hindi sex story, kamukta मेरे भैया मुझसे कॉलेज में दो क्लास सीनियर थे, हम दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ते थे लेकिन मेरे भैया और मुझमें बहुत ज्यादा अंतर है मेरे भैया बहुत ही ज्यादा सीधे हैं और बड़े ही व्यवहारिक किस्म के हैं लेकिन मेरे साथ बिल्कुल उल्टा है मैं बहुत ही ज्यादा शरारती हूं और बचपन से ही मैं शरारती रहा हूं जिस वजह से आए दिन पिताजी मुझसे परेशान रहते हैं और अब भी वह मुझसे परेशान रहते हैं। कॉलेज में भी मेरे दोस्त बिल्कुल मेरी तरह ही है हम लोग बहुत ज्यादा मस्ती करते हैं और जब भी मेरे भैया मुझे देखते हैं तो वह मुझे हमेशा कहते हैं कि कमलेश तुम सुधरते क्यों नहीं हो अब तुम कॉलेज में आ चुके हो तुम बड़े भी हो चुके हो लेकिन तुम तो बिल्कुल भी नहीं सुधरते, मैं भैया से कहता कि यही तो उमर है अब कुछ वर्षों बाद हमारा कॉलेज खत्म हो जाएगा उसके बाद तो हमें अपने काम ही करने हैं लेकिन मेरे भैया हमेशा ही मुझे समझाया करते और कहते कि देखो कमलेश कभी तुम किसी मुसीबत में ना पड़ जाना बस इस चीज का ध्यान रखना।
एक दिन मैं और मेरे दोस्त कॉलेज के बाहर गेट में बैठे हुए थे तभी सामने से एक लड़की आ रही थी मेरे दोस्तो ने उसे देख कर सीटी मार दी उसने पलट कर कोई जवाब नहीं दिया लेकिन जब हम लोग क्लास में बैठे हुए थे तभी वह लड़की आई और उसने हमें क्लास में कहां क्या तुम्हें तमीज नहीं है तुम लड़कियों के साथ ऐसी बदतमीजी करते हो। उसने मुझे तो नहीं कहा लेकिन उस वक्त हम सब लोग भी वहां पर थे जब हमारे टीचर क्लास में आए तो उसने टीचर को सब कुछ बता दिया और जैसे ही उसने हमारे प्रोफेसर को यह बात बताइए तो वह बहुत ज्यादा गुस्सा हो गए और कहने लगे तुम लोग कॉलेज में भी आकर आवारागर्दी करते हो लगता है तुम्हारे घर पर अब शिकायत भेजनी हीं पड़ेगी। उन्होंने हमारे घर पर नोटिस भिजवा दिया और कुछ दिनों बाद मेरे पापा कॉलेज आए जब वह कॉलेज आए तो हमारे प्रोफ़ेसर ने कहा कि अब हम कमलेश को कॉलेज में नहीं रख सकते यह लोग कॉलेज में बहुत बदतमीजी करते हैं और लड़कियों को परेशान करते हैं।
मेरे पापा मुझे एक कोने में ले गए और कहने लगे देखो बेटा जब तक तुम शरारत करते थे तब तक तो ठीक था लेकिन अब यह लड़कियों को परेशान करने की बात है तो इसमें मैं भी कुछ नहीं कर सकता और उस दिन मुझे कॉलेज से निकाल दिया गया मैं घर पर ही था मैं बहुत ज्यादा दुखी था मुझे अपनी गलती का एहसास हो गया था लेकिन अब मेरे पास कोई रास्ता नहीं था क्योंकि कॉलेज से मुझे निकाल दिया गया था हालांकि मेरी गलती नहीं थी मेरी गलती सिर्फ इतनी थी कि मैं अपने दोस्तों के साथ खड़ा था मेरे भैया कहने लगे कि मैंने तुम्हें पहले ही समझा दिया था कि तुम किसी बड़ी मुसीबत में ना पड़ जाना लेकिन तुम किसी की बात सुनते ही नहीं हो। मेरे भैया का नेचर बड़ा ही व्यावहारिक है वह बड़े ही शांत स्वभाव के हैं वह मुझे कहने लगे कि अब तुम क्या करोगे, मैंने उन्हें कहा कि देखता हूं मेरा कॉलेज तो पूरा नहीं हो पाया था लेकिन मैंने अपना ही कोई काम करने की सोची और मैंने कुछ पैसे अपने पापा से ले लिये और मैंने अपना कारोबार शुरू कर दिया, शुरुआत में तो मुझे अपना काम करने में बहुत नुकसान हुआ लेकिन धीरे-धीरे मैं संभल गया और मेरा काम भी अच्छा चलने लगा। मेरे भैया ने भी एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब कर ली थी और वह अपनी जॉब से काफी खुश थे जब भी मुझे पैसों की आवश्यकता होती तो वह मेरी मदद जरूर किया करते और मुझे बहुत अच्छा लगता। एक दिन मेरे वही दोस्त मुझे मिले जिनकी वजह से मेरे कॉलेज से रिस्टिकेशन हुआ था, वह मुझे कहने लगे अरे कमलेश तुम तो हमसे मिलते भी नहीं हो मैंने उन्हें कहा तुम्हारी वजह से ही मेरा कॉलेज से रिस्टिकेशन हुआ था और अब मैं अपने काम में बिजी रहता हूं इसलिए मैं तुम्हें नहीं मिल पता। मैं उनसे दूर ही रहना चाहता था क्योंकि उनकी वजह से ही मेरे पापा की नजरों में मेरी इज्जत खत्म हो चुकी थी लेकिन उसके बावजूद भी उन्होंने मुझे बहुत सपोर्ट किया और अब मैं नहीं चाहता था कि मेरे काम पर इसका बुरा असर पड़े इसलिए मैंने उन लोगों से दूरी बना ली थी और अब मैं अपने ही काम से खुश था।
मेरे भैया ने एक बार मुझे अपने ऑफिस की क्लाइंट से मिलाया उसका नाम महिमा है जब मैं महिमा से पहली बार मिला तो मुझे उसे देख कर अच्छा लगा और जितनी देर हम लोग साथ में बैठे थे उतनी देर मुझे लगा की महिमा के साथ समय बिता कर मैं खुश हूं उसके बाद तो मैं महिमा को अक्सर मिलने लगा महिमा और मेरी दोस्ती हो चुकी थी यह बात मेरे भैया को नहीं पता थी और मैंने महिमा से भी कह दिया था कि तुम यह बात भैया को मत बताना नहीं तो वह मुझ पर गुस्सा हो जाएंगे। मैंने महिमा को अपने बारे में सब कुछ बता दिया था मैंने उसे बता दिया था कि मैं जिस कॉलेज में पढ़ा करता था उस वक्त मेरा कॉलेज से रिस्ट्रिक्शन हो गया था और मुझे कॉलेज छोड़ना पड़ा, वह मुझे कहने लगी चलो तुमने यह अच्छा किया कि मुझे यह सब बता दिया। मैं महिमा से कुछ भी चीजें छुपाना नहीं चाहता था और उसे सब कुछ मैंने सच बता दिया था, हम दोनों की दोस्ती अब गहरी होती चली गई यह बात मैंने अपने भैया को भी पता ही नहीं चलने दी और हमारी दोस्ती प्यार में बदल चुकी थी हम दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे थे हालांकि महिमा मुझसे उम्र में बड़ी है लेकिन उसके साथ मैं जब भी होता तो मुझे ऐसा लगता कि वह मेरे साथ हर जगह देती है और मुझे उससे एक मानसिक तौर पर ताकत मिला करती जिससे कि मुझे भी बहुत अच्छा लगता है और मैं ज्यादा समय महिमा के साथ बिताया करता।
हम दोनों साथ में मूवी देखने भी जाया करते थे और साथ में जितना ज्यादा हो सकता था उतना समय बिताया करते महिमा ने मुझे लगभग अपने परिवार के सब लोगों से मिला दिया था और मैं उसके परिवार में सब लोगों को अब जानने भी लगा था मुझे उनसे मिलकर बहुत खुशी हुई और जब से वह मेरे जीवन में आई तो तब से मेरे जीवन में परिवर्तन आ गया, अब मेरा ज्यादातर समय महिमा के साथ ही गुजरता है मैं अपने काम में भी पूरी तरीके से ध्यान देता हूं और उसके बाद महिमा के साथ ही मैं ज्यादातर समय बिताया करता था। जब यह बात मेरे भैया को पता चली तो भैया मुझे कहने लगे तुम बड़े ही छुपे रुस्तम हो मैंने तुम्हें सिर्फ एक बार ही महिमा से मिलवाया था और तुमने उसके साथ ही प्रेम सम्बन्ध बना लिया, मैंने भैया से कहा भैया यह तो अपनी काबिलियत है अब इसमें कोई दोहराए नहीं है कि मेरे अंदर यह काबिलियत नही है, भैया कहने लगे तुम से तो बात करना ही बेवकूफी है तुम तो हर बात को कहीं से कहीं घुमा देते हो, मैंने भैया से कहा भैया मैं आपकी तरह बन नहीं सकता और आप भी कभी मेरी तरह नहीं हो सकते इसलिए हम दोनों एक दूसरे से बिल्कुल ही अलग हैं लेकिन मेरे भैया मुझसे बहुत ही ज्यादा प्यार करते हैं और वह मुझे हमेशा ही समझाते रहते हैं मैं भी उनकी रिस्पेक्ट करता हूं और उनका बहुत ही सम्मान करता हूं क्योंकि वह मेरे बड़े भैया हैं और वह मुझे बहुत अच्छा मानते भी हैं उन्हें भी मेरे और महिमा के रिलेशन से कोई आपत्ति नहीं थी। मेरे और महिमा के बीच बहुत ही ज्यादा अच्छे संबंध हैं एक दो बार हम दोनों के बीच में किसी भी हुआ था लेकिन मैं और महिमा एक दूसरे के साथ सेक्स करना चाहते थे और आखिरकार हम दोनों को मौका मिल गया। मैंने भी वही माहिमा के साथ उस दिन सेक्स करने की सोच ली हम दोनों एक साथ रात मे साथ में रुके। मैं महिमा को लेकर होटल में चला गया और वहीं पर हम दोनों ने उस दिन रात गुजारी।
जब वह मेरे साथ थी तो मैंने उसे कहा पहले तुम नहा लो वह बाथरूम से फ्रेश होकर आ गई। जैसे ही वह नहा कर मेरे सामने आई तो मे उसे देखकर पूरी तरीके से उत्तेजित हो गया, मेरी उत्तेजना इतनी अधिक थी कि मैंने महिमा से कहा यार आज तो तुम्हारे साथ सेक्स करना ही पड़ेगा। मैंने महिमा को बिस्तर पर लेटा दिया उसके बदन से अब भी पानी टपक रहा था और उसका शरीर गिला था। मैंने महिमा के स्तनों और उसके पूरे बदन का रसपान करना शुरू कर दिया मैंने जब उसकी चूत को अपने मुंह में लेकर चाटना शुरू किया तो उसे भी अच्छा महसूस होने लगा। वह मेरे लिए तड़पने लगी जैसे ही मैंने महिमा की योनि के अंदर अपना लंड प्रवेश करवाया तो वह चिल्लाते हुए कहने लगी तुमने तो मेरी चूत फाड़ दी। मैंने उसकी चूत में लंड को तेजी से डालना शुरू कर दिया, वह सिसकिया लेने लगी उसके सिसकिया इतनी तेज होती कि मुझे भी बड़ा मजा आता।
मैं उसे तेजी से चोदता उस दिन तो हद ही हो गई मेरा वीर्य गिरने का नाम ही नहीं ले रहा था। महिमा मुझसे कह रही थी तुमने तो आज मेरी चूत मे दर्द कर कर रख दिया है। मैंने उसे कहा तुम्हारे गोरे बदन को देखकर मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहा हूं और तुम्हें चोदने में मुझे बड़ा मजा आ रहा है। महिमा के साथ मैंने बहुत देर तक सेक्स का मजा लिया महिमा भी मेरे साथ सेक्स करके बहुत खुश थी। उस दिन रात भर हम दोनों ने चूत चुदाई का आनंद लिया और अगले दिन सुबह हम लोग अपने घर चले गए लेकिन महिमा को बहुत तेज बुखार आ गया। वह मुझे कहने लगी मेरी तबीयत ठीक नहीं है मैं घर पर ही हूं, मैंने उसे कहा तुम ठीक हो जाओगे तुमने रात भर मेरा चोदकर बुरा हाल कर दिया और मुझे बुखार आ गया है, मैं घर पर ही हूं मैं तुमसे बाद में मिलूंगी। मैंने उसे कहा ठीक है तुम मुझसे एक दो दिन बाद मिलना, जब वह मुझसे मिली तो मुझे कहने लगी तुमने तो मेरा बहुत बुरा हाल कर दिया था।
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