रहा था तो एक लड़की भी अपने लिए कुछ सामान ले रही थी लेकिन वह बहुत ज्यादा बार्गेनिंग कर रही थी और दुकान वाले उससे बहुत ही परेशान दिखाई दे रहे थे। मैं उस लड़की को बार बार देखे जा रहा था। वह लड़की बहुत ही चुलबुली और शरारती सी लग रही थी और वह बहुत सुंदर भी लग रही थी। मैं उसे बार-बार देख रहा था और मुझे ना चाहते हुए भी उसकी तरफ देखना बहुत ही अच्छा लग रहा था। दुकान वाले भी उसकी बात मान गए और उसके ही रेट पर उन्होंने उसे कपड़े दे दिए। मैं भी सोचने लगा कि यह बहुत ही अच्छी तरीके से दुकान वालों से बार्गेनिंग कर रही है और उन्होंने इसे बहुत कम दामों में कपड़े दे दिए हैं। मैं अक्सर शॉप में आया करता था और वहां के सब लोग मुझे जानते थे। अब मैं अपने घर चला गया और उस लड़की का चेहरा मेरे दिमाग में बार-बार आ रहा था।

मुझे ऐसा लग रहा था कि वह लड़की अभी मुझे दोबारा मिलेगी तो मैं उसे जरूर बात कर लूंगा और मैं यही सोच रहा था कि वह मुझे दोबारा कब मिलेगी लेकिन उसके बाद वह मुझे कभी भी नहीं मिली और मैं अपनी पढ़ाई करने के लिए दिल्ली चला गया। मैं दिल्ली से अपनी कोचिंग की तैयारी कर रहा था और वही मैंने एक रूम ले लिया था। अब मैं दिल्ली में ही रह रहा था और कभी कबार रामपुर जाना होता था। मेरा रामपुर जाना बहुत ही कम होने लगा। क्योंकि मैं दिल्ली में ही बहुत व्यस्त हो गया था। दिल्ली में मेरे कई दोस्त बन चुके हैं। जिन्हें मैं बहुत ही अच्छे से जानता था। मुझे जब मेरे पुराने दोस्त मिलते तो मैं उनसे मिलकर बहुत ही खुश होता था और वह भी मेरे घर पर आ जाया करते थे। एक दिन मैं मेट्रो से किसी काम से जा रहा था तो मेरी मुलाकात उसी लड़की से मेट्रो में हो गई। वह मेरे सामने ही खड़ी थी। पहले मैं उसे पहचानने की कोशिश कर रहा था कि यह वही लड़की है या फिर कोई और है। मैंने अब उससे बात कर ली। मैंने उसे पूछा क्या आप रामपुर में रहती हैं। वह कहने लगी की हां मैं रामपुर की रहने वाली हूं। अब मुझे पूरा यकीन हो गया कि यह वही लड़की है। मैंने उसे अपना परिचय दिया और कहा कि मैं भी रामपुर का ही रहने वाला हूं।

मैंने आपको एक बार एक दुकान में देखा था। आप वहां से कपड़े ले रही थी और आपने दुकान वालों से कुछ ज्यादा ही बारगेनिंग कर ली थी। वो मुझसे मिलकर बहुत ही खुश हुई और कहने लगी कि मुझे तुमसे मिलकर बहुत अच्छा लगा। मैंने उससे उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम मुझे बताया। उसका नाम प्रियंका है। मैंने उससे पूछा कि तुम यहां दिल्ली में क्या कर रही हो। वह कहने लगी कि मैं यहां पर अपनी पढ़ाई कर रही हूं। मैं यही कॉलेज में पढ़ती हूं। अब वह मुझसे पूछने लगी कि तुम यहां पर क्या कर रहे हो। मैंने उसे कहा कि मैं यहां पर कोचिंग कर रहा हूं और अपनी तैयारियां कर रहा हूं। अब हम दोनों की बहुत बात होने लगी। तब उसका स्टेशन आने वाला था और वह मुझे कहने लगी कि मैं अभी जा रही हूं। तुमसे दोबारा मुलाकात करती हूं। जब वह उतरने वाली थी तो मैंने उससे उसका नंबर ले लिया। मैंने प्रियंका से उसका नंबर ले लिया था और मैं उसका नंबर लेकर बहुत ही खुश था। मैं उसे मैसेजेस कर दिया करता हूं और कभी उससे पूछ लेता कि तुम अगर फ्री हो तो मेरे साथ घूमने चलो। क्योंकि कभी-कभी मैं अपनी पढ़ाई से बहुत ज्यादा बोर हो जाता था और मुझे लगता था कि कहीं घूमने निकल जाना चाहिए।

एक दिन प्रियंका ने मुझे फोन किया और कहने लगी कि यदि तुम्हारे पास समय हो तो तुम मेरे साथ घूमने चल सकते हो। अब हम दोनों घूमने निकल पड़े। हम दोनों मेट्रो से ही घूम रहे थे। मुझे पता ही नहीं चला प्रियंका के साथ कब शाम हो गई। मुझे उसके साथ समय बिताना बहुत ही अच्छा लगा। जब शाम हो चुकी थी तो प्रियंका ने मुझसे कहा कि मुझे देर हो रही है और मुझे घर जाना चाहिए। मैंने प्रियंका को उसके हॉस्टल तक छोड़ा। क्योंकि वह कॉलेज के हॉस्टल में रहती थी। अब हम दोनों की बहुत बातें होने लगी और वह भी मुझसे मिलकर बहुत खुश थी। मैं कई बार उसे अपने दिल की बात इशारों इशारों में कह दिया करता था। उसे भी थोड़ा बहुत लगता था परंतु उसने फिर भी मुझे कुछ रिप्लाई नहीं किया और हमेशा ही वह मुस्कुरा दिया करती थी। उसकी मुस्कुराहट से तो मैं बहुत खुश हो जाता था। अब वह भी मुझे मिलने आ जाया करती थी और मैं भी उसे मिल लिया करता था। जिस दिन मैं फ्री होता उस दिन मैं उसके कॉलेज भी चला जाता था। उसने मुझे कॉलेज में अपने सारे दोस्तों से मिलवाया था। उसके दोस्त भी बहुत अच्छे थे और मैं जब उनसे मिला तो मुझे भी बहुत अच्छा लगा।

अब एक दिन मैंने प्रियंका को फोन किया और कहा कि तुम मेरे घर पर ही आ जाओ। क्योंकि आज मेरी छुट्टी है आज हम लोग मेरे घर पर ही रहते हैं। अब वह मेरे घर पर आ गई और जब वह आई तो उसने एक पतली सी टीशर्ट और एक फ्रॉक पहनी हुई थी। मैंने जैसे ही उसे इन कपड़ो में देखा तो मुझे बहुत अच्छा लगने लगा। मैंने उसके पैरों पर अपने हाथ को फेरना शुरु कर दिया उसके पैर बडे ही मुलायम थे। मैंने धीरे-धीरे अपने हाथ को उसकी चूत पर फेरने लगा। अब वह पूरी उत्तेजना में आ गई और मैंने तुरंत ही अपने लंड को बाहर निकालते हुए उसके मुंह में डाल दिया। उसने उसे पूरे अंदर तक समा लिया अब उसका शरीर हुआ गर्म हो चुका था मैंने उसके सारे कपड़े उतारते हुए उसकी गीली हो चुकी चूत के अंदर अपने लंड को डाल दिया और उसे धक्के देने लगा। मैं इतनी तेजी से उसे धक्के दे रहा था मुझे बड़ा ही मज़ा आ रहा था। उसकी योनि बहुत ज्यादा टाइट थी मैंने अपने लंड को देखा तो उस पर खून लगा हुआ था। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जब मैं उसकी टाइट चूत मार रहा था। वह बहुत ज्यादा उत्तेजित हो रही थी और मेरा साथ दे रही थी। प्रियंका मुझे कहती कि तुम मुझे बहुत ही अच्छे से चोद रहे हो मुझे बहुत ही मजा आ रहा है जब तुम मेरी योनि में अपने मोटे लंड को डाल रहे हो। मैं बहुत ही खुश था जब मैं उसे धक्के दिए जा रहा था। उसका शरीर गर्म होकर टूटने लगा था और वह मचलने लगी थी। मैंने अपने लंड को बाहर निकालते हुए उसके मुंह में डाल दिया। वह बहुत ही अच्छे से मेरे लंड को चूस रही थी। मुझे बहुत मजा आ रहा था जब वह मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसती जाती। वह बहुत ही अच्छे से मेरे लंड को चूस रही थी जिससे कि उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था। उसने मेरा लंड इतने अच्छे से चूसा कि मेरा लंड पूरा लाल हो चुका था और अब उसने अपने गले तक मेरे लंड को उतार लिया। वह बड़ी ही अच्छी से उसे चूस रही थी थोड़ी देर में मेरी उत्तेजना पूरे चरम सीमा पर पहुंच गई और मेरा वीर्य उसके मुंह के अंदर ही जा गिरा। उसने मेरे वीर्य को अपने अंदर ही ले लिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *