हेल्लो गांड के छिलकों कैसे हो तुम सब चोदु लोग हो तुम सब आज मैं तुम्हरे लिए एक नया तोहफा लाया हूँ | हाँ हाँ सबको मिलेगा लंड के बालों मरो मत बहनचोदों | तो मैं अब कहानी सुना रहा हूँ जो तुम सबकी गांड फाड़ देगी और तुम लोग ऐसे भागोगे जैसे कुत्ते की गांड में राकेट | तो मेरे बुर्बाज दोस्तों आरम्भ करते हैं आज की गांड मस्ती और मैं तुम सबको बताता हूँ की कैसे चुद गयी मेरी मौसी अपने बड़े लंड वाले भांजे से | मैं तो चाहता था की मेरे पास चार लंड हो जाते तो मैं एकसाथ चार लड़कियां चोदता बेंचो | तो अब कुछ मेरे बारे में सुनलो और मेरी जिंदगी के बारे में | मैं एक शरीफ लड़का हुआ करता था सुनो न बहनचोद हुआ करता था ठीक है | अब नहीं हूँ अपनी अम्मा बहन को बचा के रखो नहीं तो उनको भी चोद दूंगा समझे | मुझे कॉलेज तक चुदाई के बारे में क्कुछ पता नहीं था पर पता नहीं क्या हुआ मादरचोद एक दम से किस्मत ही पलट गयी और मेरे गोटे मुंह में आ गये | एसा क्या हुआ है मेरे साथ में यह बतान्बे वाला हूँ पर थोडा सब्र रखो और सुनो | जैसा की मैंने कहा मौसी चुदी अपने सगे बनजे से तो वो सगा भांजा मैं ही तो हूँ | जी हाँ दोस्तों मैं हूँ खलनायक और मेरा लंड जिसे चाहता है उसे चोद देता है | मैंने यह कभी नहीं सोचा था कि मैं एक ऐसा चोदु खिलाडी बन जाऊंगा जो हर चूत को चोदने के लिए तत्पर रहेगा | मैंने कही से सुना था की दूध और चूत जितना भी चोद लो कभी ख़राब नहीं होते और यही बात मेरे दिमाग में घर कर गयी थी | मैंने भी सोचा बाहर की लड़की जब तक नहीं पट जाती तब तक घर में ही क्यूँ न किसी तगड़े माल का मज़ा ले लिया जाये | फिर मैंने सोचा मेरे घर में कौन सबसे मस्त माल है तो मेरी मौसी का ख़याल मेरे मन में आया क्यूंकि वो आज भी इतनी सुन्दर है कि कोई भी जवान लड़का उनपे फ़िदा हो जाए | उनकी शादी हो गयी है पर वो भी बस ३२ साल की हैं | उनके पति ज़्यादातर विदेश में रहते पर उन्हें किसी चीज़ की कमी नहीं है और वो अपनी मस्त रहीसों वाली जिंदगी जीती हैं |
मैंने भी सोच लिया था की मैं मौसी को चोदुंगा और सच कहूँ तो मौसी ने ही मुझे इतना बड़ा चोदु बनाया है | मैं कॉलेज में पढाई करता था तो मौसी हमारे घर रुकने को आती थी क्यूंकि मौसाजी तो बाहर ही रहते थे | मेरा शायद वो लास्ट इयर था या ऐसा ही कुछ था ठीक से याद नहीं है | क्यूंकि मैं भी अब बड़ा हो गया हूँ और मुझे ज्यादा ध्यान रक्झने की आदत नहीं है | अब मौसी आई वो तो ठीक है पर जब वो मेरे पास रूम में अकले रात में आती थी तब मेरी बड़ी जोर से गांड फट जाती थी क्यूंकि उसको चुदाई कके अलावा कुछ और नहीं सूझता था | अब ये भी ठीक था पर मेरे दिल में ऐसा कोई ख्हयल नहीं था मुझे तो ये भी नहीं पता था की लंड आखिर बोलते किसे हैं | अब बताओ क्या कस्सर था मुझ जैसे नासमझ और नादान बच्छे का ? चलो थीक्क हहै इस बच्छे का लंड काफी बड़ा है पर साला उसने ये कब देख लिया | चलो अब देख लिया तो देख लिया पर उसपे हाथ लगाने की क्या ज़रुरत है | अब दिक्कत वहां ख़तम नहीं हुयी वह से असली दिक्कत शुरू हुयी | वो मेरे कमरे में आई और पोचा अंश बीटा केसा है आपका प्यारा सा लंड ? लंड ये क्या होता है मौसी ? अरे तुम्हे नहीं पता लंड क्या होता है ऐसा भी कही होता है ? अरे पर तुमने मुझे बताया ही नहीं की ऐसा तुमाहरे साथ होता है | मेरा दिमाग घूम गया मैंने भी पुछा मौसी कहना क्या चाहती हो आप ? उन्होंने ने बोला सॉरी !!!! अब एक बात सुनो लड़कियों के लिए न सबसे बड़ा हथीयार है सॉरी क्यूंकि ये कब सॉरी सॉरी में तुम्हरी गांड मार ले तुम्हे पता भी नहीं लगेगा | मुझे ये बाद में समझ आई कि मौसी ने चीज़ बाद के लिए बचा राखी है | मुझे तो यकीन ही नहीं था कि ऐसा भी हो सकता | अब हुआ ये कि मुझे जाना पड़ा मौसी के घर और मुझे उनके रंगीन मिजाज़ के बारे में पता था | अब मुसीबत यह थी कि न तो मैं जान चाहता था और ना ही मैं रुकना चाहता था |
मैं मौसी को अच्छे से जानता था क्यूंकि वो मुझसे बहुत प्यार करती थी और मैं उनका लाडला बेटा था | अब शुरू हुआ खेल जब मैं पहुंचा उनके घर | मौसा जी बस निकल रहे थे और वो दो दिन पहले ही आये थे | जैसे ही मैं पहुंचा मौसा जी ने कहा अंश मेरा लाडला देख तेरे लिए दुबई से क्या लाया हूँ | उन्होंने मेरे लिए एक बहुत महंगी जैकेट लाये थे और वो मुझपे बहुत फब रही थी | उनके बच्चे नहीं थे और में ही उनके लिए बेटे जैसा था | फिर मौसा जी ने कहा मैं जा रहा हूँ अंश का ख़याल रखना | मौसी दौड़ के नीचे आई और मुझे गले लगाके चूम लिया माथे पर और कहा तू आ गया और बताया भी नहीं | मैंने कहा मौसी कैसा लग रहा हूँ मैं और उनको दूर किया पर इस बार जब वो मुझसे चिपकी तो मुझे उनके इतर की खुशबू ने मोह्ह लिया था | मेरी नज़र मौसी के होंतो पर पड़ी और मैंने देखा वाह एक दम गुलाबी होंट | मौसी ने कहा वाह्ह जनाब आप तो किसी हीरो से कम नहीं लग रहे | मैंने कहा हाँ और आप मेरी हीरोइन आओ गले लग जाओ | वो फिर से मेरे गले लग गयी और इस बार मैंने उनके गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होंट करीब से देखे और मैं उत्तेजित हो उठा | मैंने फिर उनको चोद दिया और कहा चलो माते अब बच्चे को खाना भी खिला दो | तो उन्होंने ने कहा आज मैंने सारे नौकरों को छुट्टी दे दी है | मैं अपने बेटे को अपने हनथो से खाना खिलाऊँगी | उनका इतना प्यार देख कर कभी कभी मेरा मन भर आता था | खाना खाने के बाद मैंने कहा मौसी आपके हांथों में तो जादू है माँ जैसा | तब उन्होंने बताया तेरी माँ ने ही सिखाया है सब बड़ी बहन जो है मेरी और तू मेरा लाडला बेटा | मैंने ये सुना और कहा मौसी और उनको गले लगा लिया और कहा बहुत प्यार करता हूँ आपसे आप कभी अलग मत होना मुझसे और रोने लगा | तब उन्होंने मुझ्हे कहा पागल क्या हुआ मैं कही नहीं जाउंगी अंश और मेरे होंतो पर किस करने लगी | मुझे बहुत अच्छा लगा और मैंने भी उन्हें किस किया | तब उन्होंने कहा क्यों मौसी हूँ गर्लफ्रेंड नहीं हूँ जो किस कर रहा है | फिर मुझे गले लगाया और कहा तू तो मेरा बेटा है कुछ भी करले मेरे साथ |
फिर मैंने कहा मौसी कुछ भी से आपका मतलब क्या है | तब उन्होंने मुझे बैठा कर कहा देख मैं हमेशा तेरा लंड इसलिए छूती हं ताकि वो बड़ा है और मेरी प्यास भही बड़ी है | पर मौसी ये तो गलत होगा न आप मौसी हहो मेरी माँ समान हो आप | तब उन्होंने मुझे बताया देखना न तूने आज तेरे मौसा बस दो दिन के लिए आये और मेरे साथ एक घंटा भी नहीं बिताया पर मैं समझती हूँ इसलिए घर से बाहर सम्बन्ध नहीं है | पर तुझे मेरी कमी पूरी करनी है | इतना बोलते बोलते उन्होंने मेरा लंड बहार निकला और ढीले लंड को पकड़ कर चूसने लगी | मेरा लंड सील पैक था तो मेरे लंड की चमड़ी को भी चूस रहीं थीं | उन्होंने कहाँ वाह तेरा लंड तो मस्त है देख केसा ख्हादा हुआ जा रहा है | और इतने में ही मैंने देखा मेरा लंड 7 इंच लम्बा हो चुका था | मौसी ने कहा देखा मेरे बच्चे अपना लंड देख | इतना बोलके उन्होंने अपने कपडे उतारे और क्या बदन था | उन्होंने मुझे अप्पने पेट और नाभि को चाटने को कहा तो मैं वो करने लगा | फिर उसके बाद मैंने मौसी मौसी के बूब्स पे अपना मुह रख दिया और मुलायम दूध पीने लगा | उसके बाद मौसी की चूत की बारी थी जो की मैंने अन्दर तक चाटी और मौसी सिसकियां भरने लगी | अब मौसी ने मुझे बैठाया और मेरे लंड पे अपनी चूत टिका के नीचे आ गयी और मेरा लंड पूरा अन्दर चला गया | आआआहहह आआआहहह आआआहहह मौसी दुःख रहा है | मैंने ये कहा और उन्होनेमुझे चूमना शुरू किया | 10 मिनट बाद वो भ उम्म्म्मम्म्म्मम्म्म्म आआआहहह उम्म्म्मम्म्म्मम्म्म्म उम्म्म्मम्म्म्मम्म्म्म करने लगी और मैं भी | इतना करते करते मैं उन्स्की चूत के अन्दर झड़ गया | वो बोली आआआहहह उम्म्म्मम्म्म्मम्म्म्म और उठ गयी | फिर उसके बाद मेरा लंड खुल गया और जब तक मौसा जी नहीं आये हम चुदाई करते रहे रोज्ज़ दिन हो या रात | मौसी से मैं सच में प्यार करता हूँ उनका लाडला जो हूँ और मौसा जी का भी |
दोस्तों आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी कमेंट में जरुर बताइयेगा | मुझे इंतजार रहेगा |