गांव के लड़के के लंड से लगाव

hindi chudai ki kahani, antarvasna

मेरा नाम लता है मैं कोलकाता की रहने वाली हूं, मैं एक कंपनी में जॉब करती हूं और मेरी पैदाइश कोलकाता की ही हुई है, मैं बचपन से ही कोलकाता में रही हूं। मेरे पापा स्कूल में टीचर हैं और मेरी मम्मी भी गवर्नमेंट जॉब पर हैं। मैं घर में इकलौती हूं इसलिए मैं बहुत ज्यादा शरारत करती हूं, वैसे तो मुझे ज्यादा समय नहीं मिल पाता परंतु मुझे जितना भी वक्त मिलता है उस वक्त मैं बहुत ज्यादा शरारात करती हूं और जब भी मेरे मम्मी पापा घर पर होते हैं तो वह लोग मुझसे बहुत परेशान रहते हैं और कहते हैं तुम जब भी घर पर होती हो तो तुम हमें बहुत परेशान कर देती हो, अब तुम बड़ी हो चुकी हो लेकिन अब भी तुम्हारे अंदर पहले जैसा ही बचपना भरा पड़ा है। मैंने अपनी मम्मी से कहा क्यों आप ऐसे क्यों बात कर रही हैं मुझे आप लोग अच्छे से जीने भी नहीं दे रहे, मेरी मम्मी ने उस दिन मुझे गले लगा लिया और कहने लगी हम लोग तो सिर्फ तुम्हें डांटते हैं और तुम्हें छेड़ते हैं, हम लोग भी चाहते हैं कि तुम हमेशा ही खुश रहो और तुम्हारी खुशी को किसी की नजर ना लगे।

मेरे ऑफिस में मेरा एक बॉयफ्रेंड है उसका और मेरा रिलेशन काफी समय से चल रहा है लेकिन अब हम दोनों का रिलेशन कुछ ठीक नहीं चल रहा, मैंने एक दिन उसे अपने ऑफिस की कैंटीन में कहा कि तुम आगे हम दोनों के रिलेशन के बारे में क्या सोचते हो, वह कहने लगा मैं तो तुमसे शादी करना चाहता हूं और तुम्हारे साथ ही जीवन बिताना चाहता हूं लेकिन उसकी बातों से मुझे बिल्कुल भी यकीन नहीं हो रहा था कि वह मेरे साथ आगे जीवन बिताना चाहता है। मैंने उसे कहा कि मुझे बिल्कुल भी नहीं लगता कि तुम मुझसे शादी करने वाले हो, वह कहने लगा तुम्हें ऐसा क्यों लग रहा है, मैंने उसे कहा पता नहीं क्यों मेरा दिल ऐसा कह रहा है कि तुम मुझसे ना तो खुश हो और ना ही मैं तुम्हारे साथ खुश हूं। मेरा ना जाना अपने रिलेशन से क्यों मोहभंग हो चुका था, मुझे अपने बॉयफ्रेंड में कोई इंटरेस्ट नहीं था इसी वजह से मैंने उससे अब थोड़ा बहुत दूरी बना ली थी।

हम लोग फोन पर बात करते थे और हम दोनों रिलेशन में भी थे लेकिन रिलेशन में होते हुए भी ना जाने मुझे उसको लेकर कोई भी फीलिंग नहीं थी। मैंने जब यह बात अपनी मम्मी को बताई तो मेरी मम्मी कहने लगी यह तुम्हारा खुद का ही निर्णय है यदि तुम उसके साथ अपना जीवन आगे नहीं बताना चाहती तो तुम उसके लिए स्वतंत्र हो। मुझे भी ना जान अपने बॉयफ्रेंड को लेकर बिल्कुल  अच्छा नहीं लगता था। मेरी मम्मी के साथ में मैं हमेशा ही खुल कर बात करती थी और उनसे मैंने कभी भी कोई बात नहीं छुपाई, वह मेरी बहुत अच्छी दोस्त भी हैं और मैं उन्हें अपनी अच्छी दोस्त मानती हूं। एक दिन हम तीनो लोग साथ में बैठे हुए थे और मेरे पिताजी कहने लगे कि हम लोग काफी वक्त से अपने गांव भी नहीं गए हैं क्यों ना हम लोग अपने गांव हो आए। हमारा गांव कोलकाता से कुछ दूरी पर है। मैंने भी पापा से कहा हां आप बिल्कुल सही कह रहे हैं, हम लोग काफी समय से अपने गांव नहीं गए हैं, हम लोगों को गांव जाना चाहिए। जब पापा से मैंने यह बात कही तो वह कहने लगे यदि तुम भी जाने के लिए तैयार हो तो हम सब लोग कुछ दिनों बाद ही चलते हैं, मैंने पापा से कहा ठीक है हम लोग कुछ दिनों बाद चलते हैं, मैं ऑफिस से भी छुट्टी ले लेती हूं, वैसे भी मेरी काफी सारी छुट्टियां बची हुई हैं और मैंने काफी समय से छुट्टी भी नहीं ली है। मैंने अब ऑफिस से भी छुट्टी ले ली थी। पापा मम्मी ने भी छुट्टियां ले ली थी और जब हम लोग हमारे गांव गए तो मैं अपने गांव जाकर बहुत खुश हो रही थी। हमारे कुछ रिश्तेदार गांव में ही रहते हैं, मैं जब उनसे मिली तो मुझे बहुत खुशी हो रही थी। हम लोग गांव में ही रुके हुए थे, उसी दौरान मेरी मुलाकात सोमेश के साथ हुई, सोमेश बहुत ही अच्छा लड़का है। सोमेश गांव में ही पढ़ा लिखा है और वह बहुत ही सिंपल और साधारण है, ना जाने उसकी तरफ मैं क्यों खींची चली गई, मुझे पता नहीं चला लेकिन मैं जब भी सोमेश को देखती तो मुझे अच्छा लगता था। सोमेश से मेरी बहुत अच्छी दोस्ती हो चुकी थी इसीलिए मैंने उसे अपना नंबर भी दे दिया। जितने दिन मैं गांव में रूकी उतने दिनों तक हम दोनों साथ में ही घूमे, मुझे सोमेश के साथ वक्त बिताना भी अच्छा लगने लगा था।

हम लोग जब कोलकाता लौट आए तो मैं सोमेश के साथ में फोन पर बात करती रही, मुझे सोमेश ने फोन किया और कहने लगा कि मैं कोलकाता कुछ काम से आ रहा हूं, मैंने उसे कहा चलो इसी बहाने तुमसे मुलाकात भी हो जाएगी। मैंने उसे पूछा तुम कोलकाता किसके पास आ रहे हो, वह कहने लगा कोलकाता में मेरी दीदी रहती है मैं उन्हीं के पास कुछ दिनों के लिए आ रहा हूं। मैं बहुत ही खुश थी क्योंकि मैं सोमेश से मिलने वाली थी, मैं उसका बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रही थी। वह सुबह कोलकाता आया तो उसने मुझे फोन कर दिया और कहने लगा मैं कोलकाता आ चुका हूं। मैं भी उससे मिलने के लिए बहुत बेताब थी, मैंने उससे उसका एड्रेस ले लिया और उससे मिलने के लिए चली गई। जब मैं सोमेश से मिली तो ना जाने मुझे क्या हुआ मैंने उसे गले लगा लिया। जब मैंने उसे गले लगाया तो उसने भी मुझे बहुत जोर से पकड़ लिया उसका हाथ मेरी गांड से लग रहा था इसलिए मेरे अंदर की सेक्स भावना जागने लगी क्योंकि काफी समय से मैंने अपने बॉयफ्रेंड के साथ सेक्स नहीं किया था और सोमेश मेरे लिए बिल्कुल ही नया था इसीलिए मैंने भी उसे  स्मूच कर लिया। सोमेश ने मुझे कहा मुझे यहां पर अच्छा नहीं लग रहा है हम लोग कहीं अकेले में चलते हैं।

मुझे मेरा बॉयफ्रेंड जिस होटल में लेकर जाता था मैं उसे वही ले कर चली गई और मैंने ही वहां का बिल पे किया। जब सोमेश और मैं साथ में बैठे हुए थे तो हम दोनों के शरीर से बहुत गर्मी निकल रही थी। सोमेश ने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया वह मेरे ऊपर से लेट गया, मेरे गुलाब जैसे होठों का रसपान कर रहा था और काफी देर तक हम दोनों एक दूसरे को स्मूच करते रहे। जब मेरी योनि से पानी निकालने लगा तो मैंने सोमेश से कहा तुम मेरे सारे कपड़े खोल दो उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया। जब उसने मेरे स्तनों का रसपान किया तो मेरी योनि पूरी गीली हो गई और उसने मेरे स्तनों से खून भी निकाल दिया। सोमेश का लंड पूरा खड़ा हो चुका था उसने कुछ देर तक तो मेरे स्तनों के बीच में अपने लंड को रगडा जिससे कि उसका पानी गिरने लगा। कुछ देर बाद उसने मेरी योनि के अंदर अपने लंड को डाल दिया। उसका लंड मेरी योनि के अंदर गया तो मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी योनि के अंदर कोई डंडा घुस गया हो। मेरी चूत से बड़ी तेज पानी की धार निकलने लगी उसका 9 इंच का लंड था लेकिन बहुत ही मोटा था। जब वह अपने लंड को अंदर बाहर कर रहा था तो मेरी योनि से बहुत तेज पानी बाहर की तरफ को निकल रहा था और मेरे अंदर की गर्मी भी बाहर आ रही थी। मुझे सोमेश के साथ सेक्स करके बड़ा अच्छा लग रहा था और जिस गति से वह मुझे चोद रहा था उसका लंड मेरी चूत के पूरे अंदर जा रहा था मुझे बहुत अच्छा महसूस होता। जब हम दोनों ही पूरी तरीके से गर्म हो चुके थे तो वह ज्यादा समय तक मेरी चूत की गर्मी को नहीं झेल पा रहा था, 200 धक्कों के बाद जब उसका वीर्य मेरी योनि में गिरने वाला था तो मैंने सोमेश से कहा कि तुम अपने वीर्य को मेरी योनि के अंदर ही गिरा देना। मैं झड चुकी थी मैंने सोमेश को अपने दोनों पैरों के बीच में जकड़ लिया और वह भी समझ चुका था कि मैं झड़ चुकी हूं इसलिए उसने भी तेज गति से मुझे चोदने शुरू कर दिए। सोमेश ने मुझे इतनी तेज गति से धक्के मारे की उसका वीर्य मेरी योनि के अंदर गिर गया मुझे उसका वीर्य अपनी योनि में जाता हुआ प्रतीत हुआ। सोमेश और मैंने उस दिन रात भर चार बार संभोग किया। सोमेश के साथ मुझे रहना अच्छा लगने लगा था।

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