हाय मेरे प्यारे दोस्तों और मेरे चाहने वालों | मैं आपकी रागिनी अग्रवाल | मुझे मेरे पति चोदते तो है लेकिन मेरी वासना उनकी चुदाई से ज्यादा है | मेरे पति का लंड छोटा है और मेरी चूत को अन्दर तक नहीं चोद पाता | मैं इसलिए बाहर की दुनिया में सैक्स की तलाश में घूमती रहती हूँ और कई बार मुझे ऐसे लोग मिले भी लेकिन मेरे साथ ज्यादा टिक नहीं पाए और मुझे छोड़ के चले गए | अगर आपको लगता है कि आप मेरी अगन बुझा सकते हो तो आप मेरे पास आ सकते हो | चलिए अब मैं आपको अपनी रोचक कहानी बताती हूँ जिसमे मैंने अपने नौकर से चुदवाया था |
ये बात है दो साल पहले की जब मेरे पति को काम के सिलसिले में बाहर जाना था एक महीने के लिए और मैं ये सोच रही थी कि अब मुझे एक महीने तक चुदाई करने नहीं मिलेगी | मेरे घर में एक बुढा सा नौकर था उसका नाम था ननकू | ननकू की तबियत अचानक ख़राब हो गई और उसने मेरे घर में काम करने के लिए अपने बेटे को गाँव से बुला लिया | उसका नाम था ज्ञानेंद्र सब उसे गन्नू बुलाते थे | वो गाँव में खेती करता था लेकिन बहुत पतला था शरीर से | उसकी शकल से वो बहुत भोला सा लग रहा था | मुझे लगा ये किस काम का है अगर ये किसी को चोदे तो उसे ज्यादा देर तक चोद भी न पाए |
मेरे पति जा चुके थे और अब घर में मैं और गन्नू ही रहते थे | मुझे लगता था गन्नू बहुत शर्मीला है क्योंकि वो हमेशा सिर झुकाके बात करता था और मैं जो भी करने को कहती थी चुपचाप कर देता था | लेकिन वो बहुत चालू था सर झुका कर वो मेरे दूध देखता रहता था | गन्नू हमारे घर में ही रहता था और वहीँ खाता और सोता था | एक बार गन्नू बाहर नल में सटक लगा के नाहा रहा था | मैं अन्दर खड़ी थी और उसे देख रही थी | तभी गन्नू ने पानी बंद किया और तौलिया से खुद को पोंछने लगा | उसने पुरे कपडे उतार दिए थे और सिर्फ तौलिया लपेट रखी थी | तभी उसकी तौलिया खुल गई और नीचे गिर गई और एक पल के लिए वो नंगा हो गया |
मेरी नज़र उसके लंड पे पड़ी और मैं हैरान रह गई | उसका लंड अभी सोया हुआ था फिर भी मेरे पति के खड़े लंड से बड़ा लग रहा था और मोटा भी | उसने जल्दी से अपनी तौलिया उठाई और अपने ऊपर लपेट ली और यहाँ वहां देखने लगा | अब मैं गन्नू की ओर आकर्षित होने लगी थी और उसके लंड लंड की प्यासी बन गई थी | मैं अब गन्नू को छूने के बहाने ढूढंती रहती थी और कभी कभी उसको भी पकड़ लेती थी | हम कभी कभी शाम को खेलते भी और मैं उसका फायदा उठा लेती थी |
एक बार घर में ज्यादा काम नहीं था तो गन्नू ने कहा मेमसाब मैं बाहर अपनी मालिश कर रहा हूँ | तो मैंने कहा हाँ ठीक है जाओ और अन्दर से खड़े होकर उसको देखने लगी | वो बैठ कर अपनी मालिश कर रहा था तभी उसने अपने पजामे में हाँथ डाला और अपने दोनों हाँथ से अपने लंड की भी मालिश करने लगा | मैं अन्दर खड़े होकर अपनी चूत मल रही थी और ऊँगली डाल रही थी | फिर वो थोड़ी देर वहीँ बैठा रहा और उठ कर नहाने चला गया | जब वो नाहा रहा था तो वो कुंडी नहीं लगता था इसलिए मैं छुप कर दरवाज़े से उसको देख रही थी | वो अन्दर खड़े होकर मुट्ठ मार रहा था लेकिन मुझे उसका लंड नहीं दिख रहा था | फिर उसका मुट्ठ निकला और वो हल्का सा घुमा तो मैंने उसका खड़ा लंड देखा और मुझे मज़ा आ गया |
उसका लंड बहुत बड़ा था और मोटा बिलकुल जैसा मुझे चाहिए था | अब मैं उससे चुदने के सपने देखने लगी और सोचने लगी कि कैसे उसको मुझे चोदने के लिए मनाऊ | फिर मैंने सोचा क्यों ना मैं इससे मालिश करवाऊ | तो मैंने अगले दिन उससे कहा गन्नू क्या तुम मेरी मालिश कर सकते हो ? तो उसने कहा हाँ मेमसाब कर दूंगा, चलिए | तो मैं उसे लेकर अन्दर वाले कमरे में चली गई और मैंने सिर्फ मैक्सी पहनी थी तो मों जाके बिस्तर पर लेट गई | मैं उल्टा बिस्तर पर लेट गई और उससे कहा पहले मेरे पैर की मालिश करो |
अब उसने अपने हाँथ पे तेल लिया और मेरे पैर पर लगाने लगा | मैंने उससे कहा था कि मेरी मैक्सी पर तेल नहीं लगना चाहिए | तो वो मेरी मैक्सी बचा बचा के मालिश कर रहा था | वो पहले सिर्फ मेरे घुटने तक ही पैर मल रहा था तो मैंने कहा थोडा सा और ऊपर करो | तो उसने मेरी मैक्सी थोडी सी ऊपर की और मेरी जांघों को मलने लगा | तो मैंने कहा और ऊपर तक करो तो वो रुक गया | तो मैंने पूछा रुक क्यों गए तो उसने कहा मेमसाब हाँथ में तेल है आप ही उठा दो | तो मैंने मैक्सी अपनी गांड से भी ऊपर तक उठा दी और मैंने पैंटी भी नहीं पहनी थी |
फिर उसने मालिश करना शुरू की लेकिन उसका हाँथ मेरी गांड तक नहीं आ रहा था | तो मैंने कहा जहाँ तक दिख रहा है वहां तक पूरा मलो | तो उसने अब मेरी गांड पे हाँथ और मेरी गांड पे हाँथ फिराना शुरू कर दिया | फिर मैंने उससे कहा अब वहीँ से नीचे जाओ तो उसका उँगलियाँ मेरी चूत को छू रही थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था | फिर मैं पलट गई और देखा कि उसके लंड अपनी पैन्ट से बाहर आना चाह रहा है | तो मैंने अपनी मैक्सी उतार दी और मैं कुछ भी नहीं पहना था अन्दर इसलिए मैं अब उसके सामने पूरी नंगी थी |
मैंने उससे कहा इधर आओ और उसका हाँथ अपने दूध पर रखा और कहा अब इसकी मालिश करो | उसने भी बिना कुछ बोले मेरे दूध की मालिश शुरू कर दी | जब वो मेरे दूध की मालिश कर रहा था तो मैंने उसके लंड पे हाँथ रखा और कहा अभी भी नहीं समझे क्या ? तो वो हसने लगा | तो मैंने उसका पजामा खोल दिया और उसके लंड को हाँथ में पकड़ के हिलाने लगी और वो मेरे दूध दबा रहा था | उसके लंड के पास बहुत बाल थे इसलिए मैंने उसे बाथरूम में ले जा कर उसके बाल बनाये और वहीँ पर उसका लंड चूसने लगी | उसका लंड सच में बहुत बड़ा था और मैं ठीक से चूस भी नहीं पा रही थी इसलिए मैं बार बार उसका लंड चाट रही थी और गोटियों को सहला रही थी |
फिर हम दोनों अन्दर चले गए और मैंने उससे कहा तुमने दूध तो दबा ही लिए हैं अब चुसो भी | तो उसने मेरे दूध को अपने हाँथ में लिया और चूसने लगा | वो मेरे दूध ऐसे दबा रहा था जैसे कि निचोड़ ही देगा | फिर मैंने उसका एक हाँथ पकड़ा और अपनी चूत पे रखवा दिया और वो मेरी चूत मलने लगा | मैंने उससे कहा तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है कैसे किया ? तो उसने कुछ कहा अपने आप हो गया | तो मैंने कहा ठीक है अब मुझे इसके जलवे देखना है और जाके बिस्तर पर लेट गई | मैंने उसको बुलाया और उसका लंड पकड़ कर अपनी चूत में रखा और छेद में डाल दिया | जैसे ही उसने मेरी चूत में अन्दर तक अपना लंड घुसाया तो मेरी तो जैसे जान ही निकल गई और मुझे लगा जैसे आज मेरी चूत फट जाएगी | मैं आह्ह्हह्ह आअह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह्ह ऊउह्ह्ह्ह यीह्ह्हह्ह्ह कर रही थी और मेरी आँखों से आंसू भी निकल रहे थे लेकिन वो मुझे चोदे ही जा रहा था |
उसने मुझे 15 मिनिट तक चोदा और फिर मैंने उससे कहा अब तुम लेट जाओ | वो लेट गया और मैं उसके लंड के ऊपर बैठ गई और ऊपर नीचे होने लगी | अब उसका मेरी चूत के और ज्यादा अन्दर तक जाने लगा लेकिन अभी उसका लंड पूरा नहीं गया था | मेरी चूत की प्यास मुझे अब बुझती सी समझ में आ रही थी क्योंकि उसका लंड मेरी चूत को फाड़े जा रहा था | मैं उसके ऊपर 10 मिनिट तक ऊपर नीचे होती रही और फिर लेट गई | तो वो उठा और मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया और अन्दर तक ले जाने लगा तो मैंने उसे रोक दिया और इतने तक रहने के लिए कहा | तो उसने मुझे फिर 15 मिनिट और चोदा और जैसे ही उसने मेरे ऊपर मुट्ठ मारा तो उसका भी ज्यादा निकला |
इसको देखकर मुझे लगा नहीं था कि ये थोड़ी देर तक भी टिक सकता है लेकिन मुझे क्या पता था ये लम्बी रेस का घोडा है और इसका इतना बड़ा लौड़ा है | लेकिन मैंने जितनी भी चुदाई की सबसे ज्यादा मज़ा मुझे इसी से चुदने में आया | फिर रोज़ वो मुझे 2-3 बार चोदता था और फिर कुछ दिनों बाद उसका पूरा लंड मेरी चूत में समाने लगा था | तो दोस्तों कैसी लगी मेरी कहानी ? मुझे बताना ज़रूर |