हेलो दोस्तों ! मेरा नाम रुचिका है | मै जालन्धर में रहती हूँ | मेरी उम्र अभी बस 22 साल है | वैसे तो ये बहुत ही कम उम्र है इन सब बातों के लिए | लेकिन मेरी जवानी कुछ उम्र से पहले ही आ गयी | आज मै आप लोगों को अपनी पहली चुदाई के बारे में बताऊँगी | अभी तो मै इतनी कम उम्र में ही कई बार चुदाई करवा चुकी हूँ | मै जम के एंज्वॉय करती हूँ | इसी लिए बस लडको से दोस्ती सिर्फ चुदने के लिए ही करती हूँ | और खूब कूद कूद के लंड के मज़े लेती हूँ | जैसा की मैंने बताया की मेरी जवानी कुछ जल्दी ही आ गई थी | शायद यही वजह की इतनी कम उम्र में लंड लेने के लिए बस तैयार रहती हूँ | अब थोडा अपने बारे में भी बता दूँ | मेरे बूब्स अभी ही बहुत बड़े हो गये है | जिसकी एक वजह ये है की मै जब भी गर्म होती हूँ तब अपने बूब्स को अपने ही हाँथो से खूब दबाती हूँ | और फिर अपनी चूत में उंगली भी करती हूँ | और चुदते समय तो लड़के मेरे बूब्स को दबा दबा कर पी जाते है | मेरी चूत एकदम चिकनी है | मै हमेशा इसे साफ रखती हूँ | मेरी चूत बहुत जल्दी पानी छोड देती है |
चलिए अब मै अपनी कहानी पर आती हूँ | जैसा की मैंने बताया की ये मेरी पहली चुदाई थी | ये बात तब की है जब मेरी उम्र अभी 18 साल की थी | मै 12 वीं क्लास में पढ़ती थी | मै इसी उम्र में ही गर्म होने लगी थी | मै 17 साल की उम्र से ही पोर्न फिल्मे देखने की आदत पड गई थी | मै जब पोर्न फिल्मे देखती तो बहुत ही गर्म हो जाती थी | फिर मुझे अपनी चूत में उंगली डालकर उसे शांत करना पड़ता था | पोर्न फिल्म में ही देख कर मैंने अपने चूत में उंगली करना और अपने बूब्स दबाना सीखा था | मै पढने में भी बहुत तेज़ थी | इसी लिए सभी टीचर मुझे बहुत मानते थे |
मेरे स्कूल में विज्ञान के टीचर का ट्रान्सफर हो गया | वो बहुत उम्र दराज थे | उसके बाद करीब दो महीने के बाद एक नए टीचर को विज्ञानं पढ़ाने के लिए अप्पोइंट किया गया | उनका नाम विमलेश था | वो एक दम मस्त बॉडी वाले थे | उन्हें देख कर के तो बस उनका लंड लेने की इच्छा होने लगी | वो बहुत ही अच्छा पढ़ाते थे | लेकिन इतनी देर में कोर्स शुरू होने की वजह से वो जल्दी – जल्दी पढ़ा रहे थे | इसीलिए उन्होंने सब से कहा था कि जिसे भी डाउट हो वो शाम को आकर मुझसे पूछ सकता है | वो अकेले एक कमरा किराये पर लेकर रहते थे जो मेरे घर से पास में था | इसीलिए मै हमेशा उनके रूम पर डाउट पूछने के बहाने चली जाती थी | और खूब देर तक उनके पास ही बैठ कर बाते किया करती थी | और उनके शरीर को निहारा करती थी | और फिर मौका देख कर सर को इशारे भी करती थी | वो भी मेरी इन हरकतों को देख कर मुस्कुरा देते थे |
एक बार मै शाम को उनके रूम पर गई डाउट पूछने के बहाने | और देर तक वही बैठी रही | जब सब कोई चला गया तो मै सर के पास जाकर बैठ गई | और डाउट पूछने के चक्कर में उनसे चिपकने लगी | पहले तो वो कुछ झिझके लेकिन फिर वो भी मज़े लेने लगे | मेरी हिम्मत बड चुकी थी | मैंने तुरंत सर को उनके हांथो पर किस दे दिया | पहले तो उन्होंने मुझे ध्यान से देखा फिर थोडा गुस्सा जैसा दिखाया | मैं डर गई कि कही सर मेरी शिकायत न कर दे | मैंने अपनी किताबें उठाई और तुरंत वहां से चली गई | मै उस पुरी रात नही सो पाई बस एक तो ये डर था की कही सर मेरी शिकायत न कर दें | और दूसरा सर के किस ने मुझे और भी गरम कर दिया था | मै तो बस पागल हो गई थी | घर पर आ कर मैं चुपचाप अपने कमरे में चली गई | रात को मेरी काम वासना मुझे बहुत सताने लगी | मै अपने बेड पर इधर उधर पलट रही थी | फिर मैंने जल्दी से अपने कमरे का दरवाजा बंद कर लिया | ताकि कोई आ न जाए और मेरी आवाज भी बाहर न जा पाये | फिर मैंने अपने फ़ोन में पोर्न फिल्म चला ली | और कान में लीड लगा कर देखने लगी | और साथ में ही अपने बूब्स को दबा रही थी | मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था | फिर मैंने अपने सारे कपड़े निकल दिए | अब मै बस अपनी चड्डी पहन रक्खी थी | धीरे धीरे मेरे हांथ मेरी मेरी चूत के पास बढ़ रहे थे | मैंने बहुत कोशिश किया लेकिन मै अब और भी कंट्रोल नही कर सकती थी |
मैंने झट से अपना एक हांथ अपनी चढ़ी में डाल दिया और अपने चूत के दाने को मसलने लगी | अभी मेरा और भी हाल बुरा होता जा रहा था | अब तो मै अपनी उंगली चूत में दाल कर जोर जोर से हिलाने लगी | और आह्हह.. आह्ह…उफ्फ्फ्हह.. की आवाजे निकल रही थी | मैं तो बस अब सातवें आसमान पर थी | एक तरफ पोर्न मूवी की वजह से मेरी उत्तेजना और भी बड गई थी | मै जोर जोर से उंगली हिला रही थी | मुझे बहुत मज़ा आ रहा था | जैसे ही पोर्न फिल्म में लड़का लड़की को छोड रहा था वैसे ही मैं भी अपनी उंगली अपनी चूत में हिला रही थी | जैसे वो लड़का मुझे ही चोद रहा हो | कुछ देर बाद मैं झड गई | फिर मै सीधा बेड पर लेट गई | और ऐसे ही पड़ी | सर के लंड के बारे में सोचने लगी | फिर मुझे पता भी नही चला की मै फिर से एक बार झड चुकी थी |
अगले दिन डर की वजह से मैं स्कूल नही गई | कि कही सर मेरी शिकायत न कर दें | उसके अगले दिन मैं स्कूल गई | जब विज्ञान की क्लास का समय हुआ तो मुझे बहुत डॉ लगने लगा की अब सर क्या कहेंगे | सर क्लास में आये और पढ़ाने लगे | उन्होंने उस शाम के बारे में कोई भी बात किसी से नही कही थी | जब उनकी क्लास ख़त्म हुई तो जाकर मेरा डर ख़त्म हुआ | ऐसे ही कुछ दिन चलता रहा | फिर एक बार स्कूल में सर ने मुझे बुलाया | मुझे डर लगा की अब सर क्या कहेंगे | उन्होंने कहा कि अब तुम डाउट पूछने क्यों नही आती हो | तो मैंने बहाना मार दिया | फिर वो बोले की आज जितने भी डाउट है लेकर आ जाना शाम को मै सब क्लीयर कर दूंगा | मिने हाँ में सर हिलाया और वहां से चली गई | फिर शाम को मै बेमन से सर के रूम पर गई | सर ने मुझे बैठा ले रक्खा | और जब सब चले गए तो मेरे से बोले बताओ क्या पूछना है | मै अपनी बुक लेकर गई सर के पास | सर ने तुरंत बूल किनारे रखा और जोर से पकड़ कर मेरे लिप्स को चूसने लगे | मै एकदम शोक्ड थी | लेकिन यही तो मै भी चाहती थी | मैंने भी बिना विरोध के सर का साथ दिया | वो जोर जोर से मेरे लिप्स को चूस रहे थे | मै भी बस गर्म हो रही थी | फिर उन्कोने जोर सेमेरे छोटे – छोटे मम्मो को दबाया | कुछ देर ऐसे ही करने के बाद वो हट गए | और मुझसे बोले आज नही | मै तुम्हे जिस दी बताऊंगा उस दिन सब करूँगा | मुझे थोडा गुस्सा आया क्योकि मेरे अन्दर आग भड़क चुकी थी | फिर मैने अपने कपड़े सही किये और फिर वापस अपने घर चली गई | और फिर रात में अपने चूत में उंगली कर के खुद को शांत किया फिर सो गई |
बाकी अगले भाग में..