gaand chudai ki kahani, antarvasna
मेरा नाम राहुल है और मैं अपने पिताजी का ज्वेलरी का बिजनेस संभालता हूं। हमारी बहुत बड़ी ज्वेलरी की शॉप है और हम लोगों का यह पुश्तैनी काम है। हमें यह काम करते हुए बहुत वर्ष हो चुके हैं। इसलिए हमारे पास हमारे सारे पुराने कस्टमर ही आते हैं। मैं बहुत ही खुश रहता हूं। क्योंकि मैंने अपनी बारहवीं के बाद ही अपने पिताजी का कारोबार संभाल लिया था। वह मुझे कहते भी रहते थे की बेटा तुम आगे पढ़ाई कर लो लेकिन मैंने उन्हें मना कर दिया। मैंने उन्हें कहा कि मैं आपके काम में ही आगे हाथ बढ़ाना चाहता हूं। इसलिए मैंने आगे की पढ़ाई नहीं की। मैं अपनी दुकान पर रहकर ही अपना काम करता हूं और अपने घर चला जाता हूं। मेरी एक गर्लफ्रेंड भी है। उसका नाम रेखा है। वह बहुत ही सुंदर है और अभी वह जॉब कर रही है। मैं अक्सर उसे मिला करता हूं। जब भी मुझे समय मिलता था मैं उसे मिलने चला जाता था। मेरी एक बहन है उसका नाम आकांक्षा है। वह विदेश में ही पढ़ाई करती है। मेरे पिता जी ने उसे पहले ही वहां भेज दिया था और वह घर भी बहुत कम आती है। क्योंकि वह पढ़ने में अच्छी थी। इसलिए उसका एडमिशन उन्होंने विदेश में ही करवा दिया था। वह तो बहुत सालों से घर भी नहीं आई है। मैं उसे बहुत याद करता हु। एक दिन आकांक्षा का फोन मुझे आया और मैं उससे कहने लगा की तुम घर कब आ रही हो। वह कहने लगी कि मैं कुछ दिनों बाद घर आ रही हूं। हमारी कॉलेज की छुट्टियां पड़ने वाली है। मैंने उसे कहा यह तो बहुत अच्छी बात है। यह बात मैंने पिताजी को भी बताई तो वह भी बहुत खुश हो गए। थोड़े दिन बाद वह घर आने की तैयारी करने लगी।
अगले दिन आकांक्षा आने वाली थी तो हम लोग उसे लेने के लिए एयरपोर्ट गए। उसे एयरपोर्ट से लेकर हम घर पहुंचे। सब लोग बहुत ही खुश थे। मैं थोड़ी देर उसके साथ बैठा और फिर अपनी दुकान में काम करने के लिए चला गया। मैं जब शाम को घर लौटा तो आकांक्षा और मैं काफी देर तक बैठकर बात कर रहे थे। मैंने उससे पूछा कि तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है। वह कहने लगी कि मेरी पढ़ाई तो बहुत ही अच्छी चल रही है और मेरे बहुत सारे दोस्त भी हैं। मैंने उससे पूछा कि तू मेरे लिए कुछ लाई नही। वह कहने लगी कि पढ़ाई के चलते कुछ खरीदने का समय ही नही लग पता था और घर आने की जल्दी में मुझे कुछ याद ही नही रहा। तुम्हारे पास तो बहुत सारे पैसे हैं। मैंने उसे कहा कि मेरे पास कहां है। वह तो पिताजी के हैं। यह कहते हुए मुझे उसने एक गिफ्ट दिया। मैं बहुत खुश हुआ। जब मैंने गिफ्ट देखा तो मुझे बहुत अच्छा लगा। ऐसे ही हम लोगो को जब भी समय मिलता तो हम साथ में बैठ जाते हैं। एक दिन वह भी दुकान में आ गई और वहीं बैठी हुई थी। तभी उसने मुझसे अचानक से पूछ लिया क्या तुमने कोई गर्लफ्रेंड नहीं बनाई। मैंने उसे कहा कि नहीं मैंने कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं बनाई है। उसके तुरंत बाद ही मुझे रेखा का फोन आ गया और उसने मेरे फोन में रेखा की फोटो देख ली। मैंने उससे थोड़ी देर बात की और अब वह मेरे पीछे ही पड़ गई और मुझे कहने लगी कि तुम मुझे सब कुछ बताओगे। मैंने उसे कहा कि उस लड़की का नाम रेखा है और वह जॉब करती है।
हम लोग कभी मिल लिया करते हैं। वह यह सुनकर बहुत ज्यादा खुश हो गई। अब वह मुझे कहने लगी कि तुम मुझे उससे कब मिलाओगे। मैंने उसे कहा कि ठीक है। मैं तुम्हें उससे कुछ दिनों में मिला देता हूं। आजकल थोड़ा काम ज्यादा है। थोड़े दिनों बाद हम लोग उससे मिलने चलते हैं। एक दिन मैं आकांक्षा को अपने साथ रेखा से मिलाने ले गया। जब मैंने उसे रेखा से मिलाया तो वह दोनों एक दूसरे से मिलकर बहुत ही खुश थे। जब मैंने रेखा को यह बात बताई की यह बताई की ये मेरी छोटी बहन है और यह विदेश में ही पढ़ाई करती है। तो वह बहुत ज्यादा खुश हो गई। उसके बाद मैंने रेखा को उसके घर छोड़ा और हम दोनों वापस आ रहे थे तब मैंने आकांक्षा से भी पूछ लिया क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है। वह कहने लगी नहीं। मुझे बॉयफ्रेंड बनाने का शौक नहीं है। मैं फिलहाल अपनी पढ़ाई कर रही हूं। मैंने उसे कहा कि तुम मुझसे छुपाओ मत। मैंने भी तुम्हें अपनी सारी बातें बता दी है लेकिन वह मुझे कहने लगी नहीं मैंने कोई बॉयफ्रेंड नहीं बनाया है। मेरा बिना बॉयफ्रेंड के ही काम चल जाता है। मैं अपने दोस्तों के साथ ही खुश हूं और अपने पढ़ाई पर पूरा ध्यान देती रहती हूं। और अब मैं घर आ गई हूं तो कुछ समय घर पर रहकर ही तुम सब को टाइम देना चाहती हूं। अब मैंने उससे बात नहीं की और हम घर पहुंच गए। घर में हम दोनों ने काफी देर तक बात की। उसके बाद हम दोनों सोने के लिए चले गए।
जब हम सो रहे थे तो वह अपनी चूत मे कुछ डाल रही थी मेरी नींद अचानक से खुली तो मैंने देखा कि उसने अपनी चूत मे कुछ डाल रखा है। मैं सोने का बहाना करते हुए उसे देखे जा रहा था। थोड़ी देर तक मैंने ऐसे ही देखा तो उसने डिलडो अपनी चूत में डाल रखा था और वह उसे अंदर बाहर करती जा रही थी। मुझे यह देखकर बहुत ही अच्छा लग रहा था मैंने जब उसकी चूत देखी तो वह बहुत ज्यादा गोरी थी और उसका शरीर भी मुलायम था। मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि यह मेरी बहन है और यह तो बहुत ज्यादा माल है। वह बहुत ही मजे ले रही थी मैंने भी अपने लंड को बाहर निकाल कर उसे हिलाने लगा। मैं बहुत देर से अपने लंड को हिलाता जाता और वह भी अपने चूत मे ऐसे ही डिल्डो को अंदर बाहर करती जाती जिससे कि मेरा वीर्य बड़ी तेजी से उस पर ही गिर गया। उसने मेरी तरफ देखा जैसे ही उसने मुझे देखा तो मेरा लंड खड़ा हो रखा था उसने तुरंत ही उसे पकड़ते हुए अपने मुंह में समा लिया और उसे अंदर बाहर करने लगी। वह बहुत देर तक मेरे लंड को अंदर बाहर करती रही। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जब वह मेरे लंड को चुसती जा रही थी। उसने डिलडो को अपनी चूत मे डाल रखा था और उसे अंदर बाहर करती जाती।
मैंने भी उसे लेटा कर पूरा नंगा कर दिया और उसके स्तनों को चाटने लगा। मैंने जब उसकी चूत देखी तो मैं हैरान रह गया उस पर एक भी बाल नहीं था और वह बहुत ज्यादा चिकनी थी। मैंने उसे चाटना शुरू किया तो उसकी चूत से पानी निकल रहा था और मैंने उसकी गांड पर जैसे ही हाथ रखा तो वह बहुत ज्यादा मुलायम और नरम थी। मैं उसकी गांड को ऐसे ही हल्के हाथों से फेरने लगा और बीच-बीच में कभी बड़ी तेजी से दबा देता। अब वह बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई थी और उसने अपने दोनों पैरों को खुद ही खोल लिया। वह मुझे आमंत्रित कर रही थी कि मेरी चूत मे लंड डाल दो। मैंने भी अपने खड़े लंड को जैसे ही उसकी चूत में डाला तो वह बहुत ज्यादा चिल्लाने लगी। वह कहने लगी भैया तुम्हारा तो बहुत ज्यादा मोटा है और मुझे तो बहुत ही आनंद आ रहा है जब आपने मेरी चूत मे अपने लंड को डाल दिया तो मुझे उम्मीद भी नहीं थी कि आपका लंड इतना मोटा होगा।
मैंने उसे कहा कि तुमने डिलडो कहां से लिया। वह कहने लगे कि मैंने फोरन से ही लिया है वहां यह आम बात है वहां सब लड़कियां अपने चूत मे डालती रहती हैं और मुझे भी आदत पड़ गई है इसलिए अब मैं इसी से अपना काम चलाती हूं। मैंने उसको बोला अब तुम मेरे लंड को अपनी चूत मे लोगे तुम्हें यह नकली लंड लेने कि जरूरत नही है। ऐसा कहते हुए मैं उसे बड़ी तेजी से झटके मार रहा था जिससे उसका पूरा शरीर हिलता जाता थोड़ी देर बाद मेरा भी माल गिर गया और मैने अपने वीर्य को उसकी योनि के अंदर ही डाल दिया। परंतु मेरी इच्छा अभी नहीं भरी थी मैंने उसे बिस्तर में ही डांगी पोज में बनाते हुए उसकी गांड को चाटना शुरु किया और ऐसे ही उसकी गांड को मै बहुत देर तक चाटता रहा। उसकी गांड से भी कुछ चिपचिपा बाहर निकलने लगा और मैंने अपने लंड पर सरसों का तेल लगा लिया। मैंने उसकी गांड के अंदर जैसे ही अपने लंड को डाला तो वह बड़ी तेजी से चिखने लगी और मेरा पूरा लंड उसकी गांड के अंदर जा चुका था। अब उसने मुझसे अपनी चूतडे टकरानी शुरू कर दी लेकिन मैं ऐसे ही उसकी गांड में अपने लंड को डालता रहा मैं ऐसे ही अंदर-बाहर कर रहा था। उसकी गांड से भी बहुत गर्मी निकल रही थी जो कि मुझसे बर्दाश्त नहीं हुई और मेरा माल उसकी गांड के अंदर ही गिर गया और मैंने अपने लंड को बाहर निकालते हुए उसके चूतड़ों को साफ किया।