antarvasna, hindi sex stories मैं पेशे से वकील हूं और मेरे पास आए दिन एक न एक नई समस्याएं आती रहती है मैं जब भी अपने घर में होता हूं तो मेरे पड़ोस के लोग या फिर जो मुझे जानते पहचानते हैं वह लोग भी मेरे घर पर आ जाते हैं मैं इस वजह से अपने परिवार को तो समय दे ही नहीं पाता हूं, ना ही मैं अपने बच्चों को कभी इस बारे में कहता हूं, देखते ही देखते मेरे बच्चे भी ना जाने कब बड़े हो गए मुझे पता ही नहीं चला। एक दिन मैं अपने घर पर बैठा हुआ था और मैंने अपनी लड़की से कहा कि बेटा आज तुम स्कूल नहीं जा रही हो, वह कहने लगी पापा आपको तो याद ही नहीं रहता मेरा स्कूल पिछले वर्ष पूरा हो चुका है और अब मैं कॉलेज में आ चुकी हूं।
मैंने अपनी बेटी से कहा बेटा मैं तुमसे सॉरी कहता हूं मैं अपने काम में इतना व्यस्त रहता हूं कि मुझे कुछ पता ही नहीं चल पाता, मेरी पत्नी भी कहने लगी कि मैंने तो जैसे तुमसे शादी कर के गलती कर दी मुझे तो पता ही नहीं था कि तुम अपने काम में इतने ज्यादा व्यस्त हो जाओगे कि तुम हमारा ध्यान भी नहीं रखोगे, मैंने अपनी पत्नी से कहा लेकिन मैंने कभी भी तुम्हें किसी चीज की समस्या तो नहीं होने दी या फिर मेरी वजह से तुम्हें यदि किसी चीज की कमी हुई तो तुम मुझे उस बारे में कह सकती हो, वह मुझे कहने लगी कि मुझे आपके साथ कोई परेशानी तो नहीं है लेकिन आप हमें भी तो समय दे सकते हैं, मैंने उसे कहा तुम कह तो सही रही हो लेकिन तुम्हें तो पता ही है कि मेरा काम कैसा है मैं जिस भी दिन घर पर होता हूं तो उस दिन घर पर ही लोग पहुंच जाते हैं, वह कहने लगी लेकिन आपको हमारे लिए समय तो निकालना ही चाहिए अब बच्चे भी बड़े हो चुके हैं और ना जाने कितने समय से एक साथ अच्छे से बात भी नहीं की है। मेरी मां बुजुर्ग हो चुकी है लेकिन उन्हें अभी सब कुछ अच्छे से सुनाई देता है, वह भी कहने लगे कि हां बेटा सब लोग बिल्कुल सही कह रहे हैं और बहु तो बिल्कुल जायज बात कह रही है तुम्हें उन लोगों को भी समय देना चाहिए, मैंने अपनी मां से कहा आप बिल्कुल सही कह रही हो मैं भी कुछ ज्यादा ही बिजी हो गया हूं।
मैंने अब कुछ समय घर पर रुकने की ही सोची, एक दिन मैं घर पर था और उस दिन मैंने अपने फोन को स्विच ऑफ कर दिया था ताकि मैं अपने परिवार के साथ समय बिता सकूं, उस दिन मैंने सोचा कि क्यों ना आज हम लोग कहीं घूमने जाएं मैं काफी समय से अपनी बहन के पास भी नहीं गया था ना ही मैं उसे मिल पाया था उस दिन मैंने सोचा कि चलो इस बहाने अपनी बहन से भी मुलाकात हो जाएगी और परिवार के साथ भी समय बिता लिया जाएगा, मैंने किसी को भी कुछ नहीं बताया और जब मेरे साथ मेरी मम्मी, मेरे बच्चे और मेरी पत्नी बैठी तो वह सब कहने लगे कि हम लोग आज कहां जा रहे हैं, मैंने उन्हें कुछ भी नहीं बताया और कहा कि तुम लोग सिर्फ कार में बैठे रहो, वह लोग कहने लगे कि लेकिन आपने तो हमें कुछ बताया ही नहीं, मैंने उन्हें कहा तुम लोग चिंता ना करो बस तुम लोग मेरे साथ बैठे रहो और वह लोग मेरे साथ कार में बैठ गए, जब वह लोग कार में बैठे तो मैं उन्हें कहने लगा आज मैं तुम्हें एक सरप्राइज देता हूं मैं जैसे ही अपने बहन के घर पहुंचा तो मेरी मम्मी कहने लगी चलो बेटा तुमने यह तो बहुत अच्छा काम किया। मेरी मां के चेहरे पर खुशी देखकर मैं भी बहुत खुश था इतने समय बाद मेरे बच्चे और मेरी पत्नी के साथ समय बिता कर मुझे बड़ा अच्छा लगा, मैंने काफी देर उन लोगों के साथ समय बिताया, मैं जब अपनी पत्नी के साथ समय बिता रहा था तो मुझे बड़ा अच्छा लगा और उस दिन सब लोग बड़े ही अच्छे से एक दूसरे से बात कर रहे थे सब के चेहरे पर खुशी का भाव था और उस खुशी के भाव में एक अलग ही रौनक थी, मेरे लिए भी यह बड़ा अच्छा था कि इतने समय बाद में इन लोगों के साथ अच्छे से समय बिता पाया, मैंने उस दिन अपना फोन बंद किया हुआ था मेरी बहन कहने लगी कि भैया आपने बहुत अच्छा किया जो इतने समय बाद मुझसे मिलने के लिए आ गए मैं तो हमेशा ही भाभी और मां को कहती रहती कि आप लोग हमारे घर पर नहीं आते लेकिन आज आप इन्हें मुझसे मिलाने के लिए ले आए तो मेरे लिए भी यह बड़ा ही खुशी का पल है।
हम लोगों ने एक साथ काफी अच्छा समय बिताया और उसके बाद हम लोग घर चले आए, अभी कुछ दिन मैं घर पर ही रुका हुआ था तभी एक महिला मेरे पास आई और वह कहने लगी सर मैं कल से आपको फोन कर रही थी लेकिन आपका नंबर लगा ही नहीं मुझे आपसे कोई जरूरी काम था, मैं उस महिला को उससे पहले कभी भी नहीं मिला था मैंने उससे कहा लेकिन मैं आपसे इससे पहले कभी भी नहीं मिला हूं, वह कहने लगी हां हम लोग इससे पहले कभी भी नहीं मिले हैं लेकिन मुझे आपसे कुछ सलाह चाहिए थी, मैंने उससे कहा आप कहिए आपको क्या पूछना है, वह कहने लगी सर मुझे अपने पति के ऊपर केस करना है, मैंने उससे कहा लेकिन तुम्हें अपने पति के ऊपर किस बात का केस करना है, वह कहने लगी मेरे पति और मेरी जेठ ने मिलकर मेरे जेवर बेच दिए और जितना भी पैसा दहेज में मिला था वह सब उन्होंने खर्च कर दिया, मैंने उसे पूछा तुम्हारी शादी कब हुई तो वह कहने लगी कि मेरी शादी को अभी दो वर्ष ही हुआ है लेकिन इन दो वर्षों में उन लोगों ने मुझे बहुत परेशान किया, मेरा सारा सामान उन लोगों ने बेच दिया।
मैंने उससे कहा तुम्हें पहले यह सब पुलिस में कंप्लेंट करवानी चाहिए, वह कहने लगी मैंने पुलिस में कम्पलेंट भी करवाई है और अब मैं उन लोगों के ऊपर केस करवाना चाहती हूं यदि आप मेरी मदद कर सकते हैं तो मुझे बहुत ख़ुशी होगी, मैंने उसे कहा लेकिन क्या तुम मेरी फीस दे पाओगी, वह कहने लगी क्यों नहीं मैं आपकी फीस जरूर दे दूंगी, मैंने उससे उसका नाम पूछा उसका नाम शोभिता है। शोभिता कहने लगी सर मेरे पति और मेरे जेठ बड़े ही गलत प्रवृत्ति के इंसान हैं उन्होंने मेरा सारा सामान बेच दिया और उन लोगों की वजह से मैं बहुत परेशान हूं अब आप ही मुझे इस दलदल से बाहर निकाल सकते हैं, मैंने उसे कहा तुम चिंता मत करो मुझसे जितना हो सकेगा मैं उतना तुम्हारी मदद करूंगा। मैंने उसे पूरी तरीके से आश्वस्त कर दिया था और उसे मैंने घर भेज दिया, मैं भी वहां से किसी जरूरी काम के सिलसिले में निकल पड़ा मेरी पत्नी कहने लगी कि आज आप घर जल्दी आ जाएंगे, मैंने उससे कहा मैं आज जल्दी घर आ जाऊंगा तुम मेरे लिए खाना बना देना मैं यह कहते हुए घर से चला गया मेरे काफी सारे काम थे मैंने वह सब काम पूरे किए और मुझे कुछ लोगों से मिलना भी था उन लोगों से मेरी मुलाकात हुई और उसके बाद मैं जल्दी घर वापस लौट आया, मैं घर वापस लौट आया था मैं जैसे ही खाना खाने टेबल पर बैठा था तो तभी शोभिता का फोन आ गया और वह कहने लगी सर मुझे आपसे बात करनी थी, मैंने उसे कहा अभी मैं खाना खा रहा हूं मैं कुछ देर बाद तुम्हे फोन करता हूं, मैंने उसका फोन रख दिया मैंने खाना खाया और उसके बाद मैं अपने बिस्तर पर लेट गया मेरी पत्नी मुझे कहने लगी क्या आप अभी सो नहीं रहे, मैंने उसे कहा नहीं मुझे कुछ काम है मैं थोड़ी देर बाद सो जाऊंगा। मै सोने की कोशिश कर रहा था तभी मेरे फोन पर शोभिता का मैसेज आया वह मुझसे कहने लगी सर क्या अआप फ्री है। मैंने उसे कहा कहो लेकिन मैं अभी फोन पर बात नहीं कर सकता हम लोग मैसेज पर ही बात करने लगे।
हम दोनों बात करते करते एक दूसरे से इतने ज्यादा नजदीक आ गए कि शोभिता ने मुझे अपनी और अपने पति की फोटो भेजनी शुरू कर दी जिसमें कि वह दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स कर रहे थे। मैंने उससे कहा तुम यह सब क्या हमेशा करती हो वह कहने लगी हां सर मैं यह आपके साथ भी कर सकती हूं। मैं रात भर उसके साथ अश्लील बातें करता रहा अगले दिन मैंने उसे बुला लिया वह मेरे साथ मेरी कार में बैठ गई। हम दोनों वहां से होटल में चले गए क्योंकि मुझे यह डर था कि कहीं मेरी पत्नी को इस बारे में पता ना चल जाए इसलिए मैं उसे एक होटल में लेकर चला गया। हम दोनो होटल के रूम में चले गए हम दोनों बिल्कुल भी सब्र नहीं कर पाए। मैंने जब शोभिता के सारे कपडे खोल दिए जैसे ही मैंने उसकी चूत के अंदर उंगली डाली तो उसकी चूत में दर्द होने लगा। मैंने जैसे ही उसकी चूत मे लंड को घुसाया तो वह चिल्लाते हुए कहने लगी सर आपका लंड बड़ा ही मोटा है।
जब मै उसे चोद रहा था तो वह कहने लगी मैंने तो अपनी चूत मे अपने जेठ का भी लंड लिया है मैंने उसे कहा फिर तुम उन दोनों पर क्यों कैस कर रही हो। वह कहने लगी बस ऐसे ही मैं समझ गया यह बिल्कुल भी सही महिला नहीं है लेकिन मुझे तो उसे चोदने में मजा आ रहा था। मैं लगातार उसकी चूत के मजे उठा रहा था वह अपने मुंह से सिसकिया निकल रही थी, वह जिस प्रकार से अपने मुंह से तेज आवाज निकालती मुझे बहुत ही खुशी होती। मैंने काफी देर तक उसके साथ सेक्स के मजे लिए मैंने उसकी चूत का भोसड़ा बना कर रख दिया था हम दोनों जब एक दूसरे के साथ मजे ले लिए थे तब मैंने उसे कहा अब मुझे जाना है हम लोग दोबारा से मिलते हैं। वह कहने लगी ठीक है सर आप मुझे मेरे घर छोड़ दीजिए मैंने उसे उसके घर छोड़ दिया वहां से मैं भी अपने काम पर निकल पड़ा लेकिन वह हर रात मुझसे मैसेज पर बात किया करती, मुझे उससे मैसेज पर बात करना अच्छा लगता।