हेल्लो मेरे प्यारे दोस्तों कैसे हो आप लोग और मुझे बड़ा हर्ष हो रहा है ये बताने में कि मैंने पिछले हफ्ते फिर से चुदाई कर डाली | वो भी किसी और के साथ नहीं अपनी हॉस्टल की देख रेख करने वाली के साथ | ५५ साल की औरत के साथ चुदाई करने का मज़ा ही अलग था | क्या ढीली चूत थी और चोदते चोदते मैं तीन बार झड गया तब जाके उसकी चूत गीली हुयी | वाह मेरे लंड को ऐसा मज़ा पहले कभी नहीं आया | साला उसको मैंने तीन घंटे तक चोदा तब जाके वो बोली वाह क्या चोदता है रे तू | तो दोस्तों मेरा नाम है करतार और मैं पंजाब में रहके पढ़ाई और काम दोनों करता हूँ | मैं एक हॉस्टल में रहता हूँ जहाँ पे एक लेडीज वार्डन है और वो बहुत ही कमीनी है | जब उसका मन करता वो किसी भी लड़के को बाहर निकाल देती है और किसी के भी कमरे में जाके उसका सामान देखने लगती है | एक बार तो उसने दो लडको को बुलाया और पूरी रात उनका लंड चूसा और मुठ पीती रही रात भर | मुझे इतना इसलिए पता है क्यूंकि मैंने उसके कमरे में कैमरा लगाया है और उसे ये बात नहीं पता | साली बुढिया में बहुत गर्मी भरी हुयी है |
तो दोस्तों मैं अब आपको बताऊंगा ये सब हुआ कैसे और कैसे मैंने उसको चोदा | कहानी शुरू होती है रमेश के किस्से के साथ | जी हाँ वो मेरा दोस्त है और उसे कंडोम में मुठ भरके रखने की आदत है | मैंने उसको बोला भाई तू ये सब बाहर फेक दिया कर अगर सुरवीन ने देख लिया तो तेरी गांड मार लेगी और तेरा लंड चूसती रहेगी चूत पे हाथ तक नहीं लगाने देगी | उसने कहा अबे चूस लेने दे भाई मुझे भी मज़ा मिलेगा | मैंने कहा अभी तुझे पता ही क्या है बेटा आगे आगे देख बस तू पकड़ा जा एक बार | उसने मेरी बात को हलके में लिया और अपने काम में लग गया | बुद्धवार के दिन वो हमारे कमरे में आ गयी और और उसने रमेश का सामान निकालना चालू कर दिया पर उसे कुछ नहीं मिला | तब हमारी जान में जान आई और उसके बाद मैंने कहा भाई बाख गया तू इशारे में | वो जाने लगी पर अचानक से उसकी नज़ पलंग के नीचे वाले डब्बे पर पड़ी तो उसने कहा इसमें क्या है ? रमेश ने कहा जी जूते हैं मेरे |
उसने कहा चल निकाल के दिखा अपने जूते तो रमेश ने डब्बा निकाला और उसके सामने खोला | उसमे वाकई में जूते ही थे पर उस साली ने जोतों के अन्दर हाथ डाला और उसे वही कंडोम मिल गए जिसमे रमेश मुठ भर के रख लेता था | उसने कहा क्या है ये सब तू क्या करता रहता है ये सब | मैंने कहा जी हमे नहीं पता ये कहाँ से आए शायद इसका दोस्त यहाँ लाके रख गया होगा जूते कल उसी ने दिए है | उसने मुझसे कहा तू तो दूर ही रह समझा | फिर वो रमेश को ले गयी अपने कमरे में और मैंने तुरंत अपना मोबाइल चालु किया देखने के लिए कि आखिर ये क्या करेगी उसके साथ | फिर उसके बाद मैंने देखा कि वो कह रही है साले तूने अपना कीमती मुठ बर्बाद कर दिया | अब उसने रमेश को नंगा कर दिया और उसकी गांड पे चांटे मारने लगी | जैसे ही उसने ये करना चालु किया रमेश का लंड खड़ा होने लगा और वो भी नंगी हो गयी | उसके दूध ढीले और लटके हुए थे पर काफी बड़े थे | उसने रमेश का लंड अपनी नाभि में घुस्सने के लिए किया पर वो गया नहीं | पहले तो उसने उसका लंड अपने मुह में भरा और उसके बाद वो उसके लंड को जोर जोर से चूसने लगी | मुझे लगा मुझे कैमरे में नहीं ये सब सच में देखना चाहिए | तो मैं उसके रूम के बाहर एक रोशनदान है वहाँ से अन्दर झाँकने लगा | जब वो उसका लंड चूस रही थी तब रमेश आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः करके आंहे भर रहा था | फिर थोड़ी देर बाद उसने अपना मुठ उसके मुह के अंदर ही छोड़ दिया और वो उसका माल पी गयी | अब उसका लंड बैठ गया और उसने कहा अपनी चूत को चाटने दो न तो उसने फिर से उसकी गांड पे चांटे मारे | अब वो उसके गोटे चूसने लगी और उसको मज़े देने लगी | थोड़ी देर बाद उसका लंड फिर से खड़ा हुआ और उसने फिर से चूसना चालु कर दिया | थोड़ी देर बाद रमेश फिर से आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः करने लगा | मेरा भी लंड खड़ा हो गया था और मैंने सोचा मैं भी मुठ मार लेता हूँ पर मैंने सोचा नहीं मैं ऐसा काम नहीं करूँगा | उसके बाद उसने रमेश के माल को अपनी चूत पे गिरा लिया और उसे अन्दर डालके रगड़ने लगी |
अब वो भी चूत में ऊँगली घुमा रही थी और आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः कर रही थी | ऐसी मादक आवाज़ सुनके मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपना लंड निकाला और हिलाने लगा | थोड़ी देर बाद मेरा भी माल गिर गया और मैंने सोचा क्यों न इसका अगला निशाना मैं ही बन जाऊं | मुझे खुद पे यकीन था कि मैं इसको चोद सकता हूँ क्यूंकि ये सब लोग डर जाते थे उसके डराने पे पर मैं ऐसा बिलकुल भी नहीं था | मैंने इतना सोचा ही था कि मुझे रमेश की आवाज़ आई वो बोल रहा था बीएस करो 5 बार मुठ निकाल लिया है अब माफ़ भी कर दो | अगले दिन रमेश की यहाँ से विदाई हो गयी क्यूंकि वो समझ गया था कि यहाँ रहे तो लौडे लग जाएंगे | वो तो चला गया और पीछे छोड़ गया अपना डब्बा जिसमे कंडोम भरे हुए थे | ये मेरे लिए बहुत ही अच्छा हुआ क्यूंकि मुझे कुछ चाहिए था जिससे वो मुझे पकडे |
अब ऐसा ही हुआ उसे मुझ पर शक हुआ कि ये उसका दोस्त ये भी वही करता होगा | मैंने डब्बा सामने ही रखा फिर क्या वो मुझे ले गयी | पहली बार में तो उसने मेरा लंड खूब चूसा और मैंने उसके मुह में मुठ मार दिया | जब उसने दूसरी बार मेरा लंड चूसना शुरू किया तब मैंने उसके दूध दबाने शुर कर दिया | वो मेरा लंड चूस रही थी इसलिए कुछ बोल नहीं पायी | फिर मैंने धीरे से उसकी चूत में ऊँगली डालके हिलाना चालु कर दिया और उसको मौका ही नहीं दिया मुह से लंड निकालने का | अब वो भी फस गयी थी और थोड़ी देर बाद उसने मेरा लंड बाहर निकाला मुह से और आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः करने लगी | फिर क्या मैंने उसकी चूत पे अपना मुह रखा और चाटना शुरू कर दिया और वो चिल्लाने लगी और चाट मेरी चूत को |
मैंने अपनी ऊँगली उसकी चूत में डाल दी और वो आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः करते हुए चुदने लगी और कहने लगी अबे लंड डाल मेरी चूत में मैं पागल हो रही हूँ | मैंने कहा रुक तूने बहुत लोगों को परेशान किया है लौड़ी अब तेरी बारी है | फिर क्या जैसे उसने दूसरों के साथ किया वैसा ही मैं उसके साथ रात्बर करता रहा | वो भी मुझसे कहने लगी बस कर अब चोद दे मुझे | मैंने भी उसकी बात मानी और उसकी चूत में अपना लंड रखके एक जोरदार झटका मारा और अन्दर कर दिया | चूत ढीली थी पर मज़ा आया और वो आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः करने लगी | उसके बाद मैंने उसकी चूत को इतना चोदा कि इस बार उसने दस बार अपना माल छोड़ा और चुद चुद के पागल हो गई |
इस बार हॉस्टल से जाने की बारी उसकी थी नहीं तो मैं उसे चोद चोद के पागल कर देता |