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मेरा नाम संतोष है मैं उदयपुर का रहने वाला एक 25 वर्षीय युवक हूं। मैं एक मध्यमवर्गीय परिवार से हूं और मेरे पिताजी ही घर की जिम्मेदारियों को संभाल रहे हैं, वह सारा खर्चा अकेले ही चलाते हैं। मैं अभी सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा हूं और मैं सोच रहा हूं की किसी अच्छी जगह मेरा सिलेक्शन हो जाए तो मैं अपने घर की आर्थिक रूप से मदद कर पाऊं। मेरे पिताजी ने इतने सालों से हमारे घर को एक डोर में बांधे रखा, वह मुझे बहुत अच्छा लगता है और वह हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है। मेरे पिता स्कूल में क्लर्क हैं, वह बहुत समझदार है। जिस प्रकार से वह मुझे समझाते हैं मैं उन्हें अपना रोल मॉडल मानता हूं। मेरी दीदी की शादी उन्होंने 7 वर्ष पहले करवा दी थी, उस वक्त मैं स्कूल में ही पढ़ाई कर रहा था लेकिन उन्होंने मेरी बहन की शादी में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं छोड़ी और मेरे जीजा जी का भी नेचर बहुत अच्छा है।
एक दिन मेरी मम्मी ने मुझे कहा कि तुम अपने दीदी से मिल आओ, वह काफी दिनों से घर भी नहीं आई है तो तुम ही कुछ दिनों के लिए उसके पास चले जाओ, मैंने अपनी मम्मी से कहा ठीक है मैं कल ही दीदी के पास चला जाऊंगा। मैं जब अगले दिन दीदी के पास गया तो मेरी दीदी मुझसे मिलकर बहुत खुश हुई, मैंने अपनी दीदी को गले लगा लिया और कहा कि मुझे तुम्हारी बहुत याद आ रही थी और इतने समय से तुम घर भी नहीं आई थी। मैंने अपनी दीदी से कहां की मम्मी तो तुम्हें बहुत याद कर रही थी, वह कहने लगी याद तो मुझे भी बहुत आती है लेकिन मैं घर आ नहीं सकती क्योंकि तुम्हारे जीजा जी की ड्यूटी का कोई भरोसा नहीं होता, वह कभी सुबह जाते हैं तो कभी उनकी नाईट शिफ्ट होती है इसी वजह से मैं घर नहीं आ पाती। मेरे जीजाजी एक कंपनी में जॉब करते हैं, जब वह घर आए तो मुझसे मिलकर बहुत खुश हुए और कहने लगे संतोष तुम्हें देख कर बहुत अच्छा लगा, कितने समय बाद तुम घर पर आए, मुझे बहुत ही खुशी है। उन्होंने मुझसे मेरे घर के बारे में पूछा तो मैंने उन्हें बताया कि घर में सब लोग बहुत ही अच्छे से हैं और आप लोगों को बड़ा याद करते हैं।
उस दिन हम लोग काफी देर तक बैठे रहे और मैं अपने दीदी के साथ अच्छे से समय बिता पाया। अगले दिन जब मेरी दीदी से मिलने के लिए सोनिया आई तो मैं सोनिया को देख कर बहुत खुश हो गया, सोनिया मेरी दीदी के पड़ोस में ही रहती हैं और वह शादीशुदा है लेकिन उनके पति और उनके बीच में रिलेशन कुछ अच्छी नहीं है, यह बात मैंने अपनी दीदी के मुंह से सुनी थी। एक बार जब वह उससे फोन पर बात कर रही थी तो मैंने उनसे सोनिया का जिक्र कर लिया था, वह बताने लगी कि सोनिया और उसके पति के बीच में ज्यादा अच्छी बातचीत नहीं है क्योंकि सोनिया थोड़ा खुले विचारों की है और उसके पति उसे हर चीज में डांटते रहते हैं इसी वजह से वह ज्यादातर अपने मायके में ही रहती है। सोनिया जब मुझसे मिली तो मैं उससे मिलकर खुश था और वह भी कहने लगी मुझे तुमसे मिलकर अच्छा लग रहा है, इतने समय बाद तुम यहां पर आए हो। मैंने सोनिया से पूछा तुम्हारे घर में सब लोग कैसे हैं, वह कहने लगी घर में तो सब लोग अच्छे हैं लेकिन मैं ही अपने जीवन से परेशान हूं, मैंने उसे कहा क्यों तुम्हें इतनी ज्यादा परेशानी क्यों हो गई। उसने मुझसे पहली बार अपने पति के बारे में जिक्र किया और उस दिन उसने मुझसे खुलकर बात की। मैं और सोनिया ही साथ में बैठे हुए थे और मेरी दीदी रूम में अपना कुछ काम कर रही थी। मैं सोनिया से कहने लगा की तुम अपने पति से इस बारे में बात क्यो नहीं करती, वह कहने लगी मैंने तो कई बार उनसे बात की है लेकिन ना जाने वह कब अपने आप को बदलेंगे। सोनिया बहुत ही अच्छी लड़की है यह बात तो मुझे पहले से ही पता थी लेकिन मैं उसके पति से कभी नहीं मिला था इसलिए मैं उसके पति को भी गलत नहीं ठहरा सकता था। मैंने सोनिया से कहा तुम्हें खुद ही अपने रिलेशन को बचाना होगा यदि तुम उनसे बात नहीं करोगी तो शायद वह तुम्हें ही गलत ठहराएंगे, सोनिया मुझे कहने लगी तुमने यह बात तो ठीक कही, मैं उनसे इस बार बात करके देखती हूं यदि वह मान जाते हैं तो ठीक है और अगर नहीं मानते तो हम दोनों का अलग रहना ही बेहतर होगा।
मैंने भी सोनिया से कहा कि यदि तुम दोनों लोग एक दूसरे को नहीं समझ पा रहे हो तो फिर तुम दोनों को अलग ही रहना चाहिए लेकिन तुम्हें अपने पति को एक मौका तो जरूर देना चाहिए जिससे कि वह भी अपने आप को साबित कर पाए कि वह कहीं से भी गलत नहीं है। सोनिया मेरी बातों को समझ चुकी थी और उसने मुझे कहा कि तुम यहां पर कब तक रुकने वाले हो, मैंने उसे कहा कि मैं कुछ दिनों तक यहां रुकुंगा,। वह कहने लगी कल मेरे पति हमारे घर पर आ रहे हैं यदि तुम भी उनसे बात कर पाओ तो मुझे भी अच्छा लगेगा, मैंने सोने से कहा ठीक है मैं कल तुम्हारे घर आ जाऊंगा। जब मैं अगले दिन सोनिया के घर गया तो सोनिया के पति भी वहां आए हुए थे, उन्हें देखकर मुझे उनमे कोई भी कमी नहीं लगी लेकिन जब उन दोनों ने बात शुरू की तो वह दोनों एक ही बात पर अड़े हुए थे और एक दूसरे को ही वह लोग दोषी ठहरा रहे थे। मैंने उन दोनों को शांत करवाया लेकिन उसके बाद उसके पति वहां से गुस्से में उठ कर चले गए। मैं सोनिया के साथ ही बैठा हुआ था और सोनिया कहने लगी तुमने मेरे पति का नेचर तो देख ही लिया है, अब तुम ही बताओ क्या मै उनके साथ इस प्रकार से जीवन बिता सकती हूं। मैंने सोनिया से कहा कि तुम उनके साथ जीवन बिता पाओगी तो फिर तुम किसके साथ जीवन बिताना चाहती हो, वह कहने लगी मैं किसी के साथ भी अब अपना जीवन नहीं बिताना चाहती।
मैंने सोनिया से कहा तुम ऐसा मत करो हमें जीवन में कई चीजों की जरूरत पड़ती है। वह कहने लगी मुझे क्या जरूरत पड़ने वाली है मैं और सोनिया एक साथ ही बैठे हुए थे तो वह भी मुझे अपने स्तनों की लकीर दिखाने लगी, मैं समझ गया कि शायद उसके पति की गलती नहीं है इसमें कहीं ना कहीं सोनिया की भी गलती है। सोनिया जब मुझे अपने स्तनों के दर्शन करवा रही थी तो मैंने भी उसके स्तनों को अपने हाथ से पकड़ लिया और जोर से दबा दिया। मैंने जब उसके स्तनों को दबाया तो वह उछल पड़ी और कहने लगी तुमने तो मेरे स्तनों को मसल कर रख दिया है मुझे बहुत दर्द हो रहा है। सोनिया ने भी मेरी पैंट खोलते हुए जब मेरे लंड को बाहर निकाला तो वह अपने हाथों से मेरे लंड को हिलाने लगी उसने काफी देर तक ऐसा किया। जब मैंने सोनिया को नंगा किया तो उसका बदन देखकर मुझे बड़ा अच्छा महसूस हुआ उसका यौवन बहुत ही गजब का था और उसकी पैंटी पूरी गीली हो चुकी थी। मैंने जब उसकी चूत के अंदर उंगली डाली तो वह पूरी उत्तेजित हो चुकी थी, वह मेरा लंड अपनी योनि में लेने के लिए तैयार बैठी थी। मैंने भी सोनिया की पैंटी को बड़े आराम से खोला और उसकी बड़ी बड़ी चूतडो को अपने हाथों से पकड़ लिया मैंने जैसे ही सोनिया की योनि के अंदर अपने लंड को डाला तो वह चिल्लाने लगी और कहने लगी संतोष तुम्हारा लंड बहुत मोटा है। मैंने सोनिया से कहा तुम सब्र रखो मैं ऐसे ही धक्के मारता रहूंगा और तुम्हें पूरा मजा आएगा मैं पहले धीरे धीरे सोनिया को चोद रहा था। मैं जब अपने लंड को अंदर बाहर करता तो उसकी योनि से पानी बाहर निकला जाता, थोड़ी देर बाद उसकी योनि से चिपचिपा पदार्थ निकलना तो उसकी भी सेक्स को लेकर भूख और ज्यादा बढने लगी मैंने भी बड़ी तेज गति से धक्के देने शुरू कर दिए। मैंने उसे इतनी तेजी से चोदा की उसकी योनि से खून निकलने लगा और वह कहने लगी मुझे उम्मीद नहीं थी कि मेरी योनि से खून निकल आएगा क्योंकि मेरे पति ने मेरी चूत बहुत अच्छे से मारी है और उन्होंने बहुत मजे लिए है। सोनिया की योनि से गरमी बाहर निकलने लगी उसने मुझे अपने दोनों पैरों के बीच में जकडते हुए कहा कि तुम मेरी योनि के अंदर अपने गरम पदार्थ को गिरा देना। मैंने सोनिया को 15 मिनट तक चोदा और जब मेरा गरमा गरम माल सोनिया की नरम और मुलायम योनि में घुसा तो उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और कहने लगी संतोष आई लव यू।