Antarvasna, hindi sex story मेरा नाम आकाश है मैं नजफगढ़ का रहने वाला हूं जब से मेरी शादी हुई है तब से मेरी पत्नी शालिनी और मेरे बीच में हमेशा किसी ना किसी बात को लेकर झगड़े होते ही रहते हैं वह ना जाने हमेशा ही किस बात को लेकर मुझसे झगड़ा करती लेकिन मुझे यह तो समझ आ चुका था कि वह किसी के बहकावे में आ जाती है और उसके बाद वह मुझसे झगड़ा करती है, मैंने उसे कई बार समझाने की भी कोशिश की लेकिन शालिनी तो समझने को ही तैयार नहीं थी और वह हमेशा ही पड़ोस में रहने वाली मोहनी भाभी का नाम लेती कि वह तो नई गाड़ी भी ले आए हैं और उन्होंने दूसरी जगह पर प्लॉट भी ले लिया है, मुझे इस बात का बहुत गुस्सा आता था।
एक दिन मैंने सोचा कि क्यों ना यह देखा जाए कि शालिनी के कान कौन भरता है यह देखने के लिए मै उस दिन छत में ही खड़ा हो गया शालिनी को लगा कि मैं अपने काम से ऑफिस जा चुका हूं लेकिन उस दिन मैंने ऑफिस से छुट्टी ले ली थी और जब शालिनी घर से बाहर आई तो पड़ोस में भाभी और शालिनी आपस में बात करने लगे जब शालनी उनसे बात कर रही थी तो मुझे इस बात का पूरा आभास हो चुका था कि मोहनी भाभी ही शालनी को हमेशा भड़काती रहती हैं और उसके बाद वह मुझसे झगड़ा करती है। मेरे घर का माहौल भी उन्होंने ही खराब किया है मैं ज्यादा किसी के मामलों में नहीं पड़ता था लेकिन अब यह मेरे घर बचाने की बात थी तो मुझे इस बारे में देखना ही था, मैंने मोहनी भाभी से जानने की कोशिश की कि वह आखिर ऐसा क्यों कर रही हैं इसलिए मैं जब भी ऑफिस से आता तो उनसे अब मैं बात करने लगा था पहले मैं उनसे कम ही बात किया करता था लेकिन जब से मैंने यह देखा कि वह शालिनी को हमेशा भड़काती रहती हैं जिस वजह से शालनी घर में आए दिन मुझसे झगड़ा करती है और कहती है कि पड़ोस में मोहनी भाभी ने तो यह भी सामान नया ले लिया है और उसे हर दिन इस बात का अफसोस रहता की उसने शायद मुझसे शादी कर के गलत किया। जब मैंने मोहनी भाभी के पति के बारे में पता करवाया, मैं उनके बारे में ज्यादा नहीं जानता था क्योंकि मुझे अपने मोहल्ले में किसी से भी कोई लेना देना नहीं था परंतु बाद में मुझे मालूम पड़ा कि उनके पति तो कुछ भी नहीं करते मोहनी भाभी के पिताजी ही उनकी मदद किया करते हैं, तब मुझे लगा कि मोहनी भाभी सिर्फ शालिनी को भड़काती रहती हैं और वह चाहती हैं कि हमारा घर भी ऐसे ही बर्बाद हो जाए।
मैं अपने घर को बर्बाद होने देना नहीं चाहता था इसलिए मैंने सोचा कि कुछ दिनों के लिए मैं शालिनी को अपने साथ कहीं ले चलता हूं मैंने अपनी दीदी को फोन किया और अपनी दीदी को सारी बात बता दी मेरी दीदी कहने लगी तुम लोग कुछ दिनों के लिए मेरे पास जयपुर में आ जाओ। मेरी दीदी जयपुर में ही रहती है और उसकी शादी को करीब 10 वर्ष हो चुके हैं उसके छोटे बच्चे भी हैं, मैं और शालिनी कुछ दिनों के लिए जयपुर चले गए मुझे लगा कि उसके व्यवहार में भी थोड़ा बहुत बदलाव आ जाएगा और उसे अच्छा लगेगा, शालिनी और मैं जयपुर चले गए हम दोनों साथ में समय बिताने लगे काफी समय से वह अच्छे से बात कर रही थी और अब वह झगड़ा भी नहीं कर रही थी मैं बहुत खुश था कि कम से कम शालनी के व्यवहार में बदलाव तो आया। मैंने दीदी को बताया की हमारे पड़ोस में एक भाभी रहती है उनकी वजह से शालिनी के अंदर इस बात को लेकर दुख रहता है कि मैं उसके लिए कुछ नई चीजें नहीं ला रहा था लेकिन जो हमारे पड़ोस में भाभी रहती हैं उनके पति कुछ करते नहीं हैं उनके पिताजी ही उनकी आर्थिक रूप से मदद करते हैं यह बात मैंने शालिनी को तो नहीं बताया लेकिन मैं चाहता हूं कि वह अच्छे से रहे ताकि उसे भी कोई परेशानी ना हो और वह मुझसे झगड़ा भी ना करें क्योंकि इससे घर का माहौल भी खराब होता है दीदी कहने लगी कि कोई बात नहीं तुम और शालिनी कुछ दिनों के लिए यहीं रुक जाओ, मैंने दीदी से कहा दीदी मैं इसीलिए तो शालिनी को यहां पर लेकर आया हूं, काफी समय बाद ऐसा हुआ था कि शालनी के चेहरे पर रौनक थी।
एक दिन मैं शालिनी को अपने साथ मूवी लेकर गया जब हम दोनों मूवी देखने के लिए गए तो वह मुझे कहने लगी कितने समय बाद हम लोग मूवी देखने के लिए आए हैं मैंने शालनी से कहा हां तुम सही कह रही हो हम लोग काफी समय बाद मूवी देखने के लिए आए हैं लेकिन मुझे बहुत खुशी हो रही है कि तुम मुझसे झगड़ा नहीं कर रही हो वह मुझे कहने लगी मैं तुमसे कभी भी झगड़ा नहीं करूंगी, उसने मुझे कहा आज के बाद मैं कभी भी आप से झगड़ा नहीं करूंगी। मुझे उसकी बात पर पूरा यकीन हो गया और कुछ समय बाद ही मैं वापस अपने घर लौट गया मैंने उसे समझा दिया था कि तुम भाभी से दूर ही रहना क्योंकि इससे हमारे घर का माहौल खराब होता है लेकिन शालिनी ने मेरी बात पर ध्यान ही नहीं दिया और वह उसके बाद भी मोहनी भाभी से मिलने लगी जब शालनी भाभी से मिलती तो भाभी उसके कान में ना जाने ऐसी क्या बात कहती कि वह दोबारा मुझसे झगड़ा कर लेती मैं इस बात से बहुत ज्यादा परेशान हो चुका था और मुझे अब कोई ना कोई रास्ता तो निकालना ही था जिससे कि मेरे और शालिनी के बीच में झगड़ा ना हो क्योंकि मैं अपने ऑफिस से वैसे ही परेशान था कुछ दिनों से मेरे ऑफिस में कुछ ज्यादा ही काम था और घर में आकर शालिनी के साथ मेरा हमेशा झगड़ा हुआ करता।
एक दिन मेरी दीदी का मुझे फोन आया और मैंने दीदी से कहा दीदी शालनी के व्यवहार में कोई भी बदलाव नहीं आया है यह सब पड़ोस में रहने वाली मोहनी भाभी की वजह से ही हुआ है वह चाहती ही नहीं है कि हम दोनों खुश रहे, दीदी मुझे कहने लगी कि चलो मैं कुछ दिनों के लिए तुम्हारे घर पर आती हूं। दीदी कुछ दिनों के लिए मेरे पास आ गई अब शालनी घर पर ही रहा करती थी शालिनी और दीदी शाम के वक्त घूमने के लिए जाते शालनी घर पर रहती तो उसका मूड भी अच्छा रहता है और कुछ दिनों से मोहनी भाभी को बड़ी बेचैनी होने लगी थी वह हमेशा ही घर के बाहर खड़ी रहती है और देखती कि शालिनी दिखाई नहीं दे रही एक दिन उन्होंने मुझसे पूछा शालनी आज कल घर से बाहर नहीं आती मैंने भाभी से कहा आजकल मेरी दीदी आई हुई है इसलिए वह घर पर ही रहती है लेकिन मोहनी भाभी की मंशा तो ठीक ही नहीं थी वह चाहती थी कि हम दोनों के बीच हमेशा झगड़े होते रहे जिससे कि हमारे परिवार में हमेशा फूट पड़ी रहे, मैंने भी सोच लिया था कि अब मैं शालिनी को भाभी से दूर ही रखूंगा वह बिल्कुल भी उनके पास ना जाए इसके लिए मैंने दीदी को बुलाया था और मैं भी ज्यादा से ज्यादा समय शालिनी के साथ बिताने लगा शालिनी को भी अच्छा लगने लगा। मुझे लगता है कि मैं शालिनी का कितना ध्यान देता हूं लेकिन शालिनी को यह बात क्यों समझ नहीं आती कि भाभी हमारा अच्छा नहीं चाहती हैं और वह चाहती है कि हम दोनों के बीच हमेशा झगड़े होते रहे। मैंने अब झगडो को जड़ से खत्म करने के बारे में सोच लिया था और एक दिन जब मैं मोहनी भाभी से मिलने उनके घर गया तो मैंने उन्हें समझाया और कहां भाभी आपकी वजह से हमारे घर में अक्सर झगड़े होते रहते हैं इससे हमारे घर का माहौल खराब होता है। वह कहने लगी कौन सा में शालिनी को तुमसे झगड़ा करने के लिए कहती हूं, मुझे उन पर बहुत गुस्सा आ रहा था। मैंने उन्हें कहा यह झगड़े आपकी वजह से ही होते हैं और इससे हमारी लाइफ पर असर पड़ रहा है लेकिन वह अपनी गलती मानने को तैयार नहीं थी इसलिए मैंने भी उन्हें गुस्से में अपनी तरफ खीचा उनके पति ना जाने कहां गए हुए थे।
जब मैंने उन्हें अपनी तरफ खींचा तो वह मेरी बाहों में आ गई मैंने उन्हें कहा अब मैं आपको बताता हूं कि आपकी वजह से हमारे बीच में क्या नहीं हो रहा है। मैंने उनके बदन से सारे कपड़े उतार दिए, मैने उन्हें नंगा कर दिया जब मैंने उन्हें नंगा किया तो वह मुझे कहने लगी आप यह क्या कर रहे हैं। मैंने उन्हें कहा अब आप देखते जाइए, मैंने उनकी योनि को अपने मुंह में लेकर चाटना शुरू किया और बड़ी देर तक मै उनकी चूत चाटाता रहा, उन्होंने अपने पूरे बदन को मेरे हवाले कर दिया था। जैसे ही मैंने अपने लंड को उनकी योनि मै घुसाया तो वह चिल्लाने लगी और चीखते हुए कहने लगी तुमने तो मेरी योनि के बुरा हाल कर दिया। मैंने भी उनकी चूत के उस दिन बुरे हाल कर दिए थे मै बड़ी तेजी से धक्के देता और वह चिल्लाते हुए मुझे कहती मुझे बड़ा मजा आ रहा है।
मैं उन्हे मजा देना नहीं चाहता था मैं उनके मुंह से यह सुनना चाहता था कि आज के बाद कभी भी वह शालिनी को कुछ नहीं कहेंगी इसलिए मैंने भी अपने लंड को उनकी चूत से बाहर निकालते हुए उनकी गांड के ऊपर लगा दिया और जैसे ही मैंने उनकी गांड के अंदर अपने लंड को डाला तो मा लंड उनकी गांड मे घुस गया उन्हें बहुत दर्द होने लगा, उनकी गांड से खून निकलने लगा। मुझे अब मजा आने लगा था मैं बड़ी तेजी से उनकी गांड मारता वह कहने लगी मेरी गांड मत मारो पर मुझे बहुत मजा आ रहा था और वह भी बहुत खुश थी। जिस प्रकार से मैंने उनकी गांड मारी मुझे बहुत मजा आया वह कहने लगी तुमने तो मेरी गांड मारकर आज मेरी गांड से खून निकाल दिया है ना जाने तुम कौन सा बदला मुझ से ले रहे हो। मैंने उन्हें कहा यह तो आपको ही पता होगा लेकिन मैंने उनकी गांड मार ली थी जिससे कि उनको गांड मरवाने का शौक हो गया था और उसके बाद तो वह शालिनी से मिलती ही नहीं थी, उन्हें तो मेरे लंड को अपनी गांड में लेने का चस्का लग गया था।