हेल्लो फ्रेंड्स कैसे हो आप लोग | दोस्तों मैं आज आप लोगो को एक नयी कहानी बताउंगी जो की मेरे ही जीवन पर आधारित है उससे पहले थोडा आप लोग मेरे बारे मे जान लीजिये |
दोस्तों मेरा नाम गरिमा है और मैं ऊत्तर प्रदेश में बरेली की रहने वाली | मेरा परिवार एक छोटा परिवार है जिसमे मेरे मम्मी-पापा और एक मेरे से छोटी बहन है | मैं दिखने में बहुत सुन्दर और पटाका लगती हूँ ऐसा मैं नही मेरी सहेलिया कहती है | पापा मेरे टीचर है और मम्मी एक सीधी-सादी हाउसवाइफ हैं | तो चलिए दोस्तों मैं अपनी ज्यादा बकवास न करते हुए सीधा आप लोगो को कहानी की ओर ले चलती हूँ | जिससे की आप लोग ज्यादा बौर न हो |
तो दोस्तो ये बात उस समय की है जब मैं अपनी 12 वीं की पढाई पूरी करके अपनी आगे की पढाई अपनी ही शहर से थोड़ी दूर पर एक कॉलेज था मैं वहीँ जाया करती थी | मैं अपने घर से कॉलेज स्कूटी से जाया करती थी | रास्ते मैं मेरी छोटी बहन का स्कूल पड़ता था मैं उसे छोड़ कर अपने कॉलेज चली जाती थी और जिस दिन मेरे कॉलेज में छुट्टी होती थी या मैं अपने कॉलेज नही जाती थी तब मैं अपनी छोटी बहन को उसके स्कूल छोड़ने जाया करती थी | मैं दिखने में इतनी सुन्दर थी की मेरे मोहल्ले से लगा कर मेरे शहर के लड़के मुझपे लट्टू थे | पर मैं भी कम कमीनी नही थी | जो मेरे पीछे लड़के दीवाने बन के घूमते थे मैं उनको अपनी ऊंगलियो पर नचाने वाली में से थी | मैं लिफ्ट सबको देती थी पर मैं किसी के जाल में नही पड़ती थी | दोस्तों मेरी एक लत्त्त थी मुझसे सेक्स बर्दाश नही होता था | जब मैं अपनी टीन ऐज मैं आ गयी थी तभी से मैंने पोर्न मूवी और वीडियोस देखना शुरू कर दिया था | मैं एक तरह से सेक्स एडिक्टेड बन गई थी | जब भी मुझे सेक्स की जरुरत होती थी तब मैं अपने कमरे में जाके पूरी नंगी होके अपनी उंगलियो को या फिर किसी और चीजो को अपनी चूत में डाल कर अपनी चुत की गर्मी शांत कर लेती थी | मुझे एक तरह से सेक्स की बीमारी सी हो गयी थी | एक दिन मैं अपनी छोटी बहन को उसके स्कूल छोड़ते हुए अपने कॉलेज जा रही थी तभी मैंने रास्ते में सड़क के किनारे झाडियो में एक लड़का और लड़की एकदम नंगे होकर आपस में चिपक कर सेक्स कर रहे थे | मैंने अपनी स्कूटी किनारे कड़ी कर दी और छिपकर उन्हें देखने लगी | लड़की नीचे थी और लड़का ऊपर था | लड़का जोर-जोर से लड़की की चूत में धक्के दिए जा रहा था और लड़की जोर-जोर से अपने मुह से आह आह आह अहह अहह अहह अहह अहह अहह अहह अहह अहह अहह अहह अहह अहह अहह अहह अहह अहह अहह अहह अहह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह आह अहह अहह अहह अहह अहह अहह अहह अहह अहह हाहाह अह अहः की सिस्कारिया निकाल रहे थे | मैंने थोड़ी देर तक उनका ये नज़ारा देखा और फिर मैं वहां से अपने कॉलेज के लिए चली गयी | मैं अपने कॉलेज पहुंची और क्लास में बैठ कर बस उन दोनों के बारे में सोंच रही थी और मेरा मन बस यही कर था कि मुझे भी कोई मिल जाये और मैं भी अपनी चूत की गर्मी शांत करवा लू |
मैंने अपना कॉलेज किया और फिर मैंने अपनी बहन को उसके कॉलेज से लेके अपनी घर आ गयी | मैं घर पहुँच कर खाना खाया और अपने कमरे में चली गयी | मेरा मन अपनी चूत चुदवाने का हो रहा था पर कोई भी मूझे मिल नही रहा था | थोड़ी देर के बाद मेरी मम्मी ने दरवाजा नॉक किया और कहा की बेटा घर का ध्यान रखना मैं शोपिंग करने जा रही हूँ | मैंने मम्मी को निकाल कर घर का गेट अन्दर से बंद कर लिया और अपने कमरे में बैठकर यही सोंच रही थी की किस्से मैं अपनी चूत की गर्मी शांत करवाऊं | तभी मेरा दिमाक मेरे घर में काम करने वाले छोटू पर गया | वो मेरे घर का खाना बनाता था | मैं अपने कमरे से निकल कर किचेन में गयी और देखा की छोटू अपने कान में हेडफोन लगाकर बड़ी मस्ती से गाने सुन रहा था और साथ-साथ सब्जी काट रहा था | मैं जाके उसके पास बैठ गयी और ऊससे बाते करते-करते उसकी सब्जी कटवा रही थी | मैंने थोड़ी देर तक उससे बात की और फिर मैं उससे सरारते करते हुए उसकी झांघो पर अपना हाथ मलने लगी | थोड़ी देर तक वो सरमाया फिर मैंने अपने ऊपर की टॉप निकाल कर अपने बूब्स उससे दबवाने लगी और बाद मैं मैंने सारे कपडे उतार दिए और वहीँ किचेन की फ़र्स पर लेट गयी और छोटू से अपनी चूत चटवाने हुए अपनी मुह से आह अहह अह्ह्ह अह्ह्ह आहा अहः आह आह्ह्ह अह ऊंह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह इह्ह की सिस्कारिया निकाल रही थी | मैं उसका लंड अपने चूत के अन्दर डाल ही रही थी कि मेरी छोटी बहन किचेन में पानी लेने आयी थी उसने सब देख लिया | मैंने झट से कपडे पहने और अपनी छोटी बहन को यही समझा रही थी की मम्मी को न बताये पर उसने सब मम्मी को बता दिया था | मम्मी मेरे से बहुत गुस्सा हुई थी और 10-15 दिन तक बोली भी नही थी |
मम्मी ने यह बात पापा को बताई | तो पापा भी मुझपे बहुत नाराज़ हुए थे उन्होंने गुस्से में मेरी शादी फिक्स कर दी | उन्होंने मेरी शादी इतनी जल्दी फिक्स की मुझे कुछ समझ नही आ रहा था | मैं एक तरफ से खुश भी थी की मुझे अब चूत की गर्मी शांत करवाने के लिए टेंशन नही रहेगी | जल्दी-जल्दी शादी के दिन पास आ गये और अब दो दिन के बाद मेरी शादी थी | मेरे पापा ने जिस लड़के के साथ मेरी शादी फिक्स की थी वो आर्मी में था | वह दिखने में एकदम लम्बा-चौड़ा और बहुत स्मार्ट था | मैं तो उसे फोटो में ही देख कर पसंद कर लिया था | दो दिन के बाद मेरी शादी हो गयी और मैं अपने ससुराल पहुँच गयी | अब रात को मेरी सुहाग रात थी और मैं अपनी सुहाग रात को बडी बेशब्री से इंतजार कर रही थी | रात हुयी मैं पूरी तरह से तैयार हो कर अपने कमरे में बेड पर बैठी थी | मेरे पति अन्दर आये ,ऊन्होने सबसे पहले तो दूध का का गिलास पिया और फिर आके मेरे साथ बेड पर बैठ गये | थोड़ी देर बात करने के बाद उन्होंने मेरी होंठो को अपने मुह में रख कर चूसने लगे मैं भी उनका साथ देते हुए उनके होंठ चूस रही थी | थोड़ी देर तक हम लोगो ने चूमा चाटी की फिर मेरे पति ने मेरे एक-एक कर सब कपडे उतार कर मुझे पूरी नंगी कर दिया और बेड पर लिटा दिया | फिर उसके बाद में उन्होंने अपने कपडे अभी उतार दिए और मेरे साथ बेड पर लेट कर मेरे बूब्स को दबाने लगे और मेरी चूत में उंगली से अन्दर-बाहर किये जा रहे थे मैं बेड पर लेती मचल रही थी | फिर ऊन्होने मेरी दोनों टांगो को फैला दिया और अपना लंड डाल कर मेरी चूत में धक्के दिए जा रहे थे | मुझे भी बहुत मजा आ रहा था और मैंने भी अपनी दोनों टांगो को उनकी कमर में फसा कर उनके बाल सहलाते हुए अपने मुह से आह आह आहा अह आहा अह आहा हा अह आहा हा अह अह आहा हा अह अह आहा अह आहा अह अह आहा अह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्होह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह इह्ह इह उन्ह इह्ह इह्ह की सिस्कारिया निकाल रही थी | लगभग 10-15 मिनट के बाद वो मेरी चूत में ही झड गये थे | पर मैं अभी तक नही झड़ी थी मैं उठी और उनका लंड अपने मुह मे लेके चूसने लगी | जब उनका लंड फिर खड़ा है तब उन्होंने मेरी चूत में एक बार फिर अपना लंड डाल कर चोदने लगे और मेरे मुह से इस बार जोर-जोर से आह आह आहा आहा हाहाह आहा उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह आह आहा अहः उन उन्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह आह आहा आहा अह आह अह आह की सिस्कारिया निकल रही थी | थोड़ी देर के बाद हम दोनों एक ही साथ झड गये | इस तरह से मैंने अपने पति से अपनी चूत की गर्मी बुझाई | शादी के बाद मेरे पति मुझे अपने ही साथ ही रखते हैं और आज भी मैं अपने पति के साथ में ही रहती हूँ और जब मेरा मन कहता है तब मैं अपनी चूत की आग बुझवा लेती हूँ |
तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी | आशा करती हूँ की आप लो को पसंद आएगी |