antarvasna, hindi sex story मैं पहले मुंबई में टेलरिंग का काम करता था मुंबई में मैंने काफी समय तक काम किया। मेरी शादी भी नहीं हुई थी मेरी शादी ना होने का कारण मेरे बड़े भैया हैं मेरे माता पिता के देहांत के बाद उन्होंने मुझ पर कभी भी ध्यान नहीं दिया और इसी वजह से मेरी शादी नहीं हो पाई, मेरी उम्र 45 वर्ष हो चुकी है और अब मैं शादी भी नहीं करना चाहता। मैं अपने काम के प्रति बहुत ही ईमानदार हूं, मैं जब मुंबई से लौटा तो मैंने अपना काम मेरठ में खोल लिया मुझे मेरे बड़े भैया से कुछ भी लेना-देना नहीं था इसलिए मैं अपने काम के प्रति बहुत सीरियस था और मैंने अपने दोस्त की मदद से एक टेलर की शॉप कॉलोनी में खोल दी वह कॉलोनी बहुत ही बड़ी थी और वहां पर कॉलेज के बहुत सारे बच्चे थे, उस कॉलोनी से थोड़ी ही दूरी पर एक बड़ा कॉलेज था जिसकी वजह से वहां पर बच्चे काफी ज्यादा रहते थे और वहां पर हॉस्टल भी बहुत थे मैंने वहां पर जेंट्स और लेडीज टेलरिंग का काम शुरू कर दिया, मैंने अपने पास काम करने के लिए 3 टेलर रख लिए, जब मेरा काम अच्छे से चलने लगा तो मेरे पास अब कस्टमरो की भीड़ होने लगी, कॉलोनी के लगभग सारे लोग मेरे पास ही आते थे ज्यादातर कस्टमर मेरी महिलाएं ही होती थी और कुछ लड़कियां भी मेरे पास कपड़े सिलवाने के लिए आ जाती थी।
मैंने उस कॉलोनी में सबसे कम रेट भी रखा हुआ था, उस कॉलोनी में तीन चार टेलरों की दुकान और भी थी लेकिन जब से मैंने वहां पर काम शुरू किया उसके बाद उन लोगों का काम काफी कम होने लगा और अब मेरे पास ही अधिक कस्टमर आने लगे थे जिसकी वजह से मैं बहुत खुश था, मैं अपने भैया भाभी के साथ नहीं रहता था इसलिए मैंने उसी कॉलोनी में एक घर किराए पर ले लिया। एक दिन मैं दुकान का काम कर रहा था उस दिन मेरे पास मेरे बड़े भैया आए और वह कहने लगे साजन तुम तो घर ही नहीं आते हो, मैंने उनसे कहा भैया अब मेरा वहां आने का कोई मतलब नहीं है माता पिता तो अब रहे नहीं। मुझे मेरे भैया से बात करना भी बिल्कुल अच्छा नहीं लगता था मेरे पिताजी के देहांत के बाद मेरे प्रति उनकी ही जिम्मेदारी होनी चाहिए थी लेकिन उन्होंने अपनी जिम्मेदारी से जैसे मुंह फेर लिया था उन्होंने कभी भी मुझे छोटे भाई का दर्जा नहीं दिया मैंने उनकी हर जगह मदद की लेकिन उन्होंने कभी भी मुझे अपना नहीं समझा इसीलिए मैं भी उनसे ज्यादा मतलब नहीं रखता, वह मुझे जिद करने लगे कि तुम घर पर आ जाओ लेकिन मैंने उन्हें साफ तौर पर मना कर दिया था।
मैंने उन्हें कहा भाई अब मेरा घर पर आकर कोई मतलब नहीं है मैं अब इसी कॉलोनी में रहता हूं उसके बाद मेरे भैया ने भी मुझ से कुछ नहीं कहा और वह वहां से चले गए, जब वह चले गए तो उसके बाद मैं भी अपनी दुकान में कस्टमर को देखने लगा, कॉलेज में उस वक्त ऐडमिशन चल रहे थे इसलिए काफी नये बच्चे भी उस वक्त कॉलेज में आए हुए थे और कॉलोनी में भी काफी नये बच्चे थे, कॉलोनी में बहुत सारे हॉस्टल हैं मेरा काम उस वक्त बहुत अच्छा चल रहा था। एक दिन मेरे पास एक लड़की आई और वह मुझे कहने लगी क्या आप कॉलेज की ड्रेस भी बनाते हैं? मैंने उसे कहा हां मैं कॉलेज की ड्रेस भी बनाता हूं। उस लड़की ने मुझसे कॉलेज की ड्रेस बनाई और उसे वह काफी अच्छी लगी तो उसके बाद वह अक्सर मेरी दुकान में आने लगी, उसका नाम मोनिका है वह पंजाब की रहने वाली थी वह अक्सर मेरे पास कपड़े सिलवाने के लिए आने लगी थी। एक दिन मैं अपने काम के सिलसिले में कहीं बाहर गया हुआ था और जब मैं अपने काम से लौटा तो उस दिन मोनिका भी मेरी दुकान में आई वह बहुत ही ज्यादा गुस्से में थी उसने आते ही मेरे काउंटर पर अपने सूट को रख दिया और कहने लगी आपके टेलर ने मेरे कपड़े को खराब कर दिया है, मैंने उससे कहा क्यों ऐसा क्या हुआ? जब उसने मुझे वह कपड़ा दिखाया तो टेलर ने उसकी पूरी फिटिंग खराब कर दी थी, मैंने अपने टेलर से कहा कि तुम इसे ठीक कर दो लेकिन शायद वह ठीक होना मुश्किल था मैंने उससे माफी मांगी और कहा कि आइंदा से ऐसा नहीं होगा लेकिन वह मेरी परमानेंट कस्टमर थी इसलिए मैं उसे ऐसे ही खाली हाथ नहीं भेज सकता था उसने मुझसे कहा भैया आपको अब तो कोई रास्ता निकालना ही पड़ेगा यह काफी महंगी ड्रेस है, मैंने उससे कहा आप मुझे बता दीजिए मैं आपके लिए ऐसी ही ड्रेस ले आता हूं।
मैंने उस ड्रेस से मिलती-जुलती ड्रेस मोनिका को भेजी और मैंने उससे सिलाई के पैसे भी नहीं लिए उसके बाद मैंने अपनी दुकान में काम करने वाले टेलर से साफ तौर पर कह दिया था कि तुम लोग थोड़ा ध्यान से काम किया करो नहीं तो ऐसे में कस्टमर खराब हो जाते हैं, मोनिका मेरी परमानेंट कस्टमर थी इसलिए मैं नहीं चाहता था कि उसके साथ हमारा किसी भी प्रकार से रिलेशन खराब हो, वह उसके बाद भी अक्सर मेरे पास ही कपड़े सिलवाने के लिए आती है, अधिकतर मैं ही उसके कपड़े सिला करता था। मोनिका अक्सर मेरे पास अपने कपड़े सिलवाने आती थी लेकिन बीच में उसे ना जाने ऐसी हवा लगी कि वह पैसे कुछ ज्यादा ही उड़ाने लगी उसके पास कपड़े सिलवाने के पैसे भी नहीं रहते थे वह अब मुझसे उधार करने लगी थी।
मैंने उसे कई बार समझाया देखो मोनिका तुम और लड़कियों की तरह मत बनो तुम एक अच्छी लड़की हो लेकिन वह मेरी बात नहीं मानी वह लड़कियों के चक्कर में बर्बाद होती चली गई उसने कई लड़कों के साथ सेक्स संबंध बना लिए थे और उसके लिए किसी के साथ भी सेक्स करना आम बात हो चुकी थी। वह मेरे पैसे भी नहीं दे पा रही थी एक दिन मैंने उसे कहा मोनिका तुमने मेरे पैसे नहीं दिए हैं। वह मुझे कहने लगी मैं आपके पैसे दे दूंगी लेकिन उसने मेरे पैसे काफी समय तक नहीं दिए जब वह पैसे नहीं दे पाई तो एक वह मुझे कहने लगी आप क्या मुझे अपने साथ कहीं घुमाने लेकर चल सकते हैं। मैं उसकी बात को समझ चुका था मैं अगले ही दिन उसे अपने साथ घुमाने ले गया, घुमाना तो सिर्फ एक बहाना था उसे तो जैसे मुझसे अपनी चूत मरवानी थी। मैंने भी काफी समय से किसी को चोदा नहीं था मुझे उस जैसी टाइट आइटम मिल रही थी तो उसे चोदने में भला मुझे क्या दिक्कत होती।
मैं उसे घुमा कर वापस लौटा तो मैं उसे अपने साथ अपने घर पर ले गया। वह मेरे घर पर आई तो वह कहने लगी आप तो अकेले ही रहते हैं। मैंने उसे कहा हां मैं अकेला ही रहता हूं वह मेरे पास आकर बैठ गई जब मैंने उसे अपनी गोद में बैठाया तो मेरा लंड उसकी गांड से टकरा रहा था। हम दोनों एक दूसरे के आगोश में आ चुके थे मैं अपने हाथों से धीरे-धीरे उसके स्तनों को दबा रहा था। मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो वह मुझे कहने लगी मुझे सकिंग करने में बड़ा मजा आता है। वह एक नंबर की रंडी बन चुकी थी उसने मेरे लंड का चूसकर बुरा हाल कर दिया। जब मेरा माल बाहर की तरफ निकला तो मेरे अंदर का जोश और भी ज्यादा बढने लगा था मैंने भी कंडोम लगाकर उसकी टाइट चूत के अंदर अपने लंड को डाल दिया। जब मेरा लंड उसकी चूत के अंदर गया तो वह अपने मुंह से सिसकियां ले रही थी वह अपने दोनों पैरों को चौड़ा करने लगी मैंने उसके साथ काफी देर तक संभोग किया जब उसकी इच्छा नहीं भरी तो वह मुझे कहने लगी आप मुझे अब घोड़ी बनाकर चोदो। मैंने उसे घोड़ी बनाकर चोदना शुरू किया तो मेरा लंड और भी ज्यादा कठोर हो गया। वह मेरे लंड को अपनी चूत में बड़े मजे से ले रही थी, वह अपनी चूतड़ों को भी मेरे लंड से टकराती जाती। मैंने उसके साथ काफी देर तक संभोग किया जब मेरा वीर्य बाहर निकला तो मैंने उसकी चूत से अपने लंड को बाहर निकाला तो मेरा वीर्य कंडोम के अंदर गिर चुका था। मैंने उस कंडोम को बाहर निकालते हुए कपड़े से अपने लंड को साफ किया। मोनिका मेरे पास कपड़े सिलवाने आती है मैं उससे पैसे नहीं लिया करता लेकिन वह हमेशा ही मुझे अपनी चूत के मजे दिलवा दिया करती है इसलिए मैं उसे कुछ भी नहीं कहता। वह हमेशा ही मेरे पास आ जाती है और कहती मेरे लिए आज कोई नई ड्रेस सिल दीजिए। मैं उसके लिए नए डिजाइन के सूट सिल दिया करता हूं जिससे कि वह एक नंबर की आंइटम लगती है।