antarvasna, desi chudai मेरा नाम रजत है मैं जयपुर का रहने वाला हूं मेरे परिवार में मेरे माता पिता और मेरे बड़े भैया हैं मेरे बड़े भैया जयपुर में ही रहते हैं और वह बड़े शरीफ किस्म के हैं, वह ज्यादा किसी के साथ भी बात नहीं करते, वह घर पर भी होते हैं तो सिर्फ अपने काम से ही मतलब रखते हैं, मेरे भैया की शादी भी अभी कुछ समय पहले ही हुई है, मेरी भाभी का नेचर भी बहुत अच्छा है और सब लोग उनकी बड़ी तारीफ करते हैं। मेरी कॉलेज की पढ़ाई चल रही है और यह मेरे कॉलेज का आखिरी वर्ष है इसके बाद मैं अपने मामा के साथ विदेश चला जाऊंगा, मेरे मामा ने मुझे पहले ही कह दिया था कि तुम मेरे साथ विदेश चलना तुम्हे मैं अपने साथ ही जॉब पर लगवा दूंगा इसलिए मैं उनके साथ जाने के लिए तैयार हो गया। मैं पढ़ने में भी ज्यादा अच्छा नहीं हूं इसीलिए सोच रहा हूं कि विदेश में उनके साथ जाकर नौकरी कर लूँ ताकि मेरा भविष्य सुधर सके।
मेरे कॉलेज में ही मेरा एक दोस्त है उसका नाम अक्षत है अक्षत और मेरी दोस्ती कॉलेज के दौरान ही हुई हम दोनों की दोस्ती अब इतनी गहरी हो चुकी है कि हम दोनों एक दूसरे के घर जाने लगे, उसने मुझे अपनी मम्मी से मिलवाया तो मेरे दिमाग में यह बात तो थी कि उसकी मम्मी की उम्र उसके पिताजी से बहुत कम है लेकिन मैंने उससे यह बात पूछना उचित नहीं समझा, अक्षत मुझे अपने किसी रिश्तेदार के घर लेकर चला गया, जब हम लोग उनके घर पर आ गए तो उन्होंने उस दिन उसके मम्मी के बारे में बात छेड़ दी और वह लोग कहने लगे तुम्हारी मम्मी तो कितनी अच्छी थी। मेरे तो कुछ भी समझ नहीं आ रहा था लेकिन जब मुझे यह बात समझ आई कि सुजाता आंटी उसकी मम्मी नहीं है बल्कि वह उसकी सौतेली मां है तो मैंने अक्षत से पूछा क्या वह तुम्हारी सगी मां नहीं है?
वह कहने लगा नहीं वह मेरी सौतेली मां है, मेरी मां की मृत्यु के बाद मेरे पिताजी ने उनसे शादी कर ली लेकिन वह भी बहुत अच्छे हैं और मेरा उन्होंने बहुत ध्यान रखा, वह मुझसे बहुत प्यार करती हैं और इसीलिए उन्होंने अपने कोई भी बच्चे नहीं होने दिए हालांकि उनकी उम्र मुझसे 10 वर्ष बड़ी है लेकिन वह नेचर में बहुत अच्छी हैं और उन्होंने कभी भी मुझे मेरी मां की कमी नहीं खलने दी। हम लोग अक्षत के रिश्तेदार के घर गए हुए थे वह भी उसको बोल पड़े, सुजाता बहुत ही अच्छी महिला हैं और वह जिस प्रकार से अक्षत का ध्यान रखती है ऐसा तो शायद ही कोई कर पाता इसीलिए हम लोग भी उसकी तारीफ करते हैं, मुझे यह बात पहली बार ही पता चली थी इसलिए मेरे लिए यह बड़ी ही आश्चर्य की बात थी परंतु मुझे भी लगा था की आंटी दिल की बुरी नही है वह बड़ी अच्छी और समझदार महिला है। मैंने अक्षत से एक दिन पूछा कि तुम्हारी मम्मी की मृत्यु कैसे हुई? अक्षत कहने लगा उन्हें कैंसर हो गया था और उनकी तबीयत काफी खराब होने लगी, उस वक्त मैं स्कूल में पढ़ रहा था, जब उन्हें अस्पताल लेकर गए तो डॉक्टरों ने उस वक्त ही कह दिया था कि अब इनका बच पाना मुश्किल है इसलिए जितने समय तक भी वह हमारे साथ रही हम लोगों ने उनके साथ बड़ा अच्छा समय बिताया लेकिन जब उनकी मृत्यु हो गई तो पापा के जीवन में जैसे अकेलापन आ गया उनके अकेलेपन ने उन्हें घेर लिया था वह काफी परेशान थे मेरे दादाजी ने उस वक्त कहा कि तुम्हें दूसरी शादी कर लेनी चाहिए लेकिन वह इस बात के लिए बिल्कुल भी राजी नहीं थे उन्हें यह डर था कि कहीं दूसरी महिला के घर में आने से मेरे ऊपर उस चीज का गलत असर ना पड़े इसलिए उन्होंने काफी समय तक शादी नहीं की परंतु जब उन्हें लगने लगा कि वह मेरा ध्यान नहीं रख पा रहे हैं तो उन्होंने दूसरी शादी करने के बारे में सोचा, उन्होंने मुझसे भी इस बारे में बात की थी, मैंने उन्हें कहा कि मम्मी की जगह तो कोई नहीं ले पाएगा परंतु आप दूसरी शादी कर लीजिए, उन्होंने भी दूसरी शादी कर ली उसके बाद मेरे जीवन में मां की कमी पूरी हो गई, उन्होंने मुझे कभी भी मेरी मम्मी की कमी महसूस नहीं होने दी और अब मैं इतना बड़ा हो चुका हूं लेकिन उसके बावजूद भी वह मुझसे बच्चों की तरह प्यार करती हैं। मैंने अक्षत से कहा ऐसी महिला आज कल मिलना बहुत मुश्किल है और जिस प्रकार से उन्होंने तुम्हारे लिए त्याग किया है यह तो बहुत ही बड़ी बात है, अक्षत कहने लगा मैं हमेशा उनके चेहरे पर खुशी देखना चाहता हूं और इसीलिए मैं उन्हें कभी भी तकलीफ नहीं देता।
मेरी वजह से उन्हें कोई परेशानी हो ऐसा मैं कभी भी नहीं होने देता। मैंने अक्षत से कहा तभी तुम इतने सुंदर लड़के हो नहीं तो तुम्हारे उम्र में सब लोग बड़े ही गलत फैसले लेते हैं लेकिन तुम बहुत ही सुलझे हुए व्यक्तित्व के हो, अक्षत मुझे कहने लगा रजत तुम भी तो बहुत सुलझे हुए लड़के हो इसीलिए तो मेरी तुम्हारे साथ जमती है नहीं तो और भी लड़के हमारी क्लास में है लेकिन वह मुझे कभी भी पसंद नहीं आए और ना ही उनके साथ रहना मैं बिलकुल पसंद करता हूं। अक्षत मेरे घर कभी कबार आ जाता था और वह जब मेरे घर पर आता तो मेरे माता-पिता से मिल कर बहुत खुश होता था और वह लोग भी अक्षत को बहुत अच्छा मानते है। बारिश का मौसम था सुजाता जी बाहर मुझे दिखाई दे गई। उसे दिन बहुत ही ज्यादा तेज बारिश हो रही थी मैंने उन्हें कहा आंटी आप कहां जा रही हैं। वह कहने लगी मुझे तो घर जाना था लेकिन बारिश बड़ी तेज है। मैने उन्हे कहा मैं आपको घर छोड़ देता हूं, वह कहने लगी बारिश हो रही है हम लोग घर कैसे जाएंगे। मैंने उन्हें कहा वैसे भी आप भीग चुकी हैं हम लोग भीगते हुए बाइक में चलते हैं, जब वह मेरे साथ बाइक में बैठी तो उनका बदन पूरा गीला हो चुका था।
उनके सूट से उनकी ब्रा दिखाई देने लगी उन्होंने मेरे कंधे पर अपने हाथ को रखा हुआ था। जब हम लोग घर पहुंचे तो उनका बदन मुझे पूरा दिखाई दे रहा था मेरा लंड उनको देखते ही तन कर खड़ा होने लगा। मैं अपने आप पर काबू करने लगा लेकिन अपने आप पर काबू नहीं कर पाया।। मैंने उनके बदन पर हाथ रखा तो वह मुझे कहने लगी तुम यह क्या कर रहे हो। मैंने उनसे कहा सुजाता आंटी मुझसे बिल्कुल भी नहीं रहा जा रहा आपका बदन देखकर मे तड़पने लगा हू। वह कहने लगी तुम ऐसा मेरे बारे में सोच भी कैसे सकते हो। मैंने उन्हें कहा मेरे दिमाग में आपको लेकर खयाल आता रहे हैं क्या मैं अपने दिमाग से सोचना बंद कर दू, आप एक बार मेरे साथ सेक्स का आनंद लीजिए आपको बहुत अच्छा लगेगा। वह मुझे कहने लगी तुम यहां से चले जाओ और आज के बाद अपनी शक्ल मुझे मत दिखाना। मैं उन्हें चोदना चाहता था मैंने उनसे विनती की तो वह मान गई। वह मुझे कहने लगी तुम यह बात किसी को भी मत बताना हमारे बीच में क्या हुआ था। मैंने जब उनके कपड़े उतारे तो उनका बदन गिला हुआ पड़ा था उनके गोरे बदन को देखकर मेरी गर्मी बढ़ने लगी। मैंने जब अपने लंड को उनके स्तनों पर रगडना शुरू किया तो मुझे बहुत अच्छा महसूस होने लगा। जब मैंने उनके स्तनों को चूसना शुरू किया तो उनके स्तनों से दूध भी निकाल कर रख दिया, जैसे ही मैंने उनकी योनि को देखा तो वह बहुत ज्यादा गोरी थी। मैंने उनकी योनि के अंदर अपने लंड को सटाते हुए उन्हें पूरा गरम कर दिया। मने उनसे कहा मैं आपको खुश कर दूंगा वह कहने लगी तुम बातें मत करो अपने लंड को चूत में डाल दो। मैंने अपने लंड को उनकी चूत में डाल दिया मुझे बहुत अच्छा लगा वह भी अपने आपको बहुत अच्छा महसूस कर रही थी। मैं उन्हें लगातार तीव्र गति से चोद रहा था जब वह गरम होने लगी तो उन्होंने अपने मुंह से सिसकियां लेनी शुरू कर दिया उनके मुंह से गर्म सांस निकल रही थी। उनकी गर्म सांसे जब मेरे मुंह से टकराती तो मेरा जोश और भी बढ़ जाता मैं उन्हें बड़ी तेज गति से चोदता। मैंने उनके दोनों पैरों को खोल दिया जब मेरा लंड उनकी चूत के अंदर बाहर होता तो मुझे बहुत मजा आता उनका बदन मेरे सामने था, मै उनके स्तनों को लगातार चूस रहा था। जब मैंने अपने वीर्य को उनके स्तनों पर गिराया तो उनहोंने जल्दी से मेरे वीर्य को अपने स्तनों से साफ किया।