antarvasna, hindi sex stories
मेरा नाम शीतल है मैं अजमेर की रहने वाली हूं। मेरे कॉलेज की पढ़ाई पूरी हो चुकी है और मैं अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद घर पर ही थी। हमारे पड़ोस में एक अध्यापक आए उनका नाम प्रमोद है। उन्हें देखकर तो मैं उन पर फिदा होने लगी उनकी शादी भी नहीं हुई थी और वह दिखने में बहुत ही हैंडसम थे उनकी उम्र भी ज्यादा नहीं थी। मैं उन्हें देखते ही अपना दिल दे बैठी थी लेकिन मेरी उनसे मुलाकात नहीं हो पाती थी क्योंकि वह काफी कम बात किया करते हैं और जब वह स्कूल से आते है तो उसके बाद वह ट्यूशन पढ़ाने में ही व्यस्त हो जाते। मैं जब भी उन्हें देखती तो मुझे ऐसा लगता है कि जैसे मेरे ऊपर फूलों की बारिश हो गई हो और उन्हें देखकर मुझे एक अलग ही सुखद एहसास हो जाता। मैं सोचने लगी कि उनसे कैसे बात की जाए लेकिन उनसे मेरी बात ही नहीं हो पा रही थी। कुछ समय बाद उनके स्कूल की छुट्टियां पड़ गई। वह भी अपने घर चले गए उनका घर मध्य प्रदेश में था और वह मुझे काफी दिनों तक नहीं दिखाई दिए।
जब वह मुझे नहीं दिखाई दिए तो मेरे अंदर उन्हें देखने की इच्छा जागने लगी लेकिन वह काफी समय तक नहीं आए मैं हमेशा ही अपने छत में खड़े होकर उनके घर की तरह दिखती लेकिन काफी समय तक वह दिखाई नहीं दिए। एक दिन मैंने देखा कि वह बैग लेकर आ रहे थे और मैं उन्हें देखते ही खुश हो गई। वह जब तक अपने घर का दरवाजा खोलते तब तक मैं उन्हें देखती रही। जैसे ही वह अपने कमरे में गए तो मैं बहुत ही ज्यादा खुश हो गई। उस दिन मैं इतनी ज्यादा खुश हो गई की मैंने अपने भाई को प्रमोद कहकर संबोधित कर दिया। वह मुझे कहने लगा कि मेरा नाम प्रमोद थोड़ी है। मेरा नाम रवीश है। वह कहने लगा कि तुम्हें क्या हो जाता है तुम कभी कबार कुछ ज्यादा ही पागल हो जाती हो। मैंने उसे कहा तुम यह सब नहीं समझोगे अभी तुम बच्चे हो। मेरा भाई स्कूल में पढ़ता है इसलिए मैं हमेशा उसे डांटती ही रहती हूं।
मैं उनसे अपने दिल की बात कहना चाहती थी। एक दिन वह अपने घर से अपने स्कूल के लिए निकल रहे थे उस दिन मैंने हिम्मत करते हुए उनसे बात कर ली। मैंने उन्हें अपना नाम बताया उन्हें तो मेरा नाम भी नहीं पता था। मैंने जब उन्हें अपना नाम बताया तो वह कहने लगे हां शीतल कहो क्या काम है। मैंने उन्हें कहा सर मैं आपके साथ बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना चाहती हूं क्योंकि मैं घर पर खाली रहती हूं। मैं भी कुछ करना चाहती हूं। वह कहने लगे यह तो बहुत अच्छी बात है तुम इस बारे में मुझसे शाम के वक्त बात करना। मैं जब स्कूल से लौट आऊंगा तो उसके बाद तुम मुझे मिलना। मैंने कहा ठीक सर मैं आपको शाम के वक्त मिलती हूं। मैं आज शाम होने का इंतजार करने लगी जैसे ही वह घर लौटे तो मैं उसके तुरंत बाद ही उनके घर चली गई। अब हम दोनों बैठ कर बात कर रहे थे। मैं तो सिर्फ उन्हें ही देखे जा रही थी वह मेरी नजरों से हट ही नहीं रही थी। मेरा दिल कर रहा था कि जैसे मैं उन्हें अपने दिल की बात कह दूं लेकिन उस वक्त यह उचित नहीं था। वह मुझे कहने लगे कि देखो शीतल यदि तुम्हें बच्चों को पढ़ाना है तो अभी तुम्हें कुछ वक्त रुकना पड़ेगा क्योंकि मेरे पास इतने ज्यादा बच्चे नहीं आते। मैंने कहा सर कोई बात नहीं मैं कुछ वक्त रुक जाती हूं और उस दिन हमारी इतनी ही बात हो पाई लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने मुझे खुद ही कहा कि अब तुम बच्चों को पढ़ा सकती हो। अब मै उनके घर में ही बच्चों को पढ़ाने लगी इस बहाने मेरी उनसे मुलाकात भी हो जाया करती और अब हम दोनों के बीच बाते भी होने लगी थी लेकिन मैं सही वक्त का इंतजार कर रही थी। एक दिन प्रमोद सर घर पर ही थे और उस दिन वह स्कूल भी नहीं गए। मैं उस वक्त उनके घर पर चली गई और जब मैं उनके घर पर गई तो वह कहने लगे आज तुम जल्दी ही आ ग?ई मैंने उन्हें कहा बस सर घर पर मन नहीं लग रहा था तो सोचा आप से मिल लेती हूं। वह कहने लगे कि तुम्हें कैसे पता चला कि आज मैं घर पर हूं? मैंने उन्हें कहा मैंने आपका दरवाजा खुला हुआ देखा तो मुझे लगा कि आप घर पर ही होंगे।
हम दोनों बैठ कर बात कर रहे थे। मैं अपने अंदर से हिम्मत जुटाने की कोशिश कर रही थी और मैंने हिम्मत करते हुए उन्हें अपने दिल की बात कह दी। वह मुझे कहने लगे कि देखो शीतल यह बिल्कुल भी उचित नहीं है यदि इस बारे में तुम्हारे परिवार वालों को पता चलेगा तो वह मेरे बारे में क्या सोचेंगे। वह तो यही सोचेंगे कि इसमें मेरी ही गलती है और मैं तुमसे उम्र में बड़ा भी हूं। मैंने उन्हें कहा कि सर मैं आपको काफी पहले से चाहती हूं लेकिन मैं आपसे अपने दिल की बात कह नहीं पा रही थी परंतु आज मैंने हिम्मत करते हुए आपसे अपने दिल की बात कह दी आप इस बारे में सोच लीजिएगा। यह कहते हुए मैं उनके पास ही बैठी हुई थी। कुछ देर तक हम दोनों बिल्कुल शांत मुद्रा में रहे हमने एक दूसरे से कुछ भी बात नहीं की। जैसे ही उन्होंने मेरी तरफ देखा तो मैंने उन्हें कहा सर मैं आपके बिना नहीं रह सकती उस वक्त मेरे अंदर पता नहीं क्या चल रहा था मैं भी उनके पास जाकर बैठ गई। मै उनके होठों को चूमने लगी लेकिन वह अपने आपको मुझसे दूर करने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा यह बिल्कुल ही उचित नहीं है तुम अपने घर चली जाओ मैंने उनके होठों को किस करना शुरू कर दिया। वह भी अपने आपको ज्यादा समय तक नहीं रोक पाए। मैंने जब उनके सामने अपने कपड़े उतारे तो उनके अंदर सेक्स की भावना जाग उठी उन्होंने मुझे उठाते हुए अपने बिस्तर पर लेटा दिया।
जब उन्होंने मुझे अपने बिस्तर पर लेटाया तो मैंने उन्हें कसकर पकड़ लिया कुछ देर तक हम दोनों एक दूसरे से लिपट कर लेटे रहे लेकिन जब उन्होंने मेरे होठों को चूमना शुरू किया तो मेरे अंदर से गर्मी पैदा होने लगी। उन्होंने धीरे धीरे मेरे स्तनों को चूसना शुरू किया जब वह मेरे को स्तनो को चूम रहे थे तो मेरे अंदर से गर्मी निकल रही थी। जैसे ही उन्होंने अपनी जीभ को मेरी चिकनी चूत पर लगाया तो मेरे अंदर से गर्मी पैदा होने लगी काफी देर तक वह ऐसा ही करते रहे मेरी योनि से बड़ी तेजी से पानी का रिसाव हो रहा था। जब उन्होंने मेरी चूत पर अपने लंड को सटाया तो मेरे अंदर बहुत ही ज्यादा गर्मी पैदा होने लगी उन्होंने भी बड़ी तेजी से मेरी योनि के अंदर अपने लंड को घुसा दिया। जैसे ही उनका मोटा लंड मेरी योनि में घुसा तो मेरी योनि से खून का बहाव होने लगा। मेरे योनि से बड़ी तेज गति से खून निकल रहा था लेकिन मुझे काफी अच्छा लग रहा था। उन्होंने जब मेरे दोनों पैरों को अपने कंधों पर रख लिया और मुझे वह बड़ी तेज गति से चोदने लगे मेरे लिए यह बडा अच्छा अनुभव था। वह मुझे कहने लगे मैंने कभी सोचा नहीं था मैं तुम्हारे साथ सेक्स करूंगा लेकिन आज तुमने मेरे अंदर कि सेक्स भावना को जगा दिया मैं भी अपने आपको तुमसे दूर नहीं रख पाया यह कहते हुए उन्होंने मेरी चूत बडी तेज गति से मारी। मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था मैंने उन्हें कहा सर मैं अपने पैर थोड़ा चौडा कर लेती हूं ताकि आपका लंड आसानी से चूत मे जा सके। मैंने अपने दोनों पैरों को चौड़ा कर लिया वह बड़ी तेज गति से मुझे चोद रहे थे लेकिन वह मेरी टाइट चूत के मजे ज्यादा समय तक नहीं ले पाए। जब मैं झड गई तो मैंने अपने दोनों पैरों के बीच में उन्हें जकड़ लिया वह भी बड़ी तेज गति से मुझे धक्के मार रहे थे उनका लंड भी बुरी तरीके से छिल चुका था और मेरी योनि से लगातार खून का बहाव हो रहा था। जैसे ही उनका वीर्य मेरी योनि के अंदर प्रवेश हुआ तो मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ। वह मुझे कहने लगे आज तो तुमने मुझे खुश कर दिया। मैंने उन्हें कहा आज मेरी इच्छा पूरी हो गई और आज के बाद मैं आपकी हो चुकी हूं मैंने अपना तन आपको सौंप दिया है। उसके बाद तो जैसे हम दोनों के बीच सेक्स की बाहर आ गई हो हम दोनों हमेशा एक दूसरे के साथ संभोग करते। मैं अब उनके बिना एक पल भी नहीं रह सकती।